Stock Market news : पीक मार्जिन नियमों में हुआ बदलाव, ट्रेडरों को होगा फायदा : एक्सपर्ट
सेबी ने बीते साल पीक मार्जिन नियम लागू किया है। इसने ब्रोकरों की ग्राहकों की इंट्राडे पोजीशन को फंड करने की व्यवस्था पर पाबंदी लगा दी है। अपडेटेड NSE Span files के आधार पर मार्जिन जरूरतों को इंट्राडे में 5 गुना तक बदल दिया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बाजार नियामक सेबी ने अधिकतम मार्जिन नियमों (peak margin rules) में बदलाव किया है, जिससे व्यापारियों और ब्रोकरेज हाउसेज को बड़ी राहत मिलेगी, जो अब तक High Margin penalities भर रहे हैं। विशेषज्ञों ने बुधवार को यह राय दी। उनके मुताबिक नए फ्रेमवर्क के तहत दिन की शुरुआत में मार्जिन को पीक मार्जिन माना जाएगा। यह केवल अपफ्रंट मार्जिन के कलेक्शन के संबंध में है।
FYERS के सीईओ तेजस खोडे के मुताबिक बीते साल लागू पीक मार्जिन नियम ने ब्रोकरों की ग्राहकों की इंट्राडे पोजीशन को फंड करने की व्यवस्था पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा अपडेटेड NSE Span files के आधार पर मार्जिन जरूरतों को इंट्राडे में 5 गुना तक बदल दिया गया है। इसलिए भले ही ग्राहक 100 प्रतिशत मार्जिन का एडवांस पेमेंट करते थे, उन पर अपडेटेड स्पैन जरूरतों के आधार पर भारी जुर्माना लग सकता था। उन्होंने कहा कि यह ट्रेडर के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण था क्योंकि ट्रेडिंग शुरू होने के बाद स्पैन मार्जिन कितना बदल सकता है, यह तय करने का कोई तरीका नहीं था।
सेबी ने मंगलवार को नियमों में बदलाव किया, जिसके तहत डेरिवेटिव सेगमेंट (कमोडिटी डेरिवेटिव सहित) में इंट्रा-डे स्नैपशॉट के लिए विचार की जाने वाली मार्जिन जरूरतों का कैलकुलेशन fixed Beginning of Day (BOD) मार्जिन स्टैंडर्ड के आधार पर होगा। नया नियम एक अगस्त से लागू होगा। बीओडी मार्जिन पैरामीटर में सभी स्पैन मार्जिन पैरामीटर के साथ-साथ अत्यधिक loss margin requirements शामिल होंगी। खोडे के मुताबिक संशोधित पीक मार्जिन नियम उन ट्रेडरों और ब्रोकरेज हाउसेज को राहत देता है जो अब तक उच्च मार्जिन जुर्माने का पेमेंट कर रहे हैं। ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम सिंघानिया ने सेबी के इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे कई तरह के भ्रम दूर होंगे।
उनके मुताबिक सेबी द्वारा पेश किया गया पीक मार्जिन निवेशकों और ट्रेडरों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर रहा है। कभी-कभी बाजार में उथल-पुथल बढ़ने के कारण पोर्टफोलियो में बिना किसी बदलाव के मार्जिन बढ़ जाता था।
ट्रेड करने से पहले रणनीति जरूर बनाइए
जब आप कोई भव्य इमारत को देखते हैं तो क्या आप समझते हैं कि उस इमारत को बनाने से पहले कागज पर उसका नक्शा बनाया गया होगा या सीधे ही कुछ मिस्त्री आए और सीमेंट व ईंटें बेतरतीब लगाकर इमारत बनाने लगे ? बाद में अपने आप इमारत जैसी बनी, वैसी सामने आ गई?
कोई भी भवन बिना नक्शा बनाए नहीं बनाया जाता।
चलिए, अब कल्पना करिए कि आप सेना में कैप्टन हैं। आपको एक युद्ध जीतना है तो आप क्या करेंगे-कोई रणनीति बनाकर युद्ध करेंगे या सैनिकों को कह देंगे-पहले युद्ध आरंभ तो करो, फिर देख लेंगे कि कैसे-कैसे लड़ना है!
आपने एक कहानी सुनी होगी कि प्राचीन काल में एक बहुत बड़ा व्यापारी था। उसके चार पुत्र थे। जब वह वृद्ध हो गया तो उसने सभी बेटों को एक-एक रुपया दिया और कहा कि जाओ, इस एक रुपए से व्यापार करके दो रुपए कमाकर दिखाओ। जो ऐसा क़र पाएगा, उसे ही मैं अपने व्यापार की जिम्मेदारी सौंपूँगा।
वह व्यापारी यह देखना चाहता था कि उसके किस बेटे में व्यापार करने की क्षमता है, क्योंकि ज्यादातर लोग व्यापारी नहीं, जुआरी होते हैं। वे व्यापार करने के मूल मंत्र को नहीं जानते कि व्यापारी रणनीति से व्यापार करता है। जुआरी तो बस, सीधे कूद पड़ते हैं, बाद में सोचते हैं कि क्या रणनीति बनानी चाहिए?
तो आपके लिए मेरी पहली ट्रेडिंग टिप्स यह है कि शेयर बाजार में ट्रेड करने से पहले रणनीति जरूर बनाएँ। यह रणनीति कैसी होनी चाहिए, इसके बारे में दूसरी ट्रेडिंग टिप्स में बताया जाएगा।
पिछली छह टिप्स में आपने मुझसे यह सीख लिया है कि शेयर बाजार में ट्रेंड की शुरुआत आप छोटी राशि से भी कर सकते हैं तथा आपको मुनाफे व स्टॉप लॉस का एक उचित अनुपात रखकर अलग-अलग ट्रेड लेकर मुनाफा कमाना है; क्योंकि ऐसा कोई परफेक्ट सिस्टम नहीं होता, जिससे ट्रेड के सही या गलत जाने का 100 प्रतिशत सटीक अनुमान लगाया जा सके। परंतु आप यदि मुनाफे व स्टॉप लॉस में 2:1 का अनुपात रखते हैं तो 12 में से 7 गलत 5 सही ट्रेड पर भी आप मुनाफा कमा सकते हैं।
जैसे—10,000 रुपए की ट्रेड लेने पर आपका 100 रुपए का मुनाफे का टारगेट एवं 50 रुपए का स्टॉप लॉस हो तो 7 गलत ट्रेड में आपका नुकसान 350 रुपए होता है तथा 5 सही ट्रेड में आपका फायदा 500 रुपए होता है। कुल मिलाकर आप 150 रुपए की कमाई करते हैं।
जबकि आप अनाड़ी नहीं हैं तो ऐसा नहीं हो सकता कि आपकी 12 में से 7 गलत ट्रेड हो जाए। वास्तव में इसका उलटा होता है। 12 में से 6-7 ट्रेड सही जाती है और 5-6 गलत भी जा सकती है, जो नॉर्मल है। बड़े-बड़े ट्रेंडरों के साथ भी ऐसा होता है, तभी तो स्टॉप लॉस बना है।
मैंने निकोलस डारवस की एक पुस्तक पढ़ी थी, जिसका शीर्षक है—'शेयर बाजार से कैसे कमाए मैंने 10 करोड़'। इसमें उन्होंने एक ही बात पर बल दिया है कि शेयर कभी अच्छे या बुरे नहीं होते। मार्केट में दो ही प्रकार के शेयर होते हैं—एक, जो बढ़ रहे हैं; दूसरे, जो गिर रहे हैं। अतः आपको इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम बस, इनको पहचानना ही आना चाहिए। इससे आप ट्रेडिंग करके पैसा कमा सकेंगे। वैसे तो बढ़ने व गिरनेवाले शेयरों को पहचानने के लिए अनेक सिस्टम बने हैं। कैंडलस्टिक चार्ट पर. आर. एस. आई. आदि अनेक इंडीकेटर इसके लिए बने हैं; पर इन सब सिस्टम्स के बारे में प्रकाश डालने से पूर्व अगली टिप्स में मैं आपको पहले अपना सिस्टम बताऊँगा कि मैं बढ़ने व गिरनेवाले शेयरों को ट्रेड के लिए कैसे पहचानता हूँ ?
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- The Property Tax Calculation
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इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेहतरीन शेयर कौन से है 2021
इंट्राडे ट्रेडिंग का अर्थ होता है कि स्टॉक मार्केट खुलने और बंद होने के अंतराल जो भी खरीदारी और बिकवाली होती है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं शेयर बाजार का समय सुबह 9:15 से शाम 3:30 तक होता है इस बीच हम जब किसी शेयर की खरीदारी और बिकवाली करते हैं तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं और ध्यान रहे जिस शेयर को आपने मार्केट के समय खरीदा है उसे मार्केट के बंद होने के अंतराल बेचना भी होता है इस प्रकार इंट्राडे ट्रेडिंग होती है
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए खरीदे गए शेयरों को 3:15 पर बेचना अनिवार्य हो जाता है यदि आपने 3:15 पर शेयर को नहीं बेचा तो वह मार्केट प्राइस पर ऑटो स्क्वायर ऑफ हो जाते हैं
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेहतरीन नियम
बताना चाहता हूं आपको शेयर बाजार की बहुत अच्छी समझ है तभी आप इंट्राडे ट्रेडिंग में कदम रखें अधिकांश व्यापारियों ने शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग में विशेष रुप से शुरुआती, शेयर बाजार में उच्च अस्थिरता के कारण इंट्राडे ट्रेडिंग में अपनी पूंजी खो देते हैं आमतौर पर शेयर बाजार में ट्रेडर्स के नुकसान, भय और लालच के कारण होता हैं क्योंकि शेयर बाजार बहुत ही चंचल होता है इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम से भरी होती है जबकि निवेश जोखिम से भरा नहीं है बस ज्ञान की कमी हो सकती है
इंट्राडे ट्रेडिंग के बुनियादी नियमों की सूची कुछ इस प्रकार है
1 बाजार में इंट्राडे के लिए समय बहुत महत्वपूर्ण है
2 पहले से ही योजना निवेश रणनीति बनाएं
3 छोटी मात्रा में इंट्राडे में निवेश करें
4 लालच और भय से दूर रहे
5 बाजार में पैसा कम समय ज्यादा वितीत करें
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चुनाव कैसे करें
शेयर बाजार मैं आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ रणनीति बताऊंगा। इंट्राडे के लिए शेयर चुनने के लिए सबसे पहले आपको लिक्विडिटी स्टॉक चुनना होगा। जबकि वोलेटाइल स्टॉक्स से दूरी बनाए रखना चाहिए। इंट्राडे के लिए कई सारे स्टॉक चुनने के बजाए आप सिर्फ 3-4 अच्छे स्टॉक का चुनाव करना चाहिए। शेयर चुनते समय बाजार का ट्रेंड इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम भी देखना चाहिए और उस कंपनी के बारे में आपको जानकारी भी होना चाहिए बेहतर होगा कि आप एक्सपर्ट से भी सलाह लेलें। ज्यादा लिक्विडिटी वाले स्टॉक में उतार चढ़ाव काफी जल्दी जल्दी होते हैं। पैसा लगाने से पहले आप लक्ष्य और स्टॉपलॉस जरूर तय करें। और ज्यादा लालच नहीं करें और जो भी मुनाफा मिले उसे लेकर निकल जाए। आप जो भी स्टॉक इंट्राडे के लिए चुने उसे पहले से ही अपने वॉच लिस्ट में ऐड करके उस पर नजर बनाए रखें
इंट्राडे ट्रेडिंग से कमाई के लिए 5 बेहतरीन शेयर
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए हाई लिक्विडिटी वाले शेयर निम्नलिखित हैं इन शेयरों में रोजाना उतार-चढ़ाव आता रहता है। शेयर बाजार की अच्छी समझ और कंपनी के बारे में पुख्ता जानकारी आपको इंट्राडे में पैसा बनाने में मदद करेगी।
- रिलायंस
- एचडीएफसी बैंक
- बजाज फाइनेंस
- डिविस लैब
- हिंदुस्तान युनिलीवर
इंट्राडे ट्रेडिंग नियमित शेयर बाजार में निवेश की तुलना में जोखिम भरा है. शुरुआती लोगों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे वित्तीय कठिनाइयों का सामना किए बिना केवल उस राशि का ही निवेश करें जिसे खोने पर कोई दुख ना इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम हो.
इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ और हानि
अक्सर इंट्राडे व्यापार शेयर बाजार में तुरंत लाभ अर्जित करने के लिए माना जाता है। इंट्राडे ट्रेडिंग से रोजाना आप अपने निवेश पर बहुत अधिक रिटर्न पा सकते हैं. इसके लिए आपको अपने वित्त का प्रबंधन भी करना होगा। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बहुत जल्दी जल्दी आते हैं इसी का इंट्राडे निवेशक फायदा उठाते हो और बाजार से लाभ अर्जित करते हैं
अगर बात करें इंट्राडे ट्रेडिंग से हानि की तो इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिमों से भरी होती है यहां शेयर बाजार में उतार चढ़ाव बहुत जल्दी जल्दी आते हैं अगर आपकी रणनीति गलत साबित होती है तो आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है क्योंकि यह बाजार के अंतराल ही की जाने वाली ट्रेडिंग होती है इसे आप लंबे समय तक होल्ड नहीं कर सकते
Stock market में यदि आप सूझबूझ से अच्छे स्टॉक चुनकर ट्रेड करते हैं तो आप भी यकीनन intraday इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम trading में लाभ अर्जित कर सकते हैं
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ?
सुबह 9:15 बजे से लेकर शाम को 3:30 बजे तक जो शेयर आपने इंट्राडे कहकर लिया है उसे 3:10 तक बेचना ही पड़ता है उस ट्रेड में आपको चाहे नुकसान हो, चाहे फायदा दोनों में से एक चीज ” बुक ” करनी ही पड़ेगी फायदा होता है तो आपकी पूंजी बढ़ जाएगी
और शेयर का रेट घट गया और आपको घटे रेट पर शेयर को बेचना ही पड़ेगा तो आपकी पूंजी घट जाएगी इसको (इंट्रा डे) बाजार कहते है इस बाजार में
इंट्राडे का व्यापार करने के लिए आपके पास कम से कम
₹50,000,00/= (पचास लाख) तो होना ही चाहिए
नहीं तो शॉर्ट टर्म या long टर्म निवेश कर
शेयर की डिलीवरी लेकर व्यपार करे!
अगर आप एक या ₹2,000,00/=लाख से इंट्राडे का व्यापार करेंगे तो आपकी पूंजी आहिस्ता आहिस्ता घटती जाएगी और एक दिन आप शेयर बाजार से बिल्कुल कंगाल हो जाएंगे।
इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है
1) कैश ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।
2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है
a) फ्यूचर ट्रेडिंग
शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।
b) ऑप्शन ट्रेडिंग
शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।
इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम तक खरीद बिक्री करना होता है। इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।
ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक
शेयर बाजार कब बन जाता है जुआ
एक उम्र के बाद हर कोई शेयर बाजार की ओर रुख करता है क्योंकि उन्हें अपने पैसे का निवेश करना होता है। परन्तु शेयर बाजार की जानकारी न होने पर वो निवेश की जगह पैसे कमाने के लालच में पड़ जाते हैं। ब्रोकर के द्वारा तरह- तरह के सपने दिखाए जाते हैं और उन लोगों के उदाहरण दिए जाते हैं जिन्होंने शेयर मार्केट से करोड़ों रुपए कमाए। शेयर बाजार अनिश्चितता का बाजार है, यहाँ पर कुछ भी निश्चित नहीं होता इसलिए बिना सोचे समझे किया गया निवेश आपके लिया घातक हो सकता है।
दुनिया के सबसे सफल निवेशक वॉरेन बफे के अनुसार – “ मैं कभी शेयर बाजार से पैसा बनाने की कोशिश नहीं करता। मैं इस धारणा के साथ शेयर खरीदता हूँ कि बाजार अगले दिन बंद हो जाएगा और पाँच साल तक नहीं खुलेगा।”
शेयर बाजार में कोई भी व्यक्ति हर दिन ट्रेडिंग करके पैसे नहीं बना सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण बाजार भावों का अनिश्चित होना है। आप कभी भी किसी एक्सपर्ट पर भरोसा न करें क्योंकि यदि वो बाजार को इतनी ही अच्छी तरह से जानता होता तो वो खुद पैसे न कमाता उसे आपको सलाह देने की क्या जरूरत थी।
शेयर बाजार के नियम हैं जिनका पालन हर ट्रेडर (शेयर बाजार में काम करने वाला) करता है –
- दैनिक ( इंट्रा डे) ट्रेडिंग करते समय अपना स्टॉप लॉस ( एक तरीका जिससे आप अपना जोखिम पहले ही तय कर लेते हैं ) तय कर लें और उसे लगा कर रखें इससे आप नुकसान से बच सकते हैं ।
- शेयर बाजार में ट्रेडिंग कभी भी अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए न करें, इससे आप हमेशा अपना ही नुकसान करेंगे।
- एक ट्रेड (सौदे) में नुकसान होने के बाद कभी भी दूसरी ट्रेड मत करें। यहीं नियम फायदे पर भी लागु होता है । एक बार अच्छा फायदा होने के बाद आप बाजार से तुरन्त बाहर निकल जाएँ क्योंकि बाजार जो पैसे आपको देता है वह कुछ ही समय के अंदर उसे आपसे वापस भी ले लेता है।
- यदि आपको फायदा हुआ है तो इसका अर्थ यह है कि आपके जैसे ही किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान भी हुआ होगा। शेयर बाजार ऐसे ही काम करता है। इसलिए ज्यादा उत्साह दिखने की कोई जरुरत नहीं है।
शेयर बाजार में हर दिन पैसा केवल बिचौलिए ( ब्रोकर ) कमाते हैं और वो एक्सपर्ट (जानकर) कमाते हैं जो आपको पैसे लगाने की सलाह देते है। आम आदमी तभी शेयर बाजार से पैसे कमाता है जब उसने एक अच्छी कंपनी में लम्बी अवधि के लिए निवेश किया हो। आपके द्वारा किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले भी आपको कुछ बातों की जानकारी होना आवश्यक ह। जैसे –
शेयर बाजार के नियम –
- कंपनी क्या काम करती है ? उसका बाजार कितना बड़ा है ? और वह किस गति से बढ़ रही है ?
- कंपनी को चलाने वाले लोग कैसे हैं ? क्या वह कंपनी के संसाधनों का प्रयोग सही दिशा में कर रहे हैं ?
- कंपनी का बाजार मूल्य कहीं उसके वास्तविक मूल्य से अधिक तो नहीं है ?
- कंपनी के ऊपर कितना कर्ज़ है ? क्या भविष्य में वह कर्ज़ चुका पायेगी ?
- कंपनी के आय और व्यय का अनुपात क्या है ? कहीं वह घाटे का कारोबार तो नहीं कर रही है ?
ये है शेयर बाजार के नियम – अनेक प्रश्नो की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। यदि आप इन सभी बातों के बारे में नहीं जानते हैं तो वास्तव में आप शेयर बाजार में जुआ ही खेल रहे हैं।
मीडिया में दिखाया गया सब कुछ सच नहीं होता। मीडिया आपको वहीं दिखाती है जिसे दिखाने के लिए उसे कुछ कामयाब और अमीर लोगों द्वारा पैसा दिए जाते हैं। इसलिए किसी पर भरोसा मत करें। अपना निवेश समझदारी के साथ करें।
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