रुपया तीन पैसे चढ़कर 81.68 प्रति डॉलर पर
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘रुपया सीमित दायरे में कारोबार करता रहा और पिछले कुछ सत्रों में उतार-चढ़ाव कम रहा। पिछले कुछ सत्रों में बढ़त के बाद यूरो और पाउंड आज नीचे चले गए। कोविड के मामलों में वृद्धि के बीच सुरक्षित निवेश में खरीदारी के कारण येन में तेजी आई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि रुपया एक दिशा में बढ़ेगा और 81.40 और 82.05 प्रति डॉलर के दायरे में रहेगा।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.59 पर रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 3.10 प्रतिशत घटकर 81.04 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 211.16 अंक बढ़कर 62,504.80 अंक पर बंद हुआ।
Dollar vs Rupee: रुपये की हालत में सुधार, पहुंचा एक माह के सबसे उच्च स्तर पर
Dollar vs Rupee पिछले कुछ कारोबारी सत्रों की तुलना में रुपये की हालत में काफी सुधार हुआ है। रुपया एक माह के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है। मंगलवार को रुपया 12 पैसे की मजबूती के साथ 78.94 पर पहुंच गया।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रुपये में उतार-चढ़ाव का दौर जारी शेयर बाजार की धारणा में सुधार है। मंगलवार को रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे मजबूत हुआ। ट्रेजरी रैली के रूप में भारतीय रुपया 1 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, डॉलर पर मंदी की आशंका जताई जा रही है। विदेशी पूंजी प्रवाह और विदेशों में प्रमुख प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर ग्रीनबैक से मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे बढ़कर 78.94 पर पहुंच गया। डीलरों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने घरेलू विदेशी मुद्रा बाजार की धारणा को मजबूत किया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.96 पर खुला रुपया
मंगलवार को इंटरबैंक विदेशी मुद्रा में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.96 पर तेजी से खुला और शुरुआती कारोबार में 78.94 पर बोली लगाने के लिए और पिछले बंद के मुकाबले 12 पैसे की वृद्धि दर्ज की। पिछले सत्र में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.06 पर बंद हुआ था। वहीं, छह मुद्राओं की बास्केट के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.22 प्रतिशत गिरकर 105.21 पर आ गया।
बाजार और ब्रेंट क्रूड वायदा कीमतों में गिरावट
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 1.05 प्रतिशत गिरकर 98.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। हालांकि, घरेलू इक्विटी बाजार में शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी गई। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 88.55 अंक या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,026.95 पर कारोबार कर रहा था, जबकि व्यापक एनएसई निफ्टी 35.65 अंक या 0.21 प्रतिशत गिरकर 17,304.40 पर बंद हुआ। वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशक सोमवार को पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार थे, क्योंकि एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, 2,320.61 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
डॉलर पर मंदी की आशंका
आपको बता दें कि फेडरल रिजर्व की आक्रामक मौद्रिक कार्रवाई के बाद डॉलर पर मंदी की आशंका देखी जा रही है। विदेशी संस्थागत निवेशक एक तरफ जहां भारतीय इक्विटी में वापसी कर रहे हैं, वहीं, फेड द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के बाद डॉलर में कमजोरी देखी जा रही है।
एक्सपर्ट एडवाइस: लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए यह बेहतर समय, जल्द ही बन सकती है लाभ की स्थिति
बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस से संबंधित घटनाक्रमों और इससे उपजी चिंताओं के मद्देनजर बाजार ने घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वर्तमान में, इक्विटी मूल्यांकन सस्ते हैं और निवेशकों में घबराहट का माहौल है। अतीत में इस तरह की घटनाएं लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए आकर्षक साबित हुए हैं। निमेश शाह (एमडी एवं सीईओ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ) कहते शेयर बाजार की धारणा में सुधार हैं कि ऐसा अवसर एक दशक में एक बार आता है। पिछली बार निवेशकों को ऐसा मौका 2008 और 2001 में मिला था।
3 से 5 निवेश में फायदा
निमेश शाह अनुसार तीन से पांच साल तक के निवेशक भारतीय शेयरों से उम्मीद से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें, जब भी बाजार बुरे दौर से गुजरता है तो समाचार का प्रभाव बेहद नकारात्मक होता है और कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि आगे क्या होगा। इसका पता तो अतीत में जाने के बाद ही लगता है। यहां तक कि डेट मार्केट वर्तमान में आकर्षण दिखाई पड़ता है और साथ ही निवेश का एक दिलचस्प अवसर प्रस्तुत करता है। इसका कारण अच्छे क्रेडिट का प्रसार है। इसलिए, यहां भी हमारे पास एक दशक में एक बार कॉर्पोरेट पेपर में निवेश करने और इस समय इक्विटी में निवेश करने का अच्छा अवसर आया है।
कोरोना के बाद जल्द ही बाजार में होगा सुधार
हमारे इक्विटी वैल्यूएशन इंडेक्स (फैक्टशीट में प्रकाशित) के अनुसार, बाजार ओवरसोल्ड क्षेत्र में है और अब यह संकेत दे रहा है कि इक्विटी में निवेश करने का समय आ गया है। हमारा मानना है कि कोरोनावायरस पर बाजार में सुधार होने की संभावना है। कोरोनावायरस पर अच्छा समाचार मिलते ही बाजार में सुधार होने लगेगा। इस धारणा को बाधित करने वाला कारक यह है कि फिलहाल बाजार में 21 दिन की अवधि से आगे के लॉकडाउन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। साथ ही हमें नहीं पता कि कोरोनावायरस का प्रभाव कब तक चलेगा। आपूर्ति और मांग दोनों पर व्यवधान उत्पन्न हो गया है, इसलिए निकट भविष्य में मोटे तौर पर मंदी की संभावना हो सकती है। कॉर्पोरेट इंडिया भी कोरोना महामारी की चपेट में आ रहा होगा और इसका प्रभाव आने वाली तिमाहियों की आय में दिखाई देगा। तो, निकट भविष्य में बाजार में तेजी की संभावना नहीं दिख रही है।
शेयरों की कीमतों में हो रहा सुधार
2008-2009 की मंदी से सबक यह सीखा गया है कि जब आय में कटौती होती है तो फिक्र की कोई बात शेयर बाजार की धारणा में सुधार नहीं क्योंकि बाजार आगे का रूख अपनाएगा। आपको याद रखना होगा कि शेयर की कीमतों में 30-40 प्रतिशत तक का सुधार हो चुका है। इसलिए, आय की तरफ ध्यान देने का कोई औचित्य कोई नहीं है। जब शेयर की कीमतों में इस तरह के भारी सुधार देखने को मिल रहे हों। महामारी फैलने से पहले भारतीय बाजार का मूल्यांकन बुलंदी पर था। इसलिए, हम निवेशकों को डायनामिक असेट अलोकेशन उत्पादों और डेट योजनाओं का विकल्प चुनने की सलाह दे रहे थे। शेयरों को भुनाने का शायद ही कोई दबाव रहा हो। हमें लगता है कि भारतीय निवेशक 2008 में देखे गए पिछले संकट के बाद से काफी परिपक्व हुए हैं। हम इस सुधार में खरीदारी कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों में काफी सुधार हुआ है और ये फिलहाल 2008 के मूल्यांकन के स्तर से भी कम पर हैं। हमारा मानना है कि यह एक दशक में एक बार के लिए इस तरह के सस्ते मूल्यांकन पर खरीदने का अच्छा अवसर है। अस्थिरता इक्विटी में निवेश का एक हिस्सा है। बाजार में हुआ यह सुधार पिछले कुछ वर्षों में बाजार में प्रवेश किए उन निवेशकों के लिए अपनी तरह का अनुभव का पहला होगा। हालांकि, अगर ये निवेशक वर्तमान दौर की अनिश्चितता में अगर बने रह गए तो हमारा मानना है कि ऐसे निवेशक आने वाले वर्षों में उम्मीद से ज्यादा लाभ कमाने का अवसर प्राप्त करेंगे।
डेट मार्केट निवेश के हिसाब से बेहतर
ऐतिहासिक रूप से यह देखा गया है कि जब भी बाजार में सुधार होता है तो वे निवेशक जो उठापटक के दौरान निवेश में बने रहते हैं वो तेजी से लाभान्वित होते हैं। हमारा मानना है कि वर्तमान में ऋण बाजार (डेट मार्केट) अल्प से मध्यम अवधि के नजरिए से अच्छी कीमत पर हैं। निवेशकों को लाभ से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए ऋण अर्थात डेट में निवेश करना चाहिए। रूढ़िवादी या परंपरागत निवेशक कम, लघु और मध्यम अवधि के ऋण उत्पादों में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। उच्च जोखिम क्षमता वाले निवेशक अक्रूअल फंडों में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं क्योंकि अक्रूअल को रेपो सबसे आकर्षक बना रहा है। हाल ही में सुधार के बाद, समूचा मूल्यांकन आकर्षक हो गया है। मेटल, माइनिंग, टेलीकॉम और बिजली के क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं हैं जबकि कंज्यूमर, नॉन-ड्यूरेबल्स, ऑटो और बैंकिंग के क्षेत्र में सुधार की गुंजाइश है। बैंकिंग में मूल्यांकन - सार्वजनिक और सार्वजनिक उपक्रम - में काफी सुधार हुआ है। हम कॉर्पोरेट ऋण बैंकों, अच्छी देयता वाले फ्रेंचाइजी और ग्राहक केंद्रित गैर ऋण फ्रेंचाइजी जैसे विषयों पर हमेशा चुनिंदा रूप से सकारात्मक रहे हैं। हमने उन चुनिंदा बैंकों में सुधार किया है जिनके पास अच्छी असेट लाइबिलिटी मैनेजमेंट उच्च कासा और व्यापक वित्तीय सेवाओं की शेयर बाजार की धारणा में सुधार उपस्थिति है। हमें विश्वास है कि एनबीएफसी तंग ऋण बाजार के कारण ऋण वृद्धि में नरमी देखना जारी रखेंगे। लेकिन हम चुनिंदा गोल्ड फाइनेंसरों और इंश्योरेंस पर पॉजिटिव हैं, जिन्हें भारत की लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चरल ग्रोथ से फायदा हो सकता है।
एसआईपी में किए गए निवेशों को टॉप-अप करना चाहिए
पिछले 12 महीनों से, एसआईपी में औसतन प्रवाह 8,200 करोड़ रुपये से अधिक का रहा है। हमारा मानना है कि यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है क्योंकि एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए खुदरा निवेशकों के पसंदीदा मार्ग के रूप में उभर रहा है। ऐतिहासिक रूप से, यह देखा गया है कि कोई भी वैश्विक घटना जिसके कारण बाजार में मंदी आई है, निवेश के आकर्षक अवसर साबित हुए हैं। ऐसे समय में यह महत्वपूर्ण है कि मौजूदा निवेश के साथ बने रहें। वर्तमान बाजार की स्थिति के मद्देनजर निवेशकों को अपने मौजूदा एसआईपी और म्यूचुअल फंड में किए गए अन्य निवेशों को टॉप-अप करना चाहिए क्योंकि अब अपेक्षाकृत कम कीमत पर अधिक इकाइयों को जमा करने का अवसर है। अनिश्चितता बाजार में अस्थिरता पैदा करती है। इसलिए उन उत्पादों में निवेश किया जाए जो बाजार में अस्थिरता से सबसे अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। असेट अलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का विकल्प चुनें और साथ ही डेट में निवेश की अनदेखी न करें। डेट बाजार भी निवेश के आकर्षक अवसर पेश कर रहे हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में सुधार
शुरुआती कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 11.41 बजे 92.75 अंकों की मजबूती के साथ 36,573.83 पर कारोबार कर रहा था.
मुंबई: देश के शेयर बाजार में सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन यानी बुधवार को कारोबार की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ हुई.
प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 140.29 अंकों की मजबूती के साथ 36,621.38 पर, जबकि निफ्टी 55.2 अंकों की बढ़त के साथ 10,872.80 पर खुला.
सेंसेक्स के 30 शेयरों में शुरुआती कारोबार में सबसे ज्यादा तेजी बजाज फाइनेंस , रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई, येस बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक बैंक, टाटा स्टील, वेदांत, एशियन पेंट्स, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, एचडीएफसी और टीसीएस में रही. इन शेयरों में 2.10 प्रतिशत तक की तेजी रही. वहीं, दूसरी ओर मारुति, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ओएनजीसी और आईटीसी के शेयर 1.50 प्रतिशत तक गिरे.
शुरुआती कारोबार में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 11.41 बजे 92.75 अंकों की मजबूती के साथ 36,573.83 पर कारोबार कर रहा था.
तो वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी लगभग इसी समय 21.75 अंकों की बढ़त के साथ 10,839.35 पर कारोबार करते देखे गए.
विशेषज्ञों के मुताबिक, कच्चे तेल और अमेरिका - चीन व्यापार वार्ता जैसे मुद्दों पर सकारात्मक खबरें मिलने से बाजार धारणा में सुधार आया. सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि, देश के रोजाना के कच्चे तेल उत्पादन के आधे हिस्सों को फिर से हासिल कर लिया गया है.
ड्रोन हमले के बाद कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ था. उन्होंने भरोसा दिया है कि महीने के अंत शेयर बाजार की धारणा में सुधार तक संयंत्रों में उत्पादन क्षमता को पूरी तरह से बहाल कर लिया जाएगा.
इस खबर के बाद कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई, जिससे शेयर बाजारों ने राहत की सांस ली. वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.22 प्रतिशत गिरकर 64.41 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था.
आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 808.29 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक 85.76 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे.
शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला थमा, सेंसेक्स 86 अंक चढ़ा, सोना 100 और चांदी 130 रुपये मजबूत
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के दौरान करीब 300 अंक ऊपर नीचे होने के बाद अंत में 85.55 अंक या 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,046.34 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ऊंचे में 39,167.83 अंक और नीचे में 38,870.96 अंक तक भी आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 19.35 अंक या 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,691.50 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में वेदांता, कोल इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, पावरग्रिड, एचसीएल टेक और बजाज फाइनेंस के शेयर 2.65 प्रतिशत तक चढ़ गए।
Highlights अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में दिन में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे बढ़कर 69.69 प्रति डॉलर पर चल रहा था। ट कच्चा तेल 0.64 प्रतिशत के नुकसान से 60.55 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
बंबई शेयर बाजार में लगातार चार कारोबारी सत्रों से चली आ रही गिरावट का सिलसिला मंगलवार को थम गया। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले भारी उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स 86 अंक चढ़ गया।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा रुपये के मजबूत होने से कुल बाजार धारणा में सुधार हुआ। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के दौरान करीब 300 अंक ऊपर नीचे होने के बाद अंत में 85.55 अंक या 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,046.34 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ऊंचे में 39,167.83 अंक और नीचे में 38,870.96 अंक तक भी आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 19.35 अंक या 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,691.50 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान दिन में इसने 11,727.20 अंक का उच्चस्तर तथा 11,641.15 अंक का निचला स्तर भी छुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में वेदांता, कोल इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, पावरग्रिड, एचसीएल टेक और बजाज फाइनेंस के शेयर 2.65 प्रतिशत तक चढ़ गए।
वहीं दूसरी ओर यस बैंक का शेयर 5.94 प्रतिशत टूट गया। मारुति, एशियन पेंट्स, सनफार्मा, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के शेयर 2.20 प्रतिशत तक नीचे आए। निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज का शेयर 40.48 प्रतिशत टूट गया। जेट एयरवेज का परिचालन बंद है।
कंपनी के ऋणदाताओं ने सोमवार को एयरलाइन के पुनरोद्धार के प्रयास को छोड़ने और इस मामले को दिवाला कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में भेजने की घोषणा की। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक मंगलवार को ही शुरू हो रही है।
फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशकों ने सतर्कता बरती। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणाम, मानसून की धीमी प्रगति, कॉरपोरेट द्वारा कर्ज चुकाने में चूक और अमेरिका-भारत व्यापार विवाद की वजह से बाजार के लिए मौजूदा उच्चस्तर पर टिके रह पाना मुश्किल हो रहा है।
अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में दिन में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे बढ़कर 69.69 प्रति डॉलर पर चल रहा था। ब्रेंट कच्चा तेल 0.64 प्रतिशत के नुकसान से 60.55 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
सोना 100 रुपये की तेजी के साथ 33,720 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया
विदेशी बाजारों से अनुकूल संकेतों और स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की मांग के समर्थन से दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 100 रुपये की तेजी के साथ 33,720 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। सर्राफा कारोबारियों के संगठन आल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं के उठाव बढ़ने से चांदी भी 130 रुपये की तेजी के साथ 38,220 रुपये प्रति किलोग्राम पर बोली गई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक बाजार और स्थानीय आभूषण कारोबारियों की मांग के समर्थन से सर्राफा कीमतों में तेजी आई। न्यूयॉर्क में सोना और चांदी के भाव तेजी के साथ क्रमश: 1,344.90 डॉलर प्रति औंस और 14.96 डॉलर प्रति औंस पर चल रहे थे।
दिल्ली सर्राफा बाजार में 99.9 और 99.5 प्रतिशत की शुद्धता वाले सोने के भाव 100 - 100 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 33,720 और 33,550 रुपये प्रति 10 ग्राम शेयर बाजार की धारणा में सुधार पर बंद हुए। हालांकि गिन्नी (8ग्राम) 26,800 रुपये के पिछले स्तर पर बनी रही। चांदी हाजिर 130 रुपये बढ़कर 38,220 प्रति किलोग्राम और साप्ताहिक डिलिवरी 140 रुपये बढ़कर 37,256 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। चांदी सिक्का, लिवाल 80,000 और बिकवाल 81,000 रुपये प्रति सैकड़ा के पहले के स्तर पर बना रहा।
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