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Invest in US Stock Market: जानें घर बैठे कैसे करें Meta, Netfilx और Twitter के शेयरों में निवेश और क्‍या हैं इसके नफा-नुकसान

Investment in US Stocks: आप घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप म्‍युचुअल फंडों के एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंडों का सहारा भी ले सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 06 Oct 2022 04:28 PM (IST)

अमेरिकी बाजार में कैसे करें निवेश

Investment in US Stock Market: भारत में निफ्टी 50 से इस बात का मोटा-मोटा अनुमान लग जाता है कि घरेलू शेयर बाजार की दिशा क्या है. निफ्टी 50 में फ्री फ्लोटिंग मार्केट कैप वाली 50 शीर्ष कंपनियों शामिल हैं. अमेरिका में मार्केट किस ओर जा रहा है, इसका अंदाजा ‘डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ या डाउ, न्यूयॉर्क स्टॉक आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा ट्रेडेड 30 अमेरिकी शेयरों की सूची और NASDAQ से लगता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और डाउ के साथ भी ऐसा ही है और इनका भारत के स्टॉक मार्केट पर बहुत अधिक असर देखने को मिलता है. ऐसे में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन या भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बेहतर अनुमान लगाने के लिए अमेरिकी शेयरों में कुछ निवेश करना अहम हो जाता है. आइए, हम इससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातों के बारे में जानते हैं.

अमेरिकी में निवेश की ‘एबीसी’

आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि अमेरिका में निवेश करने के अलग-अलग क्या रास्ते हैं जिससे जटिल लग रही प्रक्रिया आसानी से समझ में आ जाएगी. इसके बाद फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसके बाद अमेरिका में निवेश के लिए उन जरूरी सूचनाओं पर बात करेंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है. यह कुछ इस प्रकार आगे बढ़ता है:

  • अप्रोच (तरीका)
  • बेनिफिट्स (फायदे)
  • कंडीशन्स (परिस्थितियां)

भारत से अमेरिका में निवेश के लिए आप अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं. फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ प्रांजल कामरा कहते हैं कि अमेरिकी शेयर बाजार में दो तरह से निवेश किया जा सकता है. प्रत्‍यक्ष निवेश और अप्रत्‍यक्ष निवेश.

प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment): कामरा कहते हैं कि आप सीधे अमेरिकी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और यूएस ब्रोकरेज अकाउंट में शेयर होल्ड कर सकते हैं. नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्‍स और स्टॉक ब्रोकर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ और AMEX (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्रमुख एक्सचेंज में रियल टाइम में ट्रेडिंग करने की सहूलियत देते हैं. आपको अपने इंवेस्टमेंट को ट्रैक करना चाहिए और स्टॉक की एनालिसिस करनी चाहिए.

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ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स: उन्‍होंने कहा कि आप निरंतर रिटर्न पाने के लिए यूएस ईटीएफ में इंवेस्ट कर सकते हैं. ये ईटीएफ इंडेक्स में शामिल पोर्टफोलियो को समान वेट के साथ रेप्लिकेट करते हैं.

म्यूचुअल फंड्स: कामरा कहते हैं कि अगर आप अपने शेयरों के परफॉर्मेंस और मार्केट में उतार-चढ़ाव को ट्रैक नहीं करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स मार्केट के उतार-चढ़ाव के विश्लेषण और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति करते हैं. म्यूचुअल फंड्स स्टॉक, बॉऩ्ड और डेट में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड्स इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक्सपेंस रेशियो या एक्जिट लोड के रूप में आम तौर पर एक फीस लेते हैं.

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने लॉन्‍च किया एक्सिस NASDAQ 100 FoF

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने एक्सिस NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्‍च किया है. यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्‍कीम है जो NASDAQ 100 TRI के प्रदर्शन को ईटीएफ में निवेश के जरिये ट्रैक करेगा. एक्सिस के इस फंड के नए फंड ऑफर के दौरान न्‍यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस फंड के फंड मैनेजर हितेश दास हैं.

क्‍यों करें अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश?

  • मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों और कई अन्य ग्लोबल कंपनियों के लिस्ट होने की वजह से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है और यहां निवेशकों को सबसे ज्यादा एक्सपोजर भी मिलता है.
  • रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी यूएस स्टॉक की वैल्यू बढ़ जाती है.
  • डाइफर्सिफिकेशन से जुड़ी संभावनाएं
  • पिछले 10 साल के दौरान डाउ ने सेंसेक्स के तीन साल, पांच साल और यहां तक कि 10 साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है.
  • संकट के समय अमेरिकी डॉलर को भारतीय रुपया से ज्यादा स्थिर और सेफ समझा जाता है.
  • ये यूएस स्टॉक्स में आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? निवेश के फायदे हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको अमेरिका में निवेश से पहले अपनी जरूरतों, टैक्स और स्कीम्स को समझना चाहिए.

प्रांजल कामरा कहते हैं कि नई पीढ़ी के ऐप्स ने अमेरिका में निवेश को काफी आसान बना दिया है. फॉरेक्स जैसे महंगे वायर ट्रांसफर एवं ट्रांसफर चार्जेज की जगह अब बहुत सस्ते ‘डायरेक्ट ट्रांसफर्स’ की सुविधा उपलब्ध आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? है जो स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस जैसे बैंकों के जरिए होता है. आपके ब्रोकर इसमें मदद करते हैं और आपका यह काम बिना किसी दिक्कत, बिना किसी ट्रांसफर या फॉरेक्स चार्ज के भुगतान के हो जाता है.

इससे इतर कुछ ब्रोकर्स जीरो कमीशन और अनलिमिटेड इंवेस्टिंग पर काम कर रहे हैं. यूएस मार्केट में निवेश करना प्रायः बहुत जटिल मालूम पड़ता आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? है. हालांकि, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के सपोर्ट और प्रैक्टिस से आप अमेरिका में निवेश के अपने स्किल को निश्चित रूप से मांज सकते हैं और भारत में कहीं भी बैठकर ऐसा कर सकते हैं. ग्लोबल इंवेस्टिंग पर एनालिस्ट्स की चर्चाओं को सुनकर, आर्टिकल्स और केस स्टडीज को पढ़कर आप अप-टु-डेट रह सकते हैं.

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Published at : 06 Oct 2022 04:आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? 06 PM (IST) Tags: Mutual Funds ETF Meta Investment in US Market Benefits of Investment in US Stocks Exchange Traded Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए?

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गोल्ड की इन तीन स्कीम में करें निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न

गोल्ड ETFs में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है, साथ ही अन्य जगहों की अपेक्षा शानदार रिटर्न मिलता है

कोरोना वायरस की इस महामारी में हर तरफ तबाही मची हुई है। आर्थिक सुस्ती पूरी दुनिया में छाई हुई है। जो निवेशक हैं वो सुरक्षित निवेश का ठिकाना ढूंढ रहे हैं। अगर आप भी अपने निवेश में शानदार रिटर्न चाहते हैं तो आप सोने में निवेश कर सकते हैं। साल के शुरुआत से ही सोने के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। शुरु में सोने की कीमत 37,000 रुपये 10 ग्राम थी, जो कि अब बढ़कर 47,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक हो गई है। अगर आप निवेशक हैं तो अपने पोर्टफोलियों में सोने का निवेश जरूर रखें। हम आपको निवेश के तौर पर 3 गोल्ड ETFs का सुझाव दे रहे हैं। जिसमें आप जान जाएंगे कि इसमें निवेश करना कितना सरल है और इसमें क्यों निवेश करना चाहिए।

गोल्ड ETF क्या है और इसे क्यों खरीदना चाहिए

अगर आप पहले से ही शेयरों में निवेश कर चुके हैं तो आप शेयरों के साथ-साथ गोल्ड ETFs भी खरीद सकते हैं। कुल मिलकार कहने का मतलब ये हुआ कि जिस तरह से आप ICICI Bank का एक शेयर खरीद सकते हैं, उसी तरह आप गोल्ड ETFs का भी एक हिस्सा खरीद सकते हैं। शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार करते हैं और शेयरों की तरह कभी खरीदा बेचा जा सकता है। वो सोने की आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? की कीमतों को ट्रैक करते हैं, इसीलिए जब सोने की कीमतें बढ़ती है, तो वो भी मिलकर बढ़ाते हैं।

अगर सोने को मेटल के रूप में यानी भौतिक रूप से खरीदते हैं और बेचते हैं तो उसमें मार्जिन कम होगा। फिर सोने को रखने में भी कई तरह दिक्कतों का सामना करना पडेगा। अगर आप उसे लॉकर में रखेंगे तो उसका अलग से खर्च लगेगा। फिजिकल गोल्ड की आसानी से चोरी भी की जा सकती है। ऐसे में Gold ETFs बेहतर है। इसकी चोरी नहीं की जा सकती। आपके पास डीमैट अकाउंट (demat account) तो आप इसे खरीद बेच सकते हैं।

यहां आपको गोल्ड के 3 निवेश बता रहे हैं, जिसमें आपको शानदार रिटर्न मिल सकता है।

SBI Gold ETF

एसबाई गोल्ड ईटीएफ (SBI Gold ETF) ने पिछले 1 साल में 38 फीसदी रिटर्न दिया है। क्योंकि सोने की कीमतों में तेजी आई थी। यह देश के किसी अन्य एसेट्स के मुकाबले सबसे अधिक रिटर्न है। इसने शेयरों, रियल एस्टेट और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेशों से भी ज्यादा रिटर्न दिया है।

SBI Gold ETF इस समय NSE पर 4370 रुपये पर कारोबार कर रहा है। अगर आपके पास 2-3 साल का होल्डिंग पीरियड है तो आपको सोना अच्छा रिटर्न दे सकता है। यह फिजिकल गोल्ड के मुकाबले काफी अच्छा निवेश है। अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? तो ETF पर ही जाएं।

HDFC Gold ETF

इस गोल्ड Gold ETF ने भी पिछले एक साल में 38 फीसदी रिटर्न दिया है। जबकि 3 साल का सालाना रिटर्न 18 फीसदी के करीब है। जो कि ज्यादातर एसेट क्लास से बेहतर रिटर्न दे रहा है। इसका स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है। लिहाजा कोई भी बिना किसी दिक्कत के इन्हें खरीद और बेच सकता है।

Nippon India ETF Gold BEES

इस ETF Gold ने ऊपर दो के मुकाबले थोड़ा कम रिटर्न दिया है। लेकिन इसने पिछले एक साल में 37 फीसदी तक रिटर्न दिया है। गोल्ड ईटीएफ मौजूदा समय में स्टॉक एक्सचेंज में 4370 रुपये पर कारोबार कर रहा है। साथ ही बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखता है। आपको याद रखना चाहिए सोने में थोड़ा बहुत निवेश करना चाहिए। क्योंकि इसमें निवेश सुरक्षित माना जाता है। इस समय सोने में निवेश करना सबसे बेहतर है।

कैसे करें सही ETF का चुनाव? निवेश से पहले इन पैरामीटर्स का रखना चाहिए ध्यान

जिस तरह किसी स्टॉक में निवेश से पहले पड़ताल करना जरूरी होता है, वैसे ही ईटीएफ में निवेश से पहले कुछ पहलुओं पर जरूर कर लेना चाहिए.

कैसे करें सही ETF का चुनाव? निवेश से पहले इन पैरामीटर्स का रखना चाहिए ध्यान

भारत समेत दुनिया भर में ईटीएफ के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है.

मौजूदा दौर में निवेशकों के सामने निवेश के कई विकल्प हैं. इनमें से एक विकल्प एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) का है जो निवेशकों की पूंजी को कई शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं. इसमें पारंपरिक स्टॉक्स और बांड्स से लेकर करेंसीज और कमोडिटीज जैसी मॉडर्न सिक्योरिटीज भी शामिल हैं. कोई भी निवेशक ब्रोकर के जरिए ईटीएफ के अपने शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकता है. इसका कारोबार शेयर बाजार में किया जाता है.

कम एक्पेंस रेशियो (0.06 फीसदी तक कम), एक्टिव फंड्स की तुलना में बेहतर टैक्स एफिशिएंसी, डाइवर्सिफिकेशन बेनेफिट्स और इंडेक्स लिंक्ड रिटर्न के चलते ईटीएफ तेजी से पॉपुलर हो रहा है. हालांकि आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? रिलायंस सिक्योरिटीज के सीईओ लव चतुर्वेदी के मुताबिक जैसे किसी स्टॉक में निवेश से पहले पड़ताल करना जरूरी होता है, वैसे ही ईटीएफ में निवेश से पहले कुछ पहलुओं पर जरूर कर लेना चाहिए.

निवेश से पहले इन पैरामीटर्स पर परखें ईटीएफ को

  • ईटीएफ में सिर्फ इक्विटीज की बजाय सभी एसेट क्लासेज शामिल होने चाहिए.
  • ईटीएफ को चुनते समय या उसमें निवेश करने से पहले निवेशकों को एल4यू स्ट्रेटजी पर भरोसा रखना चाहिए- लिक्विडिटी, लो एक्सपेंस रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज.
  • ईटीएफ की लिक्विडिटी आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? से निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज पर इसकी खरीद या बिक्री करने में आसानी रहेगी. लिक्विडिटी का मतलब है कि एक्सचेंजों पर ईटीएफ की पर्याप्त ट्रेडिंग वॉल्यूम होनी चाहिए.
  • आमतौर पर ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो एक्टिव फंड्स की तुलना में कम होते हैं लेकिन निवेशकों को विभिन्न ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो की आपस में तुलना जरूर करनी चाहिए क्योंकि यह ओवरऑल रिटर्न को प्रभावित करता है.
  • इंपैक्ट कॉस्ट एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन को लेकर इनडायरेक्ट कॉस्ट है. लिक्विडिटी अधिक होने पर इंपैक्ट कॉस्ट कम होता है और इस प्रकार निवेशकों को इनडायरेक्ट टैक्स कम चुकाना पड़ेगा.
  • किसी भी ईटीएफ को चुनते समय लो ट्रैकिंग एरर महत्वपूर्ण फैक्टर है. इससे इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न का अंतर कम करने में मदद मिलती है. आमतौर पर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मुताबिक 0-2 फीसदी का ट्रैकिंग एरर आदर्श माना जाता है.
  • किसी ईटीएफ का चुनाव करते सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है क्योंकि रिटर्न इसी के परफॉरमेंस पर निर्भर होता है.

भारत में तेजी से बढ़ा है ETF के प्रति निवेशकों का रूझान

दुनिया भर में ईटीएफ के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले दस वर्षों में दुनिया भर में ईटीएफ एयूएम 19 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है. 2020 में यह 7.7 लाख करोड़ डॉलर (562 लाख करोड़ रुपये) का लेवल पार कर दिया है. भारत की बात करें तो पिछले पांच वर्षों में ईटीएफ एयूएम 65 फीसदी सीएजीआर से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2016 में कुल एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) में ईटीएफ की हिस्सेदारी 2 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 10 फीसदी हो गई. दिलचस्प तथ्य यह भी है कि ईटीएफ में 90 फीसदी निवेश इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (मुख्य रूप से ईपीएफओ) का है.

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क्या है Gold ETF जिसमें जोरदार कमाई के लिए लोग जमकर कर रहे हैं निवेश? जानिए डिटेल्स

Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो.

क्या है Gold ETF जिसमें जोरदार कमाई के लिए लोग जमकर कर रहे हैं निवेश? जानिए डिटेल्स

Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) लोगों को खूब भा रहा है। बीते साल यानी 2021 में गोल्ड ईटीएफ को 4,814 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। आइए गोल्ड ईटीएफ से जुड़ी बातों को विस्तार से समझते हैं--

क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है। यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इसकी खरीद यूनिट में की जाती है। आमतौर पर ईटीएफ के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है।

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50 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं निवेश
एक्सपर्ट के अनुसार, 'गोल्ड में निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। गोल्ड ईटीएफ उनमें से एक सरलतम विकल्प है। पिछ्ले कुछ सालों में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ को बहुत तरजीह दी है।' गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से आपको नकली सोना खरीदने का डर समाप्त हो जाता है। साथ इसके रख-रखाव का भी डर समाप्त हो जाता है। नितिन कहते हैं, 'गोल्ड ईटीएफ में 50 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। साथ ही इसे कभी भी खरीद और बेच सकते हैं।'

गोल्ड ईटीएफ के फायदे
इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं, एक कारोबारी दिन में निवेशकों को अलग-अलग वैल्यू मिलती है और वो किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके जरिये निवेशक इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमा सकते हैं। निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम की चिंता नहीं रहती। इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते। इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है।

क्या कहते हैं आंकड़ें?
क्वांटम म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जिमी पटेल ने कहा आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए? कि महंगाई और फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने से डॉलर और अमेरिका में बांड पर प्रतिफल बढ़ेगा, जो सोने के लिए बाधक हो सकता है।’’ पटेल ने कहा कि 2020 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह बढ़ने की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी थी। इसके अलावा मौद्रिक रुख में नरमी और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी से भी सोने में निवेश फायदे का सौदा था।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ पूरे साल निवेशकों को आकर्षित करता रहा। यहां तक कि शेयरों में उछाल के बावजूद इसका आकर्षण कायम रहा। बीते साल सिर्फ जुलाई महीने में गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली। जुलाई में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 61.5 करोड़ रुपये निकाले। निवेश के प्रवाह के बीच दिसंबर, 2021 तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 30 प्रतिशत बढ़कर 18,405 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 14,174 करोड़ रुपये पर थीं।

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