Updated on: November 21, 2022 17:01 IST
Share Market
Aaj Kon Sa Share Kharidna Chahiye | आज कौन सा शेयर खरीदना चाहिए?
Share Market मैं पैसा लगाने की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए हम एक Demat Account खुलवा लेते हैं। लेकिन हमको यह समझ में नहीं आता है कि Aaj Kon Sa Share Kharidna Chahiye ताकि हमें किसी भी प्रकार का लॉस ना हों और अच्छा प्रॉफिट जनरेट कर सकें। इसी प्रश्न का उत्तर आज इस …
Stock Market Knowledge In Hindi | स्टॉक और शेयर मार्केट में क्या अंतर है?
ज्यादातर लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि Stock Market और Share Market मैं क्या अंतर होता है। आइए जानते हैं स्टॉक मार्केट शेयर मार्केट से कैसे अलग है। भले ही आप इन शब्दों को एक साथ प्रयोग कर सकते हैं लेकिन इसका कंबीनेशन किया जाए तो यह अलग अलग है आइए हम समझते हैं …
Share Kab Kharidna Chahiye Or Share Kab Bechna Chahiye | शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए?
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं। की Share Kab Kharidna Chahiye Or Share Kab Bechna Chahiye. सारी जानकारी जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें ताकि आपको सारी जानकारी मिल जाए। नए निवेशक शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले उनके मन में यह सवाल जरूर आता है। …
Free Share Market Tips 2022 | शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स?
दोस्तों शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? आपने अक्सर सुना होगा। की शेयर मार्केट में पैसा लगाना एक तरह का जुआ खेलना है। तो आज मै आपको Free Share Market Tips देने वाला हूँ। ताकि आप एक Invester बन कर जुआ कहने वाले के मुह पर तमाचा मार सकते हैं। कुछ लोग तो यह सोच रहे होंगे कि मैं क्यों तमाचा …
Share Market Kya Hai | शेयर मार्केट क्या है और कैसे सीखें?
अगर आप स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट के बारे में सब कुछ विस्तार से जानना चाहते हैं। की Share Market Kya Hai तो आप सही जगह पर आए हो। क्या पोस्ट पढ़कर आपको सारी जानकारी इसी पोस्ट के माध्यम से आपको मिल जाएगी और आप Stock Market या Share Market से जुड़ें हर सवाल का …
Share Market: जानें कैसे काम करता है शेयर मार्केट? रातों रात कर देता है मालामाल
Share Market Update : स्टॉक मार्केट को लेकर आई एक फिल्म स्कैम 1992 में एक डायलॉग है कि. शेयर मार्केट पैसों का इतना गहरा कुआं है, जिससे पूरी दुनिया की प्यास बुझ सकती है. यही वजह है कि भारत समेत दुनिया के लाखों-करोड़ों लोग शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाते हैं. जिसमें कई प्रोफिट कमा ले जाते हैं तो कइयों को नुकसान उठाना पड़ता है. शेयर मार्केट पर पैनी नजर रखने वालों कि मानें तो अधिकांश लोग बिना जानकारी के ही शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने उतर जाते हैं, जिसका खामियाजा उनको अपने पैसे डुबोकर चुकाना पड़ता है. ऐसे में बेहतर है कि स्टॉक मार्केट के सागर में उतरने से पहले हमें तैराकी की अच्छी समझ हो. इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी बातें लेकर आए हैं, जिससे शेयर मार्केट से जुड़ी बारीकियां शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? सीखने में आपको मदद मिलेगी.
शेयर मार्केट में दो तरीके से पैसा निवेश किया जाता है एक म्युचअल फंड और दूसरा कंपनी के शेयर खरीदकर. पहले वाले में बाजार खुद आपके पैसे को मैनेज करता है और दूसरे में आपका मुनाफा कंपनी के फायदे के साथ आगे बढ़ता है. भारत में केवल 3.5 प्रतिशत लोग ही शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाते हैं, जबकि अमेरिका में यह प्रतिशत 55 तक पहुंचता है. भारत की अगर बात करें तो यहां शेयर मार्केट में पैसा न लगाने की कुछ मुख्य वजह हैं. जैसे कि-
1- रिस्क लेने की क्षमता में कमी
2- जानकारी का अभाव
3- घोटाले और फ्रॉड
4- शेयर मार्केट को लेकर कोई कोर्स आदि का न होना
इसके अलावा भारत में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने शेयर मार्केट में अपनी किस्मत आजमाई और मालामाल हो गए.
जैसे कि राकेश झुनझुनवाला, रामदेव अग्रवाल,विजय केडिया और राधाकृष्ण दमानी आदि.
लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ ऐसे टिप्स हैं, जिनको अपनाकर कोई भी शेयर मार्केट की अच्छी समझ रख सकता है-
1. बिजनेस साइकल- किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले इस बात का जरूर ख्याल रखें कि कंपनी कम से कम 11 साल पुरानी होनी चाहिए.
2. ग्रोथ- चेक करें कि कंपनी ग्रोथ कैसी है. क्या कंपनी देश की जीडीपी का दोगुना ग्रोथ कर रही है. अगर हां तो फिर आप उसमें पैसा लगा सकते हैं.
3. लीडरशिप- ट्रेडिंग करने से पहले यह देखना भी है कि कंपनी की लीडरशिप कैसी शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? है. उसका मैनजमेंट कैसा है. क्योंकि अगर मैनेजमेंट में क्वालिटी होगी को प्रोडक्ट में क्वालिटी दिखेगी और इसका प्रभाव सेल कर दिखाई देगा. मतबल कंपनी ग्रोथ करेगी. इसके साथ शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? ही कंपनी को ड्राइव कौन कर रहा मतलब कंपनी के ऑनर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है आदि.
4. कर्ज की स्थिति- शेयर खरीदने से पहले यह भी जान लेना जरूरी है कि कंपनी पर कर्ज कितना है. क्योंकि कर्ज नहीं होगा तो प्रोफिट अच्छा आएगा और निवेशक को फायदा होगा. अन्यथा कंपनी के प्रोफिट का बहुत बड़ा भाग कर्ज उतारने और बाकि के खर्चों को पूरा करने में चला जाता है.
5- कंपनी के पास मालिकाना हक कितना है- कंपनी के मालिक के पास कम से कम 51 प्रतिशत शेयर होने चाहिएं. क्योंकि कंपनी अगर अपने सारे शेयर पब्लिक को बेच देगी तो कंपनी रन कैसे करेगी. इसके साथ ही ज्यादा शेयर होने पर कंपनी की लीडरशिप प्रोफिट के लिए खुद भी ज्यादा प्रयास करती है.
7- नेट प्रोफिट- कंपनी की ग्रोथ कम से कम 25 प्रतिशर हर साल के हिसाब से होनी चाहिए. मतलब अगर पिछले साल नेट प्रोफिट 100 करोड़ का था तो इस साल यह 125 करोड़ होना चाहिए.
8- युनिट सेल ग्रोथ- मसलन कंपनी की टोटल सेल हर साल 20 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रही हो. जैसे कि अगर किसी ऑटोमोबाइल कंपनी ने अगर पिछले साल 100 कारें बेचीं तो इस साल 120 कारों का बिजनेस हो. इसके साथ ही रिटर्न ऑन इक्विटी और कैपिटल इंप्लोएड पर रिटर्न आदि भी ऐसे मुख्य पहलू हैं, जिनपर गौर करना जरूरी है.
क्या आपने भी अभी तक शेयर बाजार में निवेश नहीं किया, 2022 में कर शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? सकते हैं शुरुआत, समझिए निवेश रणनीति
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अपनी पूंजी का बहुत कम हिस्सा ही Penny Stocks में लगाना चाहिए.
बाजार में बिना सोचे समझे निवेश करने शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? की बजाय योजना बनाकर निवेश करना चाहिए. अगर आपने भी अभी तक बाजार में निवेश नहीं किया . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 05, 2022, 12:24 IST
Investment Tips: क्या आपने भी अभी तक शेयर बाजार में निवेश नहीं किया है. अगर शेयर बाजार में निवेश करने का सोच रहे हैं तो साल 2022 शुरुआत के लिए अच्छा समय हो सकता है. क्यों और कैसे हो सकता है ये जानना जरूरी है. पिछले साल आपने भी देखा- सुना होगा कि शेयर बाजार ने जोरदार रिटर्न दिया. वहीं आपने सुना होगा कि साल 2020 में शेयर बाजार बहुत ज्यादा गिरा था. शेयर बाजार ने अपनी गिरावट को जल्द ही रिकवर कर लिया. साथ ही निफ्टी ने बीते साल 20 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया.
इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित किया कि अगर आप अच्छी कंपनी के शेयरों में निवेश करते हैं तो लॉन्ग टर्म में ये अच्छा रिटर्न देते हैं. साथ ही बीते साल ने ये भी बताया कि शेयर मार्केट का रास्ता एकतरफा नहीं होता, ये गिरता चढ़ता रहता है. लिहाजा बाजार में शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? होने वाले उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए.
बाजार में बिना सोचे समझे निवेश करने की बजाय योजना बनाकर निवेश करना चाहिए. अगर आपने भी अभी तक बाजार में निवेश नहीं किया है तो यह साल आपके लिए शुरुआत के लिए अच्छा साल हो सकता है. आइए हम आपको यहां बताते हैं कि अगर आप बाजार में निवेश करने का शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? सोच रहे हैं किन रणनीतियों को अपनाना होगा.
1- नियमित निवेश – बाजार में कब तेजी होगी या कब गिरावट इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. तेजी या गिरावट में पैसा लगाने से बचना चाहिए अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं. बल्कि आप नियमित निवेश या एसआईपी करते हैं. चाहें वो शेयर हो या म्यूचुअल फंड. इस तरह आपकी शेयर प्राइज एवरेज होकर सही रेट पर आ जाएगी.
2- पोर्टपोलियों में विविधता- अपने फोर्टफोलियों में विविधता रखें. किसी एक शेयर में पूरा पैसा न लगाएं. बल्कि कोशिश करें अलग अलग सेक्टर की मजबूत कंपनियों को पकड़े. जैसे ऑटो, बैंक, आईटी सेक्टर के अच्छे शेयरों को पकड़ें. एक ही शेयर या म्यूचुअल फंड में पूरा पैसा न लगाएं.
3-मजबूत कंपनी के शेयर में पैसा लगाए- अच्छी कंपनी के शेयरों को गिरावट में बेचने की बजाय खरीदें. कुछ समय के लिए अच्छे शेयर गिर सकते हैं लेकिन फिर वो रिकवर कर लेते हैं. इसलिए कमजोर या खराब शेयरों में पैसा न लगाएं.
4- लालच में न आएं- बाजार में जल्द से जल्द पैसे को कई गुना करने के चक्कर में न आएं. बहुत सारे यूट्यूब चैनल या टिप्स देने वाले आपको तुरंत करोड़पति बनाने का झांसा देते हैं. बाजार में आपको अपने निवेश पर बैंक या दूसरे निवेश माध्यमों से ज्यादा निवेश मिल सकता है न कि यह जादुई छड़ी है जो आपको कुछ दिन में ही अमीर बना देगा.
5- एक्सपर्ट से सलाह लें- अगर आप ज्यादा पैसा लगाना या लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं तो किसी मार्केट एक्सपर्ट या जानकारी सलाह लेकर पैसा लगाएं. किसी दोस्त या रिश्तेदार के टिप्स के भरोसे न चलें. बल्कि बहुत सारे ब्रोकरेज हाउस सर्टिफाइड एक्सपर्ट निवेश की सलाह देते हैं. ऐसे किसी विशेषज्ञ से ही सलाह लेकर पैसा लगाएं.
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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.
- शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
- अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
- राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर
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नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.
कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
कैसे काम करता है शेयर बाजार
मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.
शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.
निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?
इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.
इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.
'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक के दूसरे पार्ट में समझिए उतार-चढ़ाव से भरे मार्केट में निवेश कैसे करें?
आज हम गिर रहे मार्केट में Mutual Fund में निवेश करने का तरीका सीखने वाले हैं। इसे मैंने अपने हिसाब से नाम शेयर बाजार में शेयर खरीदना कैसे सीखें? दिया है 'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक। आइए आज इसके दूसरे पार्ट को सीखने की कोशिश करते हैं।
Written By: ANISH KUMAR SINGH
Updated on: November 21, 2022 17:01 IST
Photo:FILE 'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक के दूसरे पार्ट को समझिए
इस आर्टिकल के पहले पार्ट में हमने जाना था(आर्टिकल के पहले पार्ट का लिंक सबसे नीचे दिया गया है) कि अगर निफ्टी-50 लगातार गिर रहा है तो 'ब्लास्ट Lumpsum' तकनीक के जरिए कैसे आप नीचे के लेवल पर पैसा इन्वेस्ट कर लॉन्ग टर्म में बढ़िया पैसा बना सकते हैं। अब हम सीखेंगे अगर निफ्टी-50 में Volatility यानी अस्थिरता ज्यादा हो तो उस स्थिति में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सी तकनीक अपनाएं। चूंकि नए निवेशकों के लिए मैंने अभी तक Index Fund की ही सलाह दी है। उन्हें सीधे शेयरों को खरीदने और बेचने का जोखिम नहीं उठाना है। Mutual Fund में करीब एक-दो साल समय गुजारने के बाद आप शेयरों को डायरेक्ट खरीदने योग्य बन सकते हैं। शुरुआत में शेयरों को बिना उनके फंडामेंटल एनालिसिस किए खरीदना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए नए इन्वेस्टर्स के लिए Index Fund सबसे ज्यादा सुरक्षित माना गया है। चलिए अब हम अपने मुद्दे पर आते हैं। सवाल ये है कि जब शेयर मार्केट में ज्यादा उथल-पुथल हो रही है तो उस वक्त Index Fund में इन्वेस्ट कैसे करना है।
ग्राफ से जानिए निवेश का तरीका
इसे आसानी से समझने के लिए आप नीचे दिए गए ग्राफ को देख सकते हैं। हम एक बार फिर यही मानकर चल रहे हैं कि निफ्टी-50 अभी 18000 के लेवल पर है। मान लीजिए कि उसमें करीब 200 अंकों की गिरावट आई(जैसा की पहले वाले आर्टिकल में समझाया था, उसे देखें) तो आपने अपने पहले 10 हजार रुपये इन्वेस्ट कर दिए। और इसी तरह मानकर चलते हैं कि गिरावट धीरे-धीरे 17,200 के लेवल तक पहुंच गई। इस दौरान आपने पांच बार अपने पैसे लगा दिए होंगे। यानि आपका 1 लाख का इन्वेस्टमेंट हो चुका होगा।
Image Source : INDIA TV
अब मान लेते हैं कि निफ्टी-50 बढ़ना शुरू करता है और कुछ ही दिन के अंदर 18,000 के आंकड़े को पार कर जाता है। तब आपको धैर्य रखना है और देखते ही देखते वो कुछ ही महीने में 18,300 के लेवल तक पहुंच जाता है, और फिर वहां से गिरना शुरू करता है। उसके गिरने का दौर फिर शुरू हो जाता है। अब यहां आपको एक दूसरे Index Fund से स्टार्ट करना चाहिए। मतलब पहले वाले Index Fund में आप lumpsum तब करेंगे, जब निफ्टी-50 अपने 17 हजार के लेवल पर आए। चूंकि निफ्टी अभी 18,300 के लेवल से गिरना शुरू हुआ है इसलिए फिर से हर 200 प्वाइंट नीचे गिरने पर 'ब्लास्ट lumpsum' वाला तरीका अपनाएं। यानी 10-10-20-20-40 हजार के हिसाब से हर 200 अंकों की गिरावट पर पैसे लगाते जाएं। इस तरह आपके दो इन्वेस्टमेंट शुरू हो चुके होंगे। पहले वाले में जैसा कि मैं बता चुका हैं कि पैसे तब डालने हैं जब निफ्टी-50 अपने 17,000 के लेवल तक गिर जाए और दूसरे वाले में इन्वेस्टमेंट तब करना है जब निफ्टी-50 गिरकर 18,100 तक पहुंच जाए। फिर ऐसे ही हर 200 प्वाइंट या डेढ़ से 2 फीसदी की गिरावट पर ब्लास्ट lumpsum करते जाएं। इस तरह आपके पैसे निफ्टी-50 में अच्छे लेवल पर लग जाएंगे और जैसे ही करेक्शन का फेज खत्म होगा। यानी बाजार के गिरने का फेज खत्म होगा, आप मुनाफे में आ जाएंगे।
अब पैसे कब निकालें
पैसे निकालने में कभी जल्दबाजी न करें। ज्यादा अच्छा तो तब होगा जब आप इन पैसों को लगाकर भूल जाएं। मेरा मतलब इन्वेस्टमेंट के लिहाज से इसे लॉन्ग टर्म के लिए छोड़ दें। चूंकि निफ्टी-50 हो या सेंसेक्स लॉन्ग टर्म में ऊपर बढ़ता ही जाता है। क्या किसी ने सोचा था कि 2002 में जो निफ्टी 1 हजार पर था आज वो 18 हजार के लेवल पर आ जाएगा। 20 साल में 1578% का मुनाफा। सोचकर देखिए, अगर आपने अपने 1 लाख रुपये भी 20 साल पहले किसी index fund में लगाए होते तो आज उसकी वैल्यू क्या होती।
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