1 अप्रैल से शुरू हुए मौजूदा वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आय पर टैक्स कलेक्शन अब तक लगभग 24 प्रतिशत बढ़ा है.
Sensex, Nifty ने शुरुआती बढ़त गंवाई
घरेलू शेयर बाजारों के दोनों प्रमुख सूचकांकों ने मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान मिली बढ़त थोड़ी ही देर में गंवा दी। बीएसई का 30 शेयरों एमएसीडी बीबी संकेतक की उपस्थिति वाला सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के शुरुआती दौर में 158.85 अंक चढक़र 61,783 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 49 अंक बढक़र 18,378.15 अंक पर पहुंच गया। लेकिन थोड़ी ही देर में दोनों सूचकांकों एमएसीडी बीबी संकेतक की उपस्थिति ने बिकवाली के दबाव में अपनी यह बढ़त गंवा दी।
सेंसेक्स कारोबार के आधे घंटे बाद 166.7 अंक गिरकर 61,457.45 अंक पर आ गया जबकि निफ्टी 37.10 अंक की गिरावट के साथ 18,292.05 अंक पर आ गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और मंहिद्रा एंड मंहिद्रा शुरुआती कारोबार में लाभ की स्थिति में रहे। वहीं आईटीसी, टीसीएस, टेक मंहिद्रा, सन फार्मा और एचडीएफसी के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के सूचकांक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे जबकि सोल का सूचकांक गिरावट में रहा।
Direct Tax Collection in FY23: पहली छमाही में 24% बढ़ा डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन, 8.98 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा आंकड़ा
1 अप्रैल से शुरू हुए मौजूदा वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आय पर टैक्स कलेक्शन अब तक लगभग 24 प्रतिशत बढ़ा है.
Direct Tax Collection: 1 अप्रैल से शुरू हुए मौजूदा वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आय पर टैक्स कलेक्शन अब तक लगभग 24 प्रतिशत बढ़ा है. टैक्स डिपार्टमेंट ने आज रविवार को यह जानकारी दी. कर विभाग ने एक बयान में कहा कि एक अप्रैल से आठ अक्टूबर के दौरान कॉरपोरेट आय पर कर संग्रह में 16.74 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 32.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से आठ अक्टूबर, 2022 के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले साल की समान अवधि के कलेक्शन से 23.8 प्रतिशत अधिक है.
भारत में टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा मजबूत
बता दें कि डायरेक्ट टैक्स में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर आता है. बयान में कहा गया है कि रिफंड को एडजस्ट करने के बाद डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले की इसी अवधि के नेट कलेक्शन से 16.3 प्रतिशत अधिक है. यह कलेक्शन वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट अनुमान का 52.46 प्रतिशत बैठता है. कर संग्रह को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों का संकेतक माना जाता है. लेकिन भारत में औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में सुस्ती के बावजूद कर संग्रह का आंकड़ा मजबूत रहा है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
कुछ एनालिस्ट्स का मानना है कि आर्थिक वृद्धि ने अपनी रफ्तार गंवा दी है लेकिन कंपनियों के मुनाफे की वजह से ‘इंजन’ दौड़ रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अपने अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है. अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी जियो-पॉलिटिकल टेंशन और सख्त होती वैश्विक वित्तीय स्थिति को देखते हुए वृद्धि दर के अनुमान में कमी की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि कुल राजस्व संग्रह की बात की जाए, तो अभी तक कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी और प्रतिभूति लेनदेन कर यानी एसटीटी सहित) की वृद्धि क्रमश: 16.73 प्रतिशत और 32.30 पर रही है. रिफंड के एडजस्ट होने के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 16.29 प्रतिशत बैठती है. वहीं व्यक्तिगत आयकर संग्रह में वृद्धि 17.35 प्रतिशत (केवल पीआईटी) और एसटीटी के साथ 16.25 प्रतिशत बैठती है. सीबीडीटी ने कहा कि एक अप्रैल, 2022 से आठ अक्टूबर, 2022 की अवधि के दौरान कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 81 प्रतिशत अधिक है.
राजधानी में दुर्लभ केस: 26 वर्षीय महिला के पेट के अंदर मिला सात महीने का दुर्लभ "स्टोन बेबी"
रायपुर (khabargali) गरियाबंद निवासी एक 26 वर्षीय महिला कुछ दिनों पूर्व पेट में दर्द और पेट में पानी भरने के कारण होने वाले सूजन एसाइटिस की समस्या के साथ पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भर्ती हुई। जांच में महिला के पेट में दुर्लभ लिथोपेडियन का पता चला जिसे स्टोन बेबी भी कहा जाता है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. ज्योति जायसवाल के नेतृत्व में स्टोन बेबी को बाहर निकालने के लिये पेट की सर्जरी की गई जिसमें करीब सात महीने के विकसित दुर्लभ स्टोन बेबी (मृत) को बाहर निकाला गया। सर्जरी के बाद महिला के पेट की परेशानी खत्म हो गई इसलिए अब वह डिस्चार्ज लेकर घर जाने को तैयार है।
अत्यंत दुर्लभ केस : डॉ ज्योति जायसवाल
विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जायसवाल के मुताबिक बच्चेदानी के बाहर पेट यानी एब्डोमन में भ्रूण का विकास होकर स्टोन बेबी में बदल जाने की स्थिति बहुत ही दुर्लभ है। इस प्रकार के केस का प्रकाशन (पब्लिकेशन) भी मेडिकल जर्नल में बहुत ही कम देखने को मिलता है। डॉ. ज्योति जायसवाल के अनुसार लिथोपेडियन या स्टोन बेबी तब बनता है जब गर्भावस्था, गर्भाशय के बजाय पेट में (एब्डामिनल प्रेगनेंसी) होती है। जब यह गर्भावस्था अंतत: विफल हो जाती है और भ्रूण के पास पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं होती है तो शरीर के पास भ्रूण को बाहर निकालने का कोई तरीका नहीं होता है। नतीजन, शरीर अपनी स्वयं की प्रतिरक्षा प्रक्रिया एमएसीडी बीबी संकेतक की उपस्थिति का उपयोग करके भ्रूण को पत्थर में बदल देता है जो शरीर को किसी भी ऐसी विदेशी वस्तु से बचाता है जिससे शरीर को कोई नुकसान न हो। ऊतकों का इस प्रकार का कैल्सिफिकेशन मां को संक्रमण से बचाता है। कई बार एमएसीडी बीबी संकेतक की उपस्थिति इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता लेकिन कई बार इसके पेट के अंदर रहने के कारण दूसरी समस्याएं भी जन्म लेने लगती हैं। कैल्सीफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर के ऊतकों में कैल्शियम का निर्माण होता है, जिससे ऊतक सख्त हो जाते हैं। यह एक सामान्य या असामान्य प्रक्रिया हो सकती है।
Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रतिबंधों के बावजूद खूब फूटे पटाखे, नतीजा- राजधानी बनी धुएं का गोला
Lucknow: केवल इको फ्रेंडली पटाखों को ही जलाने और बेचने की अनुमति थी.
Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत न . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 05, 2021, 00:42 एमएसीडी बीबी संकेतक की उपस्थिति IST
नयी दिल्ली. दिवाली पर पटाखे जलाने पर सरकार द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों (Ban on Bursting Crackers) के बावजूद जमकर पटाखे फोड़े गए, इसका नतीजा ये रहा कि गुरुवार को राजधानी दिल्ली धुएं का गोला बन गई. इस वजह से शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) ”गंभीर” श्रेणी (Severe Category) की कगार पर पहुंच गया. दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं गईं.
राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम 7 बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए. वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए. हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था.
आपके शहर से (एमएसीडी बीबी संकेतक की उपस्थिति दिल्ली-एनसीआर)
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