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Investment in Gold & Silver: इस स्कीम से एक साथ करें गोल्ड और सिल्वर में निवेश, जानें क्या है तरीका

सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के लॉन्चिंग के बाद भारतीयों के पोर्टफोलियो में चांदी को लेकर निवेश बढ़ रहा है. कई ब्रोकरेज हाउस ने गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ फंड को लेकर निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स दिया है.

By: ABP Live | Updated at : 21 Oct 2022 10:50 AM (IST)

सोने-चांदी में निवेश

Gold or Silver Investment 2022 : अगर आप दिवाली पर सोना और चांदी (Gold or Silver) दोनों में निवेश करने का प्लान बना रहे है, तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. आपको बता दें कि सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) के लॉन्चिंग के बाद भारतीयों के पोर्टफोलियो में चांदी को लेकर निवेश बढ़ रहा है. कई ब्रोकरेज हाउस ने गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ फंड को लेकर निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स दिया है.

कैसे करें निवेश
आपको बता दें कि घरेलू ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड (Motilal Oswal Mutual Fund) ने अपने मोतीलाल ओसवाल गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स लेकर आया था, जिसका सब्सक्रिप्शन 7 अक्टूबर तक चला. वहीं, 4.35 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ भारत के तीसरे सबसे बड़े एचडीएफसी म्यूचुअल फंड सोने में निवेश कैसे करें ने अभी-अभी एचडीएफसी सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड लॉन्च किया है. यह ऑफर 21 अक्टूबर को बंद होने जा रहा है. साथ ही कई और फंड हाउस निवेशकों को सिल्वर में निवेश की रूचि पर नजर बनाए हैं.

सिल्वर ट्रेडेड फंड्स
SEBI ने पिछले साल चांदी में निवेश करने वाले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स को लॉन्च करने की अनुमति दी थी, जिसे जनवरी 2022 में लॉन्च किया था. इसने छोटे निवेशकों को चांदी उपलब्ध कराई है, जिसमें न्यूनतम निवेश की आवश्यकता केवल 60 रुपये है – एक यूनिट ईटीएफ 60 रुपये से कम पर ट्रेड करता है.

चांदी में म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश
चांदी में म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश का एक नया विकल्प है. इसका मतलब यह नहीं है कि इन्वेस्टमेंट को लेकर हमें जल्दबाजी करनी चाहिए. पूरी सूझबूझ के साथ इसमें निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए. गोल्ड ईटीएफ को लगभग एक दशक से ज्यादा समय हो गया है. सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स सोने में निवेश कैसे करें की शुरुआत भारत में पिछले साल हुई थी. चांदी की कीमतें सोने की कीमतों की तरह नहीं चलती हैं और इसलिए फंड हाउस ने दोनों धातुओं सोने में निवेश कैसे करें को एक ही योजना में मिलाकर निवेश की पेशकश करना शुरू कर दी है. इससे कई निवेशकों ने चांदी को महंगाई के खिलाफ ‘हेजिंग’ के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया है. इन्वेस्टर्स को चांदी को फिजिकली रखने के बजाय फॉर्म या कोष के रूप में इसे रखने का विकल्प मिला है.

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Published at : 21 Oct 2022 10:49 AM (IST) Tags: gold price Silver price today Investment and Return हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

सोने में निवेश करके मिलेगा शानदार रिटर्न, यह है तरीका

सोने में निवेश करके मिलेगा शानदार रिटर्न, यह है तरीका

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aajtak.सोने में निवेश कैसे करें in

  • नई दिल्ली ,
  • 02 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:59 AM IST

भारत में निवेश के लिए सोना एक भरोसेमंद विकल्प होता है. सालों से लोग अपनी बचत को सोने में निवेश करते हैं. इस त्यौहारी सीजन में सोने में निवेश के अलग-अलग विकल्पों का आप इस्तेमाल कर लाभ उठा सकते हैं. फिजिकली गोल्ड में निवेश, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेश, डिजिटल गोल्ड खरीदें और सॉवरेन गोल्ड बांड्स से मिलेगा फायदा. देखें वीडियो.

Gold gives safety and liquidity to the investors who are looking for investing. Gold prices are expected to firm up due to the novel coronavirus. Investing in gold is worthwhile. There are different ways of investing gold to get high returns and make your money safe. Invest in physical gold, mutual funds, buy digital gold, and sovereign gold bonds. Watch the video to know more.

कैसे करें चमकते सोने में निवेश

अधिकांश विश्लेषक मुद्रास्फीति की हेजिंग सोने से करने की बात कह रहे हैं। इसी समय दूसरे कई विशेषज्ञ हैं जिनका कहना है कि सोने में आपके पोर्टफोलियो में शामिल होने की क्षमता नहीं है, क्योंकि इससे मिलने वाला रिटर्न काफी औसत है।

हालांकि इससे अलग कई बातें हैं जो बताती हैं कि किसी के पास सोना क्यों होना चाहिए। यहां सबसे अहम बात यह है कि आपके पोर्टफोलियो में इस बहुमूल्य धातु का प्रतिशत कितना होना चाहिए। इसे एसेट एलोकेशन के जरिए हासिल किया जा सकता है।

यहां सोने में निवेश कैसे करें कोई निश्चित आधार काम नहीं करता लेकिन आप अपने एसेट एलोकेशन में 5-10 फीसदी सोना रख सकते हैं। इस स्तर को अवसरों और बदले आर्थिक परिदृश्यों के आधार पर आपको बदलते रहना होगा। भारत में अधिकांश लोग सोने को आभूषण के रूप में रखते हैं तो कुछ लोग इसे बार या सिक्कों की अवस्था में अपने पास रखते हैं।

इनके अतिरिक्त एक अन्य जरिया म्युचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफएस) हैं जो गोल्ड माइन कंपनियों में निवेश करती हैं। सोने को भौतिक रूप से अपने पास रखने के बजाया गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लाभ यह हैं कि इसे आप स्पॉट मार्केट प्राइस में खरीद सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि इसमें सोना अभौतिक अवस्था में होता है इसलिए यहां आपको स्टोरेज और बीमा की लागत नहीं देनी पड़ती। यहां सोना 99.99 फीसदी शुध्द होता है इसलिए इसकी शुध्दता को लेकर आपके मन में वैसा कोई संदेह नहीं रहता जो सीधे बाजार से सोना खरीदते वक्त होता है।

इसके साथ ही ईटीएफ कर के लिहाज से भी फायदेमंद होते हैं क्योंकि इसमें कोई वेल्थ टैक्स देय नहीं होता। लांग टर्म कैपिटल गेन उसी समय देय होता है जब इसे आप एक साल बाद बेचते हैं। दूसरी बात करें तो फिजिकल गोल्ड या फिर आभूषण पर वेल्थ कर देय होता है।

साथ ही लांग टर्म कैपिटल गेन का लाभ लेने के लिए इसे अपने पास तीन साल तक रखना होता है। आगे बढ़ते हुए अगर गोल्ड माइनिंग फंड की बात करें तो दो फंड हाउस इस समय इस तरह के प्रॉडक्ट दे रहे हैं। यह हैं डीएसपी एमएल वर्ल्ड गोल्ड फंड और एआईजी वर्ल्ड गोल्ड फंड।

ये वे फंड हैं जो सीधे सोने में निवेश न करके गोल्ड माइनिंग कंपनियों में निवेश करती हैं। इनमें लगने वाले कर ईटीएफ के समान ही हैं।

यह भी सोने में अप्रत्यक्ष निवेश का एक अच्छा माध्यम हैं। हालांकि यहां एक जोखिम यह है कि इन फंडों में किया गया निवेश सीधे सोने में किए गए निवेश की तुलना में अधिक अस्थिर है।

इनमें तेजी घट बढ़ हो सकती है। क्योंकि सोने की कीमत की तुलना में इनका इक्विटी बाजार से अधिक सीधा संपर्क होता है। अगर प्रदर्शन की बात करें तो डीएसपी एमएल वर्ल्ड गोल्ड फंड का प्रदर्शन स्थाई रहा है।

2007 में बाजार में आने के बाद के छह माह में इसने 60 फीसदी रिटर्न दिया था, लेकिन इसके बाद इसे एक करेक् शन के दौर से भी गुजरना पड़ा जब दुनिया के बाजार में गोल्ड इक्विटियों पर जोरदार मार पड़ी। हालांकि 2008 के पहले चार सोने में निवेश कैसे करें महीनों में जब इक्विटी बाजार की हालत खस्ता थी उस दौर में भी गोल्ड फंडों ने अच्छा कारोबार किया था।

यह दोनों गोल्ड फंड वास्तव में फीडर हैं फंड हैं जो सीधे विदेशों की गोल्ड माइनिंग कंपनियों में निवेश न करके मेरिल लिंच और एआईजी ग्लोबल के गोल्ड फंडों में निवेश करती हैं। ये दोनों वर्ल्ड गोल्ड फंड डेट फंड माने जाते हैं।

पिछले दो माहों में डीएसपी वर्ल्ड गोल्ड फंड में 62 फीसदी रिटर्न दिया। यह असाधारण हैं क्योंकि इसी समय में ईटीएफ और सीधे सोने में किए गए निवेश से 17 फीसदी ही रिटर्न मिल सका।

यहां तक की एआईजी वर्ल्ड गोल्ड फंड ने भी 42 फीसदी का ही रिटर्न दिया। यह लाभ गोल्ड माइनिंग कंपनियों के शेयरों में हुई अच्छी भरपाई के कारण हुआ है।

इन कुछ शेयरों ने तो 50-65 फीसदी की रैंज में रिटर्न दिया। आपके पास इस समय गोल्ड असेट क्लास में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। यहां गोल्ड पोर्टफोलियो बनाने का एक उदाहरण भी दिया गया है। यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक स्ट्रक्चर है जो व्यक्ति दर व्यक्ति अलग होता है।

1. 50 फीसदी ईटीएफ में

2. 40 फीसदी गोल्ड माइनिंग कंपनियों में

310 फीसदी फिजिकल गोल्ड में

4. आभूषणों को एक व्यक्तिगत एसेट माना जाता है न कि निवेश। इसलिए इसे इससे बाहर रखा जाना चाहिए।

अगर आप आभूषणों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना ही चाहते हैं तो 30-40 फीसदी आभूषणों में, 40 फीसदी ईटीएफ में 20-30 फीसदी इक्विटियों में निवेश करें।

महिलाएं इन आसान टिप्स को ध्यान में रखकर कर सकती हैं गोल्ड इन्वेस्टमेंट, जानिए फायदे और निवेश का तरीका

Gold Investment For Women: जानिए गोल्ड इन्वेस्टमेंट को निवेश के सबसे बेहतर ऑप्शंस में क्यों गिना जाता है और इससे क्या-क्या फायदे मिलते हैं.

महिलाएं इन आसान टिप्स को ध्यान में रखकर कर सकती हैं गोल्ड इन्वेस्टमेंट, जानिए फायदे और निवेश का तरीका

Guide to invest in gold: महिलाएं इस तरह कर सकती हैं गोल्ड में निवेश.

Investment: महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम होती जा रही हैं और ऐसे में उन्हें निवेश के अलग-अलग तरीकों को अपनाने के बारे में पता होना चाहिए. गोल्ड इंवेस्टमेंट (Gold Investment) को महिलाओं के लिए एक अच्छे ऑप्शंस के रूप में देखा जाता है जिसका एक कारण कम समय में ज्यादा फायदा मिलना भी है. हालांकि, ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो कामकाजी होने के बावजूद पैसों से जुड़े मसलों से खासा दूरी बनाकर रखती हैं. लेकिन, पैसे अपने हाथ में हों तो उनके सही निवेश और भविष्य में फायदा उठाने से भला क्यों पीछे हटना. महिलाओं को गहने खरीदने का शौक भी होता है और उनके पास ढेरों गहने मौजूद होते हैं जिन्हें वे निवेश कर सकती हैं.

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गोल्ड में निवेश करने पर अच्छे रिटर्न्स ( Returns) मिलते हैं. अगर वार्षिक तौर पर देखें तो साल 2020 तक गोल्ड निवेश में 9.6 फीसदी से ज्यादा रिटर्न देखा गया है. कई आंकड़ों के मुताबिक गोल्ड निवेश में एतिहासिक तौर पर फायदा मिला है चाहे मार्केट इंक्विटी कम ही क्यों ना रही हो. आप गोल्ड निवेश करने के लिए फिजिकल या डिजीटल ऑप्शन चुन सकती हैं. वहीं, गोल्ड में निवेश गहनों, सिक्कों या गोल्ड बार आदि के रूप में हो सकता है.


डिजीटल गोल्ड


अगर आप डिजीटल गोल्ड (Digital Gold) में विनेश करती हैं तो इसे कई एप्स के माध्यम से खरीदा जा सकता है और शुरूआती गोल्ड आपको 1 ग्राम तक खरीदना होता सोने में निवेश कैसे करें है. इसमें आपको गोल्ड के मेकिंग चार्जेस, शुद्धता और फिजिकल गोल्ड को लेकर घूमने की या तनाव लेने की जरूरत नहीं पड़ती. अविवाहित महिलाओं के लिए यह एक अच्छा चुनाव हो सकता है.


गोल्ड म्यूचल फंड

इस म्यूचल फंड को अलग-अलग कंपनियां हैंडल करती हैं और आपको फंड स्ट्रक्चर के बारे में समझाती हैं. आप गोल्ड म्यूचल फंड में बैंक्स के ऐप के माध्यम से भी निवेश कर सकती हैं.

गोल्ड ETFs

इस निवेश में आपको अपना गोल्ड स्टॉक एक्सेंच में देना होता है. इसमें आप डीमैट अकाउंट पर भी गोल्ड रख सकती हैं.

सोवरेग्न गोल्ड बोंड्स

निवेश के सबसे अच्छे तरीकों में सोवरेग्न गोल्ड बोंड्स को गिना जाता है. मान लीजिए आपने एक ग्राम गोल्ड 4,800 रुपए में खरीदा है और 7-8 साल बाद इसकी कीमत 6000 हो जाती है तो आपको प्रति ग्राम 1200 रुपए का मुनाफा होगा. इसके अलावा आपको हर साल निवेश का मुनाफा मिलता है सो अलग.

Gold Investment Tips: सोना खरीदकर आपको हो सकता है 'नुकसान', गांठ बांध लें ये 4 बातें

सोने में निवेश के वक्त आपको सावधानी भी बरतनी चाहिए। नहीं तो फायदा देने वाला सोना नुकसान का कारण भी बन सकता है।

Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: June 25, 2022 12:57 IST

Gold Investment- India TV Hindi

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Highlights

  • सावधानी न बरती तो फायदेमंद सोना नुकसान का कारण भी बन सकता है
  • मेकिंग और डिजाइनिंग चार्जेज के चलते सोना अधिक महंगा हो जाता है
  • डिजिटल गोल्ड के जोखिम की बात करें तो यहां कोई रेग्युलेटर नहीं है

सोना हमेशा से समृद्धि का प्रतीक रहा है। तभी तो कहा जाता है कि 'आपके पास है सोना तो जिंदगी भर चैन की नींद सोना'। भारत में पारंपरिक रूप से कुछ खास अवसरों पर सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। आज के दौर में जहां शेयर मार्केट, मनी मार्केट, म्यूचुअल फंड और अन्य दूसरे निवेश के विकल्प मौजूद हैं, तब भी सोने के प्रति निवेशकों का आकर्षण कम नहीं हुआ है। लेकिन सोने में निवेश के वक्त आपको सावधानी भी बरतनी चाहिए। नहीं तो फायदा देने वाला सोना नुकसान का कारण भी बन सकता है। आज सोने में निवेश के कई विकल्प में इतने विकल्पों के बीच आपको सोने में निवेश से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। आज हम इन्हीं बातों की चर्चा कर रहे हैं।

क्या सुनार की दुकान से खरीदें सोना?

पहला सवाल आता है कि आप सोना किस प्रकार खरीद सकते हैं। एक तरीका पारंपरिक है यानि फिजिकल गोल्ड (Physical Gold), इसे खरीदने के लिए आप सुनार की ​दुकान पर जाते हैं और गहने या गिन्नी खरीदते हैं। यदि आप ज्वैलरी या गिन्नी खरीदते हैं तो इसके चोरी होने का डर हमेशा आपका ब्लडप्रैशर बढ़ा सकता है, वहीं लोकल सुनार से खराब क्वालिटी का खतरा भी बना रहता है। एक नुकसान यह भी है कि मेकिंग और डिजाइनिंग चार्जेज के चलते यह अधिक महंगा हो जाता है। इसे आप लॉकर आदि में रखते हो तो आपको उस पर भी पैसा खर्च करना पड़ेगा। वहीं समस्या गुणवत्ता को लेकर भी है। जब आप इसे बेचने जाते हैं तो आपको इसकी पूरी कीमत भी नहीं मिलती।

Gold

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डिजिटल गोल्ड में हैं क्या खतरे

आज सोने की खरीद का एक इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट है। आप डिजिटल गोल्ड (Digital Gold), गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds), सॉवरेन गोल्ड बांड्स (Sovereign Gold Bonds) आदि माध्यमों पर भी गौर कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड के जोखिम की बात करें तो यहां कोई रेग्युलेटर नहीं है। यानि आपके साथ धोखाधड़ी होने पर आपके ​पास ज्यादा विकल्प नहीं रह जाते। हालांकि गोल्ड इटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स सेबी की निगरानी के साथ आते हैं। इसके अलावा सॉवरेन गोल्ड बांड के साथ रिस्क बहुत ही कम है।

Sovereign Gold Bonds

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टैक्स घटा सकता है आपका रिटर्न

देश में हर कमाई पर आपको टैक्स देना ही पड़ता है। यह व्यवस्था सोने पर भी लागू है। जब इन्वेस्टमेंट मैच्योर होता है या जब आप सोना बेचते हैं, उस समय सोने में निवेश कैसे करें आपको टैक्स देना होता है। फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स की बिक्री से मिले कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है। अगर सोने को तीन साल के अंदर मुनाफे के साथ बेचा जाता है, तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। अगर सोना तीन साल के बाद मुनाफे पर बेचा जाता है, तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। जो 20 फीसदी तक हो सकता है। सॉवरेन गोल्ड बांड से प्राप्त हुआ सारा ब्याज आपकी आय में जुड़ता है, और इस पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। अगर सॉवरेन गोल्ड बांड आठ साल बाद रिडीम किया जाता है, तो सारा कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स फ्री होता है।

सोने ने दिया कितना रिटर्न

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शेयर बाजार से लेकर दूसरे निवेश में भले ही आपको नुकसान हुआ हो, लेकिन सोने में निवेश आपको निराश नहीं किया। सोने ने पिछले 40 वर्षों में 9.6 फीसद की दर से सालाना रिटर्न दिया है। रिस्क के नजरिये से सोने ने इक्विटीज की तुलना में निश्चित रूप से कम अस्थिरता दिखाई है। अक्सर देखा गया है कि अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आती है या कोई बड़ी वित्तीय आपदा आती है तो सोने में रिटर्न बढ़ता है। उदाहरण के लिए 1991-92 में ईराक युद्ध, 2000 में अमेरिका पर हमला, 2008/2009 अमेरिकी मंदी और साल 2020 में कारोना संकट के बीच सोने ने अच्छा रिटर्न दिया।

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