कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का निवेश लाभ (investment profit ) कमाने के लिए करता है. लोग लाभ कमाने के लिए अलग-अलग स्कीम्स में अपने पैसे को निवेश करते हैं जैसे शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, FD आदि. जब किसी कंपनी या व्यवसाय में एक से अधिक लोग निवेश करते हैं. तो Dividend निवेश के अनुपात के अनुसार मिलता है. कंपनी शेयर धारकों अर्थात निवेश करने वालों को डिविडेंट तभी देती है जब उसे लाभ होता है. लाभांश (Dividend) कई प्रकार से दिया जाता है. सबसे पहले समझते हैं कि लाभांश क्या है –
SEBI का नया नियम जरुरी है Dividend Distribution Policy 1000 कंपनी को
SEBI ने देश के 1000 कंपनी को Dividend पॉलिसी क्या है Dividend पॉलिसी क्या है अच्छी तरह से संचालन के लिए एक नियम लागू किया हैं. 1000 कंपनी को कहा की वो अपना Dividend Distribution Policy जल्द से जल्द बनाना जरूरी हैं। इससे पहले देश के टॉप 500 कंपनी में ए नियम लागू था अब टॉप 1000 नियम जल्दी से लागू हो जायेगा।
बिज़नस प्रॉफिट का जो हिस्सा हम शेयरहोल्डर को पेमेंट करते है उस हिस्से को हम डिविडेंड बोलते हैं। डिविडेंड शेयर होल्डर को देते है क्योंकि वो उस कंपनी में इन्वेस्ट करते है, एक रेतर्न के तौर पर कंपनी शेयर होल्डर को डिविडेंड देते हैं। अगर शेयर होल्डर को लगातार डिविडेंड नहीं मिलता कंपनी से तो फिर शेयर होल्डर भविष्य में उस कंपनी में इन्वेस्ट नहीं करेंगे। इसलिए कंपनी को लगातार डिविडेंड पेमेंट करना चाहिए।
Dividend Distribution Policy ये दर्शाता है की कितनी अमाउंट शेयरहोल्डर को देना चाहिए डिविडेंड के जरिये और कितनी अमाउंट बिज़नस मे ही रखनी हैं। ये जो डिविडेंड पॉलिसी है ए कंपनी का बहुत ही संवेदनशील माना जाता है क्यूँकी ये तय करना मुश्किल है की कितना अमाउंट शेयर होल्डर को देने से अच्छा होगा और कितना पैसा बिज़नस मे रखना है। अगर डिविडेंड ज्यादा दिया और कंपनी के पास पैसा कम रखा तब कंपनी के विस्तार में बाधा आएगी।
Dividend के प्रकार (Types of Dividend):-
- नकद डिविडेंड (Cash Dividend) :- ज्यादातर कंपनी अपना शेयरहोल्डर को नगद मे ही डिविडेंड पेमेंट करते हैं. कंपनी इन डिविडेंड को पेमेंट करने Dividend पॉलिसी क्या है के लिए अपने नगद फंड का इस्तेमाल करते हैं। इससे कंपनी का नगद रिज़र्व कम होता है। नगद रिज़र्व कम होने से कंपनी को बुरे वक्त में थोरा मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
- बोनस डिविडेंड :- कुछ कंपनी के पास पैसा नहीं होता, तो वो कंपनी अपनी शेयर होल्डर को बोनस शेयर इस्सू कर देती है। शेयर होल्डर को नगद पैसा के बदले शेयर्स मिलते है उसी को ही बोनस डिविडेंड बोलते हैं। USA मे बोनस डिविडेंड को स्टॉक डिविडेंड कहा जाता हैं। उदहारण के साथ समझाते है – एक शेयर होल्डर के पास 100 शेयर्स है और कंपनी घोसना करता है की 10% बोनौस डिविडेंड मिलेगा फिर शेयर होल्डर के पास (100+100*10%=110) 110 शेयर्स का मालिक हो जायेगा।
क्या है डिविडेंट (What is Dividend)
कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को किये जाने वाले नकद भुगतान को लाभांश (Dividend) कहते है. अगर आप सामान्य स्टॉक के साथ प्रिफर्ड शेयरों में भी निवेश करते हैं तो आप लाभांश प्राप्त करने के हक़दार हैं. कंपनी के स्टॉक में निवेश करते समय आप लाभांश के भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं.
जब आप सामान्य स्टॉक में निवेश करते हैं तो शेयरों की कीमत बढ़ने पर कंपनी लाभांश के रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान करती है, वहीं पसंदीदा या मुख्य (Preferred) स्टॉक में भुगतान एक पूर्व निर्धारित लाभांश(Dividend) का किया जाता है. Preferred Stock की स्थिति में लाभांश भुगतान मान्य स्टॉक या कंपनी बांडों की तुलना में अक्सर ज्यादा होता है. सामान्य शेयरधारकों को दिया जाने वाला Dividend विभिन्न कंपनियों के अनुसार अलग-अलग होता है. अगर अभी स्टॉक की कीमतों में कोई गिरावट होती है और नुकसान होता है, तो लाभांश भुगतान उस नुकसान को भी कम करता है. यह अस्थिरता और पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने में मदद करता है.
कैसे किया जाता है Dividend का भुगतान
डिविडेंट का निर्धारण प्रति शेयर के मूल्य के आधार निर्धारित है. डिविडेंट की घोषणा के बाद एक विशेष तिथि की इसका भुगतान कंपनी करती है. इस तिथि को देय तिथि कहा जाता है. जब कंपनी लाभ कमाती है तो अपने लाभ को बचाकर रखती Dividend पॉलिसी क्या है है और उसको अपने शेयर धारकों में वितरित करने के फैसला करती है. कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद भुगतान के लिए शेयर के मूल्य, देय तिथि और रिकॉर्ड तिथि को जारी करती है. डिविडेंट छह प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार है –
अधिकांश कंपनियां इस प्रकार के डिविडेंट का भुगतान करती हैं. यह नकद भुगतान है जिसे सीधे कंपनी से शेयरधारक के खाते में भेजा जाता है. आमतौर पर भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है, लेकिन कभी-कभी भुगतान चेक के माध्यम से भी किया जा सकता है.
स्टॉक डिविडेंट (Stock dividend)
शेयरधारकों के लिए नए शेयर जारी करके स्टॉक लाभांश का भुगतान किया जाता है. सामान्य शेयरों में निवेश करने वाले लोग स्टॉक लाभांश भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं. इस डिविडेंट को Cash dividend से बेहतर माना जाता है. कंपनी शेयरधारकों की अपनी इच्छा के अनुसार स्टॉक डिविडेंट को नकदी में परिवर्तित करने का विकल्प देती है.
कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में भौतिक संपत्ति, अचल संपत्ति और अन्य के रूप में गैर मौद्रिक भुगतान भी कर सकती है.
Scrip dividend
जब कंपनी के पास डिविडेंट जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं होती है तो कंपनी स्क्रिप (Scrip) डिविडेंट जारी कर्ट सकती है, यह एक तरह का वादा है, जो भविष्य में किसी तिथि को भुगतान करने की गारंटी देता है.
जब कोई कंपनी बिज़नेस बन कर रही होती है तो Dividend पॉलिसी क्या है वह अपने शेयरधारकों को liquidating dividend के रूप में भुगतान करती हैं. शेयरधारकों को उस कंपनी द्वारा किया गया यह अंतिम भुगतान होता है यह भुगतान शेयर की संख्या के आधार पर किया जाता है.
Dividend Yield Fund किसे कहते हैं जो बाजार गिरने पर देता है कम झटका?
डिविडेंड ज्यादा बड़ी कंपनियां देती हैं या फिर जो सरकारी कंपनियां होती हैं। डिविडेंड यील्ड फंड्स का निवेश इन्हीं कंपनियों में होता है। सामान्य तौर पर डिविडेंड यील्ड फंड्स दूसरे इक्विटी स्कीम कैटेगरी की तुलना में इन्वेस्टर्स का कम ध्यान आकर्षित करते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में अपना पैसा लगाना चाहते हैं, लेकिन बहुत ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते हैं तो फिर आप नए साल में डिविडेंड यील्ड फंड्स (Dividend Yield Fund) में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। दरअसल, डिविडेंड यील्ड फंड के तहत उन कंपनियों में इन्वेस्टमेंट किया जाता है, जो ज्यादा से ज्यादा डिविडेंड देती है। बता दें कि सेबी द्वारा तय गाइडलाइन के मुताबिक, इन फंड को अपने एसेट्स का कम से कम 65 फीसदी Dividend पॉलिसी क्या है डिविडेंड यील्ड देने वाले शेयरों में निवेश करना होता है। लेकिन डिविडेंड यील्ड फंड्स किस तरह से आपके रिस्क को कम करते हैं ये जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
डिविडेंड क्या है?
डिविडेंड एक तरह से निवेशकों को कंपनी के लाभ में मिलने वाला हिस्सा है, जिसे समय समय पर कंपनियां भुगतान करती हैं। ऐसे निवेशक जो सुरक्षित और रेगुलर आय की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए ये फंड बेहतर हैं।
बता दें कि, डिविडेंड ज्यादा बड़ी कंपनियां देती हैं, या फिर जो सरकारी कंपनियां होती हैं। डिविडेंड यील्ड फंड्स का निवेश इन्हीं कंपनियों में होता है। सामान्य तौर पर डिविडेंड यील्ड फंड्स, दूसरे इक्विटी स्कीम कैटेगरी की तुलना में इन्वेस्टर्स का कम ध्यान आकर्षित करते हैं। अधिकतर निवेशक इक्विटी स्कीम में ही पैसे लगाते हैं।
हालांकि, निवेशकों का इस फंड्स पर ज्यादा ध्यान आकर्षित नहीं होने की वजह ये है कि इसमें बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है। लेकिन इसमें अच्छी बात ये है कि मार्केट की गिरावट की स्थिति में इनमें काफी सुरक्षा मिलती है। क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आती है।
पिछले एक साल में अच्छे रिटर्न
डिविडेंड यील्ड फंड्स द्वारा ज्यादातर टेक्नोलॉजी, FMCG, फाइनेंशियल सर्विसेस और हेल्थ केयर जैसे स्टॉक में पैसे लगा सकते हैं। वहीं, पिछले 1 साल में डिविडेंड यील्ड फंड्स ने कई तमाम दूसरे डायवर्सिफाइड इक्विटी स्कीमों में अच्छा रिटर्न दिया है। हालांकि कहीं भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें।
अगर आप भी किसी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो आज ही 5paisa.com पर जाएं और अपने निवेश के सफर को और भी बेहतर बनाएं। साथ ही DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइये अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।
ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन्स के बीच क्या अंतर है?
कुछ निवेशक म्यूचुअल फंड्स में इसलिए निवेश करते हैं क्योंकि वे लंबी अवधि में पैसे बनाना चाहते हैं। वे अपने करियर की शुरुआत में ही निवेश करना शुरू कर देते हैं। फिर ऐसे निवेशक होते हैं जो रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के करीब होते हैं या जिनके पास निवेश करने के लिए रिटायरमेंट की रकम होती है जो सेवानिवृत्ति के दौरान उनकी आय के स्रोतों की पूरक हो सकती है। इन दोनों विपरीत निवेश-संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स दो विकल्प पेश करते हैं।
ग्रोथ ऑप्शन भावी विकास और फंड वैल्यू को बढ़ाने के लिए फंड में होने वाले मुनाफ़े को उसकी अंतर्निहित सिक्योरिटीज़ में पुनः निवेश करता है। ग्रोथ प्लान की Dividend पॉलिसी क्या है NAV ज़्यादा होती है क्योंकि सिक्योरिटीज़ से होने वाले मुनाफ़े को वापस स्कीम में निवेश कर दिया जाता है और चक्रवृद्धि ब्याज अपना कमाल दिखाता है।
क्या है डिविडेंड?
कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं. मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं. इन्हें डिविडेंड यील्ड स्टॉक भी कहते हैं. गर इन कंपनियों के शेयर खरीदते हैं तो इसमें 2 तरह से फायदा होगा.
Crorepati Stock: 1 लाख के बन गए 30 लाख, 10 साल में 30 गुना बढ़ा पैसा, इस केमिकल शेयर ने बनाया करोड़पति
Stocks in News: Nykaa, Wipro, Tech Mahindra, Airtel समेत इन शेयरों में रखें नजर, इंट्राडे में दिखेगा एक्शन
Dividend Stocks: 2 तरह से फायदा
- एक तो फायदा यह होगा कि कंपनी होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा आपको देगी.
- दूसरी ओर शेयर में तेजी आने से भी आपको मुनाफा होगा. मसलन किसी कंपनी के शेयर में आपने 10 हजार रुपए निवेश किए हैं और एक साल में शेयर की कीमत 25 फीसदी चढ़ती है तो आपका निवेश एक साल में बढ़कर 12500 रुपये हो जाएगा.
- ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश का एक फायदा यह है कि आप अपने शेयर बेचे बिना भी इनकम कर सकते हैं.
आमतौर पर पीएसयू कंपनियां डिविडेंड के लिहाज से अच्छी मानी जाती हैं. जानकारों का कहना है कि अगर कोई कंपनी डिविडेंड दे रही है तो इसका मतलब साफ है कि उस कंपनी को मुनाफा आ रहा है. कंपनी के पास कैश की कमी नहीं है. डिविडेंड देने के ऐलान से शेयर को लेकर भी सेंटीमेंट अच्छा होता है और उसमें तेजी आती है. हालांकि ऐसे शेयर चुनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि निवेश उसी कंपनी में करें जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर ग्रोथ के साथ रेग्युलर डिविडेंड देने का हो.
ये कंपनियां देती है डिविडेंड
देश में ऐसी कंपनियों की कमी नहीं हैं, जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर डिविडेंड देती हैं. ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों की सूची में कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, बीपीसीएल, आईओसी, आरईसी, NMDC, NTPC और सोनाटा सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियां शामिल हैं.
(Disclaimer: हम यहां निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं. यह डिविडेंड स्टॉक के बारे में एक जानकारी है. स्टॉक मार्केट के अपने जोखिम है. निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 698