भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।
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निवेश से ज्यादा मुनाफा कमाने और रिस्क को कम करने में मददगार है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन, यह चेकलिस्ट कर सकता है आपकी मदद
Investment Portfolio Diversification पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन निवेश में उपयोग की जाने वाली रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) की एक रणनीति है जो आपको अपने फंड को कई प्रकार की संपत्ति में आवंटित करके जोखिम को कम करने में मदद करती है
नई दिल्ली, वैभव अग्रवाल। शेयर बाजार की अस्थिर प्रकृति निवेश को एक जोखिम भरा मामला बनाती है, और इसकी महत्वपूर्ण काउंटरबॅलेन्स स्ट्रैटेजी में से एक है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन। क्या आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड है? तो, ये रही आपकी गो-टू चेकलिस्ट!
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन क्या है?
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन निवेश में उपयोग की जाने वाली रिस्क मैनेजमेंट की एक रणनीति है, जो आपको अपने फंड को कई प्रकार की संपत्ति में आवंटित करके जोखिम को कम करने में मदद करती है। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी संपत्ति उच्च जोखिम के संपर्क में न आएं, लेकिन उसी समय में पर्याप्त उच्च रिटर्न उत्पन्न करती है।
डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के घटक
एक अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के प्राथमिक घटकों में शामिल हैं: बॉन्ड, स्टॉक और म्युचुअल फंड।
- स्टॉक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के शेयर्स हैं, और इनमें लंबे समय के लिए निवेश कर आप अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं।
- बॉन्ड कॉरपोरेट और गवर्मेंट डेट इंस्ट्रूमेंट्स हैं, जहां अस्थिरता कम होती है, लेकिन रिटर्न्स भी उतने ही कम होते हैं।
- म्यूचुअल फंड्स इक्विटी से जुड़े जोखिम को कम करते हैं और स्थिर रिटर्न्स भी दे सकते हैं।
लघु अवधि के निवेश
कम जोखिम वाली संपत्ति निवेश विश्लेषण करना के कुछ उदाहरण ट्रेजरी बिल, डिपॉज़िट प्रमाणपत्र और कमर्शियल पेपर्स हैं। वे स्थिरता प्रदान करते हैं और मौद्रिक पहुंच को आसान बनाते हैं। हालांकि, इनमें उच्च-सुरक्षा स्तरों के मुकाबले तुलनात्मक रूप से कम रिटर्न्स है।
कमोडिटीज़
आप अपने पोर्टफोलियो में गेहूं, मक्का, धातु या यहां तक कि तेल जैसी वस्तुओं को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, यह एक जोखिम भरा परिसंपत्ति वर्ग है जो देश की अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों और व्यापार परिदृश्यों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।
विदेशी संपत्ति
विदेशी निवेश साधन आपको अपने समग्र पोर्टफोलियो पर उच्च रिटर्न्स उत्पन्न करने में मदद करते हैं क्योंकि उनका डोमेस्टिक सिक्योरिटीज़ के साथ लोअर को-रिलेशन होता है। विदेशी शेयरों और सिक्योरिटीज़ में निवेश करने से पहले आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का विश्लेषण करना चाहिए।
रियल एस्टेट फंड्स
इसमें प्रॉपर्टी, बिल्डिंग और प्लॉट में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष निवेश शामिल हैं। रियल एस्टेट आपके पोर्टफोलियो को मुद्रास्फीति के खिलाफ कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है। अन्य संपत्तियों के विपरीत, जैसे कि भैतिक शेयर्स, रियल एस्टेट एक भौतिक रूप में मौजूद होती है।
सेक्टर फंड्स
यदि आपका निवेश लक्ष्य विभिन्न आर्थिक चक्र चरणों का लाभ उठाना है तो सेक्टर फंड्स में सेक्टोरल फोकस शामिल हैं और फायदेमंद हैं। ये क्षेत्र संचार सेवाएं, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, प्रौद्योगिकी, कंस्यूमर स्टेपल्स, आदि हो सकते हैं।
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लाभ
- यह आपके पोर्टफोलियो को शॉक से बचता है।
- यह विभिन्न क्षेत्रों में रिटर्न्स के अवसर पैदा करता है।
- यह आपको रिस्क कम करने में मदद करता है।
- पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के नुकसान
- अपने पोर्टफोलियो में अधिक विविधता लाने से औसत से कम रिटर्न्स मिल सकता है।
- रिसर्च करना और उनके परफॉर्मेंस पर नज़र रखना एक समय लेने वाला मामला है।
- मल्टिपल स्टॉक्स के साथ, आपको अधिक ट्रांसैक्शन शुल्क भी देना होगा। यह आपके निवेश की कुल लागत को बढ़ा सकता है।
- कर संरचना सभी परिसंपत्ति वर्गों में समान नहीं होती है, जो जटिलताएं पैदा करता है यदि आपने कई खंडों में उद्यम किया है तो।
अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अब जब आप पोर्टफोलियो विविधीकरण के सभी फायदे और नुकसान जानते हैं, तो आइए पोर्टफोलियो विविधीकरण में जाने से पहले जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए उस पर गौर करते हैं।
अपने रिस्क को कम करें
अपने पोर्टफोलियो को एसेट क्लासेस में फैलाएं। हालांकि, ऐसा करने से पहले प्रत्येक उपकरण और योजना पर अच्छी तरह से रिसर्च करें। यदि आपको लगता है कि अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण है, तो किसी प्रमाणित पेशेवर से संपर्क करें जो आपको इस पर मार्गदर्शन कर सकें।
अपने लक्ष्यों को समझें
अपने निवेश के उद्देश्य को समझने से यह सुनिश्चित होगा कि आपका पैसा सही जगह पर है और आप अत्यधिक जोखिम में नहीं हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप आपके शॉर्ट-टर्म गोल्स के लिए इक्विटी फंड्स में पैसा निवेश कर रहे हैं , तो आपको समस्या हो सकती है क्योंकि इक्विटी फंड्स लॉन्ग टर्म में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं और आपको उच्च रिटर्न्स देते हैं।
निष्कर्ष
जब आप बाजार और संपत्ति के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हो जाते हैं तो निवेश तब फायदेमंद होता है जब आप विकल्पों को बेहतर समझते हैं। भले ही पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन आपकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक स्मार्ट विकल्प है, लेकिन अधिक डायवर्सिफिकेशन से औसत से कम रिटर्न्स मिल सकता है। जटिल उपकरणों और मामूली रिटर्न्स न मिल पाएं इसलिए आपको अति-विविधीकरण और इष्टतम विविधीकरण के बीच की पतली रेखा को याद रखने की आवश्यकता है।
(लेखक तेजी मंदी के संस्थापक हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
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5 मिनट में बनिए Market Expert, इस तरीके से आप खुद खोजें बेहतरीन शेयर. कमाएं पैसे!
रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 22 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 22 सितंबर 2022, 1:10 PM IST)
देश में अधिकतर लोग दूसरे के कहने पर शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं. उन्हें ये पता नहीं होता है कि जिस कंपनी के स्टॉक में वे पैसे लगा रहे हैं, उस कंपनी का क्या कारोबार है? खासकर रिटेलर (Retailer) या कहें आम आदमी, अक्सर दूसरे की सलाह पर शेयर बाजारों (Share Market) में निवेश करते हैं.
उन्हें कोई कह देता है कि निवेश विश्लेषण करना ये Stock अच्छा रिटर्न (Return) दे सकता है, और फिर उसमें वे अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं. लेकिन क्या आपने ये कभी जानने की कोशिश की है कि जिस कंपनी के स्टॉक में आप निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी रिटर्न कहां से देगी, कितनी कमाई है?
कैसे करें Stock Selection?
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दरअलस, रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. इसका एक ही कारण स्टॉक (Stock Selection) का सही से चयन नहीं कर पाना है.
इसलिए दूसरे के कहने पर निवेश (Invest) करने से पहले आप खुद आसानी से अच्छे स्टॉक (Best Stock) का चयन कर सकते हैं. अच्छे स्टॉक में निवेश करने से भले ही शॉर्ट टर्म (Short Term) में बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से शेयर थोड़ा नीचे चला जाए और आपको अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) में नुकसान दिखे. लेकिन Long Term में हमेशा अच्छे स्टॉक में रिटर्न देने की क्षमता होती है.
खुद 5 मिनट में खंगाल सकते हैं खाता-बही
अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.
आइए जानते हैं, एक स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी के कारोबार में क्या देखें, ताकि आप तय कर पाएं कि इसमें निवेश करना है या नहीं. आप आसानी से कंपनी के कारोबार का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) कर सकते हैं. कंपनी छोटी है या बड़ी, आप चंद मिनट में उस कंपनी के खाता-बही को खंगाल सकते हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों में निवेश से जोखिम (Risk) कम होते हैं. कैसे चुनें बेहतरीन स्टॉक्स.
स्टेप-1: सबसे पहले कंपनी के रेवेन्यू को खंगालिए. देखें कि कंपनी सालाना कितना रेवेन्यू (Revenue) जेनरेट करती है. अगर साल-दर-साल कंपनी के कुल राजस्व (Total Revenue) में इजाफा हो रहा है तो फिर तो मान के चलिए कंपनी का कारोबार फल-फूल रहा है. अभी कंपनी एक पैमाने पर कंपनी खरी उतरी है.
स्टेप-2: अब इसके बाद कंपनी की Net Income पर नजर डालिए. अगर लगातार कंपनी की Net Income बढ़ रही है तो फिर इससे पता चल जाएगा कि कंपनी अपने सभी खर्चे को काटकर मुनाफे में चल रही है. अगर मोटा रेवेन्यू के बाद भी कंपनी की आमदनी नहीं बढ़ रही है तो फिर ऐसी कंपनी में निवेश से बचें.
स्टेप-3: उसके बाद जिस स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, उस कंपनी की संपत्ति (Assets) को भी जरूर चेक करें. अगर साल-दर-साल कंपनी की संपत्ति (Total Assets) में इजाफा हो रहा है तो, इससे साफ है कि कंपनी अपने कारोबार को विस्तार दे रही है. इसके बाद देखें कि कंपनी पर कुल कितनी देनदारी (Total Liabilities) है.
अगर Total Assets से Total Liabilities कम है तो फिर ये कह सकते हैं कि संकट में कंपनी अपने असेट्स बेचकर निवेशकों को पैसा लौट सकती है. इसलिए हमेशा Liabilities से Assets अधिक होना चाहिए. कर्ज में डूबी कंपनी में कतई निवेश न करें. (Photo: Getty Images)
निवेश के लिए कैसा है एक्सिस ब्लूचिप फंड?
बीते सात साल के दौरान इस फंड ने 14.86 फीसदी रिटर्न दिया है.
कैटेगरी और बेंचमार्क की तुलना में 10,000 रुपये की निवेश विश्लेषण करना ग्रोथ
विभिन्न अवधि में प्रदर्शन (%)
अलग-अलग अवधि में फंड ने कैसा कियाॽ
सालाना प्रदर्शन (%)
कुछ वर्षों को छोड़कर इसका प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है.
बुनियादी बातें
लॉन्च की तारीख : 5 जनवरी, 2010
श्रेणी : इक्विटी
प्रकार : लार्जकैप
औसत एयूएम : 2,233.50 करोड़ रुपये
बेंचमार्क : निफ्टी 50 टोटल रिटर्न
कितनी है एनएवी?
ग्रोथ ऑप्शन : 29 रुपये
डिविडेंड ऑप्शन : 17 रुपये
न्यूनतम निवेश: 5,000 रुपये
न्यूनतम सिप राशि : 1000 रुपये
एक्सपेंस रेशियो (%) : 2.1
एक्जिट लोड : 365 दिनों के भीतर भुनाने पर 1 फीसदी
फंड मैनेजर : श्रेयश देवलकर
अनुभव : एक साल सात महीने
शिक्षा : बीटेक, पीजीडीएम
फंड कहां करता है निवेश?
कितना जुड़ा है जोखिम?
क्या आपको खरीदना चाहिए?
इस फंड का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. स्कीम में अच्छी ग्रोथ की संभावना वाले क्वालिटी शेयरों को चुना जाता है. फंड के पोर्टफोलियो में सीमित स्टॉक हैं. बाजार में अभी कुछ चुनिंदा शेयर ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. मौजूदा स्थितियों को देखते हुए हाल में शेयरों की संख्या कम की गर्इ है. यह फंड साथ की दूसरी स्कीमों के मुकाबले गिरावट को ज्यादा कारगर तरीके से संभालने में सफल हुआ है. लंबे समय में इसके रिटर्न काफी अच्छे रहे हैं.
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