कपड़ा क्षेत्र की पीएलआई योजना में आया 1,536 करोड़ रुपये का निवेश

भारत के कपड़ा उद्योग के लिए शुरू की गई 10,683 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अब तक 1,536 करोड़ रुपये का निवेश आया है। सरकार की तरफ से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि पीएलआई योजना के लिए पात्र पाए गए 56 आवेदकों को अनुमति पत्र दे किस एसेट क्लास में निवेश दिए गए हैं। कपड़ा क्षेत्र किस एसेट क्लास में निवेश की पीएलआई योजना के लिए आवेदन इस साल एक जनवरी से 28 फरवरी के बीच आमंत्रित किए गए थे। आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘कपड़ा सचिव की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने इस योजना के लिए 64 आवेदकों को चुना। इनमें से 56 आवेदकों ने नई कंपनी बनाने की अनिवार्य शर्तों को पूरा किया है और उन्हें अनुमति पत्र जारी कर दिए गए हैं। अभी तक 1,536 करोड़ रुपये का निवेश आया है।’’ सरकार ने कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना किस एसेट क्लास में निवेश एमएमएफ परिधान, एमएमएफ कपड़ों और तकनीकी कपड़ों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 10,683 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ किस एसेट क्लास में निवेश शुरू की थी। कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि घरेलू कपास की खेती का रकबा पांच प्रतिशत बढ़कर 125.02 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि पिछले साल यह 119.10 लाख हेक्टेयर था। कपास की मशीनों से की जाने वाली खेती को प्रोत्साहन देने के लिए कस्तूरी कॉटन इंडिया ब्रांड को भी पेश किया गया है।

भारत के कपड़ा उद्योग के लिए शुरू की गई 10,683 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अब तक 1,536 करोड़ रुपये का निवेश आया है। सरकार की तरफ से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि पीएलआई योजना किस एसेट क्लास में निवेश के लिए पात्र पाए गए 56 आवेदकों को अनुमति पत्र दे दिए गए हैं। कपड़ा क्षेत्र की पीएलआई योजना के लिए आवेदन इस साल एक किस एसेट क्लास में निवेश जनवरी से 28 फरवरी के बीच आमंत्रित किए गए थे।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘कपड़ा सचिव की अध्यक्षता वाली चयन समिति किस एसेट क्लास में निवेश किस एसेट क्लास में निवेश ने इस योजना के लिए 64 आवेदकों को चुना। इनमें से 56 आवेदकों ने नई कंपनी बनाने की अनिवार्य शर्तों को पूरा किया है और उन्हें अनुमति पत्र जारी कर दिए गए हैं। अभी तक 1,536 करोड़ रुपये का निवेश आया है।’’ सरकार ने कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना एमएमएफ परिधान, एमएमएफ कपड़ों और तकनीकी कपड़ों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 10,683 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ शुरू की थी। कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि घरेलू कपास की खेती का रकबा पांच प्रतिशत बढ़कर 125.02 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि पिछले साल यह 119.10 लाख हेक्टेयर था। कपास की मशीनों से की जाने वाली खेती को प्रोत्साहन देने के लिए कस्तूरी कॉटन इंडिया ब्रांड को भी पेश किया गया है।

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