महाराष्ट्र के इस इलाके में नमी ज्यादा होना अंगूर की फसल के लिए मुफीद होता है. इस वजह से यहां किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलता है. उच्च क्वालिटी का काला अंगूर होने की वजह यहां का अंगूर कई देशों में निर्यात होता है, जिससे देश को विदेशी मुद्रा भी मिलती है.
What an Idea सरजी, अंगूर को चमदागड़ से बचाने के लिए देशी जुगाड़
सांगलीः पिछले तीन बरसों से चमगादड़ गलत वजहों से सुर्खियों में बने हुए है. कोरोना के फैलने के लिए चमगादड़ों को दोष दिया गया. बाद में इसे लेकर दुनियाभर में बहस होती रही और आखिर में कोरोना और चमदागड़ों को लेकर कोई ठोस संबंध सामने नहीं आया. अब महाराष्ट्र में एक बार फिर चमदागड़ों की चर्चा है और इस बार भी वह परेशानी की वजह बने हुए है. राज्य में बड़े पैमाने पर काले अंगूर की खेती होती है, लेकिन इस फसल पर अब चमदागड़ों की नजर लग गई है. वह रात को पूरी फसल बर्बाद कर रहे हैं. ऐसे में इस परेशानी से निजात पाने के लिए एक किसान ने जुगाड़ निकाला है, जिससे आगे चमदागड़ का हमला भी नाकाम हो रहा है.
किसान का काले अंगूर की फसल को चमदागड़ के हमले से विदेशी मुद्रा सुरक्षित है? बचाने का यह अनोखा तरीका महाराष्ट्र के सांगली जिले का है. यहां वालवा इलाके में ढाई से तीन हजार एकड़ क्षेत्र में अंगूर की खेती होती है. इसमें ज्यादातर काले अंगूर की फसल होती है.
ईरानी मुद्रा में रिकॉर्ड गिरावट, 3 लाख 95 हजार रियाल में बिका एक डॉलर
ईरानी मुद्रा रियाल में रिकॉर्ड गिरावट के लिए केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कुछ हद तक सरकार विरोधी प्रदर्शनों को ज़िम्मेदार बताया है.
ईरान की मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले सबसे निचले स्तर पर आ गई है. विदेशी मुद्रा साइट बोनबास्ट के मुताबिक़ बाज़ार में एक डॉलर 3 लाख 95 हजार रियाल तक में बिका है. इससे पहले पिछले शुक्रवार को यह एक डॉलर तीन लाख 86 हज़ार पर चल रहा था.
लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने विदेशी मुद्रा सुरक्षित है? के लिए डॉलर और सोना ख़रीदने की कोशिश कर रहे हैं.
केंद्रीय बैंक के गवर्नर अली सालेहाबादी ने माना है, “अमेरिकी प्रतिबंधों के साथ पिछले दो महीनों की घटनाओं ने ईरानी मुद्रा को कमज़ोर किया है. कमज़ोर रियाल को उठाने के लिए मार्केट में डॉलर लाया जा रहा है”
महसा अमीनी की मौत के बाद से शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद से रियाल में क़रीब 20 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मई 2018 में अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर आने और ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने से पहले देश की मुद्रा क़रीब 65 हजार प्रति डॉलर पर कारोबार कर रही थी.
प्रवर्तन निदेशालय
1. प्रवर्तन निदेशालय या ईडी एक बहुअनुशासनिक संगठन है जो आर्थिक अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए अधिदेशित है। इस निदेशालय की स्थापना 01 मई, 1956 को हुई थी, जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (फेरा,1947) के अंतर्गत विनिमय नियंत्रण विधियों के उल्लंघन को रोकने के लिए आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक प्रवर्तन इकाई का गठन का गया था। दिल्ली में अवस्थित मुख्यालय वाले इस इकाई का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशक के रूप में विधिक सेवा के एक अधिकारी द्वारा किया गया,जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से प्रतिनियुक्ति पर लिए गए एक अधिकारी और विशेष पुलिस स्थापना के 03 निरीक्षकों द्वारा सहायता प्रदान की गई थी। बंबई और कलकत्ता में इसकी 02 शाखाएँ थीं।
ईरानी मुद्रा में रिकॉर्ड गिरावट, 3 लाख 95 हजार रियाल में बिका एक डॉलर
ईरानी मुद्रा रियाल में रिकॉर्ड गिरावट के लिए केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कुछ हद तक सरकार विरोधी प्रदर्शनों को ज़िम्मेदार बताया है.
ईरान की मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले सबसे निचले स्तर पर आ गई है. विदेशी मुद्रा साइट बोनबास्ट के मुताबिक़ बाज़ार में एक डॉलर 3 लाख 95 हजार रियाल तक में बिका है. इससे पहले पिछले शुक्रवार को यह एक डॉलर तीन लाख 86 हज़ार पर चल रहा था.
लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने के लिए डॉलर और सोना ख़रीदने की कोशिश कर रहे हैं.
केंद्रीय बैंक के गवर्नर अली सालेहाबादी ने माना है, “अमेरिकी प्रतिबंधों के साथ पिछले दो महीनों की घटनाओं ने ईरानी मुद्रा को कमज़ोर किया है. कमज़ोर रियाल को उठाने के लिए मार्केट में डॉलर लाया जा रहा है”
महसा अमीनी की मौत के बाद से शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद से रियाल में क़रीब 20 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मई 2018 में अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर आने और ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने से पहले देश की मुद्रा क़रीब 65 विदेशी मुद्रा सुरक्षित है? हजार प्रति डॉलर पर कारोबार कर रही थी.
Kanpur: यूपी में सपा के विधायक इरफान सोलंकी फंसे, कानपुर में बांग्लादेशियों को भारतीय पासपोर्ट और दस्तावेज दिलाने का आरोप
अवैध तौर पर देश में घुसे बांग्लादेशियों को फर्जी तौर पर नागरिकता दिलाने में यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी फंस गए हैं। इरफान सोलंकी पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेशियों को भारत का नागरिक बताते हुए अपने लेटरहेड पर आधार और अन्य सरकारी दस्तावेज देने की संस्तुति की।
December 12, 2022
कानपुर। अवैध तौर पर देश में घुसे बांग्लादेशियों को फर्जी तौर पर नागरिकता दिलाने में यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी फंस गए हैं। एक अन्य मामले में जेल में बंद इरफान सोलंकी पर ताजा आरोप ये है कि उन्होंने बांग्लादेशियों को भारत का नागरिक बताते हुए अपने सरकारी लेटरहेड पर आधार और अन्य सरकारी दस्तावेज देने की संस्तुति की। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने रविवार को मूलगंज थाना क्षेत्र से कई बांग्लादेशियों को पकड़ा था। जिसके बाद इरफान सोलंकी पर आरोप लगा है। गिरफ्तार लोगों में एक शख्स, उसकी पत्नी, बुजुर्ग ससुर और दो बच्चे हैं। इनके पास से फर्जी भारतीय पासपोर्ट, बांग्लादेश का पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज के साथ नागरिक होने के तौर पर इरफान सोलंकी विदेशी मुद्रा सुरक्षित है? का दिया पत्र भी मिला है। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से 14 लाख से ज्यादा की नकदी भी बरामद की है।
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