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Money Making Idea: इस तरह बनाएं निवेश की रणनीति, मिलेगा शानदार रिटर्न और होंगे सभी सपने पूरे

Money Making Idea:अगर, लॉन्ग टर्म इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो अपने पोर्टफोलियो में 50 से 55 फीसदी इक्विटी शामिल करें।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: August 25, 2022 14:35 IST

Money Making Idea - India TV Hindi

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Highlights

  • इक्विटी में ब्‍लूचिप कंपनियों के शेयर खरीदें
  • पहले किए हुए इन्वेस्टमेंट को रिव्यू करें
  • फोर्टफोलियो बनाने के लिए सही प्‍लानिंग करें

Money Making Idea: किसी भी इंसान के लिए पैसे कमाना ही काफी नहीं है। उसे पैसे को सही जगह निवेश करना भी जरूरी है। अगर आपको निवेश की सही रणनीति नहीं पता है तो आप अपने सपने को पूरा करने से चूक जाते हैं। आज हम आपको सही निवेश के तरीके बता रहे हैं। इनको फाॅलो कर आप आसानी से अपने निवेश पर बंपर रिटर्न ले पाएंगे। साथ ही समय से पहले अपने सभी सपने को पूरा कर लेंगे।

इस तरह बनाएं पोर्टफोलियो

अगर, लॉन्ग टर्म निवेश की रणनीति इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो अपने पोर्टफोलियो में 50 से 55 फीसदी इक्विटी शामिल करें। इक्विटी में ब्‍लूचिप कंपनियों के शेयर खरीदें। इक्विटी को पोर्टफोलियो में शामिल करने का फायदा शेयर मार्केट की रैली में मिलेगा। इन्वेस्टर इक्विटी के अलावा 40 से 45 फीसदी इन्वेस्ट डेट म्युचुअल फंड, 5 साल के लिए फि़क्स्ड डिपॉजिट, स्मॉल सेविंग की कुछ स्कीम्स में निवेश कर अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस कर सकते हैं। इस तरह का पोर्टपोलियो रिस्क फ्री के साथ ही बेहतर रिटर्न दिलाने में मददगार होगा।

इन्वेस्टमेंट को रिव्यू करें

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आप पहले किए हुए इन्वेस्टमेंट को रिव्यू करें। पिछले इन्वेस्टमेंट का प्रर्दशन कैसा रहा है? क्‍या आपके फाइनेंशियल गोल्स हुए? कौन से इन्वेस्टमेंट ने बेहतर रिटर्न दिया और किसने नहीं दिया? ऐसा कर आप इन्वेस्टमेंट फोर्टफोलियो बनाने के लिए सही प्‍लानिंग कर सकते हैं।

स्मॉल सेविंग स्कीम्स अभी भी आकर्षक

सरकार द्वारा स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती के बावजूद अभी भी यह निवेश के लिए आकर्षक है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए प्‍लानिंग कर रहे हैं तो उसको लार्ज कैप शेयरों की हिस्‍सेदारी अपने पोर्टफोलियो में अधिक शामिल करनी चाहिए। इक्विटी में लार्ज कैप शेयरों की हिस्‍सेदारी 40 से 50 फीसदी तक होनी चाहिए। इसके साथ स्मॉल सेविंग स्कीम्स के टूल्स पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटीजन स्कीम, फि़क्स्ड डिपॉजिट, डेट म्युचुअल फंड आदि को भी शामिल करना चाहिए। इक्विटी का रेश्‍यो पोर्टफोलियो में 50 फीसदी के आसपास निवेश की रणनीति हो सकता है। हालांकि, इसके लिए लार्ज कैप कंपनियों के शेयर लेना सही होगा। अगर, इन्वेस्टर रिस्क लेना चाहता है तो मिड कैप कंपनियों के शेयर का चुनाव कर सकता है।

मौजूदा निवेश रणनीति से अगले दो दशक तक जारी रह सकती है 8% की तेज ग्रोथ: रेल मंत्री

केंद्रीय मंत्री के अनुसार इस तेज ग्रोथ से हर साल 1 से 1.5 करोड़ नये रोजगार दिये जा सकेंगे औरहर साल 3 से साढ़े 3 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा.

मौजूदा निवेश रणनीति से अगले दो दशक तक जारी रह सकती है 8% की तेज ग्रोथ: रेल मंत्री

सरकार की मौजूदा पूंजी निवेश रणनीति से भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) अगले दो दशक में लगातार 8 प्रतिशत की ग्रोथ (GDP Growth) बनाए रख सकती है. ये भरोसा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया है. केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक सरकार की पूंजी निवेश (capital investment) रणनीति से विकास दर को न केवल निरंतरता के साथ रफ्तार दी जा सकेगी साथ ही इसकी मदद से हर साल 1.5 करोड़ नौकरियां मिलेंगी और 3.5 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा. रेल मंत्री ने ये बात एसोचैम की सालाना बैठक में कही. उन्होने कहा कि सरकार ने बजट में अगले 5 साल के लिये कैपिटल इनवेस्टमेंट का स्तर जीडीपी के 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.

निवेश बढ़ने से तेज होगी ग्रोथ

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अगर हम कैपिटल इनवेस्टमेंट की रणनीति को अगले 5 से 6 साल और जारी रखते हैं तो हम अगले 20 सालों में 8 प्रतिशत की निरंतर ग्रोथ हासिल कर सकते हैं. इस ग्रोथ का मतलब होगा कि हम हर साल 1 से 1.5 करोड़ नये रोजगार दे सकेंगे और साथ ही हर साल 3 से साढ़े 3 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा. इस रणनीति की मदद से हम अपने समाज में काफी बड़ा बदलाव ला सकेंगे. मंत्री ने कहा कि काफी समय से हम खपत आधारित अर्थव्यवस्था रहे हैं और अब प्रधानमंत्री ने कई बड़े अर्थशास्त्रियों की अनिच्छा के बावजूद पूंजी निवेश बढ़ाने का रास्ता अपनाया है. केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बड़े अर्थशास्त्रियों की सलाहों पर चल रही थीं और अब वो बुरी स्थिति में हैं. हालांकि देश की सरकार ने अब निवेश, सीमित खर्च, सुधार और निजी कंपनियों को प्रोत्साहन का रास्ता अपनाया है. अमेरिका जापान, चीन और साउथ कोरिया पूंजी निवेश की इसी राह पर लगातार चल रहे हैं.

सरकार का पूंजी निवेश बढ़ाने पर फोकस

केन्द्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2021 के अंत तक देश की नॉमिनल जीडीपी 198 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर थी. जिसे बढ़ाकर 225 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य था. 198 लाख करोड़ रुपये में से करीब 116 लाख करोड़ रुपये खपत के जरिये आया था जो कि जीडीपी का 59 प्रतिशत है और 53 लाख करोड़ रुपये निवेश से आया था जो कि जीडीपी का 27 प्रतिशत है.सरकार ने यह विश्लेषण करने के बाद कि उसकी देनदारी सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 60 प्रतिशत है, पूंजी निवेश बढ़ाने का फैसला किया. पिछले साल के बजट में 5.5 लाख करोड़ रुपये पूंजी निवेश का फैसला लिया गया था उनके मुताबिक पिछले साल नॉमिनल जीडीपी 225 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर 232 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूंजी निवेश का असर अब दिख रहा है इसी वजह से सरकार ने अब पूंजी निवेश का स्तर बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में 22.5 लाख करोड़ रुपये जुड़ने का अनुमान है.

काम की बात: बाजार की गिरावट में भी सही रणनीति बनाकर कर सकते हैं कमाई, इन 7 बातों का रखें ध्यान

इस हफ्ते शेयर मार्केट में 2943 पॉइंट्स यानी 5.41% की गिरावट देखी गई। इस गिरावट से निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है। हालांकि एक्सपर्ट्स के अनुसार इस गिरावट में सही स्ट्रैटेजी आपको अच्छा पैसा कमा के दे सकती है। हम आपको ऐसी 7 बातों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप बाजार की गिरावट में पैसा कमा सकते हैं।

अनुशासन बनाए रखें
पोर्टफोलियो में नाटकीय रूप से बदलाव करते रहने से जोखिम बढ़ता है। ऐसी आदत लंबी अवधि के लक्ष्यों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। बेहतर होगा कि बाजार में फौरी उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करें और अनुशासन बनाए रखें। यदि पोर्टफोलियो में बदलाव जरूरी लगे तो छोटे-छोटे बदलाव करें।

SIP के जरिए करें निवेश
शेयर बाजार अपने ऊपरी स्तरों से काफी गिर गया है, लेकिन फिर भी यदि निवेशक अभी निवेश करना चाह रहे हों तो उन्हें एक मुश्त निवेश करने की बजाय किस्तों में करना चाहिए। इससे शेयर बाजार से संबंधित उतार चढ़ाव का जोखिम थोड़ा कम हो जाता है। आप थोड़ा संयम रखकर गिरते बाजार में भी फायदा कमा सकते हैं।

घबराहट में निर्णय न लें
हमेशा याद रखें कि अर्थव्यवस्था और बाजार का मिजाज चक्रीय होता है। जिस तरह तेजी का दौर आता है, वैसा ही गिरावट का दौर भी बन सकता है। जाहिर है, गिरावट वाले दौर में घबराकर बिकवाली करना अच्छी रणनीति नहीं होगी। अच्छे शेयर अक्सर लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता लाएं
पोर्टफोलियो में विविधता अस्थिर बाजार में निवेश की वैल्यू स्थिर रखने का अच्छा तरीका है। विविधता का मतलब है जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से अलग-अलग एसेट में निवेश का बंटवारा करना। इसका फायदा यह है कि यदि एक एसेट (जैसे इक्विटी) में गिरावट आ रही हो तो उसी समय किसी दूसरे एसेट (जैसे सोने) में तेजी नुकसान को कम कर देगी।

निवेश को ट्रैक करते रहें
जब आप कई तरह के एसेट में निवेश करते हैं, तो हो सकता है कि सभी निवेश को नियमित रूप से ट्रैक नहीं कर रहे हों। ऐसे में बाजार का रुझान बदलने पर सटीक प्रतिक्रिया देना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए यदि आप अपने निवेश को ट्रैक नहीं कर पा रहें तो एक विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार की मदद लें।

नुकसान में न बेचें शेयर
उतार चढ़ाव शेयर बाजार का स्वभाव है। निवेशकों को शेयर बाजार में आई गिरावट से घबराना नहीं चाहिए। अगर आपने शेयर बाजार में पैसा लगा रखा है और इसमें आपको अभी नुकसान हुआ है तो भी आपको नुकसान में अपने शेयर बेचने से बचना चाहिए। क्योंकि लॉन्ग टर्म में मार्केट में रिकवरी की उम्मीद है। ऐसे में अगर आप अपने शेयर्स को लम्बे समय के लिए होल्ड करते हैं तो आपको नुकसान होने की उम्मीद कम हो जाएगी।

स्टॉक बास्केट रहेगी सही
आज कल स्टॉक बास्केट का कॉन्सेप्ट चल रहा है। इसके तहत आप शेयर्स का एक बास्केट बनाते हैं और अपने सभी शेयर्स में निवेश करते हैं। यानी अगर आप इस 5 शेयर्स में कुल 25 हजार निवेश करना चाहते हैं तो सभी में 5-5 हजार रुपए लगा सकते हैं। इससे जोखिम कम हो जाता है।

पैसों को कई जगह पर लगाएं: बाजार की अस्थिरता में मल्टी असेट फंड करते हैं मदद, जानिए कैसे निवेश कर सकते हैं

2020 और 2021 शेयर बाजार निवेशकों के लिए काफी अलग साल थे। एक ऐसा समय जहां बाजार आगे की ओर बढ़ रहे थे और पैसा कमाना काफी आसान लग रहा था। जरूरत थी तो बस निवेश करने की। इक्विटी न केवल निवेशकों के पसंदीदा असेट क्लास के रूप में उभरी, बल्कि कई तो कुछ ज्यादा ही पैसा शेयर बाजार में लगा डाले।

अब पुरानी रणनीति कामयाब नहीं है

हालांकि अब 2022 में वह रणनीति कामयाब होती नहीं दिख रही है। इक्विटी बाजार अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से काफी नीचे हैं। बाजार में अस्थिरता हावी हो गई है। कई लोगों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि अलोकेशन में विविधीकरण या डायवर्सिफिकेशन कितना जरूरी होता है। निवेश के समय, विविधीकरण बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए अब एक मल्टी-असेट की रणनीति सफल निवेश की कुंजी बन गई है।

मल्टी असेट कई क्लास में निवेश करते हैं

ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के जोनल हेड (उत्तर भारत) पंकज जवांजल कहते हैं कि सीधे शब्दों में कहें तो मल्टी-असेट निवेश में इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, कैश और सोने जैसे विभिन्न असेट क्लासों में निवेश करना शामिल है। अलग-अलग आर्थिक और बाजार की परिस्थितियों में विभिन्न असेट क्लास अलग-अलग व्यवहार करते हैं।

सबका अपना एक समय होता है

वे कहते हैं कि प्रत्येक असेट क्लास का प्रदर्शन करने का अपना एक समय होता है। विविधीकृत होने से निवेशकों को बाजार के विभिन्न चक्रों से लाभ उठाने में मदद मिलती है। विविधीकृत का मतलब कई सेक्टर्स या असेट में निवेश करने से है। इसके अलावा, मल्टी-असेट निवेश पोर्टफोलियो की अस्थिरता को रोकने में मदद कर सकता है।

जवांजल कहते हैं कि एक असेट क्लास में गिरावट संभावित रूप से दूसरे असेट क्लास में तेजी से संतुलित हो निवेश की रणनीति सकती है। लंबी अवधि के दौरान, पोर्टफोलियो को जोखिम से मुक्त करने के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है।

साल की शुरुआत में अनुमान लगाना मुश्किल

जब निवेश की बात आती है, तो किसी भी फाइनेंशियल वर्ष की शुरुआत में, कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता है कि उस वर्ष कौन सा असेट क्लास बेहतर प्रदर्शन करेगा। अधिक से अधिक, एक व्यक्ति जो कर सकता है वह एक ठीक-ठाक अनुमान लगा सकता है। यह एक खेल की शुरुआत में विजेता का अनुमान लगाने जैसा है।

फीफा में भी विजेता बदलते रहते हैं

फीफा विश्व कप विजेता हो या असेट क्लास, विजेता हर साल बदलते रहते हैं। पिछले पांच फीफा विश्व कप में, पांच अलग-अलग देशों ने कप जीता है। 2002 में ब्राजील, 2006 में इटली, 2010 में स्पेन, 2014 में जर्मनी और 2018 में फ्रांस। इसी तरह भारतीय शेयर बाजार ने 2012 में निवेश की रणनीति उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, लेकिन 2013 का साल ग्लोबल इक्विटी का रहा।

2014 दोनों के लिए अच्छा था

भारतीय इक्विटी और फिक्स्ड इनकम के लिए 2014 एक अच्छा साल था। भारत के फिक्स्ड इनकम रिटर्न ने 2015 में कई देशों को पीछे छोड़ दिया। इंडिया इक्विटी ने 2017 में वापसी की और 2018 में लड़खड़ा गई। इसके बजाय, 2018 में सोने ने अच्छा प्रदर्शन किया। 2019 में ग्लोबल इक्विटी और गोल्ड दोनों प्रभावित हुए।

अनुमान लगाना संभव नही है

इससे यह स्पष्ट रूप से दिखता है कि निवेशकों के लिए यह अनुमान लगाना संभव नहीं है कि प्रत्येक असेट क्लास साल-दर-साल आधार पर कैसा प्रदर्शन करेगी। न ही निवेशकों को इस तरह की कवायद में शामिल होना चाहिए। इसे टालने का सबसे आसान विकल्प एक अच्छे मल्टी-असेट पोर्टफोलियो के माध्यम से कई असेट क्लास में निवेश करना है।

मल्टी असेट निवेश के लिए अच्छे साधन

जवांजल कहते हैं कि अपनी विविध कैटेगरी के साथ म्यूचुअल फंड मल्टी-असेट निवेश के लिए अच्छे साधन हो सकते हैं। मल्टी-असेट अलोकेशन फंड या फंड ऑफ फंड्स, जिसमें विभिन्न असेट क्लास में निवेश किया जाता है। जैसे कि आम तौर पर इक्विटी (घरेलू और वैश्विक), फिक्स्ड इनकम, सोना और कैश और कुछ मामलों में, इनविट (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और Reit (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) भी शामिल होते हैं।

कई असेट क्लास में निवेश की सुविधा

एक फंड के माध्यम से कई असेट क्लास में निवेश करने की सुविधा मिलती है। एक सफल मल्टी असेट रणनीति के प्रबंधन के लिए व्यावहारिक रूप से सभी निवेश के कौशल की जरूरत होती है। व्यक्तिगत असेट क्लास से लेकर स्टॉक सिलेक्शन और ओवरऑल स्तर पर असेट अलोकेशन तक इसकी जरूरत होती है। निवेश की रणनीति चूंकि ऐसा करने के लिए कई स्किल सेट की आवश्यकता होती है जो शायद ही कभी एक व्यक्ति में पाए जाते हैं, इसलिए फंड हाउस इन्हें प्रबंधित करने के लिए कई विशेषज्ञ की टीम नियुक्त करते हैं। यह सब बहुत कम लागत पर उपलब्ध होता है।

एक्सपेंस रेशियो काफी कम

उदाहरण के लिए, ICICI प्रूडेंशियल पैसिव मल्टी असेट फंड ऑफ फंड (FoF) का एक्सपेंस रेशियो अधिकतम 1% तक है। जनवरी महीने के अंत तक, पोर्टफोलियो का निवेश घरेलू इक्विटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में 27.9%, विदेशी ETF में 25%, घरेलू डेट ETF में 34.3%, गोल्ड ETF में 4.1% और शॉर्ट टर्म डेट में 8.7% था।

पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में मदद

मल्टी-असेट निवेश का उद्देश्य निवेशकों को पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में मदद करना है। अंत में, मल्टी-असेट इन्वेस्टमेंट निवेशकों को रिस्क और अपेक्षाकृत सुरक्षित संपत्ति (relatively safer aset) दोनों के लिए धन आवंटित करके, रिवार्ड के साथ रिस्क को संतुलित करने में सक्षम बनाता है। साथ ही, एक निवेशक के नजरिए से, यह निवेश प्रक्रिया को आसान भी करता है। निवेशकों को अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मल्टी-असेट निवेश के लाभों को पहचानना अच्छा होगा।

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