2- पोर्टफोलियों कैसा होना चाहिए
अक्सर हम देखते हैं कि निवेशक या तो अपने पोर्टपोलियो में विविधता नहीं रखते या फिर अत्यअधिक विविधता कर लेते हैं. जबकि इन दोनों के बीच संतुलन रखना सबसे महत्वपूर्ण है. जैसे मान लीजिए आपके पास दस शेयर हैं और आपने किसी एक या दो सेक्टर के ही सारे शेयर ले रखें हैं. इससे बचना चाहिए. दस में से दो बैंकिंग सेक्टर, दो मेटल सेक्टर, दो फार्मा सेक्टर, दो टेक सेक्टर इस तरह से पोर्टफोलियों में विविधता रखनी चाहिए. ज्यादा संख्या में भी शेयर रखने से बचना चाहिए. इसलिए जोखिम से बचने के लिए एक संतुलित वाली पोर्टफोलियों रखें.
शेयर बाजार शॉर्ट टर्म में भारी उतार-चढ़ाव के जोखिमों से भरा है, क्या करें निवेशक!
अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 तक लगातार 16 महीनों तक भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली करने के बाद FII पहली बार अगस्त में निर्णायक तौर पर खरीदार बनकर उभरे हैं
भुवन भास्कर
शेयर बाजार में ट्रेडिंग जोखिमों से भरा है। इस बात की गवाही कोई भी ट्रेडर दे सकता है। शुक्रवार 16 सितंबर को सेंसेक्स और निफ्टी 2-2% गिरे थे। इसके बाद सोमवार को भी बाजार में बड़ी गिरावट रही। सोमवार को शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट रही। सेंसेक्स 953 अंक यानि 1.64% टूटकर 57,145.22 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 311.05 अंक यानि 1.80% गिरकर 17000 के मनोवैज्ञानिक लेवल से ऊपर 17.016.30 पर बंद होने में कामयाब रहा।
मुद्दा था पिछले हफ्ते होने वाली अमेरिकी फेड की मीटिंग, जिसमें ब्याज दरें 75 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ने की संभावना थी। फिर जब मंगलवार की रात को वास्तव में यह फैसला होना था, उससे पहले दो दिनों के सत्र में सूचकांकों ने शुक्रवार को हुई लगभग सारी एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार गिरावट को पाट लिया। शुक्रवार को 1.94% की गिरावट दर्ज करने वाला निफ्टी सोमवार और मंगलवार को 1.6% चढ़ चुका था। और मंगलावर की रात को फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि के बाद डाओ जोंस 500 अंकों से ज्यादा गिरकर बंद हुआ था। लेकिन बुधवार को जब भारतीय बाजार खुले, तो उनमें मामूली गिरावट दिखी। वृहस्पतिवार को बाजार हालांकि गिरकर बंद हुए लेकिन निफ्टी की क्लोजिंग अपने ओपनिंग लेवल से 20 प्वाइंट ऊपर थी। यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो निफ्टी-सेंसेक्स पर फेडरल रिजर्व के फैसले का कोई असर नहीं पड़ा।
बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बीच शेयर मार्केट में इन 10 बातों का रखें ध्यान, नुकसान से बचेंगे और फायदे में रहेंगे
शेयर बाजार लॉन्ग टर्म के लिए निवेश की बेहतर जगहों में से एक है न कि जुआ घर. मजबूत कंपनी में निवेश करिए और लंबे समय या मध्यम अवधि के लिए अच्छा रिटर्न पाइए.
शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार काफी नुकसान उठाना पड़ता है. कि . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 28, 2022, 08:05 IST
Investment Tips: रूस-यूक्रेन संकट के बीच दुनिया भर के शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव चल रहा है. भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल जारी है. इन सबके बीच निवेशक सोच रहे हैं कि कहां और कैसे निवेश करें. किन गलतियों से बचें और क्या करें ? खासतौर से कोरोना के बाद कोरोड़ों की संख्या में नए डिमैट अकाउंट खुले हैं. इन नए निवेशकों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. किसी निवेशक को कुछ बुनियादी बातों को जरूर सीखना चाहिए और सामान्य सी गलतियां करने से बचना चाहिए.
Best Investment Options : जानिए बीते एक साल में सोना, चांदी, एफडी, शेयर मार्केट और बिटकॉइन में से किसने दिया सबसे अधिक रिटर्न
जानिए सोना, चांदी, एफडी, निफ्टी और बिटकॉइन से निवेशकों को कितना मिला रिटर्न
- एक साल पहले 15,869 अंक पर था निफ्टी50
- 18 अक्टूबर 2021 को 18,477 अंक तक गया था निफ्टी50
- बिटकॉइन की कीमत एक साल में 12,98,099 रुपये घटी
- बीते एक साल में चांदी ने दिया काफी नकारात्मक रिटर्न
एक एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार साल पहले के निफ्टी के स्तर की बात करें, तो 15 एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार जून 2021 को यह 15,869 अंक पर था। इसके बाद इसमें भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला। 18 अक्टूबर 2021 को उच्च स्तर 18,477 अंक तक गया था। आज 15 जून 2022 को निफ्टी टूटकर 15,726 अंक पर आ गया है। इस तरह एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार बीते एक साल में निफ्टी में 143 अंक की मामूली गिरावट आई है। इस तरह निफ्टी को शेयर बाजार का बेंचमार्क मानते हुए हम कह सकते हैं कि बीते एक साल में शेयर बाजार में रिटर्न नहीं के बराबर रहा है, उल्टा मामूली नुकसान ही हुआ। यह बताता है कि अगर आपने एक साल पहले शेयर बाजार में एक लाख रुपये लगाए हैं, तो वे आज घटकर 99,100 रुपये रह गए।
शेयर बाजार पर लोलापालूजा इफेक्ट, नुकसान से बचने को क्या करें निवेशक?
शेयर मार्केट (Share Market) पर एक एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार साथ कई फैक्टर असर डाल रहे हैं. इसी कारण शेयर बाजार हिचकोले खा रहा है.
शेयर मार्केट (Share Market) पर एक साथ कई फैक्टर असर डाल रहे हैं. इसी कारण शेयर बाजार हिचकोले खा रहा है. ब्रोकरेज फर्म . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 22, 2022, 12:39 IST
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार साल 2022 में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव वाला रहा है. इस तिमाही में स्टॉक मार्केट में जितना अप-डाउन हुआ है, उतना शायद पहले किसी तिमाही में नहीं हुआ है. शेयर बाजार एक दिन ऊपर जाता है तो अगले ही दिन औंधे मुंह गिर जाता है. जनवरी, 2022 में निफ्टी 18,300 पर पहुंच गया तो मार्च में यह 15,800 एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार पर आ गया.
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने शेयर बाजार में एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार आ रहे इस उतार-चढ़ाव के लिए लोलापालूजा इफेक्ट को जिम्मेदार बताया है. लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोतीलाल ओसवाल के एमडी एवं सीईओ आशीष शंकर कहना है कि मार्केट पर एक साथ कई फैक्टर असर डाल रहे हैं. इसी कारण शेयर बाजार हिचकोले खा रहा है.
भारतीय बाजार को सुरक्षित मान रहे विदेशी निवेशक: चीनी शेयर बाजार में गिरावट का फायदा यहां के बाजार को मिला
इस साल दुनियाभर के बाजारों में भारी गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजार सेफ हैवन यानी निवेश के लिहाज से सुरक्षित माने जा रहे हैं। घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन अन्य बाजारों से बेहतर रहने का अनुमान है। दिसंबर 2022 सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।
दरअसल विदेशी निवेशकों की वापसी बाजार को रफ्तार दे रही है। इस बीच बाजार में नए रिटेल निवेशकों का आना जारी है। भारतीय बाजार को चीनी शेयर बाजार में गिरावट का फायदा मिला है। ग्लोबल फंडों ने अक्टूबर में चीन में बिकवाली करके भारतीय बाजार में पैसा लगाया।
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 250 करोड़ डॉलर लगाए
इस तिमाही अब तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में करीब 250 करोड़ डॉलर (20.34 हजार करोड़ रुपए) लगा चुके हैं। पिछली तिमाही उन्होंने 600 करोड़ डॉलर (48.83 हजार करोड़ रुपए) निकाले थे।
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