Share Bazaar LIVE: जानिए December 08, 2021 के लिए प्रोफिटेबल ट्रेडिंग की ट्रिक्स

ज़ी बिज़नेस का यह सेगमेंट आपके लिए शेयर बाज़ार के ताजा अपडेट लाता है। यहां एक्सपर्ट्स विभिन्न शेयरों में क्या करना चाहिए, इसके बारे में सलाह देते हैं ताकि इंवेस्टर सबसे अधिक लाभ उठा सकें.

GST: देश में जीएसटी की होनी चाहिए एक मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? दर, बोले PMEAC के चेयरमैन बिबेक देबरॉय

GST पीएमइएसी के चेयरमैन बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? ने एक इवेंट में कहा कि देश में सिंगल रेट जीएसटी (GST) होना चाहिए। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे किसी भी तरह से पीएमइएसी की सिफारिश नहीं मानना चाहिए।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल (PMEAC) के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने सोमवार को कहा कि भारत में सिंगल रेट जीएसटी होना चाहिए। मौजूदा समय में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वसूला जाने वाला टैक्स जीडीपी का 15 प्रतिशत है, जबकि सरकार के द्वारा पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया जाने व्यय इससे अधिक है।

देबरॉय ने एक समारोह के दौरान जीएसटी पर कहा कि पूरे देश में जीएसटी की एक ही दर होनी चाहिए, लेकिन मुझे नहीं लगता कि कम कभी इसे प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमें उत्पादों की परवाह किए बिना सभी पर समान टैक्स लगाना चाहिए। अगर इस बदलाव की शुरुआत करनी है, तो सबसे पहले प्रत्यक्ष करों से होनी चाहिए, न कि जीएसटी या अप्रत्यक्ष कर से।

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PMEAC की सिफारिश नहीं

देबरॉय स्पष्ट किया कि उनके भाषण को पीएमइएसी की सिफारिश को नहीं माना जाना चाहिए। देश में टैक्स की चोरी करना गैरकानूनी है, लेकिन टैक्स छूट के प्रावधानों का उपयोग कर बोझ को कम करना वैध है। हमें इन टैक्स छूट की आवश्यकता क्यों है? अधिक टैक्स छूट होने के कारण टैक्स कैलकुलेशन करना कठिन मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? होता है। देश में सभी टैक्स छूट के बिना टैक्स कैलकुलेशन करने का सरल मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? सिस्टम क्यों नहीं है।

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GST लागू होने के बाद RNR हुआ कम

इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट अनुसार, जीएसटी शुरू होने के बाद रेवेन्यू न्यूट्रल रेट (RNR) 17 प्रतिशत था, जो कि औसत 11.5 प्रतिशत पर आ गया है। देबरॉय ने कहा कि पिछले कुछ सालों में आरएनआर 5.5 प्रतिशत गिरने के पीछे का कारण टैक्स में दी जाने वाली छूट है।

Charu Asopa Divorce: भाई-भाभी के तलाक पर आखिर क्यों चुप है सुष्मिता मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? सेन? हैरान कर देने वाली वजह आई सामने

Rajeev Sen: भाई राजीव सेन और भाभी चारू असोपा के तलाक की खबरों पर अभी तक एक्ट्रेस सुष्मिता सेन का कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो वो चारू के साथ एक खास बॉन्ड शेयर करती हैं.

By: ABP Live | Updated at : 03 Nov 2022 10:34 AM (IST)

जानिए भाई-भाभी के तलाक पर क्यों चुप है सुष्मिता सेन

Charu मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? Asopa-Rajeev Sen: टीवी एक्ट्रेस चारू असोपा (Charu Asopa) और राजीव सेन (Rajeev Sen) के तलाक की खबरें एक बार फिर सुर्खियों में बनी हुई हैं. एक्ट्रेस ने अपने पति राजीव पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए है. उन्होंने कहा कि, प्रेग्नेंसी के दौरान राजीव मुझे धोखा दे रहे थे. वहीं राजीव ने चारू की बात पर पलटवार करते हुए कहा कि, लाई डिटेक्टर टेस्ट होना चाहिए क्योंकि चारू बहुत बकवास बातें कर रही हैं. इसी बाच एक और बात है जो सभी का ध्यान खींच रही है. दरअसल इस मामले में अभी तक राजीव सेन की बहन और बॉलीवुड की फेमस अदाकारा सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) का कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है. ऐसे में फैंस समझ नहीं पा रहे हैं कि कौन सही और कौन गलत हो सकता है.

सुष्मिता नहीं चाहतीं किसी बात का मुद्दा बने

वहीं अब इस मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? मामले में बॉलीवुड लाइफ की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सुष्मिता इस मामले से इसलिए दूर है क्योंकि वो इस गंदगी में नहीं पड़ना चाहतीं. वो जानती है कि उनका कोई भी रिएक्शन आग में घी की तरह काम करेगा. वो अभी बहुत बिजी भी चल रही है इसलिए इस मामले से दूरी बनाए हुए है. लेकिन इससे ये साबित नहीं होता कि वो अपने भाई और भाभी चारू की परवाह नहीं करती’.

सौरभ मुखर्जिया से जाने स्‍टॉक खरीदने से पहले किन बातों का रखें ख्‍याल

हम शायद ही किसी कंपनी में निवेश के वक्त उसके शेयर के भाव पर नजर डालते हैं. हमारा फोकस तीन चीजों पर होता है.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - October 16, 2021 / 03:48 PM IST

सौरभ मुखर्जिया से जाने स्‍टॉक खरीदने से पहले किन बातों का रखें ख्‍याल

हमारे सभी निवेश गहन विश्लेषण पर आधारित हैं. हमारे निवेश गुजरे 10-15 साल की एनुअल रिपोर्ट्स को पढ़ने के बाद तय होते मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? हैं

Stock Market: सौरभ मुखर्जिया वैसे तो इनवेस्टमेंट मैनेजर हैं लेकिन, उनकी नजर एक डिटेक्टिव जैसी है. वे लिस्टेड फर्मों में संदेहास्पद गतिविधियों को सूंघने में माहिर हैं. उनका मानना है कि खराब अकाउंटिंग स्टैंडर्ड इनवेस्टर्स की वेल्थ के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक साबित होते हैं. ब्योरे जुटाने और खातों को जांचने के लिए फोरेंसिक एप्रोच उनकी पहचान है. इसकी वजह से उन्हें कई दफा धमकी भरे कॉल्स भी आ चुके हैं. लेकिन, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) के स्टूडेंट रह चुके मुखर्जिया इन सबसे बेपरवाह हैं.

करीब आठ साल तक वे एंबिट कैपिटल के इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के हेड रहे. इसके बाद उन्होंने मर्सीलस इनवेस्टमेंट मैनेजर्स के नाम से अपनी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज शुरू मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? कर दी.

अपनी काबिलियत के बूते उनके PMS ने 25% सालाना की कंपाउंडिंग ग्रोथ हासिल की है. मनी9 को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने इनवेस्टर्स को ट्रेडिंग की ट्रिक्स बताई हैं. पेश हैं इंटरव्यू के अंशः

किसी स्टॉक को चुनने के पीछे आपकी सोच होती है?

मर्सीलस में हम तीन मुख्य आधारों पर किसी स्टॉक का चुनाव करते हैं. 1. कंपनी के खाते क्लीन हों. 2. कंपनी ऐसे उत्पाद या सेवाएं बेच रही हो जो कि भारत की 1.4 अरब आबादी के लिए जरूरी हों. 3. कंपनी बिना किसी चुनौती के लिए मार्केट में कामकाज कर रही हो. इस लिहाज से मैं हमारे पोर्टफोलियो में मौजूद नेस्ले और पिडिलाइट का उदाहरण दे सकता हूं.

इन्वेस्टमेंट के लिए सही मौके का आकलन आप कैसे करते हैं?

हमारे सभी निवेश गहन विश्लेषण पर आधारित हैं. हमारे निवेश गुजरे 10-15 साल की एनुअल रिपोर्ट्स को पढ़ने के बाद तय होते हैं. इसके बाद 30-40 विचार-विमर्श कस्टमर्स, सप्लायर्स, पूर्व-एंप्लॉयीज और कंपनी के प्रतिस्पर्धियों से होता है. आखिर में हम कुछ घंटे कंपनी के मैनेजमेंट से चर्चा करते हैं कि वे किस दिशा में कंपनी को ले जाना चाहते हैं.

आप ऐसे स्टॉक्स को कैसे होल्ड करते हैं जो मल्टीबैगर हो चुका होता है?

हम शायद ही किसी कंपनी में निवेश के वक्त उसके शेयर के भाव पर नजर डालते हैं. हमारा फोकस तीन चीजों पर होता है. 1. प्रमोटर का मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? व्यवहार कैसा है- क्या वह फालतू की चीजें कर रहा है? क्या वह समझदारी मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? से फैसले ले रहा है या जल्दबाजी में है? क्या वह आलसी है या परिश्रमी है? 2. उत्पाद की डिमांड- क्या ये बनी हुई है या कमजोर पड़ रही है? क्या इसके विकल्प आ रहे हैं? 3. उत्तराधिकार योजना- क्या कंपनी अगली पीढ़ी के लीडर्स तैयार कर रही है? या एक एक पारिवारिक बिजनेस है जहां काबिलियत की कोई परवाह नहीं होती है.

मर्सीलस में आमतौर पर स्टॉक होल्ड करने की अवधि कितनी होती है?

हम मर्सीलस में शायद ही स्टॉक खरीदते-बेचते हैं. मर्सीलस के पोर्टफोलियो में किसी एक साल में हम एक स्टॉक बेचते हैं और एक स्टॉक खरीदते हैं. इसका मतलब ये है कि हमारा आमतौर पर होल्डिंग पीरियड 10 साल है.

आपकी दिनचर्या क्या है और आपके क्या शौक हैं?

मैं सुबह 5 बजे उठता हूं. ब्रेकफास्ट करने के बाद दो घंटे पढ़ता हूं. फिर मैं एक घंटे एक्सरसाइज करता हूं और 8.30 बजे कामकाज शुरू कर देता हूं. सुबह से लंचटाइम तक मैं मर्सीलस की रिसर्च टीम और हमारे फंड मैनेजरों से चर्चा करता हूं लंच के बाद मैं क्लाइंट मीटिंग्स करता हूं. मैं अपना दिन शाम को 6 बजे खत्म करने की कोशिश करता हूं. जब मुझे US क्लाइंट्स से बात करनी होती है तो रात के 8.30-9 बज जाते हैं.

इस दौरान आपके क्या सबक रहे हैं?

हमारे पास अभी तक ऐसे शेयर नहीं रहे जिनसे क्लाइंट्स की पूंजी बर्बाद हुई हो. कई स्टॉक्स ऐसे रहे हैं जहां लंबे वक्त के दौरान हमारा परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं रहा है. ऐसे मामलों में हम मैनेजमेंट से बात करते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि क्या इस हालात में सुधार हो सकता है. जब हमें लगता है कि ऐसा नहीं हो सकता, तब हम इससे निकल जाते हैं.

फिलहाल आप कौन सी किताब पढ़ रहे हैं?

मैं हर हफ्ते एक किताब पढ़ता हूं. मैं फिलहाल ब्रायन आर्थर की ‘नेचर ऑफ टेक्नोलॉजी’ पढ़ रहा हूं.

एक आम निवेशक के लिए आपकी क्या सलाह है?

सालाना रिपोर्ट्स को पढ़ना सीखिए. साफ-सुथरी कंपनियों में पैसा लगाइए और इसके बाद मजे से पैसे को बढ़ता हुआ देखिए.

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