एफसीएनआर

संयुक्त खाते दो या अधिक एनआरआई और / या पीआईओ द्वारा या किसी निवासी रिश्तेदार (एस) के साथ एनआरआई / पीआईओ द्वारा खोले जा सकते हैं 'पूर्व या उत्तरजीवी' आधार हालांकि, एनआरआई / पीआईओ खाता धारक के जीवन काल के दौरान, निवासी रिश्तेदार खाता संचालित कर सकता है केवल पावर ऑफ अटॉर्नी धारक के रूप में।

कर लाभ

इन जमाराशियों पर अर्जित ब्याज के रूप में आय को आयकर से छूट प्राप्त है। इन खातों में रखा शेष संपत्ति कर से मुक्त है।

नामांकन सुविधा

एफसीएनआर (बी) जमाराशि के लिए नामांकन सुविधा उपलब्ध है।

खाते का निधियन

  • विदेश से धन-प्रेषण,
  • विदेशी मुद्रा के नोट के आगम,
  • यात्री चेक/ वैयक्तिक चेक/ ड्राफ्ट के आगम,
  • आपके मौजूदा एनआरई/ एफसीएनआर खाते से अंतरण

घर आने वाले भारतीयों के लिए सुविधाएँ

  • अनिवासी भारतीय जो विदेश में निरंतर कम से कम एक वर्ष रह चुका है, उसे अपना निवेश विदेश में बैंक जमा, शेयर्स, प्रतिभूतियाँ, व्यवसाय तथा अचल संपत्तियों में रखने की अनुमति उसके भारत में स्थायी रूप से वापस आने के बाद भी 9 वर्ष की अवधि के लिए दी जाती है।
  • निवासी विदेशी मुद्रा खाता (आर.एफ.सी.) खोलने की पात्रता।
  • स्थायी रूप से वापस आने वाले अनिवासी भारतीय विदेश में न्यूनतम एक वर्ष निरंतर रहने के बाद भारत में बैंकों के साथ निवासी विदेशी मुद्रा खाता (आर.एफ.सी.) खोल सकते हैं। एक वर्ष से कम अवधि के बाद लौटने वाले अनिवासी भारतीय को ऐसा खाता खोलने के लिए भा.रि.बैंक की अनुमति प्राप्त करनी चाहिए।

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Forex Reserves: दिवाली से पहले विदेशी मुद्रा भंडार ने लगाया गोता, जानिए कितना है गोल्ड रिजर्व

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है.

आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, देश क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर, 2022 को खत्म हुए . अधिक पढ़ें

  • पीटीआई
  • Last Updated : October 21, 2022, 20:42 IST

हाइलाइट्स

विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर.
गोल्ड रिजर्व का मूल्य 1.502 अरब डॉलर घटकर 37.453 अरब डॉलर पर.
FCA 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गई.

मुंबई. दिवाली से पहले देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर गिरावट आई है. 14 अक्टूबर, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

इसके पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. विदेशी मुद्रा भंडार में इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी सप्ताह में बढ़ोतरी हुई थी. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है. दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है.

2.828 अरब डॉलर घटी एफसीए
आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 14 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (FCA) 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गईं. एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है. डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.

गोल्ड रिजर्व भी घटा
गोल्ड रिजर्व के मूल्य में 7 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 1.35 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी जबकि 14 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया. आरबीआई ने कहा कि स्पेशल ड्राइंग राइट (SDR) 14.9 करोड़ क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड डॉलर घटकर 17.433 अरब डॉलर रह गया है. वहीं, रिपोर्टिंग वीक में आईएमएफ के पास देश की रिजर्व पोजीशन 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.813 अरब डॉलर रह गई.

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Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, लगातार 8वें हफ्ते आई गिरावट

एक बार फिर विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है। इससे एक सप्ताह पहले 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।

Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, लगातार 8वें हफ्ते आई गिरावट

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है। बीते 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।

वजह क्या है: विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। आरबीआई के मुताबिक इस दौरान एफसीए 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया।

डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है।

विनिमय दर में बदलाव से गिरावट: आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 प्रतिशत योगदान है। अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न के बढ़ने से बदलाव देखने को मिला। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में तेज गिरावट हुई है।

विदेशी मुद्रा क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड भंडार क्या है? | Foreign Exchange Reserves – UPSC Notes

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देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर से गिरावट हुई है.

विदेशी मुद्रा भंडार क्या होता है?

विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा जाता है। अधिकांशत: डॉलर और बहुत बा यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है। कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां सम्मिलित होनी चाहिए। हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता हैं।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल हैं –

  1. विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ (FCA)
  2. स्वर्ण भंडार
  3. विशेष आहरण अधिकार (SDR)
  4. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच

FCA

  • FCA ऐसी संपत्तियाँ हैं जिनका मूल्यांकन देश की स्वयं की मुद्रा के अतिरिक्त किसी अन्य मुद्रा के आधार पर किया जाता है.
  • FCA विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है। इसे डॉलर के रूप में व्यक्त किया जाता है।
  • FCA में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्रा की कीमतों में उतार-चढ़ाव या मूल्यह्रास का असर पड़ता है।

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विदेशी मुद्रा भंडार का अर्थव्यवस्था के लिए महत्व

  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी सरकार और RBI को आर्थिक विकास में गिरावट के कारण पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में सहायता करती है.
  • यह आर्थिक मोर्चे पर क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।
  • वर्तमान विदेशी भंडार देश के आयात बिल को एक वर्ष तक संभालने के लिए पर्याप्त है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपए को डॉलर के मुकाबले स्थिति दृढ़ करने में सहायता मिलती है।
  • वर्तमान समय में विदेशी मुद्रा भंडार सकल घरेलू उत्पाद (क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड GDP) अनुपात लगभग 15% है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बाजार को यह भरोसा देता है कि देश बाहरी और घरेलू समस्याओं से निपटने में सक्षम है।

विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन कौन करता है?

  • आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के कस्टोडियन और मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कार्य सरकार से साथ मिलकर तैयार किए गए पॉलिसी फ्रेमवर्क के अनुसार होता है।
  • आरबीआई रुपए की स्थिति को सही रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग करता है। जब रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। जब रुपया मजबूत होता है तब डॉलर की खरीदारी की जाती है। कई बार आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए बाजार से डॉलर की खरीदारी भी करता है।
  • जब आरबीआई डॉलर में बढ़ोतरी करता है तो उतनी राशि के बराबर रुपया निर्गत करता है। इस अतिरिक्त तरलता (liquidity) को आरबीआई बॉन्ड, सिक्योरिटी और एलएएफ ऑपरेशन के माध्यम से प्रबंधन करता है।

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  • अनिवासी भारतीय जो विदेश में निरंतर कम से कम एक वर्ष रह चुका है, उसे अपना निवेश विदेश में बैंक जमा, शेयर्स, प्रतिभूतियाँ, व्यवसाय तथा अचल संपत्तियों में रखने की अनुमति उसके भारत में स्थायी रूप से वापस आने के बाद भी 9 वर्ष की अवधि के लिए दी जाती है।
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