व्यापार में सफलता प्राप्ति के लिए कर लें इस यंत्र की स्थापना (Image: Pixabay)

USA में अपना व्यवसाय शुरू करें

संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कंपनी का समावेश कैसे काम करता है?

अमेरिका में एक कंपनी को शामिल करने से आपकी कंपनी को वैश्विक व्यापार लाभ मिलेगा!

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भारत से यूएसए में एक कंपनी कैसे पंजीकृत करें

भारतीय व्यवसायों के लिए जो विस्तार की मांग कर रहे हैं या अनिवासी (जो निवासी नही है) भारतीय उपभोक्ता की मांग कर रहे हैं, यूएसए कंपनी पंजीकरण के कई लाभों को पुनः प्राप्त करने का एक बड़ा अवसर है, जो व्यवसाय शुरू करने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है।

आपके व्यवसाय के लिए एक अमेरिकी कंपनी की स्थापना अब पहले से कहीं अधिक आसान है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में अनेक संस्कृति और सभ्यता वाली आबादी को शरण देने वाले लोगों की बड़ी संख्या है जिसमे अंग्रेजी बोलने वालो की आबादी अधिक है और इसकी विविधता के कारण विदेशी व्यवसायों के लिए काफी हद तक खुला है। भारत की तुलना में चौदह गुना बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की सर्वोच्च महाशक्ति के रूप में यह प्रमुख देश है यह आसानी से फलने-फूलने के लिए भारतीय व्यवसायों के लिए सबसे अधिक सामंजस्य करने (तालमेल) में से एक है।

इसलिए, यूएस इनकॉर्पोरेशन (निगमीकरण या समावेश) का पीछा करने वाले अनिवासी के रूप में, एक व्यक्ति को बस कुछ अतिरिक्त चरणों के साथ, एक नियमित सभी यूएस निवासी के रूप में यूएस प्रोटोकॉल (रिपोर्ट) का पालन करना आवश्यक है।

क्यों यूएसए कंपनी पंजीकरण भारतीय व्यवसायों के लिए फायदेमंद है?

जैसा कि व्यावसायिक कानून और नियम अच्छी आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? तरह से बने हुए हैं और कॉर्पोरेट आयकर की दरें वास्तव में कम हैं, यह विदेशी व्यवसायों के लिए कुशलतापूर्वक विकास करने के लिए बेहद अनुकूल है।

वैसे तो , अमेरिका में प्रत्येक राज्य अपने राज्य कानूनों और नियमों से संचालित होता है, जो एक दूसरे से बहुत भिन्न होते हैं। यदि आपका व्यवसाय काफी हद तक एक विशेष राज्य और आपकी सेवाओं की मांग पर निर्भर है, तो अपने व्यवसाय को शामिल करना बुद्धिमानी है, जिससे एक विदेशी योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त होता है। फिर भी, डेलावेयर, (न्यू जर्सी और पूर्वी पेंसिल्वेनिया की डेलावेयर नदी घाटी में बसे एक अमेरिकी भारतीय लोगों का एक सदस्य।) वायोमिंग और नेवादा, विशेष रूप से, सबसे प्रशंसनीय व्यवसाय और कराधान (कर लगाने) कानून प्रदान करते हैं जो कंपनियों को शामिल करने के लिए इसे मुख्यधारा से जोड़ते हैं। विशेष रूप से, डेलावेयर को कहा जाता है कि उसके पास कोई राज्य बिक्री कर नहीं है और छोटे अमेरिकी व्यवसायों के लिए राज्य का मताधिकार कर बहुत कम है। इसके अतिरिक्त, गैर-निवासियों को डेलावेयर में अलग-अलग कॉर्पोरेट आयकर का भुगतान करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

यूएसए कंपनी पंजीकरण के शीर्ष 5 लाभ:

कैसे चुनें और सेट अप करने के लिए अमेरिका में सही कंपनी संरचना?

भारतीय व्यवसायों के लिए मुख्य रूप से निगमन की दो मुख्य श्रेणियाँ हैं जैसे कि LLC और C- निगम। हालांकि, एकल कराधान के प्रति अपनी सहजता और अनुकूलन क्षमता के कारण एलएलसी को सबसे अधिक चुना जाता है। दूसरी ओर, उभरते उद्यमी पूंजीपतियों और फरिश्ता निवेशकों से धन जुटाने के लिए अपील करना चाहते हैं, उन्हें सी-कॉर्प के रूप में शामिल करना चाहिए और एलएलसी नहीं। इसके अलावा, अगर कंपनी सार्वजनिक रूप से जाने की योजना बना रही है, तो सी-कॉर्प बनाने के लिए आदर्श विकल्प होगा।

सीमित देयता कंपनी के लाभ:

सीमित देयता निगम कई व्यवसायों के लिए एक आसान विकल्प है क्योंकि यह व्यापक विकास की संभावनाएं प्रदान करता है, बहुत कम जोखिम रखता है, शेयरधारकों की कोई सीमा नहीं है और इसमें शामिल व्यवसाय के लिए बढ़ी हुई विश्वसनीयता देता है। इसके अलावा, जब किसी कंपनी को एलएलसी के तहत शामिल किया जाता है, तो कानूनी इकाई स्तर पर व्यापार मुनाफे पर करों का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि, कंपनी के मुनाफे से प्राप्त होने वाले करों को प्रोपराइटर (मालिक) के टैक्स रिटर्न में दर्ज किया जाता है।

सी निगम के लाभ:

सी कॉर्पोरेशन वहुत से कर नियोजन अवसरों और शेयरों की मुफ्त बदले जाने (हस्तांतरण) की योग्यता के कारण प्रमुख रूप से विदेशी व्यवसायों के लिए फायदेमंद है। इसके अतिरिक्त, यह कानूनी सुरक्षा भी देता है और शेयरधारकों की संख्या या मालिकों की संख्या की कोई सीमा नहीं है। हालांकि सी कॉर्पोरेशन में, लाभ पर हमेशा कानूनी इकाई स्तर पर कर लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि लाभ और व्यवसाय के संसाधनों को एक बोनस के रूप में हितधारकों के बीच विभाजित किया जाता है, तो हितधारक (जोखिम उठाने वाला या शेयरहोलडर) इस तरह दोहरे कराधान परिदृश्य (क्षेत्र विस्तार) का निर्माण करते हुए मुनाफे पर अपने कॉर्पोरेट आयकर का भुगतान करने के हकदार हैं।

एलएलसी और सी कॉर्प के बीच अंतर

निम्नलिखित दस्तावेज हैं जिन्हें किसी भी भाषा में प्रस्तुत किया जाना चाहिए डच, अंग्रेजी, जर्मन या फ्रेंच:

व्यवसाय में प्रामाणिकता कैसे रखें?

इसलिए हम परम हित की बात बताते हैं, ट्रिकें इस्तेमाल करना बंद करें। चोखा व्यापार करें। ग्राहकों से साफ कह दें कि इसमें मेरे पंद्रह प्रतिशत मुनाफा जुड़ा है, आपको चाहिए, तो ले जाइए। भगवान ने क्या बताया है? यदि तुझे तीन सौ रुपये मिलनेवाले हैं, तो चाहे तू चोरी करे, ट्रिक आजमाए या फिर चोखा रहकर धंधा करे, तुझे उतने ही मिलेंगे। उसमें एक पैसा भी इधर-उधर नहीं होगा। फिर ट्रिकें और चोरी की ज़िम्मेदारी क्यों मोल लें? थोड़े दिनों न्याय से व्यापर करके देखो। शुरू-शुरू में छः-बारह महीने तकलीफ होगी, पर बाद में फर्स्ट क्लास चलेगा। लोग भी समझ जाएँगे कि इस मनुष्य का धंधा चोखा है, मिलावटवाला नहीं है। तब बिन बुलाए, अपने आप आपकी दुकान पर ही आएँगे। आज आपकी दुकान पर कितने ग्राहक आनेवाले हैं, यह व्यवस्थित 'व्यवस्थित' ही है। तब अभागा गद्दी पर बैठकर, 'अभी ग्राहक आएँ तो अच्छा, अभी ग्राहक आएँ तो अच्छा' ऐसा सोचा करता है और अपना ध्यान खराब करता है।

व्यवसाय

यदि मन में ऐसा तय किया हो कि मुझे चोखा, बिना मिलावट का धंधा करना है, तो ऐसा आ मिलेगा। भगवान ने कहा है कि खाने की चीज़ो में और सोने में मिलावट करना भयंकर गुनाह है।

कच्छी लोगों को भी ये ट्रिकें आज़माने का भयंकर रोग लग गया है। वे तो बनियों को भी मात दें ऐसे हैं।

आजकल तो ज़माना ही ऐसा है कि ट्रिक वालों के बीच ही रहना पड़ता है, फिर भी लक्ष्य में निरंतर यही रहना चाहिए कि हम ट्रिकों में से कैसे छूटें। यदि यह लक्ष्य में रहा, तो पश्चाताप द्वारा बड़ी ज़िम्मेदारी से छूट जाएँगे और ऐसे संयोग भी प्राप्त होंगे कि आपको एक भी ट्रिक आज़मानी नहीं पड़ेगी और व्यापार भी सुचारु रूप से चलेगा। फिर लोग भी आपके काम की सराहना करेंगे।

यदि हमें मोक्ष में जाना है, तो ज्ञानी के कहे अनुसार करना चाहिए और यदि मोक्ष में नहीं जाना है, तो ज़माने के अनुसार करना। पर मन में इतना खटका अवश्य रखना कि मुझे ऐसा ट्रिकवाला काम नहीं करना है, तो वैसा काम आ मिलेगा। व्यापार में तो ऐसा होना चाहिए कि छोटा बच्चा आए, तो उसके माता-पिता को ऐसा भय नहीं रहना चाहिए कि बच्चा ठग लिया जाएगा।

संबंधित विज्ञान:
1) पैसे कमाना यह बुद्धि के खेल नहीं और ना ही मेहनत का परिणाम है। वह तो आपने पिछले जन्म में पुण्य किया है, उसके फल स्वरूप आपको प्राप्त होता है।
2) चोरियों से। जहाँ मन-वचन-काया से चोरी नहीं होती वहाँ लक्ष्मीजी कृपा करें। लक्ष्मी का अंतराय चोरी से है। ट्रिक (चालाकी) और लक्ष्मी को बैर है।
3) रुपयों का स्वभाव हमेशा से कैसा है? चंचल, इसलिए दुरुपयोग नहीं हो उस तरह आप उसका सदुपयोग करें। उसे स्थिर मत रखना। संपत्ति के प्रकार कितने हैं? तब कहें, स्थावर (अचल) और जंगम (चल)। जंगम माने ये डॉलर आदि सब, और स्थावर माने यह मकान आदि सब! उन में यह स्थावर अधिक टिकेगी। और जंगम माने नकद डालर आदि जो हो वे तो चले ही समझें! अर्थात् नकद का स्वभाव कैसा? दस साल से ज्यादा यानी ग्यारहवे साल नहीं टिकते। फिर सोने का स्वभाव चालिस-पचास साल टिकने का, और स्थावर मिल्कियत का स्वभाव सौ साल टिकने का। अर्थात् मुदतें सभी अलग-अलग होगी मगर आखिर में तो सभी जानेवाला ही है। इसलिए हमें यह सब समझकर चलना चाहिए। ये वणिक पहले क्या करते थे, ऩकद पच्चीस प्रतिशत ब्याज पर रखते थे। पच्चीस प्रतिशत सोने में और पच्चीस प्रतिशत मकान में लगाते, इस प्रकार पूँजी की व्यवस्था करते थे।

देखिए खुद कोशिश करके:
1) तेरी अपनी वस्तु तूने दूसरों को दी कि भीतर आनंद शुरू हो जाये।
2) मैंने कहा, 'देख भाई, प्रत्येक की जरूरत कितनी होनी चाहिए उसका अंदाज, उसके (खुद के) जन्म के समय क्या शान-शौकत थी, इसके अंदाज से सारी जिन्दगी के लिए तू प्रमाण निश्चित कर। वही दरअसल नियम है। यह तो सब एक्सेस में (अति) जाता है और एक्सेस तो ज़हर है, मर जायेगा!'
3) पैसे कमाने की भावना करने की जरूरत नहीं है, प्रयत्न भले ही चालू रहे। ऐसी भावना से क्या होता है कि, अगर पैसे मैं खींच लूँ तो सामनेवाले के हिस्से में रहते नहीं। इसलिए कुदरती क्वॉटा (हिस्सा) जो निर्माण हुआ है, उसे ही हम रहने दें, उसमें फिर भावना करने की क्या जरूरत है? लोगों से पाप होतें रुक जायें इसलिए मैं यह समझाना चाहता हूँ।
4) यदि समझें तो, यह एक वाक्य में बड़ा सार समाया है। मुझसे ज्ञान प्राप्त करने की ज़रूरत है ऐसा नहीं है, ज्ञान नहीं लिया हो पर इतना उसकी समझ में आ जाना चाहिए कि यह सब हिसाब (अपने भाग्य) के अनुसार ही है, हिसाब के बाहर कुछ नहीं होता।
5) इसका तात्पर्य यह है कि पालन कर सकें तो संपूर्ण नीति का पालन कीजिए और ऐसा पालन नहीं हो सकें तो निश्चय कीजिए कि दिन में तीन बार तो मुझे नीतिपालन करना ही है, या फिर नियम में रहकर अनीति करें तो वह भी नीति है। जो आदमी नियम में रहकर अनीति करता है उसे मैं नीति कहता हूँ। भगवान के प्रतिनिधि के तौर पर, वीतरागों के प्रतिनिधि के तौर पर मैं कहता हूँ कि अनीति भी नियम में रहकर करें, वह नियम ही तुम्हें मोक्ष में ले जायेगा।

Book name: आप्तवाणी 1 (Page #100 - Paragraph #4 & Page #101 - Paragraph #1 to #5)

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Akshaya Tritiya 2022, Dos and Donts: साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता? जानें इस दिन क्या करें और क्या ना करें

साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता

Akshaya Tritiya 2022, Dos and Donts: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि बहुत ही शुभ और मंगलकारी मानी गई है. अक्षय तृतीया का आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? पावन पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है. इस वर्ष 3 मई, 2022, दिन मंगलवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. इस दिन किए गया कोई भी शुभ कार्य अतिशुभ एवं अक्षय फल देने वाला माना जाता है. अक्षय तृतीया को आखा तीज (Akha teej 2022) के नाम से भी जाना जाता है. यूं तो ये साल भर का सबसे बड़ा शुभ दिन माना जाता है लेकिन कुछ गलतियों के चलते ये शुभ दिन भी दुष्परिणाम जीवन में ला सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए.

अक्षय तृतीया के दिन ये काम जरूर करें (Akshaya Tritiya 2022, Dos)
1. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के इस शुभ मुहूर्त में नूतन गृह प्रवेश, गृह निर्माण, दुकान अथवा प्रतिष्ठान का शुभारंभ अवश्‍य करें.

3. अगर आपका भाग्योदय नहीं हो रहा है, तो अक्षय-तृतीया के दिन प्रात: उठते ही सर्वप्रथम 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें. इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में भाग्योदय होना शुरू होगा तथा दुर्भाग्य समाप्त होकर जीवन में खुशहाली आएगी.

4. इस दिन नए आभूषण की खरीदी, नए व्यापार का आरंभ तथा विवाह संस्कार आदि करना अतिलाभदायी होता हैं.

5. अक्षय तृतीया के दिन घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए ग्यारह गोमती चक्रों को एक लाल रेशमी कपड़े में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रख दें, इससे घर में हमेशा सुख-शांति का वास बना रहता है.

6. अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का विशेष महत्व है. अत: इस दिन यह कार्य अवश्य करें.

7. इस दिन चार धाम में से खास एक भगवान बद्रीनाथ धाम के भी पट भी खुलते हैं. अत: हो सके तो बद्रीनाथ धाम अवश्य जाएं.

8. अगर आप व्यापार अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो 27 गोमती चक्र लेकर पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक स्थान अथवा प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध दें, यह कार्य करने भर से आपको व्यापार में आशानुरूप लाभ मिलने लगेगा.

9. अगर आपने साल भर कोई भी दान नहीं किया है तो अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए दान-पुण्य करें.

10. अक्षय तृतीया के दिन सत्तू, दही, चावल, मिट्टी का घड़ा, जौ, गेहूं एवं फल का दान अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही करना चाहिए.

11. अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. अत: इस दिन पूरे मन से परशुराम का पूजन करके इस शुभ तिथि का लाभ अवश्य ही लें.

अक्षय तृतीया के दिन इन कामों को करने से बचें (Akshaya Tritiya 2022, Donts)
1. अक्षय तृतीया पर अत्याचार, दुराचार, धूर्तता, अनाचार तथा किसी को आत्मा को दुखाना आदि कार्य ना करें, क्योंकि इन पापों का कर्मफल भी अक्षुण रहता है. अत: इस दिन किए गए पाप हर जन्म में पीछा करता रहता है. अत: इस दिन सावधानी बरतते हुए सिर्फ अच्छे कर्म ही करने चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के दिन असामाजिक कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं तथा उक्त व्यक्ति का जीवन धन के अभाव में व्यतीत होता है.

3. इस दिन बिना नमक खाए व्रत करना चाहिए, क्योंकि नमक का सेवन न करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. इस दिन सेंधा नमक का भी सेवन नहीं करना चाहिए.

4. अक्षय तृतीया के दिन किसी भी जरूरतमंद लोगों का उपहास न करें.

5. इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना चाहिए, लेकिन अगर अक्षय तृतीया के दिन रविवार आ रहा हैं तो तुलसी एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें, क्योंकि रविवार को तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है.

6. अक्षय तृतीया के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर साफ अथवा नए वस्त्र धारण करके ही शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंदे अथवा बिना धुले वस्त्र नहीं पहनना चाहिए, इससे धन की देवी लक्ष्मी माता नाराज हो सकती है तथा उनके कोप का प्रकोप आप पर पड़ सकता है.

7. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें. यह आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है.

8. अक्षय तृतीया के दिन पहली बार जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए, यह बेहद अशुभ माना जाता है.

बता दें कि, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी हैं. माता गौरी को साक्षी मानकर किया गया धर्म-कर्म एवं दिया गया दान अक्षय हो जाता है, इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा गया है. यह तिथि एक अबूझ मुहूर्त मानी गई है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं. कई पुराणों और ग्रंथों में वर्णित है कि अगर किसी व्यक्ति ने सालभर कोई धान धर्म नहीं किया है तो उस व्यक्ति को अक्षय तृतीया के दिन दान धर्म अवश्य करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किये गए दान का पुण्य पूरे साल किये गए दान धर्म से 100 गुना अधिक लगता है.

कन्या और वृश्चिक राशि के जातक करें ये ज्योतिषीय उपाय, व्यापार और करियर में तरक्की होने की है मान्यता!

Astrology Tips: हर इंसान चाहता है कि उसका करियर और बिजनेस खूब तरक्की करे। इसके लिए व्यक्ति तरह-तरह के उपाय करता है।

कन्या और वृश्चिक राशि के जातक करें ये ज्योतिषीय उपाय, व्यापार और करियर में तरक्की होने की है मान्यता!

व्यापार में सफलता प्राप्ति के लिए कर लें इस यंत्र की स्थापना (Image: Pixabay)

क्या आप अपने करियर को लेकर चिंतित हैं? अपनी वर्तमान नौकरी में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है या पदोन्नति नहीं मिल रही है? कार्यस्थल पर संघर्ष करना पड़ रहा है? जैसे सवाल कई लोगों के मन में कौंधते हैं। एक सफल पेशेवर जीवन हर किसी के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। सफलता पाने के लिए हर कोई कड़ी मेहनत करता है, अच्छे परिणाम के लिए दिन रात मेहनत करता है। चाहे आप प्रतिस्पर्धी हों या गैर-प्रतिस्पर्धी, आप अपने करियर और व्यवसाय में वृद्धि (Astrology Tips for Carrer and Business Growth) की उम्मीद करते हैं।

ज्योतिष का उपयोग कई अलग-अलग कारणों से किया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग आपके करियर के विकास को और अधिक सफल बनाने के लिए भी किया जा सकता है। इस लेख में हम सफलता और वृद्धि के ज्योतिष उपायों के बारे आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? में चर्चा करेंगे। नीचे कुछ प्रभावी ज्योतिषीय सुझाव दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको शेवर रूप से आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।

रोज सुबह अपनी हथेली को देखें

ऐसा माना जाता है कि सुबह उठते ही दोनों हथेलियों को देखना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारी हथेलियों पर भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती का वास होता है। तो हर दिन हथेली पर देखने का अर्थ है एक ही बार में तीनों देवताओं की पूजा करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना।

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सूर्य देव या भगवान सूर्य को जल अर्पित करें

रोज सुबह सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल चढ़ाएं और उसमें गुड़ मिलाएं। इसे सूर्योदय के एक घंटे के भीतर करना चाहिए। भगवान सूर्य हमें ज्ञान और ऊर्जा प्रदान करते हैं और पेशेवर जीवन (Astrology Tips for Carrer and Business Growth) में किसी भी समस्या को खत्म करने में मदद करते हैं। यह करियर और नौकरी में वृद्धि के लिए एक प्रभावी उपाय है।

भगवान गणेश बीज मंत्र का जाप

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में भी जाना जाता है, इस प्रकार भगवान गणेश बीज मंत्र (Ganesh Beej Mantra) का जाप करने से नौकरी या आपके पेशेवर जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और विकास और सफलता लाने में मदद मिलेगी। यह पेशेवर जीवन में स्थिरता लाने में भी मदद करता है।

कौवे को उबले चावल खिलाना

कौवे शनि ग्रह (भगवान शनि) के वाहन हैं और शनिवार को कौवे को उबले हुए चावल खिलाने से आपको शनि की कृपा प्राप्त होगी। ज्योतिष (Astrology Tips) के अनुसार, करियर और अन्य सभी पेशों पर शनि देव का शासन है, इससे आपको पेशेवर मोर्चे पर बढ़ने और सभी बाधाओं को खत्म करने में मदद मिलेगी।

मछली के आटे के गोले या आटा खिलाना

मछली को सुबह या शाम को गेहूं के आटे के गोले या आटा खिलाना भी कारगर हो सकता है। यदि आप पदोन्नति या वेतन वृद्धि की (Astrology Tips for Career Growth) प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो यह एक प्रभावी समाधान हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मछलियां आपको मुसीबतों से बचाती हैं। आप घर पर एक्वेरियम भी रख सकते हैं और मछलियों को खाना खिला सकते हैं।

कन्या और वृश्चिक राशि के जातक करें ये ज्योतिषीय उपाय, व्यापार और करियर में तरक्की होने की है मान्यता!

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व्यापार में सफलता प्राप्ति के लिए कर लें इस यंत्र की स्थापना (Image: Pixabay)

क्या आप अपने करियर को लेकर चिंतित हैं? अपनी वर्तमान नौकरी में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है या पदोन्नति नहीं मिल रही है? कार्यस्थल पर संघर्ष करना पड़ रहा है? जैसे सवाल कई लोगों के मन में कौंधते हैं। एक सफल पेशेवर जीवन हर किसी के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। सफलता पाने के लिए हर कोई कड़ी मेहनत करता है, अच्छे परिणाम के लिए दिन रात मेहनत करता है। चाहे आप प्रतिस्पर्धी हों या गैर-प्रतिस्पर्धी, आप अपने करियर और व्यवसाय में वृद्धि (Astrology Tips for Carrer and Business Growth) की उम्मीद करते हैं।

ज्योतिष का उपयोग कई अलग-अलग कारणों से किया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग आपके करियर के विकास को और अधिक सफल बनाने के लिए भी किया जा सकता है। इस लेख में हम सफलता और वृद्धि के ज्योतिष उपायों के बारे में चर्चा करेंगे। नीचे कुछ प्रभावी ज्योतिषीय सुझाव दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको शेवर रूप से आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।

रोज सुबह अपनी हथेली को देखें

ऐसा माना जाता है कि सुबह उठते ही दोनों हथेलियों को देखना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारी हथेलियों पर भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती का वास होता है। तो हर दिन हथेली पर देखने का अर्थ है एक ही बार में तीनों देवताओं की पूजा करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना।

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सूर्य देव या भगवान सूर्य को जल अर्पित करें

रोज सुबह सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल चढ़ाएं और उसमें गुड़ मिलाएं। इसे सूर्योदय के एक घंटे के भीतर करना चाहिए। भगवान सूर्य हमें ज्ञान और ऊर्जा प्रदान करते हैं और पेशेवर जीवन (Astrology Tips for Carrer and Business Growth) में किसी भी समस्या को खत्म करने में मदद करते हैं। यह करियर और नौकरी में वृद्धि के लिए एक प्रभावी उपाय है।

भगवान गणेश बीज मंत्र का जाप

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में भी जाना जाता है, इस प्रकार भगवान गणेश बीज मंत्र (Ganesh Beej Mantra) का जाप करने से नौकरी या आपके पेशेवर जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और विकास और सफलता लाने में मदद मिलेगी। यह पेशेवर जीवन में स्थिरता लाने में भी मदद करता है।

कौवे को उबले चावल खिलाना

कौवे शनि ग्रह (भगवान शनि) के वाहन हैं और शनिवार को कौवे को उबले हुए चावल खिलाने से आपको शनि की कृपा प्राप्त होगी। ज्योतिष (Astrology Tips) के अनुसार, करियर और अन्य सभी पेशों पर शनि देव का शासन है, इससे आपको पेशेवर मोर्चे पर बढ़ने और सभी बाधाओं को खत्म करने में मदद मिलेगी।

मछली के आटे के गोले या आटा खिलाना

मछली को सुबह या शाम को गेहूं के आटे के गोले या आटा खिलाना भी कारगर हो सकता है। यदि आप पदोन्नति या वेतन वृद्धि की (Astrology Tips for Career Growth) प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो यह एक प्रभावी समाधान हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मछलियां आपको मुसीबतों से बचाती हैं। आप घर पर एक्वेरियम भी रख सकते हैं और मछलियों को खाना खिला सकते हैं।

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