निवेश क्या होता है?
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Debt Fund- डेट फंड
क्या होता है डेट फंड?
Debt निवेश क्या होता है? Fund: डेट फंड एक निवेश पूल, जैसेकि म्युचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड होता है जिसके मूलभूत संग्रह में मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम निवेश होते हैं। डेट फंड अल्प अवधि या दीर्घ अवधि बॉन्डों, सिक्योरिटाइज्ड उत्पादों, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या फ्लोटिंग रेट डेट में निवेश कर सकता है। औसतन डेट फंडों पर फी रेशियो निवेश क्या होता है? इक्विटी फंडों की तुलना में कम होते हैं क्योंकि कुल प्रबंधन लागतें अंदरूनी रूप से कम होती हैं। अक्सर क्रेडिट फंड या फिक्स्ड इनकम फंडों के रूप में संदर्भित डेट फंड, फिक्स्ड इनकम एसेट वर्ग के तहत आते हैं। पारंपरिक रूप से इन कम जोखिम वाले व्हीकल्स की खोज वैसे निवेशक करते हैं जो कैपिटल को संरक्षित करना चाहते हैं या निम्न जोखिम इनकम डिस्ट्रीब्यूशन अर्जित करना चाहते हैं। डेट फंड ऑप्शंस में इच्छुक निवेशक निष्क्रिय और सक्रिय उत्पादों के बीच चयन कर सकते हैं।
डेट फंड जोखिम
डेट फंड विभिन्न प्रकार के जोखिमों से संबंधित सिक्योरिटीज के एक व्यापक क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं। व्यवसायों द्वारा उनकी पूंजी संरचना के एक हिस्से के रूप में जारी कॉरपोरेट डेट के रिस्क प्रोफाइल को साधारणतया कंपनी की क्रेडिट रेटिंग द्वारा वर्गीकृत किया जाता है। इन्वेस्टमेंट ग्रेड डेट स्थिर आउटलुक और उच्च क्रेडिट क्वालिटी वाली कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है। हाई-यील्ड डेट जो मुख्य रूप से संभावित उभरती ग्रोथ संभावनाओं वाली कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है, उच्चतर संभावित जोखिम के साथ अधिक रिटर्न देता है। अन्य डेट वर्गों में डेवलप्ड मार्केट डेट और इमर्जिंग मार्केट डेट शामिल हैं। निवेशक सक्रिय एवं निष्क्रिय दोनों ही उत्पादों में निम्न-जोखिम डेट फंड आप्शंस के व्यापक रेंज से चयन कर सकते हैं।
ग्लोबल डेट फंड
कई देश सरकार की वित्तीय नीतियों को समर्थन देने के लिए डेट निवेश की पेशकश करते हैं। सरकारी डेट फंडों के जोखिम और रिटर्न में अंतर होता है जो इस बात पर निर्भर है कि उस देश का राजनीतिक और आर्थिक वातावरण किस प्रकार का है। इक्विटीज की ही तरह ग्लोबल डेट फंड को भी विकसित और उभरते मार्केट इंडेक्स द्वारा अलग अलग किया जा सकता है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?
महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?
कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
1. शेयर क्या है?
किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.
अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.
2. शेयर खरीदने के लिए निवेश क्या होता है? क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
3. डीमैट अकाउंट क्या है
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का निवेश क्या होता है? ऐलान निवेश क्या होता है? किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?
जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.
6. ट्रेडिंग या निवेश?
एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते निवेश क्या होता है? हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
Share Market: किसी ने कमाए करोड़ों- इसपर न जाएं, अपनी अक्ल लगाएं
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Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स
अगर आप शेयर मार्किट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अपनाए ये कुछ जरूरी टिप्स, जो आपके निवेश को तो सुरक्षित करेगा ही साथ ही आप को दिलायेगा ज्यादा रिटर्न
छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.
Equity Investment : अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आज आपको कुछ ऐसे जरूरी टिप्स बताने वाले हैं. इन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि बेहतरीन रिटर्न भी हासिल कर पाएंगे. आम तौर पर भारत में ज्यादातर लोग इक्विटी में निवेश करना पसंद करते हैं. क्योंकि इसमें कम निवेश पर भी बेहतरीन रिटर्न हासिल हो सकता है. हालांकि इसमें निवेश जोखिम बना रहता है. इसलिए इक्विटी में निवेश से पहले आपको इसके बारे में सभी जानकारी तो लेनी ही चाहिए, साथ ही आपको व्यवस्थित तरीके से निवेश करना चाहिए. ताकि आपके निवेश पर जोखिम कम से कम हो.
निवेशकों को इक्विटी में निवेश करते समय ये कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.
1. कभी भी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे न भागें
हमारे देश में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले 10 में से 9 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने किसी अन्य से मिली इन्वेस्टमेंट टिप्स को आधार बनाते हुए शेयर बाजार में निवेश शुरू किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर मार्केट का जानकार या उसमें काम करने वाला व्यक्ति आप को ऐसी जानकारी या टिप्स क्यों देगा, जिससे उसकी जगह आप का फायदा होगा? उदाहरण के तौर पर हम देखेंगे कि कभी भी कोई सेफ (खाना बनाने वाला) अपनी रेसिपी का खुलासा नहीं करता है, तो फिर कोई आपको फायदा कराने वाली टिप्स की जानकारी क्यों देगा?. इसलिए किसी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे भागने से बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले स्कीम को लेकर थोड़ा रिसर्च जरूर करें, ताकि आप की मेहनत की कमाई बेकार न हो जाए.
Insurance on Education Loan: एजुकेशन लोन का इंश्योरेंस क्यों है जरूरी, किन हालात में मिल सकता है इसका फायदा
2. फंडामेंटल एनालिसिस
जहां तक रिसर्च की बात है तो हर व्यक्ति को न तो रिसर्च की तकनीक का ज्ञान है और न ही उसमें इतनी समझ है कि वो खुद से इन्वेस्टमेंट से जुड़े टेक्निकल वर्ड को सही मायनों में समझ सके. हालांकि वो पढ़ जरूर सकता है. वैश्विक स्तर पर बात की जाए तो इन्वेस्टमेंट सेक्टर में हमेशा वॉरेन बफे और चार्ली मुंगेर की मिसाल दी जाती है, जिन्होंने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च किया और प्लान तरीके से निवेश किया. अपनी इसी रिसर्च और प्लान निवेश के दम पर इंटरनेशनल मार्केट में दोनों ने अपनी खास पहचान बनाई है.
3. पोर्टफोलियो में लाएं डायवर्सिटी
क्या आप जाने हैं कि एक ही स्टॉक या सेक्टर में निवेश करना आप के लिए बड़ा जोखिमभरा साबित हो सकता है. इसलिए आप को निवेश करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, ताकि अगर एक सेक्टर या एक स्टॉक में कोई दिक्कत आती है तो आप की सारी रकम एक साथ न डूब जाएये. यही वजह है कि निवेशकों को अपने निवेश पोर्टपोलियों में विविधता लाने की सलाह दी जाती है.
4. जोखिमों के बारे में रखें जानकारी
स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों को ये पता होता है कि उसे कब शेयर खरीदना और बेचना है. आम तौर पर 20 से 30 फीसदी के लाभ पर शेयर होल्डर्स अपने शेयर को बेच देते हैं, लेकिन मंदी के दौर में निवेशकों को इसे लेकर बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि कई बार लोग सोचते हैं कि मंदी के समय में सस्ते शेयर लेकर इन्हें बाद में प्रॉफिट के साथ बेच देंगे. तो ये सोच कभी-कभी निवेशक के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती है.
Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्या होगा बेहतर विकल्प?
आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।
निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)
आधुनिक समय में लोग निवेश की ओर अधिक गौर कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक एफडी और अधिक रिस्क के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर पैसा लगा रहे हैं। सरकारी योजनाओं और बैंक एफडी में रिस्क कम होता है और इसमें पैसा लगाने सेफ माना जाता है। साथ ही अच्छा रिटर्न भी दिया जा रहा है। वहीं मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्की माना जाता है, लेकिन आपको कम समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है।
अगर आप भी निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं और आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।
अगर कोई व्यक्ति रिटायर हो रहा है और उसके पास पांच लाख की राशि है तो वह अधिक रिस्क लेने के बजाय रेगुलर इनकम जैसी योजनाओं में निवेश कर सकता है। फिक्स डिपॉजिट पर अपने सुविधाजन टेन्योर के लिए, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और पेंशन प्लान आदि जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
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हालांकि अगर आपने अभी नौकरी करना शुरू किया है तो आप अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए निवेश के बहुत से विकल्प उपब्ध हैं। कम जोखिम वाला व्यक्ति निवेश से दूर रहने का विकल्प चुनेगा तो वहीं रिस्क लेना वाला व्यक्ति शेयर मार्केट में निवेश का विकल्प चुन सकता है।
ग्रिप के संस्थापक और सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा कि एक युवा निवेशक के रूप में आपके पास समय है और यदि आपके पास आय का एक स्थिर स्रोत है, तो आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं। हालांकि निवेश शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए आपका निवेश बाधित न हो।
आप स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा जैसी बुनियादी चीजों में निवेश कर सकते हैं और एक लिक्विड फंड बना सकते हैं, जिसे आप आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं। वहीं मार्केट के तहत आप एकमुश्त के बजाय व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में निवेश कर सकते हैं। अधिक फंड के लिए आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।
एक्सपर्ट निवेश क्या होता है? के अनुसार आप इससे थोड़ा अधिक रिस्क लेते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड, एसेट लीजिंग, इन्वेंट्री फाइनेंस, कमर्शियल रियल एस्टेट और स्टार्ट-अप इक्विटी में भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
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