Trigger price स्टॉप लॉस का एक सहायक आर्डर है जैसे आपने ₹100 का कोई शेर खरीदा है और वह खरीदे भाव से नीचे ट्रेड करने लगा तो कम नुकसान उठाने के लिए आप स्टॉपलॉस का आर्डर लगाएंगे कि ₹5 से ज्यादा पर शेर का नुकसान मैं नहीं उठा सकता तो ₹95 का स्टॉपलॉस लगा देंगे स्टॉपलॉस लगाते समय एक दूसरे विकल्प में ट्रिगर प्राइस का भी ऑप्शन आता है स्टॉप लॉस में आपने ₹95 लगाए हैं तो ट्रिगर प्राइस में आपको ₹95 से ऊपर का रेट डालना पड़ेगा जैसे 95 रुपए 50 पैसा का trigger प्राइस लगाएंगे
Intraday trading tips in Hindi – इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स
Intraday trading tips in Hindi – इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स – आज के समय में लोग, गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद बहुत से एंड्राइड ऐप का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग करते हैं. ज्यादातर लोग इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग करके अच्छी खासी कमाई भी कर लेते हैं.
अगर आप भी उन सारे लोगों में शामिल है जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं. तो यह आपके लिए है. आप इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से हर दिन अच्छी खासी कमाई कर सकते हो. आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ टिप्स बताने वाले हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से आप एक निश्चित आय भी प्राप्त कर सकते हैं.
Intraday trading tips in Hindi – इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स
आज के समय में ज्यादातर लोग शेयर बाजार से वाकिफ है. शेयर बाजार इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें पर ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके हैं. इनमें से एक प्रसिद्ध तरीका शेयर बाजार पर इंट्राडे ट्रेडिंग करने का है. यह आसान तरीका भी है क्योंकि आप इसके जरिए थोक में किसी शेयर को उसी दिन खरीदते हो और उसी दिन आपको 3:00 बजे से पहले उसे बेचना भी होता है. इस तरह का ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग चलाता है.
हर बनाया व्यक्ति जो शेयर बाजार से कुछ लाभ कमाना चाहता है उसकी पहली पसंद इंट्राडे ट्रेडिंग ही होती है क्योंकि वह इस पर जल्दी आकर्षित होता है. इसके जरिए उसे जल्दी लाभ मिल सकता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन में आप किसी शेयर या इंडेक्स को खरीद करके बेचते हो. यह भारतीय शेयर बाजार में किए जाने वाला सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा किया जाने वाला ट्रेडिंग है. इस ट्रेनिंग में आप कम पैसों से अधिक से अधिक खरीद सकते हैं यानी कि ट्रेडर को एक निश्चित मार्जिन मनी रखना होता है. जिसके जरिए व इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकता है. इंट्राडे ट्रेडिंग को इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि आप कम पैसे से जल्दी पैसा बना सकते हो.
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ रणनीति टिप्स
यार रणनीति नियमित निवेश की तुलना में अधिक जोखिम भरा होता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में एक निश्चित समय के अंतराल में खरीदना और एक निश्चित समय के अंतराल में ही बेचना होता है. चाहे इसमें आपको फायदा हो या फिर नुकसान.
इस पूरे ट्रेड में शेयर की डिलीवरी नहीं की जाती है. बल्कि ट्रेड को उसी ट्रेडिंग देने मार्केट बंद होने से पहले बेचना या स्क्वायर ऑफ करना होता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर की कीमत में हो रहे उतार-चढ़ाव का लाभ आप उठा सकते हो. ग्रे ट्रेडिंग में अधिक नुकसान से बचने के लिए विशेष तौर पर उन लोगों के लिए जो शेयर बाजार में शुरुआत कर रहे हैं कुछ टिप्स हम नीचे दे रहे हैं.
एक बार में दो से तीन शेयर ना खरीदें :- अगर आप शेयर मार्केट में गए हैं तो हमारी असला रहेगी कि इंट्राडे ट्रेडिंग के इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें दौरान आप एक बार में दो या तीन शेयर का चुनाव ना करें. जहां तक संभव हो लार्ज कैप शेयर में ही ट्रेडिंग करें.
शेयर बाजार में कैसे निवेश करें
एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें लॉन्ग पोजीशन दर्शाती है कि मार्केट में आपके दृष्टिकोण के हिसाब से तेजी है। अपने विश्लेषण करने के बाद यदि आपको लगता है कि मार्केट मौजूदा पोजीशन से ऊपर जाएगी तो आपको निफ़्टी, बैंक निफ़्टी या सेंसेक्स या स्टॉक खरीदने चाहिए।
आइए इसको एक उदाहरण के साथ समझे मान लीजिए निफ़्टी 13500 पर है और आप यह सोचते हैं कि यह अभी और ऊपर जाएगा। इस परिदृश्य में आप निफ्टी या अपनी पसंद का स्टॉक खरीदेंगे।
शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस क्या होता है शेयर बाजार के नियम
शेयर मार्केट में stop-loss क्या है square of order क्या हैं trigger piece क्या है Cass on carry और mic order क्या है उपयुक्त बहुत सारे शब्द जो शेयर मार्केट में प्रयोग किए जाते हैं जैसे कि stop-loss , square of order , trigger price, Cass on carry , mic order इंट्राडे ट्रेडिंग इक्विटी और कमोडिटी , ऑप्शन और फ्यूचर आदि शब्दों के बारे में संपूर्ण जानकारी
Stop loss क्या है
मान लीजिए कोई भी शेयर आपने ₹100 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा और वह ₹100 से नीचे ट्रेड करने लगा तो आपको जाहिर है नुकसान होने लगेगा इसी नुकसान को रोकने के लिए stop-loss का आर्डर लगाते हैं जैसे आपने ₹100 प्रति शेयर खरीदा है तो stop-loss का आर्डर अपनी समर्थ अनुसार ₹95 के आसपास लगाकर ऑर्डर कर देते हैं इस आर्डर में आपके शेयर बिकेंगे नहीं जब तक आपका शेयर ₹95 पर नहीं आ जाएगा और जैसे ही सर आपका ₹100 से 95 के भी नीचे ₹80 ₹75 में चला जाएगा तो आपको stop-loss ऑर्डर के वजह से ₹95 में ही बिक जाएगा और ₹5 पर शेयर के हिसाब से आपका नुकसान फिक्स हो जाएगा जबकि मौजूदा शेयर की कीमत ₹80 प्रति शेयर पहुंच चुकी होगी
और यहीं शर्त सेल करने पर भी लागू होगी मान लो कोई भी शेयर ₹100 पर शेयर के हिसाब से आप सेल करते हैं और वह शेयर 101/ 102 रुपए में पहुंच जाता है तो आपको लॉस होने लगेगा उसी लॉस को रोकने के लिए मान लीजिए आप ने ₹105 में stop-loss लगा दिया है यदि ₹105 से ऊपर अगर शेर जाएगा तो आपको ₹5 पर शेयर का स्टॉपलॉस बुक हो जाएगा अब वहां से 110/ 115 में जाने से भी आपका ₹5 पर शेयर के हिसाब से लॉस बुक हो जाएगा
स्टॉप लॉस लगाने से आपको ज्यादा नुकसान की संभावनाएं कम हो जाती है
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