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ऑटोहीरो यूरोप का एक बड़ा प्लेटफॉर्म है, जहां पुरानी कार बेची जाती है। कंपनी का स्वामित्व ऑटो1 ग्रुप एसई के पास है, जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है। साथ ही यह अपने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ ग्राहकों को सुविधाजनक, सुरक्षित और व्यक्तिगत तरीके से पुरानी कारों को खरीदने का मौका देता है। कंपनी अपने खुद के स्टॉक से वाहन बेचती है और वे ऑटोहीरो के प्रीमियम गुणवत्ता मानकों की गारंटी सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ देते हैं। पूरे स्पेन में खरीदारों के पास फ्री वाहन डिलीवरी और कारों को अपने घर पर सीधे प्राप्त करने का विकल्प होता है।

ऑटोहीरो पुरानी कार खरीदने के लिए नए तरीके को शानदार ढंग से पेश करता है। जिससे ग्राहकों को 100% ऑनलाइन कार खरीदने में आसानी होती है। साथ ही इससे जुड़े अतिरिक्त मूल्य से भी खरीदारों को लाभ होता है। वहीं, ऑटोहीरो यह सुनिश्चित करता है कि वाहन सीधे खरीदार के घर तक पहुंचाया जाए। यह एक ऐसी सेवा है जो पूरे स्पेन में कार्य करती है। यूरोप की प्रमुख पुरानी कार रिटेलर भी सुरक्षा पर जोर देती है और ऑटोहीरो से वाहन खरीदने वाले खरीदारों को हर समय गारंटी से लाभ होता है। कंपनी अपनी सेवा के हिस्से के रूप में 21 दिन की रिटर्न पॉलिसी और 12 महीने की वारंटी भी देती है। ऑटोहीरो अपने ग्राहकों को कस्टमाइजेशन के जरिए अतिरिक्त मूल्य भी देता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि खरीदारी की प्रक्रिया उनकी आवश्यकताओं को पूरा करती है या नहीं। इसके सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ अलावा कंपनी फाइनेंस के विकल्पों से यह भी सुनिश्चित करती है कि फर्म अपने ग्राहकों को उनकी कार खरीद पर पूर्ण नियंत्रण देती है।

ऑटोहीरो सिर्फ उच्च गुणवत्ता वाली और अपने स्टॉक से ही कारों की बिक्री करता है। बिक्री से पहले हर कार की पूरी तरह से सर्विसिंग और मरम्मत की जाती है। फर्म अपनी फोटो गैलरी के जरिए वाहनों में किसी भी तरह की कमियों के बारे में पूरी जानकारी देती है। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे ग्राहक अपनी कारों की गुणवत्ता के बारे में पूरी तरह से निश्चिंत रह सकें। कंपनी का अपना इस्तेमाल की हुई कार प्रोडक्शन सेंटर है और टोलेडो में भविष्य में स्पेनिश धरती पर पहला सेंटर खोलने की योजना बना रहे हैं।

Stock Market: लगातार छठे दिन भागा Axis Bank का शेयर, आया 9% का उछाल

एक्सिस बैंक

सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक (Axis Bank) का शेयर सबसे अधिक 8.96 प्रतिशत उछला. बैंक ने गुरुवार को कहा कि फंसे कर . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 21, 2022, 19:07 IST

हाइलाइट्स

एक्सिस बैंक (Axis Bank) का शेयर सबसे अधिक 8.96 प्रतिशत उछला.
चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 66.29% उछलकर 5,625.25 करोड़ रुपये रहा.
इसके अलावा, ICICI बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोटक महिंद्रा बैंक, नेस्ले, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर भी लाभ में रहे.

नई दिल्ली. घरेलू शेयर बाजारों (Stock Market) में शुक्रवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 104.25 अंक चढ़कर बंद हुआ. कारोबार में उतार-चढ़ाव के बीच वैश्विक बाजारों में गिरावट के बावजूद कंपनियों के बेहतर वित्तीय परिणाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की कई सत्रों के बाद गुरुवार को लिवाली से बाजार में तेजी आई. बता दें कि हिंदू संवत वर्ष 2079 की शुरुआत के पहले दिन दीपावली पर सोमवार को प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में एक घंटे का विशेष कारोबारी सत्र ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ होगा.

दोपहर के कारोबार में तेज बिकवाली के बाद लिवाली से तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 104.25 अंक यानी 0.18 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,307.15 अंक पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 12.35 अंक यानी 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,576.30 अंक पर बंद हुआ.

Axis Bank का शेयर 9% उछला
सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक (Axis Bank) का शेयर सबसे अधिक 8.96 प्रतिशत उछला. बैंक ने गुरुवार को कहा कि फंसे कर्ज के एवज में किये गये प्रावधान में उल्लेखनीय कमी और मार्जिन बढ़ने से चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 66.29 प्रतिशत उछलकर 5,625.25 करोड़ रुपये रहा. इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोटक महिंद्रा बैंक, नेस्ले, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे.

इन शेयर में आई गिरावट
दूसरी तरफ,बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, एशियन पेंट्स, आईटीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर नुकसान में बंद हुए. इनमें 3.20 प्रतिशत तक की गिरावट आई.

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक हुए प्रभावित
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि सख्त मौद्रिक नीति की आशंकाओं के कारण यूरोपीय बाजारों की कमजोर शुरुआत की वजह से दोपहर बाद कारोबार में बिकवाली हुई. घरेलू निवेशकों ने सावधानी बरती और अगले सप्ताह के दौरान कम कारोबार की संभावना के चलते मुनाफावसूली की. उन्होंने कहा कि बैंकों, आईटी और दैनिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में दूसरी तिमाही के बेहतर परिणामों से अच्छी शुरुआत ने बाजार में स्थिरता प्रदान की लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक प्रभावित हुए.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के अनुसंधान उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि वैश्विक बाजारों में मिश्रित रुख के बीच घरेलू बाजार में मजबूती दिखाई है. हालांकि कारोबार काफी हद तक चुनिंदा क्षेत्रों और शेयरों तक ही सीमित है. इसके अलावा, वैश्विक मोर्चे पर अस्थिरता भी बाजार में बढ़त को सिमित कर रही है. वहीं, बीएसई का ‘मिडकैप’ 0.75 प्रतिशत और ‘स्मॉलकैप’ सूचकांक 0.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ.

ऐसा रहा अंतरराष्ट्रीय बाजार का हाल
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुए जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक लाभ में बंद हुआ. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट बृहस्पतिवार को गिरावट में बंद हुआ. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

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अब बनेगा ‘गोल्ड एक्सचेंज’, सामाजिक शेयर बाजार को भी मंजूरी, निवेशकों के लिये अधिकार पत्र होगा जारी

बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को प्रतिभूति बाजार से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी।

बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को प्रतिभूति बाजार से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी। इसमें सोने के लिये और सामाजिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये अलग शेयर बाजार बनाने, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये निवेशक अधिकार पत्र तथा विलय एवं अधिग्रहण को और अधिक तार्किक बनाने के लिये सूचीबद्धता नियमों में बदलाव शामिल हैं। इन तमाम पहलों का मकसद प्रतिभूति बाजार को मजबूत बनाना है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने सामाजिक क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों के लिये कोष जुटाने का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुये सामाजिक शेयर बाजार (सोशल स्टॉक एक्सचेंज) के ढांचे को मंजूरी दी।

निदेशक मंडल की बैठक के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि मौजूदा शेयर बाजारों में सामाजिक शेयर बाजार अलग खंड होगा।

सामाजिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियां इस बाजार में भाग ले सकेंगी। इस श्रेणी में गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) और लाभ के साथ समाज के स्तर पर भलाई का काम करने वाली कंपनियां आती हैं।

सेबी निदेशक मंडल ने स्वर्ण बाजार के गठन की रूपरेखा संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इस बाजार में सोने की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद के रूप में की जा सकेगी। शेयर बाजार की तरह काम करने वाले इस एक्सचेंज से मूल्यवान धातु के लिये पारदर्शी घरेलू हाजिर मूल्य तलाशने की व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।

त्यागी ने कहा कि सोने का प्रतिनिधित्व करने वाला साधन इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (ईजीआर) कहलाएगा और इसे प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य प्रतिभूति की तरह ईजीआर में कारोबार करने, समाशोधन और निपटान जैसी व्यवस्थायें होंगी।

सेबी के बयान के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त, मौजूदा और नया एक्सचेंज ईजीआर में कारोबार शुरू कर सकता है। ईजीआर के कारोबार को लेकर राशि और इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को सोने में तब्दील करने के बारे में निर्णय शेयर बाजार सेबी की मंजूरी से कर सकता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सेबी ने अधिक और प्रभावी मतदान के अधिकार से जुड़े शेयरों (एस आर शेयर) के मामले में पात्रता जरूरतों में ढील देने का निर्णय किया। इस कदम से नवीन प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों को मदद मिलेगी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि जिन प्रवर्तकों का नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, वे कंपनियों में अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर रख सकते हैं। फिलहाल यह सीमा 500 करोड़ रुपये थी।

इसके अलावा, अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर जारी करने और विवरण पुस्तिका (रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस) जमा करने के बीच न्यूनतम अंतर को कम कर तीन महीने कर दिया गया है। फिलहाल यह छह महीने है।

सेबी निदेशक मंडल ने खुली पेशकश के बाद कंपनी के इक्विटी शेयर की सूचीबद्धता समाप्त करने से जुड़े नियमों में संशोधन का भी निर्णय किया। इस पहल का मकसद विलय और अधिग्रहण को अधिक युक्तिसंगत और सुगम बनाना है।

नियामक ने कहा कि उस अधिग्रहणकर्ता के लिये अधिग्रहण नियमन के तहत नयी व्यवस्था केवल खुली पेशकश के मामले में उपलब्ध होगी, जो संबंधित कंपनी में स्वयं या संयुक्त नियंत्रण चाहता है।

अगर अधिग्रहणकर्ता संबंधित कंपनी की सूचीबद्धता समाप्त करना चाहता है, उसे इसके लिये खुली पेशकश कीमत के ऊपर उपयुक्त प्रीमियम के साथ अधिक मूल्य का प्रस्ताव करना होगा।

इसके अलावा, सेबी निदेशक मंडल ने संबंधित पक्षों के बीच लेन-देन के नियमों के कड़ाई से लागू करने और मजबूत निगरानी व्यवस्था को लेकर नियमों में बदलाव का निर्णय किया।

सेबी के अनुसार संबंधित पक्ष और संबंधित पक्ष सौदों (आरपीटी) की परिभाषा में बदलाव का निर्णय किया गया है।

एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में नियामक ने निवेशकों के लिये अधिकार पत्र को मंजूरी दी। इस पहल से निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

निवेशकों के अधिकार पत्र (चार्टर) में निवेशकों के अधिकार, जिम्मेदारी, प्रतिभूति बाजार में क्या करना है और क्या नहीं करना है, समेत अन्य बातों को शामिल किया गया है।

इसके अलावा नियामक ने विभिन्न इकाइयों के साथ विचार-विमर्श कर सेबी के मान्यता प्राप्त बाजार ढांचागत संस्थानों, पंजीकृत मध्यस्थों और नियमित इकाइयों के लिये भी निवेशक अधिकार पत्र तैयार किया है।

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