रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशियाई क्षेत्र में बच्चों के कुपोषण का प्रमुख कारण सामाजिक असमानता तथा महिलाओं में पोषण, शिक्षा और सामाजिक स्तर का निम्न होना है. यह जीएचआई में सुधार के रास्ते में बाधा है.

वैश्विक भुखमरी सूचकांक ( Global Hunger Index 2021) जारी

भूख और कुपोषण पर नजर रखने वाली वैश्विक भुखमरी प्रमुख वैश्विक सूचकांक सूचकांक ( Global Hunger Index) की वेबसाइट पर गुरुवार को बताया गया कि चीन, ब्राजील और कुवैत सहित 18 देशों ने पांच से कम के जीएचआई स्कोर के साथ शीर्ष स्थान साझा किया है ।

🔹सहायता कार्यों से जुड़ी आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्ड वाइड और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार की है ।

🔹जीएचआई ( Global Hunger Index ) स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है,जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल है ।

🔹भारत 116 देशों के वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआई) 2021 में फिसलकर 101 वें स्थान पर आ गया है । 2020 में भारत 94वें स्थान पर था ।

🔹इस सूचकांक में वह अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान (92), बांग्लादेश (76), और नेपाल (76) से पीछे हैं ।

Important Global index 2019 (प्रमुख वैश्विक सूचकांक)

All Indexes and Rankings 2019

नमस्कार! दोस्तों Studysafar.com में आप सभी का स्वागत है। इस आर्टिकल [All Indexes and Rankings 2019 (प्रमुख वैश्विक सूचकांक)] में हम आपके साथ प्रमुख वैश्विक सूचकांक और उनमें भारत की रैंकिंग तथा प्रथम स्थान पर स्थित देश की एक संपूर्ण सूची शेयर कर रहे हैं जो सभी एग्जाम ओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। करंट अफेयर के इस टॉपिक से प्रश्न अवश्य ही पूछ ले जाते हैं।परीक्षा की दृष्टि सेआपको यह अवश्य ही पता होना चाहिए। कि इन वैश्विक सूचकांक- 2019 में भारत की कौन सी रैंकिंग रही है, विभिन्न सूचकांक पूरी सूची सरकार है-

प्रमुख वैश्विक सूचकांक की सूची (All Indexes and Rankings 2019)

विभिन्न सूचकांक जारीकर्ता प्रथम स्थान भारत का स्थान
1. Kids राइट इंडेक्स किड्स राइट फाउंडेशन आइसलैंड 117
2.जलवायु जोखिम 2019 प्यूट्रोरिको 14
3.विश्व यात्रा पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 विश्व आर्थिक मंच(WEF) स्पेन 34
4.अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक 2019 यूएसए 36
5.वैश्विक लोकतंत्र सूचकांक 2019 इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस नार्वे 41
6.ग्लोबल कॉम्पिटीटीवनेस इंडेक्स 2019 आईएमडी बिजनेस स्कूल सिंगापुर 68
7.विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग 2019 IMD यू एस ए 44
8.वैश्विक नवाचार सूचकांक 2019 WIPO स्विजरलैंड 52
9.वर्ल्ड टैलेंट रैंकिंग 2019 IMD स्विजरलैंड 59
10.समावेशी विकास सूचकांक 2018 विश्व आर्थिक मंच नार्वे 62
11.ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस 2019 वर्ल्ड बैंक न्यूजीलैंड 63
12.ग्लोबल कनेक्टिविटी इंडेक्स 2019 अमेरिका 65
13.वैश्विक प्रमुख वैश्विक सूचकांक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 विश्व आर्थिक मंच सिंगापुर 68
14.मनी इन स्विस बैंक यूके 74
15.वैश्विक ऊर्जा संक्रमण 2019 विश्व आर्थिक मंच स्वीडन 76
16.विश्व भ्रष्टाचार सूचकांक 2018 Transparency International डेनमार्क 78
17.वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धा 2019 INSED स्विजरलैंड 80
18.हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2019 जापान एवं सिंगापुर 86
19.सतत विकास लक्ष्य लैंगिक 2019 इक्वल मेजर 2030 डेनमार्क 95
20.वैश्विक शांति सूचकांक 2019 Institute for economics and peace आइसलैंड 141
21.विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक reports without borders नार्वे 140
22.विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2019 UNSDS फिनलैंड 140
23. जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन 2019 जर्मन वॉच स्वीडन 11
24.मानव पूंजी सूचकांक 2018 विश्व बैंक सिंगापुर 115
25.ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2018 विश्व आर्थिक मंच आईलैंड 108
26.वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2019 बेलारूस 102

वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक: 54वें स्थान पर फिसला भारत, दक्षिण एशिया में शीर्ष पर

वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक: 54वें स्थान पर फिसला भारत, दक्षिण एशिया में शीर्ष पर

वैश्विक यात्रा और पर्यटन के लिए बेहतर माहौल बनाने और सुविधा मुहैया कराने के मामले में भारत की स्थिति में गिरावट आ रही है। यही कारण है कि विश्व आर्थिक मंच (WEF) की ओर से मंगलवार को जारी किए गए प्रमुख वैश्विक सूचकांक वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक, 2021 में भारत आठ स्थानों की गिरावट के साथ 54वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि, दक्षिण एशियाई देशों में भारत शीर्ष स्थान पर रहा है, लेकिन वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

बता दें कि WEF की ओर से हर दो साल में वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक जारी किया जाता है। इसमें वैश्विक यात्रा और पर्यटन के मामले में शीर्ष 117 देशों में पर्यटन और यात्रा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास और देशों में उपलब्ध सुविधाओं का आंकलन किया जाता है। इसके अलावा इनका संबंधित देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को भी देखते हुए देशों की रैकिंग निर्धारित की जाती है।

WEF द्वारा जारी किए गए ताजा सूचकांक ने जापान ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसी तरह अमेरिका ने दूसरा, स्पेन ने तीसरा, फ्रांस ने चौथा, जर्मनी ने पांचवा, स्विट्जरलैंड ने छठा, आस्ट्रेलिया ने सातवां, ब्रिटेन ने आठवां, सिंगापुर ने नौवा और इटली ने दसवां स्थान हासिल किया है। इसी तरह भारत ने साल 2019 के 46वें पायदान से आठ स्थानों की गिरावट के साथ 54वां स्थान हासिल किया है, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता की बात है।

सबसे फिसड्डी रहा है चाड

सूचकांक में मध्य अफ्रीकी देश चाड सबसे फिसड्डी रहा है। उसे 117वां स्थान मिला है। इसके बाद यमन, सिएरा लियोन, अंगोला, कैमरून, लेसोथो, नाइजीरिया, मालावी और वेनेजुएला का नंबर आया है। इन देशों में पिछले दो सालों में यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए गए हैं और वहां उपलब्ध सुविधाओं में भी गिरावट आई है। यही कारण रहा कि इन देशों में यात्रा और पर्यटन का ग्राम बेहद नीचा रहा है।

इस सूचकांक में चीन (12वां स्थान) ही भारत से आगे रहा हैं। इसके अलावा आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को (74वां), पाकिस्तान को (84वां), बांग्लादेश ने (100वां) और नेपाल ने (102वां) स्थान हासिल किया है। भारत दक्षिण एशिया में शीर्ष पर रहा है।

महामारी से उबर रहे देशों के सामने है चुनौतियां- लॉरेन

WEF में विमानन, यात्रा और पर्यटन मामलों के प्रमुख लॉरेन अपिंक ने कहा, "117 देशों के अध्ययन में सामने आया है कि सभी देश कोरोना महामारी के संकट से उबर रहे हैं, लेकिन पुनरुद्धार असंतुलित है और चुनौतियां बनी हुई हैं।" उन्होंने कहा, "कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लागू पाबंदियों ने यात्रा और पर्यटन के महत्वपूर्ण योगदान को प्रभावित किया है। ऐसे में देशों को यात्रा और पर्यटन अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए मजबूत परिवेश तैयार करना होगा।"

लॉरेन अपिंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और कारोबारी यात्रा अब भी महामारी से पहले के स्तर से नीचे है, लेकिन तेजी से वैक्सीनेशन और घरेलू तथा प्रकृति से जुड़े पर्यटन की मांग से क्षेत्र में गतिविधियां मजबूत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि 117 देशों में से केवल 39 देशों में यात्रा और पर्यटन को लेकर एक प्रतिशत से अधिक सुधार हुआ है, जबकि 27 देशों में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।

दुनिया में भुखमरी का शिकार हर चौथा व्यक्ति भारतीय, बांग्लादेश-पाकिस्‍तान से भी पिछड़ा भारत

बच्चों के कुपोषण का प्रमुख कारण सामाजिक असमानता

  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2013,
  • (अपडेटेड 17 अक्टूबर 2013, 12:20 AM IST)

देश में भुखमरी से ग्रस्त लोगों की संख्या कम हुई है. वर्ष 2013 में वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) में भारत की स्थिति सुधरी है और वह 63वें स्थान पर रहा, लेकिन देश अब भी चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा श्रीलंका से पीछे है.

वर्ष 2012 में भारत जीएचआई के मामले में 67वें स्थान पर था.

ताजा सूचकांक के अनुसार भारत में भुखमरी के कगार पर पहुंचे लोगों की स्थिति अभी खतरनाक स्तर पर है. यह बात इस तथ्य से साबित होती है कि 5 साल से कम उम्र के 40 प्रतिशत से अधिक बच्चों का वजन सामान्य से कम है.

वैश्विक भुखमरी सूचकांक और नीचे गिरी भारत की रैंकिंग, नेपाल, पाक, श्रीलंका है आगे

वैश्विक भुखमरी सूचकांक और नीचे गिरी भारत की रैंकिंग, नेपाल, पाक, श्रीलंका है आगे

Update: Saturday, October 15, 2022 @ 6:08 PM

वैश्विक भुखमरी सूचकांक यानी हंगर इंडेक्स( Hunger Index) में भारत 6 स्थान और नीचे गिर गया है। ताजा रैंकिंग के अनुसार अब भारत 107वें स्थान पर आ गया है। इतना ही नहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल भी भारत (India)से आगे है। साउथ एशिया के देशों में अफगानिस्तान के बाद सबसे ज्यादा हालात भारत के ही खराब हैं। हंगर इंडेक्स 121 देशों की है यानी 121 देशों में भारत 107वें स्थान पर है। इससे पहले भारत 116 देशों की रैंकिंग में 101वें स्थान पर था।

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