Karim Benzema (Photo Twitter)

SGB: सरकार से सस्ता सोना खरीदने का साल का आखिरी मौका, जानिए क्‍या है भाव

Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23: अगर आप सस्ता सोना खरीदना चाहते हैं तो आरबीआई एक खास स्कीम लेकर आई है, जहां डिस्काउंट के साथ सस्ते गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 19 Dec 2022 10:51 AM (IST)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (PC- Freepik)

Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23: सरकार लोगों को सस्ती कीमत पर सोना बेच रही है. सस्ता सोना खरीदने का यह आखिरी मौका है. सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 की तीसरी सीरीज के तहत सोने की बिक्री शुरू कर रही है. इसमें कोई भी निवेश कर सकता है. यह बिक्री सिर्फ पांच दिन के लिए 19 दिसंबर से लेकर 23 दिसंबर तक होगी. यहां से आप बाजार से सस्ती कीमत पर सोना खरीद सकते हैं.

RBI भारत सरकार की ओर से यह स्कीम पेश करती है. Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 की तीसरी सीरीज आज से ओपेन हो रही है. रिजर्व बैंक की ओर से इस स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है. अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं तो इसे अभी खरीद सकते हैं.

कहां से खरीद सकते हैं SGB?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 को कॉमर्शियल बैंकों (स्माल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और रिजनल ग्रामीण बैंक), स्टॉक कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL), क्लियर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), कुछ डाकघर और स्टॉक एक्सचेंज- NSE और BSE से खरीद सकते हैं. भारत सरकार की ओर से केंद्रीय बैंक इस स्कीम के तहत डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन तरीके से सोना खरीदने वाले लोगों को 50 रुपये प्रति ग्राम पर छूट भी दे रही है. RBI के अनुसार, ऐसे निवेशकों को 5,359 रुपये प्रति ग्राम पर देना होगा.

SGB का चौथा सीरीज कब होगा ओपेन

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने गुरुवार को कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) 2022-23 चौथा सीरीज 06 से 10 मार्च 2023 के लिए ओपेन होगा. इस स्कीम के तहत गोल्ड बॉन्ड का टेन्योर 8 साल तक होता है और 5 साल के बाद इस स्कीम से निकलने की अनुमति दी जाती है.

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) पर टैक्स

SGB के अलग-अलग टैक्स के नियम हैं. SGB से होने वाला लाभ अगर मैच्योरिटी तक आयोजित किया जाता है, तो टैक्स नहीं लगाया जाता है. हालांकि निवेशक पांच साल के बाद समय से पहले एसजीबी को रिडीम कर सकते हैं. अगर आप SGB को पांच से आठ साल के बीच निवेशित रहते हैं, तो लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ माना जाता है. इंडेक्सेशन लाभ के साथ इस पर 20.8 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है.

अगर एसजीबी को तीन साल से पहले बेचा जाता है, तो पूंजीगत लाभ निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और लागू आयकर स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाता है. इसके अलावा, तीन साल के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी बेचने पर निवेशकों द्वारा अर्जित पूंजीगत लाभ लंबी अवधि के होते हैं और इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% पर कर लगाया जाता है.

Published at : 19 Dec 2022 10:51 AM (IST) Tags: gold bond Sovereign Gold Bond Scheme SGB RBI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

डॉलर की जगह भारतीय रुपये में व्यापार करना चाहते हैं कई देश

भारत के रुपये में अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने की प्रक्रिया यानी डॉलर और अन्य बड़ी मुद्राओं की जगह रुपया इस्तेमाल करने का तरीका अन्य कई देशों को भा रहा है. दुनिया के कई देशों ने इस संबंध में भारत से संपर्क किया है.

ताजिकिस्तान, क्यूबा, लग्जमबर्ग और सूडान समेत कई देशों ने भारत से यह जानने के लिए बातचीत शुरू की है कि वह डॉलर या दूसरी बड़ी मुद्राओं को छोड़ भारतीय करंसी में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन कैसे कर रहा है. समाचार एजेंस रॉयटर्स ने कम से कम दो आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. जब यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगे थे, तब रूस और भारत ने इस प्रक्रिया से ही कारोबार शुरू किया था.

भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई में यह प्रक्रिया शुरू की थी. उद्योग जगत की एक हस्ती के हवाले से रॉयटर्स ने लिखा है कि अब भारत सरकार ऐसे देशों को भी इस प्रक्रिया के तहत लाने की कोशिश कर रही है जिनके पास डॉलर यानी अमेरिकी मुद्रा की कमी है. इस व्यक्ति ने अपना नाम प्रकाशित ना करने के आग्रह पर यह सूचना दी क्योंकि मामला अभी गोपनीय है. भारतीय वित्त मंत्रालय और आरबीआई ने इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.

रॉयटर्स के देखे दस्तावेजों के मुताबिक कम से कम चार देशों कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए ने भारत में रुपये में खाता खोलने में दिलचस्पी दिखाई है. इन खातों को वोस्तरो अकाउंट कहा जाता है. हालांकि भारत के बैंकों ने अभी उन देशों को ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं. इन खातों को खोलने के लिए रिजर्व बैंक से इजाजत लेनी होती है.

कई और देश इच्छुक

मॉरिशस और श्रीलंका ने भी इस प्रक्रिया में दिलचस्पी दिखाई है. उनके वोस्तरो खातों को तो रिजर्व बैंक ने मंजूरी भी दे दी है. दस्तावेजों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने 12 वोस्तरो खाते मंजूर किए हैं, जो रूस के साथ रुपये में कारोबार के लिए खोले गये हैं. छह अन्य खाते श्रीलंका और मॉरिशस के लिए हैं. इनमें से श्रीलंका के लिए पांच खाते हैं.

भारत कई अन्य बड़े व्यापारिक साझीदारों के साथ भी डॉलर की जगह रुपये में व्यापार करने की कोशिश कर रहा है. इनमें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं जिनसे भारत बड़ी मात्रा में तेल आयात करता है. एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक यूएई और भारत के केंद्रीय बैंक रुपया-दिरहम व्यापार व्यवस्था के लिए प्रक्रिया स्थापित करने पर बातचीत कर रहे हैं. सऊदी अरब के साथ रुपया-रियाल व्यापार प्रक्रिया की भी तैयारी की जा रही है.कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए

अधिकारी के मुताबिक यूएई और सऊदी अरब अपने निर्यात से मिलने वाले भारतीय रुपये को भारत में ही निवेश करने के तरीकों पर भी बातचीत कर रहे हैं. इस अधिकारी ने कहा, "हमने अतिरिक्त रुपयों को भारतीय बाजारों में निवेश करने का विकल्प पेश किया है.”

कैसे काम करती है व्यवस्था

इसी साल भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय मुद्रा में उपलब्ध किसी भी संपत्ति को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की इजाजत दे दी थी. आरबीआई ने मार्च में ही भारतीय व्यापारियों को रूस के साथ रुपये में कारोबार करने की इजाजत दे दी थी. भारतीय मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने से भारत को अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी और वह उन देशों के साथ भी व्यापार कर सकता है जिन पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रतिबंध लगे हैं. मसलन, रूस से तेल खरीदने के लिए भारतीय व्यापारियों ने रुपये में भुगतान किया. इससे भारत कम दाम में तेल खरीद पाया.

इस व्यवस्था के तहत आयात और निर्यात करने वाले व्यापारी एक विशेष वोस्तरो खाता कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए खोलते हैं, जो साझीदार देश के किसी बैंक के साथ जुड़ा होता है. वोस्तरो खाता साझीदार देश का बैंक भारत में किसी बैंक में खोलता है. व्यापारी को जितना भुगतान करना होता है, वह इस खाते में रुपयों में जमा कर देता है. उस रुपये को साझीदार देश किसी से भी रुपये में कारोबार करने में इस्तेमाल कर सकता है.

राज्यसभा: तमाम सहूलियतों के बावजूद निजी निवेश में तेजी नहीं आने को लेकर कांग्रेस का सरकार पर निशाना

उच्च सदन में चिदंबरम ने अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार ने 500 करोड़ रूपये रक्षा पूंजीगत व्यय के लिए मांगे हैं।

राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस ने कंपनियों को विभिन्न सहूलियतें देने के बावजूद निजी निवेश में तेजी नहीं आने और सकल कर राजस्व में इस क्षेत्र के कर योगदान घटने तथा तमाम दावों के बावजूद पिछले नौ सालों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दुगना नहीं हो पाने को लेकर सरकार पर करारा हमला बोला। उच्च सदन में चिदंबरम ने अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार ने 500 करोड़ रूपये रक्षा पूंजीगत व्यय के लिए मांगे हैं। उन्होंने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगों के अनुसार यह धन पूर्वोत्तर की सामरिक एवं सीमा सड़कों पर खर्च किया जाना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि पूर्वोत्तर सीमा पर खतरा कौन है?’’

उन्होंने प्रश्न किया, ‘‘क्या चीन ने हाट स्प्रिंग के बारे में कोई सहमति जतायी है? क्या चीनी पक्ष ने डोकलाम जंक्शन एवं डेबचाम मैदान पर विवाद बिन्दुओं को लेकर चर्चा पर सहमति जतायी है? आप कई बफर जोन बना रहे हैं। बफर जोन वह क्षेत्र हैं, जहां किसी देश की सेना गश्त नहीं करती।’’ चिदंबरम ने कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता और भारत के (रक्षा) प्रवक्ता ने भी यह कहा है कि सीमा के उस पार काफी तैनाती एवं आधारभूत ढांचे का निर्माण हो रहा है ‘‘तथा हमारी सरकार भी अपनी तरफ आधारभूत ढांचे का निर्माण कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि वह यह नहीं जानना चाहते कि सीमा के इस तरफ किस तरह का निर्माण हो रहा है किंतु वह यह जानने को उत्सुक हैं कि सीमा के उस पार क्या निर्माण हो रहा है क्योंकि सेटेलाइट तस्वीरों से इसका पता चलता है। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि किस तरह की सड़कें, पुल और अन्य निर्माण चीन कर रहा है? चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने एक वीड़ियो में देखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बाली में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से हाथ मिला रहे हैं और प्रधानमंत्री उनसे बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वीडियो में चिनफिंग कुछ बोलते नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने जानना चाहा कि क्या उस बातचीत में चिनफिंग से सीमा मुद्दे पर भी कोई बातचीत हुई थी?

उन्होंने कहा कि वीडियो की बात ना भी करें तो यह एक तथ्य है कि प्रधानमंत्री मोदी की चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात हुई और वह मात्र यह जानना चाहते हैं कि क्या उस दौरान सीमा के मुद्दे पर बातचीत हुई? उन्होंने कहा कि बजट अनुमानों के अनुसार 2022-23 के लिए मौजूदा मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 258 लाख करोड़ रूपये है। उन्होंने कहा कि यह मौजूदा मूल्यों के आधार पर पिछले साल की तुलना में 11.1 प्रतिशत अधिक है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि वह मात्र दो छोटे प्रश्न पूछना चाहते हैं कि मुद्रास्फीति दर क्या होगी और विकास की वास्तविक दर क्या रहेगी? चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने आम बजट की चर्चा में भी ये प्रश्न पूछे थे और अब जबकि वित्त वर्ष के नौ महीने बीत चुके हैं, इनका उत्तर नहीं मिला है।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री यह 3.25,756 लाख करोड़ रूपये जो खर्च करना चाहती है, उसे यह कैसे पता चला कि इतने ही खर्च की जरूरत पड़ेगी? उन्होंने कहा कि इसका पता लगाने के तीन ही तरीके हैं. (1) सरकार ने बजट के राजस्व प्राप्ति से अधिक धन प्राप्त कर लिया हो, (2) सरकार ने उधार लिया हो अथवा (3) सरकार बजट में दिखाई गयी विकास दर से अधिक विकास का अनुमान कर रही हो जिससे जीडीपी अधिक बढ़ जाएगी और सरकार अधिक उधार लेकर खर्च कर देगी।

उन्होंने सरकार से पूछना चाहा कि वह इन तीनों में से कौन सा मार्ग अपना रही है? चिदंबरम ने कहा कि बजट के अनुसार सकल कर राजस्व 27 लाख 57,820 करोड़ रूपये रहेगा। उन्होंने कहा कि इसमें से निगमित कर साल लाख 20 हजार करोड़ रूपये तथा आयकर सात लाख करोड़ रूपये रहेगा। उन्होंने कहा कि सकल कर राजस्व में निगमित कर का योगदान 26.1 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में सकल कर राजस्व में निगमित कर का योगदान 34 प्रतिशत हुआ करता था। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि सरकार कंपनी क्षेत्र को इतना लाभ क्यों दे रही है?

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सकल कर राजस्व का 74 प्रतिशत आम कर दाताओं, सीमाशुल्क, उपकर आदि से जुटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को सरकार की ओर से यह जो सहूलियतें दी जा रही हैं, वह कितना उचित है, इस बात को सदन को तय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री उद्योग मंडलों में जाकर कंपनियों से निवेश करने के लिए कह रही कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए हैं। उन्होंने प्रश्न किया कि जब कंपनी क्षेत्र को इतनी सहूलियत दी जा रही है और उनके लिए जब वातावरण इतना बेहतर है तो वे निवेश क्यों नहीं कर रही हैं? उन्होंने कहा कि जब सरकार कह रही है कि सब कुछ बेहतर है तो निजी निवेश क्यों नहीं हो रहा है, वह इतना शिथिल और कम क्यों है?

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि 1990-91 में देश की जीडीपी स्थिर मूल्यों पर 25 लाख करोड़ रूपये थी और इसके 12 वर्ष बाद यह दुगनी होकर 50 लाख हो गयी। उन्होंने कहा कि इसके बाद फिर अगले दस साल में यह जीडीपी दुगनी होकर 98-99 लाख करोड़ रूपये हो गयी। उन्होंने कहा कि अब यह एक सामान्य सी उम्मीद है कि जो सरकार पिछले नौ साल से सत्ता में उसके शासनकाल में जीडीपी को दुगना हो जाना चाहिए था? उन्होंने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के शासनकाल में जीडीपी दुगनी हो गयी तो वर्तमान सरकार के शासनकाल में यह दुगनी क्यों नहीं हो पायी? उन्होंने वित्त मंत्री से पूछा कि वह सदन को यह बताएं कि क्या जीडपी 200 लाख करोड़ हो पाएगी?

कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘यदि आप (सरकार) जीडीपी को दुगना कर देते हैं तो मैं आपको सलाम करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यह बात जानते हैं कि निजी निवेश बहुत मंद पड़ गया है।’’ उन्होंने कहा कि निजी खपत की कम हो रही है विशेषकर गरीबों एवं मध्यम वर्ग द्वारा की जानी वाली खपत। उन्होंने कहा कि निर्यात मंद पड़ गया है और व्यापार घाटा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अकेले चीन के साथ देश का व्यापार घाटा बढ़कर 73 अरब डॉलर हो गया है।

Multibagger Stock: 1900% का छप्परफाड़ रिटर्न! इस स्टॉक ने निवेशकों को बना दिया करोड़पति

शेयर बाजार में अगर स्टॉक्स की पूरी जानकारी करने के बाद निवेश किया जाए तो बंपर रिटर्न मिलना तय है। ऐसे बहुत से स्टॉक (Stock) हैं जिन्होंने निवेशकों को कम समय में ही तगड़ा रिटर्न दिया कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए है। इन स्टॉक्स में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा तीन से चार गुना तक हो गया है। ऐसे ही एक स्टॉक (Multibagger Stock) के बारे में हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं। इस स्टॉक ने तीन साल में ही निवेशकों को 1900 फीसदी तक का बंपर रिटर्न दिया है। शेयर में अभी भी तेजी बनी हुई है। निवेशकों को उम्मीद है कि आने वाले समय में स्टॉक और अच्छा रिटर्न दे सकता है। हालांकि आप किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहाकार से बात जरूर कर लें। ऐसा नहीं करने पर आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

113.77 करोड़ है कंपनी का मार्केट-कैप

स्मॉल-कैप फर्म सार्थक इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Sarthak Industries Ltd) वाणिज्यिक सेवा उद्योग में काम करती है। इस कंपनी का बाजार मूल्यांकन ₹113.77 करोड़ है। कंपनी धार (मध्य प्रदेश) जिले के पीथमपुर में एक वाणिज्यिक संयंत्र में काम करती है, जहां एलपीजी सिलेंडरों का निर्माण किया जाता है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड सहित तेल निगमों के साथ-साथ निजी व्यवसायों को सार्थक इंडस्ट्रीज द्वारा एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति की जाती है।

निवेशकों को लगातार दिया शानदार रिटर्न

सार्थक इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Sarthak Industries Ltd) के शेयर अभी ₹169.85 के आसपास चल रहे हैं। स्टॉक ने 20-दिन की औसत मात्रा 19,836 शेयरों की तुलना में 22,850 शेयरों की कुल मात्रा दर्ज की है। शेयर की कीमत 1 मार्च, 2018 को ₹5.95 थी। इस हिसाब से देखें तो इस स्टॉक ने पिछले पांच वर्षों में 2,683.19 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। 23 दिसंबर, कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए 2019 को शेयर की कीमत ₹7.94 से बढ़कर पिछले तीन वर्षों के दौरान मौजूदा बाजार मूल्य पर पहुंच गई है। इस दौरान स्टॉक ने निवेशकों को 1,985.64 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।

स्टॉक में बनी हुई है तेजी

पिछले वर्ष की तुलना में स्टॉक में 65 फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्ष-दर-वर्ष आधार पर, 2022 में अब तक इसमें 52.35% की वृद्धि हुई है। स्टॉक ने पिछले छह महीनों के दौरान 193.10% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। स्टॉक ने 14/11/2022 को ₹216.05 के 52-सप्ताह के उच्च स्तर और 10/08/2022 को ₹46.10 के 52-सप्ताह के निचले स्तर को छू लिया था।

Karim Benzema Retirement: अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने वाले करीम बेंजेमा का विवादों से रहा नाता, फाइनल में खेलने का फ्रांस के राष्ट्रपति का ठुकरा दिया था प्रस्ताव

फ्रांस के स्टार खिलाड़ी करीम बेंजेमा ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया. करीम का विवादों से हमेशा नाता रहा है. फीफा विश्वकप 2022 के फाइनल में खेलने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने प्रस्ताव दिया था, जिसे बेंजेमा ने ठुकरा दिया था.

Karim Benzema (Photo Twitter)

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  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2022,
  • (Updated 20 दिसंबर 2022, 10:04 AM IST)

बेंजेमा ने फ्रांस की जर्सी में अपनी तस्वीर साझा की

चोट की वजह से फीफा विश्व कप 2022 में नहीं खेल पाए

फीफा विश्वकप 2022 में अर्जेंटीना से हार के बाद फ्रांस के स्टार कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए खिलाड़ी करीम बेंजेमा ने अंतरराष्ट्रीय फुटबाल से संन्यास ले लिया. करीम का हमेशा विवादों से नाता रहा है. वह चोट की वजह से फीफा विश्व कप 2022 में अपने देश के लिए कोई मैच नहीं खेल पाए. फीफा विश्व कप से पहले चोट की वजह से उन्हें कतर से वापस घर भेज दिया गा था. हालांकि, फाइनल मैच से पहले उन्होंने रियल मैड्रिड के लिए एक फ्रैंडली मैच भी खेला था. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अर्जेंटीना के खिलाफ फाइनल मैच में वह फ्रांस के लिए खेल सकते हैं. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने उन्हें फाइनल में खेलने के लिए बुलाया था और कतर आने के लिए अपना प्राइवेट जेट देने के लिए राजी थे, लेकिन बेंजेमा यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था. कहा जाता है कि बेंजेमा और फ्रांस की टीम के मैनेजर डिडिएर डेसचैम्प्स के बीच अनबन हो गई थी. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए नहीं खेलने का फैसला किया.

सोशल मीडिया पर संन्यास की दी जानकारी
बेंजेमा ने सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की जानकारी देते हुए लिखा 'मैं आज जहां हूं, वहां पहुंचने के लिए मैंने प्रयास और गलतियां कीं और मुझे इस पर गर्व है! मैंने अपनी कहानी लिखी है और अब हमारी कहानी खत्म हो रही है' फाइनल से पहले बेंजेमा ने साफ किया था कि उन्हें खिताबी मुकाबले में शामिल होने में कोई रुचि नहीं है. इसी वजह से उन्होंने हर प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने अपने साथियों के लिए एक शुभकामना संदेश दिया था। उन्होंने लिखा था 'यह सबके साथ आने का समय है. वामोनोस. कम ऑन लेस ब्लूस (फ्रांस)'

15 साल के करियर में 97 मैच खेले
फ्रांस के लिए बेंजेमा ने 15 साल के करियर में 97 मैच खेले और 37 गोल किए. इसके बावजूद राष्ट्रीय टीम के साथ उनका सफर आसान नहीं रहा. साल 2007 में ऑस्ट्रिया के खिलाफ अपने पहले मैच में वह सब्सटीट्यूट के रूप में आए थे. 2008 में वह यूरो कप के लिए फ्रांस की टीम में कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए शामिल थे. ग्रुप स्टेज में खराब प्रदर्शन के लिए बेंजेमा को जमकर आलोचना झेलनी पड़ी. 2010 विश्व कप के क्वालिफाइंग राउंड में वह लगातार टीम का हिस्सा थे, लेकिन विश्व कप की मुख्य कैसे एक मंच पर निवेश करने के लिए टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया.बेंजेमा यूरो 2012 और विश्व कप 2014 में खेलें, लेकिन सेक्स टेप मामले के चलते वह पांच साल तक टीम से बाहर रहे. इसमें 2018 विश्व कप भी शामिल था, जिसमें फ्रांस की टीम चैंपियन बनी.पिछले साल यूरो 2020 के दौरान वह फ्रांस की टीम में लौटे और टूर्नामेंट में चार गोल दागकर तीसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने. यूईएफए नेशंस लीग के फाइनल में प्रभावित करने के बाद, बेंजेमा ने राष्ट्रीय टीम के साथ पहली ट्रॉफी जीती. बेंजेमा ने चैंपियंस लीग और बैलेन डी ओर जीता था.

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