सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं?बैंक में टैक्स कब लगता है? | Maximum Amount in Saving Account

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बैंक अपने ग्राहकों को कई प्रकार के अकाउंट की सुविधा देता है। इनमें आपकी बचत की कमाई सुरक्षित रखने के लिए बचत खाते से लेकर निवेश की सुविधा देने वाला डीमैट खाता तक शामिल है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, बचत खाते में लोग अपनी बचत की कमाई रखते हैं। कोई भी व्यक्ति बैंक में पहली बार खाता खुलवाता है तो वह बचत खाता ही होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वित्तीय समावेशन के लिए देश भर में जनधन योजना का शुभारंभ किया तो इसके अंतर्गत खोले गए खाते भी बचत खाते ही हैं। बहुत सारे लोगों में इस खाते को लेकर भ्रम की स्थिति रहती है कि इन खातों में कितना पैसा रखा जा सकता है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी बात की जानकारी देंगे कि आप एक सेविंग एकाउंट में कितने पैसे रख सकते हैं? आइए, शुरू करते हैं-

बैंक की सेविंग अकाउंट में कितने पैसे रख सकते हैं? जानें जरूरी नियम और टैक्स

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बैंक के सेविंग अकाउंट में आप कितने पैसे रख सकते हैं

बैंक के सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर क्या टैक्स का नियम

सामान्य और सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट में टैक्स अलग-अलग

कोई व्यक्ति अपनी कमाई में से कुछ पैसे सुरक्षित रखता है. सुरक्षित पैसे रखना जरूरी है क्योंकि आपको इसकी कभी भी जरूरत हो सकती है. लेकिन ऐसा होता है जब आपके पास ये पैसे होते हैं तो आप इसे खर्च कर देते हैं. लेकिन अब इसके लिए वह सेविंग अकाउंट या बचत खाते का इस्तेमाल करता है जिससे पैसे सुरक्षित भी होते हैं और जरूरत पड़ने पर वह मिल भी जाते हैं. बैंक अपने ग्राहकों को सेविंग अकाउंट की सुविधा देता है. देश के बैंकिंग सेवा में सेविंग अकाउंट खुलवाने की कोई लिमिट नहीं है. यानी कोई भी व्यक्ति कितने भी सेविंग अकाउंट खोल सकता है.

वहीं, सेविंग अकाउंट में पैसे जमा कराने के लिए भी कोई लिमिट तय नहीं किया गया सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं है. इसका मतलब है कि आप सेविंग अकाउंट में जितने चाहें पैसे जमा कर सकते हैं. हालांकि, जीरो बैलेंस अकाउंट को छोड़कर सभी सेविंग बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है. बैंक सेविंग अकाउंट खुलवाने के लिए कम से कम राशि सुनिश्ति करता है.

लाइव मिंट की एक‍ रिपोर्ट के अनुसार टैक्‍स और निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने बताया है कि सेविंग अकाउंट में कोई भारतीय कितना भी पैसा रख सकता है. बचत खाते में पैसा जमा कराने पर आयकर कानून या बैंकिंग रेगुलेशन्‍स में कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. साथ ही बैंक में पैसा जमा कराने पर बैंक किसी तरह का कोई शुल्‍क नहीं लेता, बल्कि जमाकर्ता को ब्‍याज देता है.

हालांकि, बैंक के सेविंग अकाउंट में रखी राशि पर जो ब्याज दिया जाता है वह टैक्स के अंतर्गत आता है. बैंक 10 फीसदी TDS ब्याज पर काटता है. वहीं, इस पर भी टैक्स कटौती का लाभ लिया जा सकता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80टीटीए के मुताबिक सभी व्यक्ति 10 हजार तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं सकते हैं. वहीं 10 हजार रुपये से कम ब्याज पर टैक्स नहीं चुकाना होगा.

आपको बता दें, अगर कोई सीनियर सीटिजन व्यक्ति है यानी 60 साल से अधिक उम्र वाले अकाउंट होल्डर को 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता है. अगर आपकी कुल सालाना आमदनी में उस ब्याज को मिलाने के बाद भी, आपकी सालाना आमदनी इतनी नहीं होती कि उस पर टैक्स देनदारी बन सके तो फिर आप फॉर्म 15 G जमा करके बैंक द्वारा काटे गए टीडीएस का रिफंड प्राप्‍त कर सकते हैं.

सेविंग बैंक अकाउंट में कितने पैसे जमा कर सकते हैं आप? क्‍या कहते हैं टैक्स के नियम? एक्‍सपर्ट से जानिए

भारत में सेविंग अकाउंट खुलवाने की कोई लिमिट नहीं है.

भारत में सेविंग अकाउंट (Bank Saving Account) खोलने की भी कोई सीमा निर्धारित नहीं है. एक व्‍यक्ति कितने भी खाते खोल सकता . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated :सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं September 23, 2022, 14:01 IST

हाइलाइट्स

बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसे जमा कराने पर बैंक ब्‍याज देता है.
भारत में एक व्‍यक्ति कितने भी सेविंग अकाउंट खुलवा सकता है.
सेविंग अकाउंट राशि पर मिले ब्‍याज पर आयकर देना होता है.

नई दिल्‍ली. सेविंग अकाउंट (Saving Account) या बचत खाते के माध्यम से बैंक एक व्‍यक्ति को अपनी जरूरतों के लिए पैसा बैंक में रखने की सुविधा प्रदान करते हैं. भारत में सेविंग अकाउंट खुलवाने की कोई लिमिट नहीं है. यानी एक व्‍यक्ति कितने भी बचत खाते खोल सकता है. खास बात यह है कि भारत में सेविंग अकाउंट में पैसे जमा कराने की भी कोई लिमिट नहीं है. मतलब, आप सेविंग अकाउंट में चाहें जितना पैसा जमा कर सकते हैं. हां, जीरो बैलेंस खाते को छोड़कर अन्‍य सभी सेविंग बैंक अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य होता है. बैंक द्वारा निर्धारित राशि से कम पैसे अकाउंट में रखने पर बैंक शुल्‍क लेता है.

लाइव मिंट की एक‍ रिपोर्ट के अनुसार टैक्‍स और निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि सेविंग अकाउंट में कोई भारतीय कितना भी पैसा रख सकता है. बचत खाते में पैसा जमा कराने पर आयकर कानून या बैंकिंग रेगुलेशन्‍स में कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. यही नहीं, बैंक में पैसा जमा कराने पर बैंक किसी तरह का कोई शुल्‍क नहीं लेता, बल्कि जमाकर्ता को ब्‍याज देता है.

ब्‍याज पर देना होता है आयकर
बैंक के सेविंग अकाउंट पर रखी राशि पर जो ब्‍याज बनता है, उस पर बैंक अकाउंट होल्‍डर को टैक्‍स देना होता है. बैंक 10 फीसदी टीडीएस ब्‍याज पर काटता है. बलवंत जैन का कहना है कि ब्‍याज पर टैक्‍स चुकाना होता है लेकिन, इस पर भी टैक्‍स कटौती का लाभ लिया जा सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 80 टीटीए के अनुसार सभी व्‍यक्ति 10 हजार तक की टैक्‍स छूट प्राप्‍त कर सकते हैं. अगर ब्‍याज 10 हजार रुपये से कम बना होगा तो टैक्‍स नहीं चुकाना होगा.

इसी तरह, 60 साल से ज्‍यादा उम्र के अकाउंट होल्‍डर को 50 हजार रुपये तक के ब्‍याज पर टैक्‍स नहीं देना होता है. अगर आपकी कुल सालाना आमदनी में उस ब्याज को मिलाने के बाद भी, आपकी सालाना आमदनी इतनी नहीं होती कि उस पर टैक्स देनदारी बन सके तो फिर आप फॉर्म 15 G जमा करके बैंक द्वारा काटे गए टीडीएस का रिफंड प्राप्‍त कर सकते हैं.

कितने अकाउंट होने चाहिए?
भारत में सेविंग अकाउंट खोलने की भी कोई सीमा निर्धारित नहीं है. एक व्‍यक्ति जितने चाहे खाते खोल सकता है. वित्‍तीय सलाहकारों का कहना है कि एक व्‍यक्ति के पास तीन से ज्‍यादा बैंक खाते नहीं होने चाहिए. वेल्‍थ क्रिएटर्स फाइनेंशियल एडवाइजर्स के को-फाउंडर विनित अय्यर का कहना है कि सभी परमानेंट इनकम के लिए एक बैंक खाता होना चाहिए. रोजाना के खर्चों के लिए पति-पत्‍नी एक संयुक्‍त खाता खुलवा सकते हैं. तीसरा खाता व्‍यक्तिगत खर्चों के लिए भी खोला जा सकता है. अय्यर का कहना है कि तीन से ज्‍यादा बैंक अकाउंट रखने में कोई समझदारी नहीं है.

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कितने सेविंग अकाउंट रख सकते हैं कि Income Tax का नोटिस न आए? डिटेल में जानें सभी नियम

यहां जरूरी नहीं कि सेविंग खाते में एक साल में एकमुश्त 10 लाख ही जमा किए जाएं या निकालें जाएं. अगर कुछ-कुछ लाख रुपये भी करके 10 लाख तक जमा किए जाते हैं या बारी-बारी से कुल 10 लाख निकालें जाते हैं तो नोटिस की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है.

कितने सेविंग अकाउंट रख सकते हैं कि Income Tax का नोटिस न आए? डिटेल में जानें सभी नियम

यह आम सवाल है जिसे अधिकांश लोग उठाते हैं. लोग जानना चाहते हैं कि वे कितने सेविंग अकाउंट एक साथ चला सकते हैं जिससे कि इनकम टैक्स से कोई परेशानी न हो. दूसरा सवाल है कि सेविंग खाते में अधिकतम कितना बैलेंस रख सकते हैं कि इनकम टैक्स का नोटिस न मिले. सेविंग बैंक अकाउंट को लेकर इस तरह के कई भ्रम टैक्सपेयर के दिमाग में होते हैं जिन्हें समय रहते दूर करना जरूरी होता है.

इसका जवाब बहुत ही आसान है. इनकम टैक्स में ऐसा कोई नियम नहीं है जो बताता हो कि आप अधिकतम कितने सेविंग अकाउंट रख सकते हैं कि नोटिस न आए. यानी कि इनकम टैक्स का सेविंग खाते से कोई लेना देना नहीं है. आप जितनी मर्जी उतना खाता रख सकते हैं, चला सकते हैं. खाते में अधिकतम कितनी राशि रखनी है, उसकी भी कोई लिमिट नहीं जो इनकम टैक्स से जुड़ी हो. आप जितना चाहें, उतना पैसा रख सकते हैं. इनकम टैक्स का असली नियम ट्रांजेक्शन पर लागू होता है. अर्थात आप सेविंग खाते से कितने रुपये और कहां खर्च करते हैं. कैश में करते हैं या क्रेडिट-डेबिट कार्ड से करते हैं, इन बातों पर ध्यान दिया जाता है.

कैश ट्रांजेक्शन पर ध्यान दें

इनकम टैक्स के नोटिस से बचना है तो आपको कैश ट्रांजेक्शन पर ध्यान रखना होगा. इस पर अगर ध्यान देते हैं तो इनकम टैक्स की कार्रवाई से बच सकेंगे. एक साल में आपको ध्यान रखना है कि 10 लाख से ज्यादा ट्रांजेक्शन नहीं करना है. न तो 10 लाख से ज्यादा निकाल सकते हैं और न ही उस सेविंग खाते में 10 लाख से ज्यादा जमा कर सकते हैं. इस नियम को तोड़ते हैं तो आप इनकम टैक्स के नोटिस के दायरे में आ सकते हैं.

यहां जरूरी नहीं कि सेविंग खाते में एक साल में एकमुश्त 10 लाख ही जमा किए जाएं या निकालें जाएं. अगर कुछ-कुछ लाख रुपये भी करके 10 लाख तक जमा किए जाते हैं या बारी-बारी से कुल 10 लाख निकालें जाते हैं तो नोटिस की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. 10 लाख कि लिमिट पार करते हैं तो इनकम टैक्स की कार्रवाई संभव है, इससे सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं कोई नहीं बचा सकता. यह सेविंग बैंक अकाउंट के लिए नियम है. सबसे जरूरी नियम है कि सिंगल ट्रांजेक्शन 2 लाख से ज्यादा का न हो और साल में कुल ट्रांजेक्शन 10 लाख से ऊपर नहीं जाना चाहिए. अगर इस नियम को तोड़ते हैं तो इनकम टैक्स की कार्रवाई होगी.

कितने पैसे निकालें और जमा करें

अब सवाल है कि साल में 10 लाख से ज्यादा या एक बार में 2 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करते हैं तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स को कैसे लगती है? अगर आपका पैन बैंक अकाउंट से जुड़ा हो और अपने सेविंग खाते से 10 लाख से ज्यादा निकालते या जमा करते हैं तो इनकम टैक्स विभाग को पैन के जरिये इसकी जानकारी मिल जाएगी.

अगर पैन न जुड़ा हो तो जिस बैंक में आप 10 लाख से ज्यादा जमा या सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं निकालेंगे, वह बैंक इनकम टैक्स विभाग को जानकारी देता है. कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट मास्टर जनरल को भी टैक्स विभाग को जानकारी देने के लिए नियुक्त किया गया है. पैसे कोऑपरेटिव बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिये जमा या निकाले जा सकते हैं. इसलिए कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट मास्टर जनरल को भी सूचना देने का अधिकार प्राप्त है.

करंट अकाउंट का नियम

एक वित्तीय वर्ष में कोई व्यक्ति अगर बैंक ड्राफ्ट खरीदने या पे ऑर्डर लेने के लिए कैश में 10 लाख से ज्यादा खर्च करता है तो उसे नोटिस मिल सकता है. रिजर्व बैंक ने जिस प्रोडक्ट को प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट का दर्जा दिया है, उसे खरीदने के लिए एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख से अधिक खर्च करने पर भी कार्रवाई हो सकती है. कुछ ऐसा ही नियम करंट अकाउंट के लिए भी है लेकिन उसमें ट्रांजेक्शन की लिमिट 50 लाख रखी गई है. करंट अकाउंट पर एक साल में 50 लाख से ज्यादा जमा नहीं कर सकते, या 50 लाख से ज्यादा निकाल नहीं सकते. यह काम चेक से भी नहीं किया जा सकता.

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