सीएआईटी का कहना है कि, भारत ई मार्केट पूरी तरह से आधुनिक टेक्नोलॉजीज, एम्प्लॉई, इनोवेटिव मार्केटिंग, सक्षम डिजिटल पेमेंट सहित पारदर्शी और जिम्मेदार व्यापारिक व्यवस्था के आधार पर आधारित किया गया है। और यह भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी E-Commerce कंपनी को टक्कर दे सकता है।

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कॉमर्स पोर्टल भारत

वैश्वीकरण और उदारीकरण के जुड़वां दबाव के तहत भारतीय उद्योग लागत में कटौती के लिए एक सतत ड्राइव पर रहा है। आपूर्ति-चेन प्रबंधन विश्व स्तर पर उन क्षेत्रों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो लागत में कटौती के लिए प्रभावी ढंग से योगदान दे सकता है। एमएसटीसी विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार के ई-मार्केटिंग सेवाएं प्रदान कर रहा है। विभागों और अन्य उद्योगों और यह एक सफल साबित हुआ है, 2005-06 में 2800 करोड़ रुपए की विक्रय संख्या तक पहुंच गई, यानी सेवा शुरू करने की तारीख से लगभग चार साल के समय में। हमारी ई-मार्केटिंग सेवा की सफलता से उत्साहित, हमने अब अपनी ई-प्रोक्योरमेंट सेवा को कला अवसंरचना और सिस्टम के साथ शुरू किया है।

खरीद प्रक्रिया को सरल और सरल बनाने और खरीदार और आपूर्तिकर्ताओं के व्यवसाय प्रक्रियाओं को एकीकृत करने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट उपयोगकर्ता के अनुकूल ई-कॉमर्स तकनीक को लागू करता है। यह एक कुशल प्रक्रिया है जो कागज के काम और मानव हस्तक्षेप को समाप्त करती है और अनियमितताओं की किसी भी संभावना को समाप्त करने का भी लक्ष्य है। यह सिस्टम में कुल पारदर्शिता को भी सक्षम बनाता है।

स्वदेशी कारोबारी ऐप: ट्रेडर संगठन कैट ने लॉन्च किया ई-कॉमर्स पोर्टल, घरेलू दुकानदारों को हर भारतीय घरों तक पहुंचाना लक्ष्य

खंडेलवाल के मुताबिक, ई-दुकान पोर्टल पर कारोबारी के लिए किसी भी प्रकार के चार्ज नहीं लागू होंगे, जबकि अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल ट्रांजेक्शन पर 5%-35% कमीशन चार्ज वसूलते हैं। - फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक वेंडर मोबाइल ऐप 'भारत ई-मार्केट' लॉन्च किया है। गुरुवार को लॉन्च यह ऐप पूरी तरह से स्वदेशी है। कैट के मुताबिक इस ऐप से देश के करीब आठ करोड़ व्यापारियों को एक समान प्लेटफॉर्म मिलेगा, जो अपने पुराने ग्राहकों को डिजिटल माध्यम से सर्विस दे पाएंगे।

ऐप के जरिए हर भारतीय घरों तक पहुंच बनाने की योजना
ऐप से देश और विदेश की ई-कॉमर्स कंपनियों का टक्कर मिलेगी। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक ऐप के जरिए रिटेल व्यापारी हर भारतीय घरों तक पहुंचने में सक्षम होंगे। तय समय सीमा के भीतर माल की डिलीवरी करने में सक्षम होंगे। साथ ही सबसे सस्ती दरों पर सामान और सर्विसेस प्रोवाइड करेंगे, जो कस्टमर के लिए भी फायदेमंद होगा।

Bharat E Market क्या है? | What Is Bharat E-Market In Hindi

आज कल हमारे भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड बहुत चल रहा है, जिससे भारत का ई मार्केट कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ा है। इसी बात को नजर में रखते हुए CAIT(Confederation of All India Traders) ने Bharat E Market ऐप और साईट का प्रारंभ कॉमर्स पोर्टल भारत किया है।

इस Bharat E Market ऐप की मदद से कोई भी व्यक्ति, ट्रेडर्स या दुकानदार ऑनलाइन सामान बेच सकता है और खरीद भी सकता है। यहां दुकानदार बिना किसी चार्ज के व्यापार कर सकते है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ सकता है। इसकी जबरदस्त शुरुवात से हमें लगता है की यह भारत ई मार्केट की ऐप अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को टक्कर दे सकती है।

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Bharat E Market क्या है – भारत ई मार्केट पोर्टल क्या है?

Bharat E Market यह भारत का सबसे पहला E-Commerce portal है, जो भारत सरकार के माध्यम से बनाया गया है। भारत ई मार्केट Application की मदद से सभी लोकल व्यापारी इस माध्यम के ज़रिए ऑनलाइन जुड़ने में मदद करेंगे, इससे सभी दुकानदार ऑफलाइन के साथ साथ अपनी e-shop या ई-दुकान को इंटरनेट पर ऑनलाइन ला कॉमर्स पोर्टल भारत सकते हैं, जिससे ग्राहक जुड़ कर हर प्रकार की खरीददारी कर सकते है। इस पोर्टल पर अपनी चीजें बेचने के लिए मुख्य रूप से महिला उद्यमी, कारीगर और शिल्पकार को ज़्यादा सुविधा प्रदान की जाएगी।

यदि आप इनके Official website पर जाना चाहते हैं, तो यहाँ “Bharat E-Market Portal” पर क्लिक कर सकते हैं।

भारत ई मार्केट पोर्टल क्यों बनाया गया?

Bharat E-Market Application बनाने के पीछे का मुख्य लक्ष्य यह है की, बड़ी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे Flipkart, Amazon यह हमारे भारतीय व्यापारीओं को सही अवसर प्रदान नहीं करते हैं, वहा चीजों को बेचने के लिए उन्हें भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है, मगर भारत ई मार्केट पोर्टल के ज़रिए विक्रेताओं को सही अवसर प्रदान किया जा सकता है।

Bharat e Market Portal के फायदे – Benefits of Bharat e-Market

  • इसके जरिये हमारे देश के स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और दूसरी चीजों के छोटे निर्माताओं और व्यापारियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया जाएगा।
  • ग्राहक को ऑनलाइन शॉपिंग के लिए स्वदेशी प्लेटफॉर्म मिल गया है।
  • इस पोर्टल पर व्यापारियों को कारोबार करने पर कोई भी कमीशन नहीं लिया जाएगा।
  • इसमें दर्ज कोई भी जानकारी विदेश नहीं जाएगी, क्योंकि ये पूरी तरह से घरेलू ऐप है, इसलिए सारा डाटा देश में ही रहेगा और इसे बेचा नहीं जाएगा।
  • यहाँ पर व्यापारी से व्यापारी और व्यापारी से उपभोक्ता अपना माल बेच और खरीद सकेंगे।
  • इस पोर्टल पर ‘ई-दुकान’ खोलना सबसे आसान है, ई-दुकान खोलने के लिए मोबाइल ऐप के जरिए ही सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा।
  • किसी भी विदेशी फंडिंग को इस प्लेटफॉर्म के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा, यानी किसी तरह की विदेशी फंडिंग नहीं होगी।
  • कोई भी विक्रेता चीन का सामान इस पोर्टल पर नहीं बेचेगा, यानी चीनी सामान का पूरी तरह से बायकॉट किया जाएगा ताकि घरेलू कारोबारियों को बढ़ावा मिले।

India Post ने शुरू किया अपना ई-कॉमर्स पोर्टल, Flipkart और Amazon को मिलेगी सीधी चुनौती

भारतीय डाक (India Post) ने शुक्रवार को ई-कॉमर्स (E-commerce) कारोबार में पूरी तरह से उतरने की घोषणा की. इसमें उत्पादों की डिलीवरी के लिये वह अपने पार्सल कारोबार नेटवर्क का लाभ उठायेगा.

इंडिया पोस्ट के ई-कॉमर्स में उतरने से दूर-दराज के इलाकों तक ये सेवाएं पहुंच सकेंगी. (फोटो- India Post)

भारतीय डाक (India Post) ने शुक्रवार को ई-कॉमर्स (E-commerce) कारोबार में पूरी तरह से उतरने की घोषणा की. इसमें उत्पादों की डिलीवरी के लिये वह अपने पार्सल कारोबार नेटवर्क का लाभ उठायेगा. दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया, 'हमने अलग पार्सल निदेशालय की स्थापना करके डाक विभाग द्वारा निर्णय-लेने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है." यह निदेशालय पार्सल दरों और संबंधित प्रावधानों पर तुरंत फैसला ले सकता है. भारतीय डाक ई-कॉमर्स सेवाओं के लिये घर-घर जाकर डिलीवरी करने के लिये अपने व्यापक नेटवर्क का लाभ उठा सकेगा.' सिन्हा ने भारतीय डाक का ई-कॉमर्स पोर्टल भी पेश किया. भारत के ई-कॉमर्स बाजार में अमेजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) का दबदबा है. ऐसे में भारतीय डाक के ई-कॉमर्स क्षेत्र में सीधे उतरने से इन कंपनियों को तगड़ी चुनौती मिलने वाली है. इसकी वजह है कि भारतीय डाक का पूरे भारत में विशाल नेटवर्क है.

पिछले 3 महीनों में ‘भारत सरकार’ ने ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजे क़रीब ‘148 नोटिस’ – रिपोर्ट

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Govt Sends 148 Notices To E-Commerce Firms: अगर आपसे कहा जाए कि बीते 3 महीनों में भारत सरकार देश में अपना संचालन करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को क़रीब 148 क़ानूनी नोटिस भेज कॉमर्स पोर्टल भारत चुकी है, तो आप सबसे पहले पूछेंगें की ‘आख़िर क्यों’?

तो बात कुछ ऐसी है कि एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की केंद्र सरकार पिछले 3 महीनों में प्रोडक्ट्स पर ‘Country of Origin‘ को डिस्प्ले करने के अनिवार्य नियम का पालन ना करने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों को क़रीब 148 क़ानूनी नोटिस जारी कर चुकी है।

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