ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।
क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है?
कोई भी JustMarkets ग्राहक जिसके पास MT4 खाता हो वह ट्रेडर बन सकता है। बस अपने ट्रेडर क्षेत्र में जाएं और अपना ट्रेडर खाता सेट करें।
अपने ट्रेडर क्षेत्र में जाएं, सेटिंग्स देखें, स्लाइडर का उपयोग करके कमीशन को बदले, और परिवर्तनों को सहेजें। नया कमीशन केवल उन निवेशकों के लिए लागू होगा जिन्होंने परिवर्तन के बाद आपको सब्सक्राइब किया है। अन्य सभी निवेशकों के लिए, कमीशन अपरिवर्तित रहता है।
भुगतान हर सप्ताह रविवार शाम को 6:00 बजे (EET) किया जाता है।
कमीशन शनिवार को बंद ऑर्डर्स के लिए लिया जाता है।
हम इसे विशेष ट्रेडर वॉलेट में स्थानांतरित करते हैं। अपने ट्रेडर वॉलेट से, आप इसे अपने किसी भी ट्रेडिंग खाते में स्थानांतरित कर सकते हैं, या उसे निकाल सकते हैं।
JustMarkets कंपनियों के समूह का ट्रेडिंग नाम है जिसमें क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? शामिल हैं:
Editor's Take: नए ट्रेडर्स के लिए रिस्क मैनेजमेंट क्यों जरूरी, अनिल सिंघवी ने बताया कैसे बने सफल ट्रेडर
Editor's Take: अनिल सिंघवी ने बताया कि नए ट्रेडर्स के लिए रिस्क मैनेजमेंट लेना क्यों जरूरी है और शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाला कोई भी शख्स सफल ट्रेडर कैसे बन सकता है.
Editor's Take: मंगलवार के ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में तीन दिनों से हो रही लगातार गिरावट पर ब्रेक लगा था. ये बड़ी बात इसलिए है क्योंकि कल के ट्रेडिंग सेशन में ग्लोबल बाजारों में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली थी. ग्लोबल बाजार एक से डेढ़ फीसदी तक फिसले थे लेकिन उसके बाद भी भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) में अच्छी क्लोजिंग देखने को मिली. इस मामले पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कहा कि कल के ट्रेडिंग सेशन में भारतीय बाजारों की चाल और ग्लोबल बाजारों में गिरावट की वजह से कंफ्यूजन पैदा हो रहा था कि ट्रेडर्स को आखिर क्या करना चाहिए. अनिल सिंघवी ने कहा कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय कई बार इस पर कॉल लेनी पड़ती है कि आप कितना रिस्क ले सकते हो. ऐसे में अनिल सिंघवी ने बताया कि शेयर बाजार में नए ट्रेडर्स को किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.
R2R फैक्टर पर जोर दें
अनिल क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? सिंघवी ने बताया कि शेयर बाजार में R2R फैक्टर काफी अहम है और ट्रेडर्स के लिए इसकी अलग-अलग परिभाषा है. R2R यानी कि रिस्क टू रिवॉर्ड या रिवॉर्ड टू रिस्क, ये दोनों तरीकों से ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
किन बातों का ख्याल रखने से आप बनेंगे सफल #Trader ?🔥
🎯नए ट्रेडर्स को क्यों जरूर सीखना चाहिए रिस्क मैनेजमेंट?
ओवर नाइट पोजीशन में रिस्क मैनेजमेंट करना कितना अहम?
रिस्क मैनेजमेंट है जरूरी
अनिल सिंघवी ने कहा कि नए निवेशकों को रिस्क और रिवॉर्ड पर खास ध्यान देना चाहिए. अनिल सिंघवी ने कहा कि मान लीजिए कि बाजार में तेजी को देखते हुए ट्रेडर ने मुनाफा वसूल कर लिया है लेकिन अगले दिन मार्केट फिर तेजी के साथ खुला तो इस पर दुख होता है लेकिन कॉल यहां ये लेनी है कि अगर बाजार में तेजी के साथ ना खुलकर गिरावट के साथ खुलता तो इस स्थिति में ओवरनाइट पोजीशन कितनी रखनी है और रिस्क को मैनेज करना है तो कितना करना है.
अनिल क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? सिंघवी ने कहा कि पिछले 2 दिनों बाजार में तेजी देखने को मिली तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों के बीच हाहाकार मच गया. लेकिन बाजार में ट्रेडिंग की है तो 30 दिनों में से एक क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? या दो दिन ऐसे आएंगे, जहां ट्रेडिंग आपके विपरीत होगी.
अनिल सिंघवी ने कहा कि पिछले 1-1.5 साल में जितने लोगों ने ट्रेडिंग शुरू की है और जो ओवरनाइट पोजीशन ले रहे हैं, उन्हें पहले रिस्क मैनेजमेंट सीखना चाहिए. रिस्क मैनेजमेंट सीखने का एक ही तरीका है कि अगर मेरे मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के विपरीत बाजार में काम करता है तो आपको क्या करना है. ट्रेडर के तौर पर कितनी पोजीशन होनी चाहिए.
ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है ?
जो लोग ट्रेडिंग करते हैं उन्हें ट्रेडर कहा जाता है. ट्रेडर का काम मार्किट को एनालिसिस करके सही टाइम पर पैसा लगाना होता है और जब उसके पैसे बढ़ जाते हैं तो वो उन्हें लेकर मार्किट से बाहर हो जाता है.
ट्रेडर एक ही दिन में पैसा कमाता है. अगर आप एक ट्रेडर बन जाते हो तो आप एक ही दिन में बहुत सारा पैसा कमा सकते हो. इसके उलट देखे तो आपका पैसा डूब भी सकता है.
जी हाँ अगर आप गलत क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? दिशा में पैसे लगाते हो तो आपका पैसा डूब भी सकता है और आपको काफी नुकसान हो सकता है. एक ट्रेडर अपने जीवन में सिर्फ पैसे से ही पैसा कमाता है.
ट्रेडर कैसे बन सकते हैं ?
अगर आप एक ट्रेडर बनना चाहत हैं तो आपको पहले ट्रेडिंग सीखनी पड़ेगी. ट्रेडिंग कई प्रकार की होती क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? है. शेयर मार्किट ट्रेडिंग, फोरेक्स ट्रेडिंग, करेंसी ट्रेडिंग, कमोडिटी ट्रेडिंग इत्यादि.
ट्रेडिंग में आप एक ही दिन में ढेर सारा पैसा कमा सकते हो और इसके उलट वो सारा पैसा डूबा भी सकते हो. एक ट्रेडर ट्रेडिंग के दौरान अपना लोस तो करता ही है लेकिन लोस से ज्यादा वो प्रॉफिट कमाता है
इसलिए ओवरआल वो प्रॉफिट ही करता है. वही जो ट्रेडर बिना सीखे इस फील्ड में आते हैं वो अपना नुकसान ही करते हैं और अंत में अपना सारा पैसा हारकर ट्रेडिंग छोड़ देते हैं.
भारत में शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करना आसान है. किसी भी देश के ज्यादातर लोग अपने शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करके पैसे कमाते हैं. शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने के लिए ब्रोकर के पास जाकर Demat और Trading Account खुलना होता है.
ट्रेडर बनने के लिए जरूरी चीजें
बदलते वक़्त के साथ टेक्नोलॉजी ने बहुत तरक्की कर ली है जिस वजह से ट्रेडिंग करना और ट्रेडर बनना बहुत ही आसान हो गया है. शेयर मार्किट में ट्रेडर बनने के लिए आपके पास निम्न चीजें होना जरूरी है.
- किसी अच्छे ब्रोकर के पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए
- एक मोबाइल होना चाहिए
- अच्छी कनेक्टिविटी का इन्टरनेट होना चाहिए
- मार्किट अनालिसिस करने के लिए जरूरी चीजें होना चाहिए
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खुलवाएं ?
किसी भी अच्छे ब्रोकर के पास आप Demat और Trading Account खुलवा सकते हैं. अच्छे ब्रोकर की बात करें तो angle One, Upstox, Zerodha यह तीनो बहुत ही फेमस ब्रोकर है.
इन तीनो में से आप किसी में भी Demat और Trading Account खुलवा करके ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. आप इन तीनो में से किसी में भी अपना अकाउंट खुला सकते हैं.
अकाउंट कैसे खुलवाना है इसकी जानकारी आप नीचे दी हुई पोस्ट में पढ़ सकते हैं. पोस्ट में मैंने सभी जानकारी विस्तार से दी हुई है.
फॉरेक्स ट्रेडिंग के विभिन्न प्रकारों को समझना
हिंदी
फॉरेक्स या फॉरेक्स एक्सचेंज वह बाजार है जहां करेंसी का एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान किया जा सकता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग प्रमुख रूप से करेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है और यह उन बाजारों में से एक है जहां सबसे भारी ट्रेड होता है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग में करेंसी जोड़े में ट्रेडिंग शामिल है।करेंसी के जोड़े तीन प्रकार के होते हैं माइनर, मेजर और एक्जियाटिक जोड़े। मेजर करेंसी जोड़े सबसे अधिक बार ट्रेड की जाने वाली करेंसी हैं, जबकि माइनर जोड़ों में अमेरिकी डॉलर शामिल नहीं होता है। एक्जियाटिक जोड़े वे हैं जिनमें एक करेंसी मेजर है और दूसरी किसी विकासशील अर्थव्यवस्था की करेंसी है।
ट्रेडिंग प्रकार के आधार पर फॉरेक्स ट्रेडिंग और ट्रेडर्स कई प्रकार के हैं। यहाँ गर फॉरेक्स ट्रेडिंग के कुछ प्रकार दिए गए हैं:
फॉरेक्स ट्रेडिंग के ये प्रकार लंबी-अवधि के होते हैं और महीनों के लिए स्थितियों को ले और होल्ड कर सकते हैं। पोजीशन ट्रेडिंग ट्रेड के मौलिक विश्लेषण पर निर्भर करती है। पोजीशन ट्रेडर अपने निर्णय का आधार फॉरेक्स चार्ट विश्लेषण और फॉरेक्स बाजार विश्लेषण को रखते हैं। वे मौलिक और तकनीकी विश्लेषण के संयोजन का उपयोग करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर क्या हर कोई ट्रेडर बन सकता है? से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।
Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 238