मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयरों में निवेश को लेकर कुछ खास बातों का ध्यान रखने से आप घाटे में नहीं रहेंगे, बल्कि जैसा सोचा है उसी हिसाब से मुनाफा मिल सकता है. इसके लिए शेयर बाजार एक्सपर्ट्स ने टिप्स बताए हैं. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश के मूल सिद्धांतों के साथ बने रहें और कम अवधि में त्वरित रिटर्न के लिए जल्दबाजी में निर्णय बिल्कुल भी न लें. उन्होंने निवेशकों को मध्यम से लंबी अवधि के निवेश की सलाह दी है.

PE Ratio in Hindi

PE Ratio in Hindi | शेयर मार्केट में Price to Earnings Ratio क्या है? | What is P/E Ratio in Hindi

PE Ratio in Hindi: अगर आप शेयर मार्केट में नए है तो आपके लिए यह समझना जरूरी है कि शेयर मार्केट में Price to Earnings Ratio क्या है? (What is P/E Ratio in Hindi), यह कैसे काम करता है? (How Does the PE Ratio Work) और PE रेश्यो की गणना कैसे करें? (How to Calculate P/E Ratio in Hindi)

Price to Earnings Ratio in Hindi: प्राइस अर्निंग रेश्यो (P/E Ratio) एक कंपनी के शेयर की कीमत और Earnings per share (EPS) के बीच का संबंध है। यह दर्शाता है कि मार्केट कंपनी के मुनाफे के लिए क्या भुगतान करने को तैयार है। आइये लेख में शेयर बाजार में पीई क्या है? और विस्तार से समझते है कि शेयर मार्केट में Price to Earnings Ratio क्या है? (What is P/E Ratio in Hindi), यह कैसे काम करता है? (How Does the PE Ratio Work) और PE रेश्यो की गणना कैसे करें? (How to Calculate P/E Ratio in Hindi)

बहुत ही काम का टूल

इसी प्रकार दो शेयरों, दो उद्योगों, दो देशों के बाजारों अथवा दो वर्गों के शेयरों के बाजार भाव की तुलना करनी हो तो PE Ratio एक बहुत ही काम का टूल है। एक ही शेयर या उद्योग या बाजार की कीमतों की तुलना उनके ऐतिहासिक मूल्यों और अनुपात से भी की जाती है। इससे यह पता चलता है की कोई शेयर या बाजार पहले कितने मूल्य अनुपात तक बढ़ा या गिरा है.

पीई रेश्यो केवल लाभ देने वाले शेयर के लिए ही गिन सकते हैं. जब आय ही नहीं हो तो मूल्य आय अनुपात नहीं निकाल सकते। आसान भाषा में समझें तो PE Ratio यह जानने का तरीका है कि कंपनी की आय का जो हिस्सा प्रति शेयर को प्राप्त होगा उसके अनुपात में शेयर की बाजार में कीमत क्या है. PE Ratio जानने के लिए सबसे पहले गिनते हैं EPS यानि प्रति शेयर आय. उसके बाद एक शेयर बाजार में पीई क्या है? शेयर की कीमत से EPS को विभाजित करके PE Ratio निकाल सकते हैं.

पी ई रेश्यो =शेयर की बाजार में कीमत/प्रति शेयर आय

PE Ratio का उपयोग

अब हम इस PE Ratio का उपयोग कैसे करेंगे? अबस कंपनी के शेयर के मूल्य का इतिहास देखिये. इसका अधिकतम PE Ratio कितना रहा है? इसी प्रकार अबस कंपनी जिस उद्योग में है उसका औसत PE Ratio कितना है? पूरे बाजार का औसत PE Ratio कितना है? इन सब तुलनाओं से यह अंदाज लगाना आसान हो जाता ही कि अबस कंपनी के शेयर की वर्तमान कीमत में बढ़ने या घटने की कितनी संभावना है.

किसी एक उद्योग या इंडस्ट्री में शामिल कम्पनियों के औसत पीई रेश्यो को इंडस्ट्री पीई रेश्यो कहा जाता है। किसी भी इंडस्ट्री के ग्रोथ की सम्भनाओं के अनुसार उस उद्योग का पीई रेश्यो कम या अधिक हो सकता है। कम्पनी के पीई रेश्यो को उसके उद्योग के पीई रेश्यो से तुलना करके भी कम्पनी के शयेर की क़ीमत के बढ़ने की सम्भावनाओं का शेयर बाजार में पीई क्या है? अनुमान लगाया जा सकता है।

केवल पीई रेश्यो ही ना जानें

यहाँ यह स्पष्ट कर दूं कि PE Ratio संकेत मात्र है और निवेश का फैसला करने में सहयोगी हैं मगर जब भी निवेश करें तो कंपनी, उसके उद्योग तथा बाजार के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें.

उम्मीद है कि साधारण हिंदी में लिखा PE Ratio in Hindi आपको समझ आया होगा। शेयरों में निवेश करना जुआ नहीं है, यह एक कला और विज्ञान है. जो इसे सीख लेगा वह अवश्य यहाँ कमाई करेगा.

Investing in Shares is not gambling , it is an art and a science . One who will learn here will surely शेयर बाजार में पीई क्या है? earn.

Return on Equity (R/E) Ratio

यह किसी कंपनी की वित्तीय सेहत को मापने का एक पैमाना है जिसे नेट इनकम को कुल इक्विटी से डिवाइड करके निकालते हैं. इससे किसी कंपनी के शेयरों में निवेश पर रिटर्न का पता चलता है यानी कि यह निवेशकों को एक आइडिया देता है कि इसमें निवेश पर पूंजी कितनी बढ़ सकती है. यह कंपनी की प्रॉफिबिलिटी का मानक है कि कंपनी कितने बेहतर तरीके से प्रॉफिट जेनेरेट कर रही है.

इसका इस्तेमाल किसी कंपनी की बाजार पूंजी को इसके बुक वैल्यू से तुलना करने के लिए की जाती है. इसका मान कंपनी के मौजूदा शेयर भाव को प्रति शेयर के बुक वैल्यू से डिवाइड करके निकाला जाता है. बुक वैल्यू का मतलब बैलेंस शीट में दर्ज वैल्यू है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर लांग टर्म निवेशकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वैल्यू एक से कम होने पर शेयर बाजार में पीई क्या है? एक से कम होने को बेहतर माना जाता है लेकिन वैल्यू इंवेस्टर्स 3 तक भी बेहतर मानते हैं. यह शेयर बाजार में पीई क्या है? रेशियो कम होने का मतलब शेयर डिस्काउंट पर है.

Dividend Yield (Dividend-Price Ratio)

इससे यह पता चलता है कि कंपनी अपने शेयर भाव की तुलना में कितना डिविडेंड दे रही है. इसे फीसदी के रूप में दिखाते हैं और इसकी वैल्यू डिविडेंड को शेयर भाव से डिवाइड करके निकालते हैं. हालांकि इसकी वैल्यू अधिक होने का मतलब यह नहीं है कि निवेश के लिए कोई स्टॉक बेहतर है क्योंकि शेयर भाव कम होने पर भी इसकी वैल्यू अधिक हो सकती है.

यह कंपनी के कुल कर्ज और इक्विटी का अनुपात है. यह बहुत महत्वपूर्ण अनुपात है जिससे पता चलता है कि कंपनी कितना लीवरेज इस्तेमाल कर रही है यानी कि कंपनी अपने कारोबार के लिए अपने (शेयरधारकों के) पैसों की तुलना में कितना कर्ज ले रही है. इस रेशियो के अधिक होने का मतलब अधिक रिस्क है. हालांकि लांग टर्म निवेशकों के लिए अधिक रेशियो का मतलब शॉर्ट टर्म निवेशकों की तुलना में अलग है क्योंकि लांग टर्म में देनदारी शॉर्ट टर्म से अलग होती है. आमतौर पर 2-2.5 का डेट-इक्विटी रेशियो अच्छा माना जाता है.

Good P/E Ratio: पीई रेशियो क्या होता है, शेयर मार्केट में क्यों जरूरी है पीई रेशियो?

By इंडिया रिव्यूज डेस्क On Sep 13, 2021 3,390 0

pe ratio kya hota hai

Share Market में पैसा निवेश करना एक रिस्क वाला काम है. इस बात को हम सभी जानते हैं. लेकिन हम सभी ये भी जानते हैं कि काफी सारे लोग शेयर मार्केट से करोड़ों रुपये कमा चुके हैं. इसी के चलते लोग शेयर मार्केट में निवेश करने की चाह रखते हैं. कई समझदार लोगों के मुंह से आपने p/e ratio के बारे में भी सुना होगा. उन्होने कहा होगा कि किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसका p/e ratio देखो.

अगर अभी तक आप p/e ratio के बारे में नहीं जानते हैं और शेयर मार्केट में निवेश करने वाले हैं तो शेयर बाजार में पीई क्या है? आपको p/e ratio क्या है? इस बारे में जरूर जानना चाहिए.

पीई रेशियो क्या है? | What is P/E Ratio?

पीई रेशियो एक ऐसा अनुपात होता है जिसका इस्तेमाल शेयर से आय का अनुपात निकालने के लिए किया जाता है. कोई शेयर सस्ता है या महंगा ये बात पीई रेशियो के जरिये ही पता लगाई जाती है. शेयर से होने वाली आय को शेयर बाजार की डिक्शनरी में ईपीएस यानि Earning Per Share कहा जाता है. पीई रेशियो को निकालने के लिए शेयर की कीमत को एक शेयर शेयर बाजार में पीई क्या है? से की हुई कमाई से भाग दिया जाता है.

pe ratio formula

जैसे किसी शेयर की कीमत 100 रुपये है. उस शेयर से 10 रुपये की कमाई हुई. उस शेयर का पीई रेशियो 100/10=10 होगा. इस तरह पीई रेशियो 10 हुआ. हम किसी भी शेयर की कीमत और उसकी आय का पता करके पीई रेशिओ के बारे में पता कर सकते हैं.

P/E Ratio के प्रकार | Types of P/E Ratio

पीई रेशियो दो तरह के होते हैं. 1) ट्रेलिंग 2) फॉरवर्ड प्राइस टू अर्निंग

1) ट्रेलिंग पीई रेशियो | Trailing P/E Ratio

ट्रेलिंग पीई रेशिओ का संबंध कंपनी के पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन पर आधारित होता है. इसमें पिछले वर्ष के कुल ईपीएस आय द्वारा हाल के स्टॉक मूल्य को विभाजित करके ट्रेलिंग मूल्य निकाला जाता है. इसे सबसे विश्वसनीय और फेमस पीई मेट्रिक माना जाता है क्योंकि ये कंपनी के मुनाफे के रियल डाटा को यूज करता है. अधिकतर निवेशक इसी तरीके का इस्तेमाल करके पीई रेशियो का पता लगाते हैं और निवेश करते हैं. लेकिन निवेशकों को ये याद रखना चाहिए कि कंपनी के पिछले कुछ सालों का प्रदर्शन उसके भविष्य की गारंटी नहीं है.

2) फॉरवर्ड प्राइस टू अर्निंग | Forward Price to Earning

पीई रेशिओ निकालने का दूसरा सबसे फेमस तरीका फॉरवर्ड प्राइस टू अर्निंग है. ये ट्रेलिंग पीई रेशिओ के विपरीत होता है. इसमें पीई रेशिओ निकालने के लिए भविष्य की आय का इस्तेमाल किया जात आ है जो अनुमानित होती हैं. इसे कमाई की अनुमानित लागत के रूप में भी जाना जाता है.

अच्छा पीई रेशियो कितना होता है? | What is good p/e ratio

पीई रेशियो के बारे में जानने के बाद आपके दिमाग में एक सवाल ये भी आ रहा होगा कि एक अच्छा पीई रेशियो कितना होता है. तो इसका जवाब ये है कि पीई रेशियो जितना कम होगा उतना अच्छा है. बहुत ज्यादा पीई रेशियो होना किसी भी शेयर के लिए अच्छी बात नहीं है. मार्केट के हिसाब से देखा जाए तो 20 से 25 पीई रेशियो अच्छा माना जाता है.

किसी शेयर को खरीदने के बाद कंपनी घाटे में जाती है या मुनाफे में. इस बात के बारे में कहा नहीं जा सकता. इसके बारे में बस अनुमान लगाया जा सकता है. यदि आप निवेश कर रहे हैं तो खुद बहुत सोच-समझकर, बहुत रिसर्च करने के बाद ही किसी शेयर में निवेश करें.

सम्बंधित ख़बरें

इस समय पर खुलेगा बाजार

स्टॉक एक्सचेंज दिवाली की छुट्टी के दिन सोमवार 24 अक्टूबर 2022 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक एक घंटे के विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए खुलेंगे. ब्लॉक डील सेशन 5.45 बजे से 6 बजे तक रहेगा, जबकि प्री-ओपनिंग सेशन शाम 6 बजे से लेकर 6.08 बजे तक होगा. पुराने आंकड़ों को देखें तो शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान जोरदार तेजी देखी जाती रही है. इस बार भी उम्मीद है कि इस विशेष ट्रेडिंग में सेंसेक्स 60 हजार के पार निकलेगा.

2021 पर बाजार रहा था गुलजार

पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 104.25 अंक चढ़कर 59,307.15 के स्तर पर बंद हुआ था. बीते साल 4 नवंबर, 2021 को दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था.

रेटिंग: 4.62
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 225