क्या आपको करना चाहिए निवेश?
म्यूचुअल फंड सलाहकारों का कहना है कि इंडेक्स फंडों की तरफ निवेशक रुख कर रहे हैं. लेकिन, इसकी रफ्तार तेज नहीं होगी. भारतीय बाजारों में अब भी अच्छे शेयरों को चुनने का भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? फायदा है. इसके आगे भी बने रहने की उम्मीद है. इसलिए निवेशक सक्रिय प्रबंधन वाले फंडों में थोड़ा ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

इंडेक्स म्यूचुअल फंड क्या हैं और ये भारत में एक प्रवृत्ति क्यों हैं?

स्टॉक मार्केट इंडेक्स उन शेयरों के समूह का चयन करके बनाया जाता है जो पूरे बाजार या बाजार के एक निश्चित खंड का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत में, हम दो सबसे लोकप्रिय सूचकांक के रूप में सेंसेक्स 30 और निफ्टी 50 हैं। इन दोनों सूचकांकों को उच्चतम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों (इक्विटी के संदर्भ में सरलतम सबसे बड़ी कंपनियों) भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? में शामिल करके बनाया गया है। सेंसेक्स में 30 और निफ्टी में भारतीय शेयर बाजार की 50 सबसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन सूचकांकों ने ट्रैक रिकॉर्ड साबित किया है और उनमें निवेश करने के लिए, इंडेक्स फंड एक अच्छा स्रोत हैं।

इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स पैसिव फंड मैनेजमेंट का रूप हैं यानी फंड पोर्टफोलियो मैनेजर के बजाय सक्रिय रूप से स्टॉक पिकिंग या मार्केट टाइमिंग, वह बस एक पोर्टफोलियो बनाते हैं, जिसकी होल्डिंग इंडेक्स की सिक्योरिटीज को मिरर करती है। सरल शब्दों में, यह समान शेयरों को खरीदकर और सूचकांक में उसी अनुपात में प्रदर्शन करता है।

इंडेक्स म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं?

इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स के तहत, फंड मैनेजर एक निश्चित इंडेक्स में सभी शेयरों को उसी अनुपात में खरीदता है, जैसा कि इंडेक्स रखता है और फिर विभिन्न निवेशकों को फंड के लिए यूनिट जारी करता है। स्टॉक के चयन के बारे में कोई सक्रिय निर्णय नहीं लिया जाता है और फंड को केवल तब ही रीबैलेंस किया जाता है, जब इंडेक्स में बदलाव होता है - जो शायद ही कभी होता है। उदाहरण के लिए, निफ्टी के मामले में, वर्ष में केवल दो बार पुनर्संतुलन होता है। इसलिए, यह सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड की तुलना में लेनदेन की लागत और करों में भारी कमी करता है।

इंडेक्स फंड में निवेश निष्क्रिय निवेश का एक रूप है। विपरीत रणनीति सक्रिय निवेश है, जैसा कि सक्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंडों में एहसास हुआ है - जो कि ऊपर बताए गए प्रतिभूति-पिकिंग, मार्केट-टाइमिंग पोर्टफोलियो प्रबंधक के साथ हैं।

इंडेक्स म्यूचुअल फंड का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें

इंडेक्स फंड का सबसे बड़ा फायदा इसका कम खर्च है। इसलिए, इंडेक्स म्यूचुअल फंड का चयन करते समय, व्यय अनुपात पर पूरी तरह से विचार किया जाना चाहिए।

पिछले रिटर्न जज के लिए एक पैरामीटर हो सकता है कि कौन सा इंडेक्स म्यूचुअल फंड बेहतर है। लेकिन किसी भी फंड को अंतिम रूप देने से पहले ट्रैकिंग मापदंडों जैसी अन्य मापदंडों के बीच कम से कम पिछले 12 महीनों, 3 साल और 5 साल के रिटर्न की जांच करें। आपका सलाहकार आपको सबसे अच्छा विकल्प बनाने में मदद कर सकता है।

इंडेक्स फंड्स के मामले में फंड मैनेजर का ज्ञान और अनुभव बहुत मायने नहीं रखता। उनके ट्रैकिंग कौशल क्या मायने रखते हैं यानी वे कितनी कुशलता से सूचकांक को दोहराते हैं।

ट्रैकिंग एरर यानी इंडेक्स फंड्स के रिटर्न और इंडेक्स रिटर्न के बीच अंतर न्यूनतम होना चाहिए।

इंडेक्स म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, निवेश का समय क्षितिज लंबा होना चाहिए। यह ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि 7-8 वर्षों से अधिक की होल्डिंग अवधि अच्छे रिटर्न देती है।

Index Fund: क्या है इंडेक्स फंड, इसमें क्यों करें निवेश, कैसे मिलेगा बड़ा रिटर्न

शेयर मार्केट (Share Market) में इंवेस्ट करना चाहते हैं? लेकिन शिकायत होगी कि कौनसे शेयर मैं पैसा लगाए, उसे कब कैसे ट्रैक करें और अगर इन सब के भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? लिए टाइम नहीं है तो म्युचुअल फंड (Mutual Fund) आपके लिए बेस्ट है. अब आप पूछेंगे की कई म्युचुअल फंड देख चुके हैं. कोई ऐसा फंड जिसमें जोखिम कम से कम हो, ज्यादा रिटर्न लगभग तय हो और निवेश का खर्च भी कम आए. तो हमारे पास आपके लिए एक सलाह है. इंडेक्स फंड में निवेश करने की.

हमारे देश में बेसिकली दो इंडेक्स हैं. एक सेंसेक्स, दूसरा निफ्टी 50. सेंसेक्स बीएसई यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है. और ये टॉप 30 कंपनियों को ट्रैक करता है. मतलब उसके शेयर्स की कीमत बढ़ी या घटी. इसके अलावा सेक्टोरल इंडेक्स भी होते हैं जो किसी एक सेक्टर की कंपनी को ट्रैक करते हैं जैसे फार्मा सेक्टर्स.

तो अब इंडेक्स फंड क्या है. ये समझते हैं.

ये भी म्युचुअल फंड ही है. म्युचुअल फंड में क्या होता है. किसी फंड में आप पैसा डालते हैं फिर उस फंड का मैनेजर उसी पैसे को जगह जगह भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? इंवेस्ट कर देता है और आपके साथ प्रोफिट शेयर करता है. वैसे ही इंडेक्स फंड का पैसा केवल और केवल इंडेक्स यानी सेंसेक्स या निफ्टी में ही लगाया जाता है. मान लीजिए अगर आप बीएसएई इंडेक्स में पैसा डालते हैं तो उस फंड को बीएसई के इंडेक्स सेंसेक्स की टॉप 30 कंपनियों में लगाया जाएगा. अगर बीएसई का एस एंड पी 100 इंडेक्स फंड है तो उसका पैसा सेंसेक्स की टॉप 100 कंपनियों में ही लगाया जाएगा.

देखिए किसी और फंड में आप निवेश करते हैं तो उसका फंड मैनेजर लगातार स्टॉक्स पर नजर बनाकर रखता है, पोर्टफोलियों में चेंजेज करता रहता है, एक जगह से पैसा निकाल कर दूसरी जगह लगाता है यानी निवेश पर एक्टिवली नजर बनाए रखता है. लेकिन इंडेक्स फंड में आंख बंद कर किसी एक इंडेक्स फंड में पैसा लगा दीजिए, क्योंकि अगर ये सेंसेक्स का फंड है तो उसमें कुछ बदलाव नहीं करने होते, सेंसेक्स की टॉप कंपनियां तो भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? तय समय तक सेम ही होती है. इसलिए इसे पेसिव इंवेस्टमेंट भी कहते हैं.

इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें?

एक फायदा तो यह है कि इसमें एक्सपेंस रेश्यो यानी निवेश का खर्च कम होता है. इसके अलावा जो भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? बीएसई या एनएसई इंडेक्स डिजाइन किया गया है वो ऐसा डिजाइन्ड है कि ये हमेशा बढ़ेगा ही. आप भी देख सकते हैं एक समय पर सेंसेक्स 19,000 पर हुआ करता था और आज देखिए 62,000 पर भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? है तो सोचिए तब जिसने बीएसई के इंडेक्स फंड में पैसा लगाया होगा आज उसे कितना बड़ा मुनाफा मिला होगा. इसलिए इंडेक्स फंड में पैसा डालने का बड़ा फायदा है.

बड़ा आसान है, आसान इसलिए क्योंकि इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती. और बिना कमीशन के आप किसी इंवेस्टिंग एप के थ्रू इसमें निवेश कर सकते हैं. जैसे स्क्रीन पर आफको दिख रहा होगा इसमें कई सारे इंडेक्स फंड हैं, आप कोई भी सिलेक्ट करें, इसमें रिटर्न केलकुलेटर भी है. आप या तो एक बार में लमसम अमाउंट डाल दीजिए या एसआईपी के रूप में मंथली थोड़ा थोड़ा अमाउंड डालिए. तो निवेश के साथ हमेशा लॉन्ग टर्म में निवेश करने वाला मंत्र भी याद रखे.

Wealth Guide: पहली बार करने जा रहे हैं निवेश? इंडेक्‍स फंड में क्‍यों लगाना चाहिए पैसा, एक्‍सपर्ट से समझें

Index Mutual Funds: फाइनेंशियल प्‍लानिंग को लेकर एक बात जो सबसे ज्‍यादा जोर देकर कही जाती है कि जितनी जल्‍दी हो फाइनेंशियल जर्नी शुरू कर देनी चाहिए.

Index Mutual Funds: फाइनेंशियल प्‍लानिंग को लेकर एक बात जो सबसे ज्‍यादा जोर देकर कही जाती है कि जितनी जल्‍दी हो फाइनेंशियल जर्नी शुरू कर देनी चाहिए. जॉब या बिजनेस की शुरुआत के साथ ही फाइनेंशियल प्‍लानिंग की जाए, तो निवेशकों को अपने लक्ष्‍यों के मुताबिक कॉपर्स बनाने में पर्याप्‍त भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? समय मिलता है. इसके अलावा, फाइनेंशियल जर्नी में यह अहम है कि इन्‍वेस्‍टमेंट पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ रखा जाए और निवेश को लेकर अनुशासन हो. हालांकि, यह पुराने और नए दोनों ही तरह के निवेशकों के लिए यह चैलेंजिंग काम है. इक्विटी मार्केट में जब पहली बार कोई निवेशक एंट्री करता है तो उसके सामने सबसे बड़ी मुश्किल सही स्‍टॉक चुनने और मार्केट में उतार-चढ़ाव से निपटने को लेकर रहती है. इक्विटी पोर्टफोलियो को अलग-अलग सेक्‍टर्स, इंडस्‍ट्रीज और मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से डायवर्सिफाई करना भी मुश्किल होता है. ऐसे में नए निवेशकों के लिए म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) की एक पॉपुलर कैटेगरी इंडेक्‍स फंड एक बेहतर ऑप्‍शन है.

इंडेक्‍स फंड्स के क्‍या हैं बेनेफिट

इंडेक्‍स फंड्स (Index Funds) में निवेश के कुछ खास बेनेफिट होते हैं. जोकि पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को आसानी से इक्विटी के जरिए लंबी अवधि की ग्रोथ हासिल करने में मदद कर सकते हैं.

डायवर्सिफिकेशन: इक्विटी एसेट क्‍लास के भीतर मैक्सिमम डायवर्सिफिकेशन हासिल करना एक चुनौतीपूर्ण काम है. हालांकि, बेंचमार्क इंडेक्स आमतौर पर कई सेक्‍टर और इंडस्‍ट्रीज के शेयरों को कवर करते हैं. इनमें से कुछ ग्रोथ स्टॉक हैं, कुछ साइक्लिकल हैं और कुछ वैल्यू प्ले हैं. जब आप किसी इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं, तो आप खुद ही डायवर्सिफिकेशन की लिमिट हासिल कर लेते हैं, क्योंकि आपका निवेश इंडेक्स के अलग-अलग कम्‍पोनेंट में फैला होता है.

कम लागत: इंडेक्स फंड में निवेशकों के लिए फायदा यह है कि इसमें टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) कम होता है. यानी निवेश करने पर जो लागत आती है, वह एक्टिवली मैनेज्ड फंड की तुलना में कम होती है. सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों रेगुलेशन के मुताबिक, इंडेक्स फंड के लिए एक्सपेंस रेश्यो डेली नेट एसेट के 1.5 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है.

क्या हैं Index Funds और कैसे कर सकते हैं निवेश, जानिए इससे जुड़ी खास बातें

Index Funds: ज्यादा जोखिम के बिना हाई रिटर्न का फायदा उठाने के लिए इंडेक्स फंड एक अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं. इंडेक्स फंड ऐसे म्यूचुअल फंड हैं, जहां किसी विशेष इंडेक्स के स्टॉक्स में ही निवेश किया जाता है.

Index Funds: म्यूचुअल फंड की ही एक मशहूर कैटेगोरी है इंडेक्स फंड जिसमें कम जोखिम में हाई रिटर्न का फायदा उठाया जा सकता है. इंडेक्स फंड का पोर्टफोलियो फॉलो किए जाने वाले इंडेक्स की तरह ही होता है. इंडेक्स फंड में SIP भी भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? किया जा सकता है, इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए आप फंड ऑफ हाउस की आधिकारिक वेबसाइट या किसी ऐप का उपयोग कर सकते हैं. इंडेक्स फंड कम लागत में किया जा सकने वाला इनवेस्टमेंट माना जाता भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? है. यहां निवेशक कम लागत में आसानी से शेयरों में निवेश कर सकते हैं. इन्हें पैसिव फंड भी कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं. इंडेक्स शेयर बाजार के प्रदर्शन को ट्रैक करने वाला वेटेज एवरेज कंपोजिट स्कोर होता है. इसका कैलकुलेशन करने के लिए कुछ चुनिंदा ऐसे शेयरों की कीमतों को लेकर किया जाता है जो बाजार के रिप्रेजेन्टेटिव होते हैं. जैसे कि BSE का सेंसेक्स और NSE का NIFTY.

इंडेक्स फंड में होती है मॉडरेट रिस्क


इंडेक्स फंड, एक्टिवली मैनेज्ड फंड की तुलना में कम रिस्की होते हैं यानि कि मध्यम जोखिम निवेश हैं. जहां सक्रिय फंडों में मार्केट से बेहतर परफॉर्म करने की होड़ में ज्यादा रिस्क ली जाती है, वहीं इसके विपरीत इंडेक्स फंड का रिटर्न इसके अंडरलाइंग इंडेक्स से जुड़ा होता है. इसे ट्रैक किया जाता है.


एक्सचेंज फंड पर इंडेक्स फंड का कारोबार नहीं होता है इसलिए नियमित फंड की तुलना में इंडेक्स फंड की लिक्विडिटी कम है. साथ ही साथ इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो कम होता है. इससे इसकी लागत भी कम होती है.

क्या होते हैं इंडेक्स फंड, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

क्या होते हैं इंडेक्स फंड, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

कम होती है इन फंडों की लागत
सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जाने वाले फंडों के मुकाबले इंडेक्स फंडों पर कम खर्च आता है. उदाहरण के लिए यूटीआर्इ निफ्टी इंडेक्स फंड में 0.20 फीसदी का एक्सपेंस भारत में इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करें? रेशियो है. वहीं, सक्रिय रूप से प्रबंधित होने वाले फंड डायरेक्ट प्लान पर करीब एक फीसदी वसूल करते हैं. वहीं, रेगुलर प्लान के लिए यह लगभग दो फीसदी है.

इंडेक्स फंड ही क्यों?
इंडेक्स फंड को कर्इ बातों का फायदा मिला है. इनमें म्यूचुअल फंड का दोबारा वर्गीकरण, बेंचमार्क के तौर पर टोटल रिटर्न इंडेक्स (टीआरआर्इ) की शुरुआत इत्यादि बातें शामिल हैं. इन्होंने इंडेक्स फंडों के लिए माहौल बनाया है. निवेशकों की इन फंडों में दिलचस्पी बढ़ी है.

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