विराग गुप्ता का कॉलम: सख्त कानून से क्रिप्टो करेंसी को लॉक किया जाए, क्रिप्टो पर कानून व्यवस्था लागू करने में हो रहे विलंब से बढ़े अनेक संकट
तीस साल पहले अमेरिका में एमआईटी के कंप्यूटर वैज्ञानिक डेविड क्लार्क की चेतावनी अब क्रिप्टो करेंसी के संकट से सच साबित होने लगी है। टेक्नोलॉजी के दमखम और लालच की पिटारी से लैस क्रिप्टो की सुनामी के आगे भारत समेत दुनिया की सभी सरकारों का सिस्टम फेल सा दिख रहा है।
यूपीए शासन काल में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो के आसन्न संकट पर बैंकों, एनबीएफसी और पेमेंट सेवा कंपनियों को चेताया था, लेकिन अभी तक कानून नहीं बन पाया। लॉकडाउन की वजह से काम धंधा बंद होने से जब अर्थव्यवस्था निढाल हो गई, तब अधाधुंध रिटर्न के चक्कर में क्रिप्टो की गिरफ्त में करोड़ों लोग फंस गए और उनकी आड़ में इसके नियमन की मांग होने लगी।
बैंक से ब्याज, व्यापार, किराया और शेयर मार्केट आदि में मेहनत की कमाई पर लोगों को 4 से 15 फीसदी सालाना की आमदनी हो पाती है। लेकिन बिटकॉइन की कीमत में पिछले 11 साल में एक लाख गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। कुछेक क्रिप्टो करेंसी में पिछले एक साल में ही 10 हजार गुना तक का रिटर्न मिला है।
भारत में रुपए का नियमन और नियंत्रण, अमेरिकी डॉलर जैसी मान्यता प्राप्त करेंसियों की तरह केन्द्रीय बैंकों के माध्यम से होता है। लीमन ब्रदर्स कांड के बाद सन 2008 में क्रिप्टो की आभासी करेंसी का उदय हुआ। इसमें मुनाफा कई अंकों में होने के बावजूद, अधिकृत जानकारी का स्तर लगभग शून्य है।
एलसाल्वाडोर और क्यूबा जैसे दो छोटे देशों की मान्यता के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो के लिए कोई नियम, अथॉरिटी और सर्वर नहीं हैं। तकनीक, निवेश और स्वतंत्रता के लिहाज से क्रिप्टो की राइड रोमांचक है, लेकिन गैरकानूनी होने की वजह से इसके बड़े जोखिम हैं। मई 2021 में क्रिप्टो का मार्केट क्रैश होने से निवेशकों को 73 लाख करोड़ का चूना लगा। क्रिप्टो की कानूनी मान्यता नहीं होने से इसका इस्तेमाल डार्क नेट के माध्यम से होता है। इन खतरों के मद्देनजर ही चीन, रूस और तुर्की ने क्रिप्टो को पूरी तरह से बैन कर दिया।
क्रिप्टो के खतरनाक पहलुओं की एक बानगी कर्नाटक बिटकॉइन स्कैम से सामने आती है। 26 साल के हैकर श्रीकृष्ण रमेश ने बड़े पैमाने पर बिटकॉइन की चोरी करने के बाद सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा दिया। ऐसे घोटालेबाजों की निगरानी करने वाली अमेरिकी सरकार की दी गई जानकारी के मुताबिक रमेश ने पुलिस, अफसरों और मंत्रियों को रिश्वत में बिटकॉइन दिया था। रमेश के तार साइबर अपराध, ड्रग्स, हवाला, मटका, सट्टेबाजी, काले धन और भ्रष्टाचार से जुड़े हैं।
पोर्नोग्राफी रैकेट से जुड़े शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के खिलाफ दो हजार करोड़ से बड़े बिटकॉइन घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है। आतंकवादियों के लिए तो क्रिप्टो एक वरदान सरीखा है। पिछले महीने संघ प्रमुख मोहन भागवत ने क्रिप्टो और ओटीटी पर चिंता जाहिर की थी। संविधान में अभिव्यक्ति की आज़ादी का हक है, इसलिए ओटीटी के नियमन में अनेक अड़चनें हो सकती हैं। लेकिन अनाधिकृत और गैरकानूनी क्रिप्टो को तो किसी भी कानून से संरक्षण नहीं मिल सकता।
कृषि कानूनों को सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से लागू किया था तो फिर क्रिप्टो जैसे मामलों पर विधायी विलम्ब क्यों होता है? फेसबुक के व्हिसलब्लोअर के खुलासे के अनुसार 2019 के आम चुनावों के पहले सोशल मीडिया कंपनियों ने एक संगठन के माध्यम से चुनाव आयोग को नियमों को धता बताकर स्वयंभू स्व-नियमन लागू करवा दिया था।
उसी तर्ज पर अब वही संगठन क्रिप्टो करेंसी के सेल्फ रेगुलेशन की अगुवाई कर रहा है। भारत में लॉबिइंग गैर कानूनी है। इसलिए क्रिप्टोकरंसी और विदेशी कंपनियों की सांठगांठ के फैलाव की गहन जांच हो तो डार्क-नेट के कारोबारियों का असली चेहरा उजागर होगा।
एलन मस्क जैसे पैरोकार, क्रिप्टो के तकनीकी और डिजिटल संपत्ति के आधुनिक पहलू पर जोर देते हैं। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के अनुसार आमजन और अर्थव्यवस्था के लिए क्रिप्टो बेहद खतरनाक है। देश-विदेश में बिटकॉइन समेत सैकड़ों तरह की क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं।
इनमें से सारी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के आधार पर काम करती है। इस तकनीक का मेडिकल साइंस, सरकारी सब्सिडी, शैक्षणिक सर्टिफिकेट और अंतरराष्ट्रीय पेमेंट समेत कई जगहों पर वैधानिक इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन तकनीक की आड़ में गैरकानूनी क्रिप्टो को क्यों और कैसे संरक्षण दिया जा सकता है? अगर संपत्ति के लिहाज क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? से देखें तो भी क्रिप्टो के पक्ष में दिए जा रहे तर्क खोखले हैं।
प्रॉपर्टी, जेवर, पेंटिंग, मशीन, शेयर, बांड और सरकारी करेंसी जैसी लाखों चीजों को संपत्ति माना जाता है। निवेश के मामलों में वारेन बफेट को मसीहा माना जाता है। उन्होंने किसी भी पैमाने पर क्रिप्टो को संपत्ति मानने से इनकार करते हुए इसे मरीचिका करार दिया। सिंगापुर के नियामक के अनुसार क्रिप्टो करेंसी का मूल्य अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्वों से नहीं जुड़ा, इसलिए यह खतरनाक है।
क्रिप्टो ना तो संपत्ति है और ना ही इसे कानून की मान्यता है। तो फिर क्रिप्टो के खरबों के कारोबार को इनकम टैक्स विभाग का अनुमोदन क्यों मिलना चाहिए? क्रिप्टो के कई कारोबारी तो यूनिकॉर्न का लाभ ले रहे हैं। गैरकानूनी झुग्गी वालों को भी प्रॉपर्टी बेचने के लिए कानून की मान्यता लेनी पड़ती है। लेकिन क्रिप्टो के कारोबारियों ने खुद ही नियामक और कानून बनकर, देश की सार्वभौमिकता को चुनौती दे डाली। अगर इस परंपरा को प्रश्रय मिला तो आगे चलकर हवाला, मटका, सट्टा, पोंजी स्कीम और खनिज माफिया के कारोबारी भी स्व-नियमन की व्यवस्था से अवैध आमदनी पर टैक्स देकर देश की प्रगति में योगदान का बड़ा दावा करेंगे।
संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो पर बिल पेश होगा, लेकिन कानून बनाने और लागू करने में सरकार की स्थिति अजीब-सी हो गई है। भौतिक सम्पति नहीं होने पर भी निजी क्रिप्टो करेंसी को यदि संपत्ति के तौर पर वैधता प्रदान की गई तो फिर देश की सार्वभौमिकता के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर खतरे बढ़ जाएंगे। दूसरी तरफ यदि निजी क्रिप्टो बैन हुई तो करोड़ों निवेशकों का पैसा डूब सकता है।
काले धन के खात्मे के लिए नोटबंदी लागू कर दी गई थी। आम जनता की जान बचाने के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया। तो अब देश की क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए निजी क्रिप्टो करेंसी के कारोबार और इस्तेमाल के खिलाफ सरकार को ठोस कानून बनाकर उसे अविलम्ब लागू करना चाहिए। कुछ महीने पहले भारत में ई-रुपी डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग हुई थी। अब चीन की तर्ज पर भारत में भी सरकारी डिजिटल करेंसी को कानूनी वैधता प्रदान करके ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी का देशहित में व्यापक इस्तेमाल होना चाहिए।
2021 में 73 लाख करोड़ रु. का चूना
लीमन ब्रदर्स कांड के बाद सन 2008 में क्रिप्टो की आभासी करेंसी का उदय हुआ। इसमें मुनाफा कई अंकों में होने के बावजूद, अधिकृत जानकारी का क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? स्तर लगभग शून्य है। अल-साल्वाडोर और क्यूबा जैसे दो छोटे देशों की मान्यता के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो के लिए कोई नियम, अथॉरिटी और सर्वर नहीं हैं। तकनीक, निवेश और स्वतंत्रता के लिहाज से क्रिप्टो की राइड रोमांचक है, लेकिन गैरकानूनी होने की वजह से इसके बड़े जोखिम हैं। मई 2021 में क्रिप्टो का मार्केट क्रैश होने से वैश्विक स्तर पर निवेशकों को 73 लाख करोड़ रु. का चूना लगा।
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
Crypto Crash: BitCoin में भारी गिरावट से तिहाई रह गए भाव, टॉप 10 क्रिप्टो में सिर्फ दो में खरीदारी का रुझान
Crypto Crash: शेयर बाजारों के अलावा क्रिप्टो मार्केट को भी भारी बिकवाली का सामना करना पड़ रहा है.
बिटक्वाइन के भाव रिकॉर्ड हाई से तिहाई के करीब ही रह गए हैं. (Image- Pixabay)
Crypto Crash: दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली का दबाव बना हुआ है. घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) भी औंधे मुंह गिर पड़े हैं. वहीं दूसरी तरह बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की भी स्थिति बेहतर नहीं है और इसके भाव रिकॉर्ड स्तर से करीब तिहाई ही रह गए हैं. मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन के भाव 22 हजार डॉलर के नीचे फिसल गए हैं और आज (14 जून) एक बार तो यह 21 हजार के भी नीचे फिसल चुका था. महज एक दिन में ही बिटक्वाइन में निवेशकों की पूंजी करीब 14 फीसदी साफ हो चुकी है. अन्य क्रिप्टो के भी हाल बेहतर नहीं कहे जा सकते हैं और सबमें भाव नीचे फिसल रहे हैं.
रिकॉर्ड स्तर से तिहाई रह गए भाव
पिछले साल नवंबर 2021 में एक बिटक्वाइन की कीमत 69 हजार डॉलर हो गई थी जो इसका रिकॉर्ड ऊंचा भाव है. हालांकि इसकी मजबूती कायम नहीं रह सकी. क्वाइनडेस्क पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इसका पिछले 24 घंटे के भीतर निचला स्तर 20,834.50 डॉलर है जो रिकॉर्ड हाई से तिहाई से भी कम है.
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अन्य क्रिप्टोकरेंसीज की क्या है स्थिति
सिर्फ बिटक्वाइन ही नहीं बल्कि एथेरम, टेथर, यूएसडीक्वाइन और डॉजक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में भी बिकवाली का दबाव दिख रहा है. हालांकि मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसीज में सोलाना और पोल्काडॉट में खरीदारी का रूझान दिख रहा है. नीचे टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसीज के मौजूदा भाव दिए जा रहे हैं जो खबर लिखने के समय का है. बता दें कि क्रिप्टोकरेंसीज के भाव बहुत अधिक वोलेटाइल होते हैं.
Cryptocurrency News : Crypto से लेकर Stock मार्केट में हाहाकार, फंसे निवेशक, क्या करें
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : Cryptocurrency News : Crypto Market Today रूस में Cryptocurrency को लेकर सख्ती की खबरों और रूस द्वारा ukraine पर हमले के अंदेशे के कारण Crypto Market में हाहाकार मचा हुआ है। 2021 में Crypto Market जितनी तेजी से उपर गया था, 2022 में उससे दोगुनी तेजी से नीचे आ रहा है। बिटकॉइन ( Bitcoin ) हो या इथेरियम ( Ethereum) ( Dogecoin ) शिब ( SHIB INU ) सभी कॉइन और टोकन में एक हफ्ते में भारी गिरावट आई है। वहीं Crypto Market के Indian Stock Market साथ कदमताल कर रहा है। पांच दिनों की गिरावट में बाजार में निवेशकों की पूंजी 17.5 लाख करोड़ रुपये घट गई है।
सामने बजट है, बजट से पहले Stock Market गिरावट को लेकर निवेशक चिंतित है, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि बजट के बाद या आनेवाले महीनों में Stock Market में कुछ रिकवरी आ सकती है। वहीं Crypto Market को लेकर निवेशकों की चिंता बरकरार है। बजट में इसे लेकर कानून भी आ सकता है। वहीं लोगों द्वारा करोड़ों कमाने की बात सुनकर जिन्होंने निवेश किया था वह अब फंस चुके हैं। बिटकॉइन ( Bitcoin ) अपने हाई से 50 फीसदी, ( Dogecoin ) और शिब ( SHIB INU ) अपने हाई से 70 से 75 फीसदी नीचे आ चुके हैं। बिटकॉइन नवंबर में अपने पीक पर था, तब से अब तक यह 45% नीचे आ चुका है। इस गिरावट के बाद बिटकॉइन के मार्केट वैल्यू में 600 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी दर्ज की गई है। वहीं, कुल क्रिप्टो मार्केट को 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है
Crypto Market अभी तक आपने सुना या पढ़ा होगा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया और देखते-देखते करोड़पति बन गया। मानो क्रिप्टोकरेंसी पैसे बनाने की एक मशीन है. लेकिन अब निवेशकों को हकीकत से सामना हो रहा है। में गिरावट के कारण जो निवेशक फंसे हैं, उनके पास हड़बड़ी में नुकसान उठाने के बजाय धैर्य रखने की जरूरत है। Cryptocurrency News ताकि मार्केट रिकवर होने पर वह कम से अपनी पूंजी सुरक्षित कर सकें। वहीं अपने निवेश का एक सीमित हिस्सा ही क्रिप्टो में निवेश करें।
वहीं भारतीय स्टाक मार्केट ( Stock Market ) में हाहाकार मचा है। कई चर्चित स्टाक्स अपने 52 हफ्ते लो पर ट्रेड कर रहे हैं। सोमवार को रिलायंस ( reliance ) , टाटा स्टील ( Tata Steel ) जैसे दिग्गज स्टॉक्स में 4 से 5 फीसदी की गिरावट देखी गई। वहीं जोमैटो ( Zomato ) ने 20 फीसदी का गोता लगाते हुए अपने लो पर पहुंच गया। पेटीम ( Paytm) में अब तक निवेशकों के हजारों करोड़ डूब चुके हैं।
सबसे खराब क्रिप्टो सलाह जिससे बचना चाहिए (The Worst Crypto Advice to Avoid)
चाहे आप क्रिप्टो की दुनिया में नए हों या अनुभवी हों, आपको कभी न कभी कुछ नुकसान होगा। यह सीखने की प्रक्रिया का एक भाग है, लेकिन अगर बिना कोई ख़ास नुकसान उठाए यह सीख पाएं तो? आइए क्रिप्टो की कुछ सबसे खराब सलाहों पर एक नज़र डालें, जो क्रिप्टोकरेंसी और अन्य ब्लॉकचेन एसेट ट्रेड करते समय क्या नहीं करना चाहिए के उदाहरण हैं।
ऊपर जाने पर खरीदना
ऊपर होने पर खरीदना, या ATH (सर्वकालिक उच्च) पर होने पर कोई कॉइन खरीदना एक आमतौर पर की जाने वाली गलती है, जिसके परिणामस्वरूप नुकसान होना निश्चित है। यह तब हो सकता है जब आप कीमतों में उछाल देखते हैं और FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) का अनुभव करते हैं, या यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति प्रोत्साहित करता है जिसने शायद पहले से ही कॉइन ले रखा हैं। जब कीमत में गिरावट आती है, तो आपका नुकसान आसानी से 30 से 40% तक जा सकता है। निश्चित रूप से, आप यह नहीं जानते कि सबसे ऊपरी कीमत क्या है, लेकिन कोई भी योग्य निवेश सलाह पैसा बनाने की कोशिश में अपना पैसा न खोने को प्राथमिकता देगी।
इस गलती से उबरने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं:
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जैसे एक्सचेंज पर कॉइन के वित्तीय चार्ट खोलें,
- पता करें कि वर्तमान पंप टिकाऊ है या नहीं। यदि प्राइस कर्व आकार में परवलयिक है, तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि वृद्धि स्वाभाविक थी, और यह संभावना नहीं है कि कॉइन फिर से ATH तक पहुंचेगा।
- रैखिक मूल्य वृद्धि होने पर, आपके नुकसान को कम करने और शायद लाभ कमाने की उम्मीद हो सकती है। आपको बस इंतज़ार करना है और चार्ट की जांच करें जब तक कि आपको बेचने के लिए स्वीकार्य मूल्य न मिल जाए।
बिल्कुल, यह सब बेहद सरल रूप में है। चार्ट को सही मायने में समझने के लिए, आपको WazirX ब्लॉग पर जाना होगा और क्रिप्टो में तकनीकी विश्लेषण के बारे में उसकी पोस्ट को पढ़ना होगा।
माइक्रो-कैप कॉइन ख़रीदना
एक गलती जो नए लोगों से अक्सर होती है वह यह कि सिर्फ इसलिए कोई कॉइन खरीदना क्योंकि वह बहुत सस्ता है या किसी व्यक्ति या समूह द्वारा समर्थित है। इस श्रेणी में आने वाले अधिकांश कॉइन या तो किसी काम के नहीं होते हैं या बहुत सीमित उपयोग होते हैं, या सबसे अच्छी स्थिति में अभी तक उनकी क्षमता साबित नहीं हुई है। इस गलती से बचने के लिए टोकन की कीमत के बजाए किसी कॉइन के मार्केट कैप की जांच करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि मार्केट कैप ही वह होता है जो यह निर्धारित करता है कि किसी क्रिप्टो की कीमत कितनी बढ़ सकती है।
यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वृद्धि के मामले में क्रिप्टो की कितनी क्षमता है, तो अन्य कॉइन की जांच करें जो समान कॉइन श्रेणी में हैं और उनके दैनिक कारोबार की मात्रा, मार्केट कैप और ऑनलाइन जुड़ाव की तुलना करके देखें कि वह कहां है।
प्रचार के कारण कोई कॉइन ख़रीदना
आपको क्रिप्टोकरेंसी में कभी भी सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे किसी लोकप्रिय व्यक्ति द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। इसकी बहुत संभावना होती है कि वे बाजार की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा रखते हों। यदि काफी लोग उस कॉइन को खरीदते हैं जो वे कम करते हैं, तो लोकप्रिय व्यक्ति अपने कॉइन को बेचकर अच्छा लाभ कमाने का फैसला कर सकता है, जिससे नियमित निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा प्रचारित सभी कॉइन से बचें क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले कॉइन को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता नहीं होती है। किसी कॉइन को खरीदने से पहले उसके व्हाइटपेपर को पढ़ना बेहतर होता है, और यह आपको किसी भी धोखेबाजी का शिकार होने से बचा सकता है।
सोशल मीडिया की वजह से कोई कॉइन ख़रीदना
सोशल मीडिया साइट्स जैसे रेडिट, ट्विटर और इंस्टाग्राम उन कॉइन के शिलिंग पेज से भरे हुए होते हैं जिनके बारे में आपने शायद कभी नहीं सुना होगा या जोखिम वाले कॉइन होंगे। यदि आप लंबे समय तक होल्ड कर के रखें तो कीमतों के ‘आसमान में जाने’ की बात करते हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जो किसी एक ख़ास कॉइन के लिए प्रचार करता है, उसे या तो डेवलपर्स द्वारा भुगतान किया जाता है या उसने प्रोजेक्ट में बहुत अधिक समय और पैसा लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप वे इसके पक्ष में झुके हुए हैं।
सोशल मीडिया पर प्रचार के बहकावे में आने से बचने के लिए, DYOR या अपना खुद का शोध करना महत्वपूर्ण है। अपना खुद का शोध करना यह पता लगाने का एक तरीका है कि कॉइन में भविष्य की क्षमता है या नहीं या सिर्फ नए लोगों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा कोई घोटाला है।
मार्केट क्रैश आने की वजह से बेचना
यह एक ऐसी गलती है जिसका शिकार अनुभवी ट्रेडर भी कई अवसरों पर हो सकते हैं। इक्विटी और क्रिप्टो इकोसिस्टम दोनों में मार्केट क्रैश का डर बना रहता है। लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि मार्केट में गिरावट कभी स्थाई नहीं होती। एक क्रैश के बाद जल्द या बाद में पंप आता है। इस मामले में, सबसे अच्छा समाधान सिर्फ होल्ड करना होता है। या कम से कम, कीमतों के नीचे होने पर न बेचना होता है। क्योंकि हम सभी जानते हैं, मार्केट अप्रत्याशित है। फरवरी में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण बड़े पैमाने पर क्रैश की आशंका थी। अगले दिन, ये आशंकाएं गलत निकलीं क्योंकि मार्केट असल में नीचे की बजाए ऊपर चला गया।
एक जगह सब लगा देना
सबसे बड़ी गलती जो कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने पोर्टफोलियो में विविधता नहीं लाना और अपने सभी फंडों को एक ही कॉइन में निवेश करना। हालांकि कई बार में यह एक बार हो सकता है, मगर ज्यादातर ऐसा नहीं होता और यह बेहद ख़राब विचार है। किसी भी कॉइन में बड़ा निवेश एक बड़ा जोखिम है, क्योंकि एक छोटी सी गिरावट भी आपके मुनाफे का एक बड़ा प्रतिशत कम कर सकती है।
इसे रोकने का एकमात्र तरीका अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। आपके द्वारा क्रिप्टो पोर्टफोलियो में विविधता लाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है और किसी क्रिप्टो के नीचे जाने की स्थिति में आपके नुकसान को कम करने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
“क्रिप्टो में निवेश करते समय क्या चीज़ें न करें” की इस सूची को देखने के बाद, उम्मीद है, आप कुछ सामान्य गलतियों के बारे में थोड़ा अधिक जान गए होंगे जो एक क्रिप्टो ट्रेडर कर सकता है, चाहे वे कितने समय से व्यापार कर रहा हो। इस जानकारी के बाद, आप अगला निवेश किस कॉइन में करने की सोच रहे हैं?
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
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