इसी तरह थोड़ी कंपनियो को स्टॉक मार्किट का प्रतिनिधि बना सकते है और इनकी स्थति को देखकर मार्किट की स्थति भी बता सकते है इन कंपनियों को स्टॉक मार्केट इंडेक्स (Stock Market Index) बनाता है.What is Stock Market Index in Hindi
स्टॉक मार्केट इंडेक्स क्या दर्शाता है | What is Stock Market Index in Hindi
आज के इस लेख में हम आपको stock market index के बारे में बतायंगे की stock market index kya hai, इंडेक्स का क्या उपयोग होता है? इंडेक्स किस काम का है? क्या हमें इससे share की कीमत का पता कर सकते है की वह ऊपर जाएगी या निचे.अरुण संकेतक आपको क्या बताता है अरुण संकेतक आपको क्या बताता है
यदि आप से पूछा जाये की शहर के तुरंत ट्रैफिक का हाल क्या है ऐसे में आप क्या करेंगे? क्योकि शहर में हजारों गली और चौराहे अरुण संकेतक आपको क्या बताता है है, इन सबका हाल बता पाएंगे. लेकिन समझदारी तो इसी में होगी की आप उनमे से कुछ ख़ास गली और चौराहे के ट्रैफिक हाल के बारे अरुण संकेतक आपको क्या बताता है में पता करे.
जिनके जरिये आप शहर की प्रतेक गली और चौराहे के ट्रैफिक का हाल बता सकते है. यदि इन सड़कों और चौराहे पर ट्रैफिक होगा तो आप बोलेंगे की शहर में काफी ट्रैफिक है और ट्राफीक कम है तो कहंगे की ट्रैफिक कम है. ठीक बिलकुल इसी तरह stock market अरुण संकेतक आपको क्या बताता है के के बारे में पूछा जाये तो आप क्या जवाव देंगे.What is Stock Market Index in Hindi
Stock Market index क्या है?
Stock market index kya Hai- मार्केट की स्थति बताने के लिए इन चुनी गई कंपनियो के बने ग्रुप की अलग-अलग कंपनियो की स्थति को देखना जरुरी नहीं है क्योकि इन कंपनियो को ग्रुप में जोड़ दिया है और इस बने ग्रुप पर लगातार निगरानी रखी जाती है और इनके आधार पर ही मार्किट की स्थति को बताया जाता है कंपनियों के इस समूह को ही मार्केट इंडेक्स (Market Index) कहते हैं.
भारत में दो मुख्य मार्केट इंडेक्स हैं- S&P BSE और NSE है. BSE Sensex यह बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है और CNX Nifty जो NSE नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थति बताने बाला इंडेक्स है. यानी की S&P (Standard and Poors) ये एक अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है. S & P इंडेक्स बनाने की विशेषज्ञ एजेंसी है इसने BSE को लाइसेंस दिया है.
CNX Nifty में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अधिक बड़े और अधिक ट्रेड (खरीदे बेचे जाने वाले) शेयर शामिल हैं. इस इंडेक्स को चलाने का जुम्मा इंडिया इंडेक्स सर्विसेज एंड प्रॉडक्ट्स लिमिटेड (IISL) की है. ये NSE और CRISIL का ज्वाइंट वेंचर है.
इंडेक्स के उपयोग (Practical Uses of Index)
इंडेक्स के खास उपयोग क्या है निचे पढ़े –
इंडेक्स मार्किट की दिशा को बताता है इंडेक्स की मदद से देश की अर्थव्यवस्था का भी अनुमान मिलता है. जब भी इंडेक्स ऊपर चढ़ता है तब लोग भविष्य में बेहतर होने की उम्मीद करते है. और जब भी स्टॉक मार्केट इंडेक्स नीचे जाता है तब लोग भविष्य में share खरीदने के लिए उत्साहित नहीं हैं.
उदाहरण-
1 फरबरी 2021 को निफ्टी 50 15,500 पर था. 1 फरबरी 2022 को 16,600 पर था इसमें 1100 रूपए की बढोत्तरी हुई. इसक मतलब है की कीमत ऊपर गई थी.(What is Stock Market Index in Hindi)
इंडेक्स का इस्तेमाल-
उदाहरण
10 जनवरी 2021 को सुबह 10:30 बजे इंडेक्स 15,550 पर था लेकिन एक घंटे के बाद में ये 15,500 पर पहुंच गया, एक घंटे में आई ये 50 अंकों की गिरावट बताती है कि market में लोग उत्साह में नहीं थे.
Benchmarking –ट्रेडिंग या निवेश, इसके प्रदर्शन को कैसे नापेंगे?
मान लीजिए आपने 20,000 रुपये लगाए है और 30,000 कमाए, अब आपके पास 50,000 रूपए है. ये काफी अच्छा रिटर्न मिला. लेकिन इसी दौरान निफ्टी 15,500 से 16000 पर आ गया है.
यदि आपको लग रहा है की मार्किट से कम मुनाफा है. यदि आप ये तुलना नहीं कर सकते तो आपको कैसे पता चलेगा की आपका प्रदर्शन कैसा रहा. सभी लोग ये सोचते है की इंडेक्स अच्छा प्रदर्शन करे.(Stock market index kya Hai)
अरुण संकेतक क्या है मतलब और उदाहरण
आरोन इंडिकेटर एक तकनीकी संकेतक है जिसका उपयोग किसी परिसंपत्ति की कीमत में प्रवृत्ति परिवर्तनों के साथ-साथ उस प्रवृत्ति की ताकत की पहचान करने के लिए किया जाता है। संक्षेप में, संकेतक एक समय अवधि में उच्च और निम्न के बीच के समय के बीच के समय को मापता है। विचार यह है कि मजबूत अपट्रेंड नियमित रूप से नई ऊंचाई देखेंगे, और मजबूत डाउनट्रेंड नियमित रूप से नई चढ़ाव देखेंगे। संकेतक संकेत देता है कि यह कब हो रहा है, और कब नहीं।
संकेतक में “अरून अप” लाइन होती है, जो अपट्रेंड की ताकत को मापती है, और “अरून डाउन” लाइन, जो डाउनट्रेंड की ताकत को मापती है।
अरुण संकेतक को तुषार चंदे ने 1995 में विकसित किया था।
- आरोन इंडिकेटर दो लाइनों से बना होता है। एक अप लाइन जो एक उच्च के बाद की अवधियों की संख्या को मापती है, और एक डाउन लाइन जो निम्न के बाद से अवधियों की संख्या को मापती है।
- संकेतक आमतौर पर 25 अवधियों के डेटा पर लागू होता है, इसलिए संकेतक यह दिखा रहा है कि 25-अवधि के उच्च या निम्न के बाद से यह कितनी अवधि है।
- जब Aroon Up, Aroon Down से ऊपर होता है, तो यह बुलिश प्राइस बिहेवियर को दर्शाता है।
- जब Aroon Down, Aroon Up से ऊपर होता है, तो यह मंदी के मूल्य व्यवहार का संकेत देता है।
- दो पंक्तियों के क्रॉसओवर प्रवृत्ति परिवर्तन का संकेत दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, जब Aroon Up, Aroon Down को पार करता है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि एक नया अपट्रेंड शुरू हो रहा है।
- संकेतक शून्य और 100 के बीच चलता है। 50 से ऊपर पढ़ने का मतलब है कि पिछले 12 अवधियों अरुण संकेतक आपको क्या बताता है में एक उच्च/निम्न (जो भी रेखा 50 से ऊपर है) देखा गया था।
- 50 से नीचे पढ़ने का मतलब है कि 13 अवधियों के भीतर उच्च/निम्न अरुण संकेतक आपको क्या बताता है देखा गया था।
Aroon गणना के लिए उच्च और निम्न कीमतों की ट्रैकिंग की आवश्यकता होती है, आमतौर पर 25 अवधियों में।
- किसी संपत्ति पर पिछले 25 अवधियों के उच्च और निम्न स्तर को ट्रैक करें।
- पिछले उच्च और निम्न के बाद से अवधियों की संख्या पर ध्यान दें।
- इन नंबरों को ऊपर और नीचे Aroon फ़ार्मुलों में प्लग करें।
Aroon Up और Aroon Down लाइनों में शून्य और 100 के बीच उतार-चढ़ाव होता है, 100 के करीब के मान एक मजबूत प्रवृत्ति का संकेत देते हैं और शून्य के पास के मान एक कमजोर प्रवृत्ति का संकेत देते हैं। अरुण अप जितना कम होगा, अपट्रेंड उतना ही कमजोर होगा और डाउनट्रेंड जितना मजबूत होगा, और इसके विपरीत। इस सूचक में अंतर्निहित मुख्य धारणा यह है कि एक शेयर की कीमत एक अपट्रेंड के दौरान नियमित रूप से नई ऊंचाई पर बंद हो जाएगी, और नियमित रूप से डाउनट्रेंड में नई चढ़ाव बनाएगी।
आरोन संकेतक का उपयोग कैसे करें का उदाहरण
निम्नलिखित चार्ट आरोन संकेतक का एक उदाहरण दिखाता है और इसकी व्याख्या कैसे की जा सकती है।
सबरीना जियांग द्वारा छवि © Investopedia 2020
ऊपर दिए गए चार्ट में, आरोन इंडिकेटर और एक ऑसिलेटर दोनों हैं जो दोनों लाइनों को 100 और -100 के बीच के सिंगल रीडिंग में जोड़ती हैं। Aroon Up और Aroon Down के क्रॉसओवर ने ट्रेंड में उलटफेर का संकेत दिया। जबकि इंडेक्स ट्रेंड कर रहा था, रिवर्सल से पहले, अरून डाउन बहुत कम रहा, यह सुझाव देता है कि इंडेक्स में तेजी का पूर्वाग्रह था। सबसे दाईं ओर रैली के बावजूद, अरुण संकेतक ने अभी तक एक तेजी का पूर्वाग्रह नहीं दिखाया है। इसका कारण यह है कि कीमत इतनी तेजी से पलट गई है कि रैली के बावजूद पिछले 25 अवधियों (स्क्रीनशॉट के समय) में एक नया उच्च नहीं बना है।
एरोन इंडिकेटर और डायरेक्शनल मूवमेंट इंडेक्स (DMI) के बीच अंतर
एरोन इंडिकेटर वेल्स वाइल्डर द्वारा विकसित डायरेक्शनल मूवमेंट इंडेक्स (डीएमआई) के समान है। यह भी एक प्रवृत्ति की दिशा दिखाने के लिए ऊपर और नीचे की रेखाओं का उपयोग करता है। मुख्य अंतर यह है कि Aroon संकेतक सूत्र मुख्य रूप से उच्च और निम्न के बीच के समय पर केंद्रित होते हैं। डीएमआई वर्तमान उच्च/निम्न और पूर्व उच्च/निम्न के बीच मूल्य अंतर को मापता है। इसलिए, डीएमआई में मुख्य कारक कीमत है, न कि समय।
Aroon संकेतक कभी-कभी एक अच्छी प्रविष्टि या निकास का संकेत दे सकता है, लेकिन दूसरी बार यह खराब या गलत संकेत देगा। खरीदने या बेचने का संकेत बहुत देर से हो सकता है, क्योंकि कीमत में पर्याप्त बदलाव पहले ही हो चुका है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि संकेतक पीछे की ओर देख रहा है, और प्रकृति में भविष्य कहनेवाला नहीं है।
संकेतक पर एक क्रॉसओवर अच्छा लग सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कीमत एक बड़ा कदम उठाएगी। संकेतक चाल के आकार को फैक्टर नहीं कर रहा है, यह केवल उच्च या निम्न के बाद के दिनों की संख्या की परवाह करता है। यहां तक कि अगर कीमत अपेक्षाकृत सपाट है, तो क्रॉसओवर होगा क्योंकि अंततः पिछले अरुण संकेतक आपको क्या बताता है 25 अवधियों के भीतर एक नया उच्च या निम्न बनाया जाएगा। व्यापारियों को अभी भी मूल्य विश्लेषण, और संभावित रूप से अन्य संकेतकों का उपयोग करने अरुण संकेतक आपको क्या बताता है की आवश्यकता है, ताकि वे सूचित व्यापारिक निर्णय ले सकें। केवल एक संकेतक पर निर्भर रहने की सलाह नहीं दी जाती है।
अरुण जेटली ने दिए पाकिस्तान से बातचीत के संकेत, पाकिस्तान को सीमा में रहने कहा
- नई दिल्ली,
- 05 नवंबर 2014,
- (अपडेटेड 05 नवंबर 2014, 6:59 PM IST)
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत के संकेत दिए हैं और संबंधों को सामान्य करने की इच्छा जताई है. रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को दो टूक कहा कि पाकिस्तान अगर संबंधों को ठीक करने का इच्छुक है तो इसकी कुछ सीमाएं है और वह तय करें तभी बातचीत संभव है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'हम पाकिस्तान के साथ बातचीत करने, संबंधों को सामान्य करने के इच्छुक हैं, लेकिन इसकी भ्ाी कुछ सीमाएं हैं.'
इकनॉमिक समिट में अरुण जेटली ने पाकिस्तान से कहा, 'हम बात करना चाहते हैं लेकिन आपको तय करना होगा कि क्या आप हमारे विदेश सचिव से बात करना चाहते हैं या फिर उनसे, जो भारत को तोड़ना चाहते हैं.'
बढ़ सकती है किसानों की सहायता राशि, अरुण जेटली ने दिए संकेत
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को संकेत दिया कि किसानों को सालाना 6,000 रुपये के न्यूनतम सहायता राशि को भविष्य में बढ़ाया जा सकता है।
जेटली ने कहा कि सरकार के संसाधन बढ़ेंगे जिससे भविष्य में किसानों को दी जाने वाली सालाना राशि को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य इस राशि के ऊपर अपनी ओर से आय समर्थन योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। अगर राज्य भी इसमें कुछ जोड़ते हैं तो यह राशि और बढ़ेगी। कुछ राज्यों ने इस बारे में योजना शुरू की है। मुझे लगता है कि और राज्य भी उनके रास्ते पर चलेंगे। जेटली ने कहा, 12 करोड़ छोटे अरुण संकेतक आपको क्या बताता है और सीमान्त किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा सरकार की योजना उन्हें घर देने, सब्सिडी पर खाद्यान्न देने, मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने, मुफ्त साफसफाई की सुविधा देने, बिजली, सड़क, गैस कनेक्शन देने की योजना तथा दोगुना कर्ज सस्ती दर पर देने जैसी से जुड़ी हैं।
ब्याज दरों में बदलाव की संभावना कम, 5 से 7 फरवरी को होनी है RBI की मीटिंग
किसानों को न्यूनतम आय समर्थन देने का यह पहला साल है। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि सरकार के संसाधन बढ़ने के साथ इस राशि को भी बढ़ाया जा सकता है। करीब 15 करोड़ भूमिहीन किसानों को इस योजना में शामिल नहीं करने के बारे में जेटली ने कहा कि उनके लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा और कई अन्य लाभ हैं।
उन्होंने ने कहा कि मौजूदा सरकार ने ग्रामीण इलाकों में बेहतरी के लिए जो लाखों करोड़ रुपये लगाए हैं यह राशि उसके अतिरिक्त है। आगे भी किसानों की बेहतरी के लिए काम होंगे। जेटली ने आर्थिक वृद्धि को लेकर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्ष में कोई बड़ा सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन ना होना, इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकार की योजनाओं से रोजगार का सृजन हुआ है। उन्होंने कहा, अचानक पांच साल में भारत में उत्पादकता का स्तर (इतना) बढ़ गया है कि सभी संगठन अब आधी संख्या कर्मचारियों से चलने लगे हैं। ऐतिहासिक साक्ष्य इसके विपरीत हैं।
छात्र के तौर पर प्राप्त किए कई सम्मान
अरुण जेटली ने अपनी स्कूली पढ़ाई साल 1957 से 1969 तक सेंट जेवियर्स स्कूल से पूर्ण की. उसके बाद साल 1973 में उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स की डिग्री प्राप्त की. इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से साल 1977 में उन्होंने विधि की डिग्री प्राप्त की. आपको बता दें कि जेटली ने छात्र के तौर पर अपने कैरियर के दौरान अकादमिक और पाठ्यक्रम के समय गतिविधियों दोनों में कई तरह के सम्मानों को हासिल किया. इतना ही नहीं ये साल 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं.
जेटली ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध साल 1973 से जय प्रकाश नारायण के ‘संपूर्ण क्रांति आंदोलन’ के दौरान छात्र और युवा संगठनों की जेपी द्वारा खुद गठित की गई ‘राष्ट्रीय समिति’ के जेटली आप संयोजक थे. आपको बता दें कि साल 1975 से 1977 में 19 महीनों तक आपातकाल के समय जेटली मीसा में बंदी रहने के बाद आप जनसंघ से जुड़े थे. एक वरिष्ट वकील होने के चलते साल 1977 से सुप्रीम कोर्ट और देश के कई उच्च न्यायालयों में जेटली ने वकालत की. वहीं साल 24 मई,1982 को अरुण जेटली ने संगीता जेटली से शादी की. जिसके बाद उनके दो बच्चे हुए, जिनमें बेटे का नाम रोहन है और दूसरी बेटी का नाम सोनाली है. बता दें कि ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन’ के शासन में अरुण जेटली ने केंद्रीय न्यायमंत्री समेत कई बड़े पदों की कुर्सी भी संभाली.
कानूनी कैरियर
साल 1977 से जेटली ने भारत के सुप्रीम कोर्ट और देश में कई उच्च न्यायालयों के सामने कानूनी अभ्यास किया. जिसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने साल 1990 में उन्हें वरिष्ठ वकील के तौर पर नामित किया. बता दें कि वी.पी. सिंह सरकार ने साल 1989 में जेटली को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया था, साथ ही बोफोर्स घोटाले में जांच को लेकर कागजी कार्रवाई की थी. उन्होंने कानूनी और कई मामलों पर प्रकाशनों की रचना की.
इतना ही नहीं इन्होंने भारत-ब्रिटिश कानूनी फोरम से पहले भ्रष्टाचार और अपराध से जुड़े कानून पर एक पत्र भी प्रस्तुत किया, जोकि भारतीय सरकार की तरफ से जून 1998 में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को लेकर एक प्रतिनिधि था. उस दौरान ड्रग्स एंड मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानूनों की घोषणा को मंजूरी मिली थी. साल 2002 में पेप्सी का प्रतिनिधित्व किया था, जहां सुप्रीम कोर्ट ने मनाली-रोहतांग रोड पर पारिस्थितिक तौर पर नाजुक चट्टानों पर विज्ञापनों की पेंटिंग के लिए आठ कंपनियों पर अच्छा-खासा जुर्माना लगाया था. जिसके चलते साल 2004 में राजस्थान उच्च न्यायालय के मामले में जेटली कोका कोला की तरफ दिखाई दिए थे.
राजनीतिक कैरियर
साल 1991 से अरुण जेटली बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहें और फिर साल 1999 में होने वाले आम चुनाव से पहले वो बीजेपी के प्रवक्ता बने. उस दौरान जेटली बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार वाजपेयी सरकार में आए और 13 अक्टूबर 1999 को उन्हें सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री नियुक्त किया गया. राम जेठमलानी ने जब कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय मंत्री के तौर पर इस्तीफा दिया, तब 23 जुलाई 2000 को जेटली ने इसी मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला.
आपको बता दें कि अरुण जेटली वाजपेयी सरकार के समय पहले कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने अतिरिक्त कार्यभार के तौर पर बीजेपी सरकार में रक्षा मंत्री के तौर पर काम किया. यूपीए शासन के समय उन्होंने 2009 से 2014 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर भी काम किया है. बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय की कुर्सी को बाखूबी संभाला. वहीं अपनी स्वास्थ्य कारणों की वजह से ये मोदी-2 सरकार में शामिल नहीं हुए.
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