क्या यह इसे सबसे अच्छा निवेश नहीं बनाता है?

गोल्‍ड में निवेश की प्‍लानिंग? जानिए डिजिटल और फिजिकल सोना खरीदने के लिए क्‍या है आयकर नियम

डिजिटल गोल्ड निवेश अन्य निवेश से कैसे बेहतर है?

सोना खरीदना आपके पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाने का बेहतरीन तरीका है और इससे मैक्रोइकोनॉमिक और भौगोलिक राजनीतिक अनिश्चितता के दौरान आपको फ़ाइनेंशियल कवर भी मिलता है। जानिए कैसे?

अगर आप निवेश में नए हैं, तो आपको पता होना ज़रूरी है कि मौजूदा समय में निवेश के अच्छे विकल्प बेहद कम हैं (जब तक आप जोखिम नहीं लेना चाहते)।

फ़िक्स-इंटरेस्ट निवेश, खास तौर पर फ़िक्स डिपॉजिट से रिटर्न प्राप्त करना बेहद कठिन है।

दूसरी ओर, शेयर और इक्वेटी में इतनी मज़बूती आई है कि उनके जोखिम भरे साधन बने रहने की संभावना है।

रियल एस्टेट लिक्विड नहीं है और इसे लांग टर्म प्लान माना जाता है। इसलिए, इसमें पहले से कुछ भी कहना संभव नहीं है।

लेकिन सोना? इसकी क़ीमत पिछले 10 सालों में 300% बढ़ चुकी हैं। इसके अभाव के कारण, सोने ने अनिश्चित बाज़ार में खुद को समय समय पर बड़े कवर के तौर पर साबित किया है।

सोने में निवेश के इन 3 तरीकों के बारे में जान लें, होगा फायदा

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सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (एसजीबी)
सरकार अलग-अलग समय पर सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (एसजीबी) जारी करती है. जब कभी इसके इश्‍यू को जारी किया जाता है, निवेशक एसजीबी को सब्‍सक्राइब कर सकते हैं. निवेशक 1 ग्राम के डीनॉमिनेशन में इसमें निवेश कर सकते हैं. अलॉटमेंट पर उन्‍हें गोल्‍ड बॉन्‍ड सर्टिफिकेट दिया जाता है. भुनाते समय निवेशक को सोने का मूल्‍य प्राप्‍त होता है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्‍लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्‍ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्‍याज का भुगतान किया जाता है. जब एसजीबी का इश्‍यू खुलता है, तो निवेशक बैंक की ब्रांच, पोस्‍ट ऑफिस, अधिकृत स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में इसमें सीधे या अपने एजेंटों के जरिये अप्‍लाई कर सकते हैं.

50 हजार के करीब है सोना, क्या अब इसमें निवेश करना चाहिए? जानें एक्सपर्ट की राय

गोल्ड में निवेशकों को मिला है जबरदस्त रिटर्न

  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2020,
  • (अपडेटेड 03 जुलाई 2020, 7:35 AM IST)
  • सोना 49 हजार प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहा है
  • जनवरी से अब तक सोने में 25 फीसदी का रिटर्न मिला है
  • गोल्ड में निवेश करें या नहीं, यह सवाल निवेशकों के मन में है

देश में सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 49 हजार के आसपास चल रहा है. कोरोना के बीच अर्थव्यवस्था में संकट के बावजूद शेयर बाजार की तरह सोना भी काफी ऊंचाई पर दिख रहा है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अब इस लेवल पर सोना खरीदना चाहिए? या निवेशकों को अब कुछ गोल्ड अपने पोर्टफोलियो से निकालकर मुनाफा कमा लेना चाहिए? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स से.

निवेश के लिए Share और Gold में किसका करे चुनाव? यहां दे रहे हम आपके सभी सवालों के निवेश के रूप में सोना जवाब

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: October 15, 2022 13:07 IST

निवेश के लिए Share और Gold. - India TV Hindi

Photo:INDIA TV निवेश के लिए Share और Gold में किसका करे चुनाव?

Highlights

  • भारतीय सबसे पहले सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं
  • अनिश्चितता के समय में सोने को एक लिक्विड एसेट में बदलना चुनौती है
  • गोल्ड ईटीएफ और भौतिक सोने की मांग में आई वृद्धि

Share and Gold: स्टॉक और सोना निवेश के लिहाज से दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। शेयर का लंबे समय में महंगाई के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने का ट्रैक रिकॉर्ड है, जबकि सोना अनिश्चितता के खिलाफ बफर के रूप में काम करता है और पोर्टफोलियो में सुधार करता है। जब निवेश की बात आती है तो सावधानीपूर्वक विश्लेषण और शेयर पर बढ़ियां रिसर्च करने निवेश के रूप में सोना के बाद निवेश के लिए चुने गए स्टॉक अधिक रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन जब लगातार महंगाई बढ़ रही होती है और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी होती है तो सोना सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है। अधिक जोखिम या ज्यादा फायदा को ध्यान में रखते हुए निवेश के लिए वित्तीय सलाहकार आमतौर पर एसेट में निवेश करने की सलाह देते हैं, लेकिन निवेशकों को सोने और शेयर के बीच क्या चयन करना चाहिए? आइए जानते हैं।

सोना बनाम शेयर

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में त्योहार का सीजन शुरु हो चुका है। भारतीय संस्कृति को देखने के लिए यह एक शानदार मौका होता है। इस दौरान लोग निवेश भी करते हैं, लेकिन एक बात जो अहम है, वह यह कि जब भी कोई त्योहार होता है तो सबसे पहले हम सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं। निवेश के रूप में सोना व्यक्तिगत भावनाओं, परिसंपत्ति वर्ग से लगाव, रूढ़िवादी जोखिम प्रोफ़ाइल, सांस्कृतिक महत्व आदि जैसे विभिन्न कारकों से संबंधित हो सकता है।

लेकिन निवेश के रूप में सोना खरीदते समय हम महंगाई, आर्थिक विकास के साथ लिक्विडिटी जैसे कारकों को ध्यान में रखना भूल जाते हैं। सोने के साथ एक भावुक कनेक्शन है लेकिन अनिश्चितता के समय में इसे एक लिक्विड एसेट में बदलना चुनौती है, जबकि शेयर विकल्प में हम अपनी जरूरतों के अनुसार अपने निवेश को आसानी से विविधता प्रदान कर सकते हैं।

सोने और शेयर का प्रदर्शन

शेयर ने पिछले एक दशक में (सूचकांक के आधार पर) 11-14% सीएजीआर दिया है, जबकि सोने ने 6% का सीएजीआर दिया है। इस वर्ष के दौरान, वैश्विक आंकड़ों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार (Sensex/NIFTY 50) का भारतीय बाजार मूल्य क्षरण -3% है, जबकि S&P 500 के लगभग 25% है। दूसरी ओर, सोने ने इस साल अब तक 11 फीसदी वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए बढ़ती ब्याज दर के साथ एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में बढ़त हासिल की है। गोल्ड ईटीएफ और भौतिक सोने की मांग जून 2021 तिमाही की तुलना में जून 2022 तिमाही में निवेश के रूप में सोना 43% बढ़ी है।

पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को शामिल करने और आर्थिक संकट के समय में पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को औसत करने का सुझाव दिया गया है। भौतिक सोना व्यक्तिगत खपत का हिस्सा हो सकता है, लेकिन निवेश के रास्ते से, ऊपर बताए गए विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

डिजिटल गोल्‍ड पर टैक्‍स

डिजिटल गोल्‍ड फिजिकल गोल्‍ड में निवेश का एक माध्‍यम है। इसमें निवेश के बाद सोना बेचने पर टैक्‍स लगाया जाता है। यह सेबी या आरबीआई किसी के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है। इसमें आप सीधे निवेश कर सकते हैं। इसपर टैक्‍स फिजिकल गोल्‍ड की तरह ही लगाया जाता है।

भारत सरकार की ओर से जारी किया जाने वाला यह एक डिजिटल गोल्‍ड है, जिसे समय-समय पर सरकार की ओर से जारी किया जाता है। आरबीआई सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। SGB ​​को नवंबर 2015 में पेश किया गया था। इसे सोना में निवेश का सुरक्षित विकल्‍प माना जाता है। निवेशक को छमाही आधार पर 2.5 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलता है।

मैच्‍योरिटी पर या आठ साल के बाद किसी भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर लाभ पर टैक्‍स निवेश के रूप में सोना मुक्‍त रखा गया है। वहीं पांच साल के बाद एसजीबी की बिक्री पर कोई भी लाभ दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ होगा और इंडेक्सेशन के बाद ऐसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20 फीसदी टैक्स लगता है।

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