दिल्ली कैपिटल्स ने पिछली नीलामी में शार्दुल ठाकुर को खरीदने के लिए 10 करोड़ 75 लाख रुपये लुटा दिए थे लेकिन सीजन में उनके औसत प्रदर्शन के बाद फ्रेंचाइजी ने ठाकुर को खुद से अलग करने का फैसला किया। 'ईएसपीएनक्रिकइंफो' की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेडिंग विंडो के तहत उन्होंने इस खिलाड़ी को अब कोलकाता नाइट राइडर्स से ट्रेड करने का फैसला लिया है।

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की ट्रेड कब खोलें प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे ट्रेड कब खोलें लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न: Fixed Time Trade के लिए ट्रेडिंग विन्यास (फार्मेशन)

जहाँ कुछ समय तक बिक्री और खरीद संतुलन में दिखते हैं वहाँ रेक्टेंगल(आयत) या बॉक्स निरंतरता पैटर्न होते हैं जो चार्ट की कीमतों को दिखाते हैं| एसेट की कीमत बहुत सीमित रेंज में, रेक्टेंगल के ट्रेड कब खोलें तल से सहारा लेती हुई चलती है और रेक्टेंगल के शीर्ष को छूती है|

रेक्टेंगल(आयत) या बॉक्स पैटर्न से आपको लम्बे ट्रेड खोलने में मदद मिलती है| वे समर्थन और प्रतिरोध इंडिकेटर पर बनते हैं|

सिग्नल

रेक्टेंगल बहुत जाना-माना पैटर्न है| जब समर्थन और प्रतिरोध रेखाओं के अंदर कीमत स्थिर होती है, जो दो या अधिक पीक/लो से बनी होती हैं, तो इसे एक मजबूत समर्थन और प्रतिरोध रेखा के रूप में भी जाना जाता है।

प्राइस चार्ट बॉक्स के अंदर, लगातार शीर्ष और तल के किनारों को छूकर वापस उछलता हुआ चलता है| इस पैटर्न की विशेषता यह है कि ये आमतौर पर अपट्रेंड या डाउनट्रेंड के अंत में दिखाई देते हैं| उदाहरण के लिए, डाउनट्रेंड के दौरान, कीमत धीमी होने लगती है, यह पैटर्न बनता है, और ट्रेंड फिर ऊपर की ओर चला जाता है| अपट्रेंड में भी ऐसा ही होता है|

Rectangle Chart Pattern Trading Formation for Fixed Time Trade

रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न का प्रयोग करके ट्रेड खोलें

छोटी पोजीशन खोलें

जब कीमत समर्थन और प्रतिरोध जोन में जाए, आपको लघु-अवधि का ट्रेड लगाना चाहिए| क्योंकि इस जोन में चलते हुए कीमत तब तक उछलती है, जब तक पलटने लायक मजबूत न हो जाए| इसलिए, ट्रेड करने के लिए समर्थन और प्रतिरोध इंडिकेटर का प्रयोग करें|

जब कीमत थ्रेशहोल्ड पार कर जाए तो लंबी पोजीशन खोलें

रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न बनाने वाली दो समर्थन और प्रतिरोध रेखाएँ बहुत मजबूत अवरोध (बैरियर) होती हैं। इसलिए जब कीमत अवरोध (बैरियर) को तोड़ने वाली होती हैं, इन्हें बहुत अधिक बल की जरुरत होती है, जिससे कुछ लंबी कैंडल्स बनती हैं| यह समय ट्रेंड को फॉलो करके ट्रेड लगाने का है|

Rectangle Chart Paterrn

IPL 2023: दिल्ली कैपिटल्स से इस टीम में जाएंगे भारतीय पेसर शार्दुल ठाकुर- रिपोर्ट

Updated Nov 14, 2022 | 08:07 PM IST

IPL 2023 Auction LSG Target Players List: लखनऊ सुपर जायंट्स की नीलामी में इन तीन खिलाड़ियों पर रहेगी नजर

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शार्दुल ठाकुर (BCCI/IPL)

IPL 2023 Retention and release of players: आईपीएल 2023 के लिए होने वाली खिलाड़ियों की नीलामी से पहले बोर्ड नेे सभी टीमों को 15 नवंबर तक का समय दिया है कि वे उन खिलाड़ियों के नाम बताएं जिनको वे रिटेन करना चाहते हैं या रिलीज करना चाहते हैं। इसी कड़ी में तमाम टीमें अपने कदम उठाने लगी है। इसी बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली कैपिटल्स पिछली नीलामी में भारी रकम में खरीदे गए भारतीय ऑलराउंडर शार्दुल ट्रेड कब खोलें ठाकुर को खुद से अलग करने जा रही है, लेकिन साथ ही उनको एक अन्य टीम केे साथ ट्रेड करने जा रही है।

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