श्री ए.के. सेठी (आरओसी सह ओएल कटक)
UPL के शेयरों में 3% तक की मजबूती, कंपनी के बायबैक प्लान से मिला सपोर्ट
UPL Shares : यूपीएल द्वारा अपना शेयर बायबैक प्लान (share buyback plan) जारी किए जाने के बाद गुरुवार को कंपनी के शेयर में 3 फीसदी तक की मजबूती देखने को मिली। हालांकि, ब्रॉडर मार्केट में कमजोरी बढ़ने से यूपीएल के शेयरों में शुरुआती बढ़त कम हो गई। पूर्वाह्न 11.45 बजे एनएसई (NSE) पर यूपीएल के शेयर 1.30 फीसदी की मजबूती के साथ 698.35 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं।
अधिकतम 1,100 करोड़ रुपये के शेयर खरीदेगी कंपनी
एग्रीकेमिकल कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, यूपीएल (UPL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कंपनी के इक्विटी शेयरहोल्डर्स (प्रमोटर्स के अलावा, प्रमोटर्स ग्रुप और कंपनी के नियंत्रण में कोई भी व्यक्ति) से प्रति शेयर 2 रुपये फेस वैल्यू वाले फुल्ली पेड-अप इक्विटी शेयरों के बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अधिकतम 1,100 करोड़ रुपये में ओपन मार्केट रूट से 31 मार्च, 2021 तक के कुल पेड-अप शेयर कैपिटल और फ्री रिजर्व के 14.56 फीसदी और 5.71 फीसदी शेयर खरीदे अप कैपिटल क्या हैं? जाने हैं। इसमें प्रति शेयर कीमत अधिकतम 875 रुपये होगी।
Tata Group की इस कंपनी में LIC की हिस्सेदारी 5% के पार, ब्रोकरेज ने कहा खरीद लो, मिल सकता है 28% रिटर्न
Stocks to Buy: इंश्योरेंस कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, Tata Motors में उसकी हिस्सेदारी 16,59,48,741 से बढ़कर 16,61,98,741 इक्विटी शेयर हो गई. 31 अक्टूबर 2022 को कंपनी में होल्डिंग 5% के पार हो गई.
Stocks to Buy: देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की टाटा ग्रुप (Tata Group) की ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Ltd) में हिस्सेदारी 5 फीसदी से ज्यादा हो गई है. एलआईसी इस ऑटो अप कैपिटल क्या हैं? कंपनी में पिछले 10 महीने से हिस्सेदारी बढ़ा रही है और अप कैपिटल क्या हैं? इसने 11.39 करोड़ रुपए निवेश किया है.
इंश्योरेंस कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, Tata Motors में उसकी हिस्सेदारी 16,59,48,741 से बढ़कर 16,61,98,741 इक्विटी शेयर हो गई. ऑटो में कंपनी की हिस्सेदारी अब पेड-अप कैपिटल की 4.997% से बढ़कर 5.004% हो गई. 31 अक्टूबर 2022 को कंपनी में होल्डिंग 5% के पार हो गई. 3 दिसंबर 2021 से 31 अक्टूबर 2022 के दौरान 455.69 रुपए के औसत भाव पर शेयर खरीदे. रेगुलेटरी नियमों के मुताबिक, लिस्टेड कंपनियों को जब किसी कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 5% से अधिक हो जाए तब स्टॉक एक्सचेंजों बताना जरूरी होता है.
राकेश झुनझुनवाला की हिस्सेदारी 1% से अधिक
LIC के अलावा,दिवंगत दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला की Tata Motors में 1 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है. उनके पास टाटा ग्रुप की ऑटो कंपनी के 3,67,50,000 इक्विटी शेयर हैं. भारतीय शेयर बाजार का 'बिग बुल' कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का इस साल अगस्त में निधन हो गया था.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
Tata Motors 9 नवंबर को वित्त वर्ष 2022-23 अप कैपिटल क्या हैं? के अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करेगी. पिछले एक साल में ऑटो कंपनी का शेयर 13.70% गिरा है, जबकि इस साल अब तक यह 15% से अधिक टूटा है. हालांकि, एक महीने में इसमें करीब 6 फीसदी की तेजी आई है.
New Company Rule: सरकार ने छोटी कंपनियों की परिभाषा बदली, जानिए पूंजी अप कैपिटल क्या हैं? और टर्नओवर से जुड़े नए नियम क्या हैं?
सरकार ने छोटी कंपनियों के पेड अप कैपिटल और टर्नओवर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। माना जा रहा है कि इन बदलावों से कंपनियों पर कंप्लायंस का दबाव घटेगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, जो देश में कंपनी लॉ लागू करती है ने अपने ताजा फैसले में छोटी कंपनियों को नए सिरे से परिभाषित किया है। सरकार ऐसा करके इज ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देना चाहती है।
स्मॉल अप कैपिटल क्या हैं? कंपनियों के पेडअप कैपिटल की अधिकतम सीमा दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ हुई
सरकार की ओर से किए गए ताजा बदलावों के तहत छोटी कंपनियों के पेडअप कैपिटल के दायरे को अधितम दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर अधिकतम चार करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार के नए नियमों के मुताबिक छोटी कंपनियों के टर्नओवर की सीमा जो पहले अधिकतम 20 करोड़ रुपये थी उसे अब बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
विस्तार
सरकार ने छोटी कंपनियों के पेड अप कैपिटल और टर्नओवर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। माना जा रहा है कि इन बदलावों से कंपनियों पर कंप्लायंस का दबाव घटेगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, जो देश में कंपनी लॉ लागू करती है ने अपने ताजा फैसले में छोटी कंपनियों को नए सिरे से परिभाषित किया है। सरकार ऐसा करके इज ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देना चाहती है।
स्मॉल कंपनियों के पेडअप कैपिटल की अधिकतम सीमा दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ हुई
सरकार की ओर से किए गए ताजा बदलावों के तहत छोटी कंपनियों के पेडअप कैपिटल के दायरे को अधितम दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर अधिकतम चार करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार के नए नियमों के मुताबिक छोटी कंपनियों के टर्नओवर की सीमा जो पहले अधिकतम 20 करोड़ रुपये थी उसे अब बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
स्मॉल कंपनियां संक्षिप्त वार्षिक रिटर्न दाखिल कर सकेंगी
सरकार ने शुक्रवार को एक रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी है। सरकार की ओर से नियमों में किए गए इन बदलावों से अब अधिक से अधिक कंपनियों लघु कंपनियों की श्रेणी में शामिल हो सकेंगी। मंत्रालय के अनुसार, छोटी कंपनियों को वित्तीय विवरण के हिस्से के रूप में नकदी प्रवाह विवरण तैयार करने की आवश्यकता में भी छूट दी गई है और वे संक्षिप्त वार्षिक रिटर्न दाखिल कर सकती हैं। उन्हें बार-बार लेखा परीक्षको को भी बदलने की जरूरत नहीं होगी।
अप कैपिटल क्या हैं?
- शिकायत सेल
- कारपोरेट कार्य मंत्री
- कारपोरेट कार्य राज्य मंत्री
- मुख्यालय के अधिकारियों की सूची
- DGCOA अधिकारि
- प्रादेशिक निदेशक
- कंपनी रजिस्ट्रार
- शासकीय समापक
- लागत लेखापरीक्षा शाखा (सीएबी)
- नोडल अधिकारी
- अनु. जाति/अनु. जनजाति/ अ.वि.वर्ग के लिए संपर्क अधिकारी
- वेब सूचना प्रबंधक
कंपनी अधिनियम की धारा 609 के तहत नियुक्त कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) जो विभिन्न राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों में पदस्थ हैं को संबंधित राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों में स्थित कंपनियों/एलएलपी के पंजीकरण तथा ऐसी कंपनियों/एलएलपी द्वारा अधिनियम के तहत सांविधिक अपेक्षाओं की अनुपालन सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। ये कार्यालय उनके पास पंजीकृत कंपनियों से संबंधित रिकार्ड की रजिस्ट्री के रूप में कार्य करते हैं, ये रिकार्ड आम जनता को निर्धारित शुल्क अदा करने पर निरीक्षण के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं। केन्द्र सरकार इन कार्यालयों पर संबद्ध प्रादेशिक निदेशकों के माध्यम से प्रशासनिक नियंत्रण का प्रयोग करती है।.
ये भी पढ़ें
अब तक नहीं मिला इनकम टैक्स रिफंड? इन 10 स्टेप्स से तुरंत खाते में आएगा पैसा
Gold rate today: दो महीने के सबसे निचले स्तर पर सोना, अभी और गिरेंगे भाव!
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 488