एनएसई लगातार तीसरे वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव्स एक्सचेंज बना

मुंबई। देश के प्रमुख शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) लगातार तीसरे वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव्स एक्सचेंज बनने में सफल रहा है। डेरिवेटिव्स सौदों से जुड़े उद्योग के शीर्ष संगठन डेरिवेटिव्स कारोबार संगठन, फ्यूचर्स इंडस्ट्री असोसिएशन (एफआईए) द्वारा अनुरक्षित आँकड़ों के आधार पर यह दर्जा मिला है। कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंजेज (डब्लूएफई) द्वारा अनुरक्षित आँकड़ों के अनुसार कारोबार की संख्या द्वारा नकद इक्विटीज में एनएसई को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है।

एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम लिमये ने कहा "एनएसई का ग्लोबल लीडर के रूप में उभरना और लगातार तीसरे साल विश्व में सबसे बड़ा डेरिवेटिव्स एक्सचेंज बनने के साथ-साथ कारोबारों की संख्या द्वारा नकद इक्विटीज में चौथा सबसे बड़ा एक्सचेंज होना हमारे और हमारे देश के लिए भारी गौरव की बात है। हम सचमुच भारत सरकार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, भारतीय रिजर्व बैंक, कारोबारी और क्लीयरिंग सदस्यों, बाजार के सहभागियों तथा अपने सभी हिस्सेदारों द्वारा वर्षो से हमें सहयोग करते रहने के लिए उनके प्रति आभारी हैं। उनके सहयोग के बिना हमारी उपलब्धियाँ संभव नहीं हुई होतीं।"

एनएसई को इक्विटी डेरिवेटिव्स और करेंसी डेरिवेटिव्स में कारोबार किये गए कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या पर विश्व में सबसे बड़े एक्सचेंज का दर्जा मिला है। दस्तावेज के स्तर पर एनएसई ने कारोबार किये गए कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या द्वारा इंडेक्स ऑप्शंस और करेंसी ऑप्शंस में प्रथम स्थान हासिल किया है। निफ्टी बैंक इंडेक्स पर इंडेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स ने प्रथम स्थान और निफ्टी 50 सूचकांक ने कारोबार किये गए कॉन्ट्रैक्ट्स प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की संख्या द्वारा इंडेक्स ऑप्शंस केटेगरी में विश्व स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। यूएस प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज डॉलर - रुपया ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट को करेंसी ऑप्शंस केटेगरी में कारोबार किये गए कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या द्वारा प्रथम दर्जा दिया गया है।

वर्ष 2021 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर पंजीकृत कुल निवेशकों की संख्या 5 करोड़ को पार करके 5.5 करोड़ पर पहुँच गई। विदेश पोर्टफोलियो निवेशकों ने लगातार तीसरे कैलेंडर वर्ष के लिए इक्विटीज में - 2019 में 1,01,122 करोड़ रुपये, 2020 में 1,70,262 करोड़ रुपये और 2021 में 25,752 करोड़ रुपये की आवक दर्ज की।

विगत 10 वर्षों में इक्विटी डेरिवेटिव्स के दैनिक औसत कारोबार में 4.2 गुणा की वृद्धि हुई और इसकी राशि बढ़कर वर्ष 2021 में 1,41,267 करोड़ रुपये पर दर्ज हुई। उसी अवधि में नकदी बाजार के दैनिक औसत कारोबार में 6.2 गुणा की बढ़ोतरी हुई और इस आधार पर इसकी राशि जो वर्ष 2011 में 11,187 करोड़ रुपये थी, वह वर्ष 2021 में 69,644 करोड़ रुपये पर पहुँच गई। इक्विटी डेरिवेटिव्स और नकद बाजार कारोबार का अनुपात लगातार गिरावट के साथ वर्ष 2011 के 2.98 से 2021 में 2.03 हो गया।

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शेयर बाजार में हाहाकार: सेंसेक्स 866 अंक लुढ़क कर हुआ बंद, निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़ रुपये

आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 773 अंकों के नुकसान के साथ 54928 के स्तर पर खुला तो वहीं, निफ्टी ने भी कारोबार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ की।

शेयर बाजार में हाहाकार: सेंसेक्स 866 अंक लुढ़क कर हुआ बंद, निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़ रुपये

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट रही। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 866.65 अंक या 1.56 फीसदी लुढ़क कर 54,835.58 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स में 1,115 अंक या दो प्रतिशत तक की गिरावट आई थी। इसी तरह एनएसई निफ्टी 271.40 अंक या 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,411 अंक पर ठहरा।

बीएसई का बाजार पूंजीकरण एक दिन पहले के 259.64 लाख करोड़ रुपये से लुढ़कर कर 255 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया है। इस लिहाज से देखें तो निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

अमेरिकी शेयर बाजार भी धराशायी

भारतीय बाजारों की तरह अमेरिकी शेयर बाजारों को भी वहां के फेड रिजर्व का ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला रास नहीं आया। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊजोंस 3.12 फीसद यानी 1063 अंक टूट गया। नैस्डैक ने भी 4.99 फीसद का गोता लगाया और एसएंडपी 153 अंक यानी 3.56 फीसद लुढ़कक कर बंद हुआ।

Amazon के शेयर 7.56%, फेसबुक के शेयर 6.77% तो वहीं टेस्ला के शेयर 8.33% टूटकर बंद हुए। इसका असर आज घरेलू शेयर बाजार पर भी दिख रहा है। प्री-ओपनिंग में रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़ सभी स्टॉक लाल निशान पर थे। सेंसेक्स 773 अंक नीचे था, जबकि निफ्टी 16415 के स्तर पर आ गया था।

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 900 अंकों की भारी प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज गिरावट के साथ 54,801.53 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 239.25 अंकों का गोता लगाकर 16,443.40 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स पर केवल दो स्टॉक हरे निशान पर थे।

क्यों गिर रहा बाजार

बढ़ती मुद्रास्फीति, बढ़ती ब्याज दरों, चीन की आर्थिक मंदी और यूक्रेन में युद्ध सहित कई संकटों से इस साल वैश्विक बाजार प्रभावित हुए हैं। वहीं, कमजोर वैश्विक संकेतों को देखते हुए भारतीय शेयर बाजार और रुपया तेजी से गिरे। भारतीय रुपया आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लुढ़क गया। 76.26 रुपये के पिछले बंद की तुलना में भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 76.64 तक गिर गई।

हेम सिक्योरिटीज के रोहित निगम ने कहा, “एफओएमसी की बैठक के बाद बुधवार को अमेरिकी बाजारों में राहत की रैली देखी गई, लेकिन बढ़ती ब्याज दरों पर अधिक चिंता के कारण गुरुवार को यह गिर गया। यूके की मंदी की आशंका से पाउंड भी गिर गया।” विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल डेटा और बेरोजगारी दर की घोषणा आज की जाएगी, जो वैश्विक बाजारों की दिशा तय कर सकती है।

बढ़ती ब्याज दरों और बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंताओं के कारण वॉल स्ट्रीट के बाद एशियाई शेयरों में आज गिरावट आई। वहीं, सऊदी अरब और रूस के नेतृत्व में प्रमुख तेल उत्पादकों द्वारा अपनी नियोजित सीमांत वृद्धि से अधिक उत्पादन उठाने से इनकार करने के बाद कच्चे तेल में वृद्धि हुई क्योंकि उन्होंने यूक्रेन युद्ध के कारण तंग आपूर्ति चिंताओं को तौला।

अडानी पावर का शुद्ध लाभ 4,645 करोड़ रुपये पर पहुंचा

अडानी पावर का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में उछलकर 4,645.47 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो एक साल पहले इसी तिमाही में 13.13 करोड़ रुपये था। कंपनी ने कहा कि 31 मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 13,307.92 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6,902.01 करोड़ रुपये थी। अडानी पावर का एकीकृत शुद्ध लाभ 2021-22 में बढ़कर 4,911.58 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 1,269.98 करोड़ रुपये था।

डाबर इंडिया का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 22 प्रतिशत घटा

रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पाद बनाने वाली डाबर इंडिया लिमिटेड का मार्च, 2022 को समाप्त चौथी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 21.98 प्रतिशत घटकर 294.34 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने इससे एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में 377.29 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। डाबर कारोबार के मामले में अब 10,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन गयी है। कंपनी की आय 2021-22 में 10,888.68 करोड़ रुपये पहुंच गयी। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान इसकी परिचालन आय 7.74 प्रतिशत बढ़कर 2,517.81 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 2,336.79 करोड़ रुपये थी। कंपनी का कुल खर्च वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 2,141.04 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1,969.54 करोड़ रुपये से 8.7 प्रतिशत अधिक है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख लिमये ने कहा, दूसरे कार्यकाल का इच्छुक नहीं

नई दिल्लीः नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी विक्रम लिमये ने बुधवार को कहा कि वह शेयर बाजार में प्रमुख के पद पर एक और कार्यकाल के लिए प्रयास नहीं करेंगे। लिमये ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘मैंने निदेशक मंडल को सूचित कर दिया है कि मैं दूसरा कार्यकाल पाने का इच्छुक नहीं हूं, अत: मैं जारी प्रक्रिया में आवेदन नहीं करूंगा, इसमें हिस्सा नहीं लूंगा। मेरा कार्यकाल 16 जुलाई 2022 को समाप्त हो जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बहुत कठिन दौर में संगठन का नेतृत्व किया और एनएसई को स्थिर तथा मजबूत करने और उसमें परिवर्तन लाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है। हमने नियंत्रण, शासन, प्रौद्योगिकी, नियामक प्रभावशीलता और व्यापार वृद्धि के मामले में लंबा सफर तय किया है।’’

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने नए प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद के लिए हाल में उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। हालांकि लिमये को एक और कार्यकाल मिल सकता है लेकिन सेबी के नियमों के मुताबिक अगला कार्यकाल पाने के लिए उन्हें अन्य उम्मीदवारों से स्पर्धा करनी होगी। लिमये को एनएसई का प्रमुख जुलाई 2017 में बनाया गया था।

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