2 ) निफ्टी में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से निवेश
Trading kise kahate hain | ट्रेडिंग कैसे करते हैं | ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं
यदि आप स्टॉक मार्किट में जरा भी दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने ट्रेडिंग शब्द जरूर सुना होगा, क्या आप जानते हैं, ट्रेडिंग क्या होता है, Trading kise kahate hain, ट्रेडिंग क्यों की जाती है, और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है। तो ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।
दरअसल जब आप स्टॉक मार्किट में अपनी शुरुवात करते हैं, तो आप के लिए कई शब्द बिलकुल नए होते हैं, जिनके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं होती है, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, आईपीओ, सेंसेक्स, निफ़्टी, इन्वेस्टर, रिटेलर इत्यादि, और इन्ही में से एक शब्द Trading भी है। तो चलिए जानते NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ हैं, Trading क्या होता है।
पिछले कुछ समय में जिस गति से लोगों के बीच स्टॉक मार्किट में इन्वेस्टमेंट को लेकर चलन बड़ा है, खास NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ करके युवा वर्ग की स्टॉक मार्किट में काफी दिलचस्पी देखि गई है, इस से पता चलता है, की आने वाले समय में भारत में नए निवेशकों की संख्या में बंपर बढ़ोतरी होने वाली है।
ट्रेडिंग क्या होता है | Trading kise kahate hain
ट्रेडिंग का हिंदी में अर्थ होता है, व्यापार, जब दो संस्थाओं के बीच आम तोर पर मुनाफे के उद्देश्य से वस्तुओं या सेवाओं का आदान प्रदान होता है, तो वह ट्रेडिंग केहलाता है। ट्रेडिंग यानि व्यापार द्वारा ही धन प्राप्त होता है, और यही समाज में प्रगति के चक्र को भी नियंत्रित करता है। NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ ट्रेड वस्तुओं या सेवाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इसकी NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ प्रक्रिया लगभग एक समान ही होती है।
अब यदि फाइनेंसियल मार्किट या स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को समझें, की ट्रेडिंग क्या होती है? तो यहाँ पर आम बाजार की तरह प्रोडक्ट और सेवाओं के जगह कंपनियों के स्टॉक्स, शेयर्स, बांड्स इत्यादि को ख़रीदा व बेचा जाता है। वह व्यक्ति जो कपनियों के स्टॉक्स को मुनाफे के उद्देश्य से खरीदता व बेचता है, उसे Trader कहा जाता है, और बाजार जहाँ पर ट्रेडिंग की जाती है, वह शेयर बाजार केहलाता है।
स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Stock market Trading in Hindi
स्टॉक मार्किट ट्रेडिंग के NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ मुख्य तीन प्रकार हैं।
Intraday Trading :-
इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, जब कोई निवेशक एक ही दिन के भीतर कोई स्टॉक्स खरीदता और बेचता है, तो वह Intraday trading केहलाता है। इसका अर्थ हुवा की यदि आपने आज के दिन में किसी कंपनी के NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ स्टॉक्स ख़रीदे हैं, तो मार्किट बंद होने तक आज ही आपको उन स्टॉक्स को बेचना होगा। इस प्रकार की ट्रेडिंग अनुभवी ट्रेडर्स के द्वारा की जाती है, क्योंकि इसमें रिस्क अधिक होता है, और तेजी से निर्णय लेने पड़ते हैं।
Position Trading :-
पोजीशन ट्रेडिंग में इंट्राडे की तुलना में निवेशक को ट्रेडिंग के लिए अधिक समय मिल जाता है, क्योंकि यह Buy और Hold रणनीति पर निर्भर करता है। इसमें निवेशक लंबे समय तक के लिए स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है, जब तक की स्टॉक्स के दाम में वृद्धि ना हो जाए, यानि इसमें निवेशक हफ़्तों और महीनों तक स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है।
[Intraday Trading] स्टॉक चयन के 2 आसान तरीके
और यदि किसी Stock को Sale करते हैं तो वह स्टॉक ऊपर की ओर भागना शुरू कर देता है अर्थात भाव बढ़ना शुरू हो जाता है। परिणाम स्वरूप दोनों ही परिस्थितियों में ट्रेडर को नुकसान उठाना पड़ जाता है।
इसलिए नए ट्रेडर हमेशा यही सोचते हैं कि काश कोई ऐसा तरीका उन्हें मिल जाए जिससे पहले से ही पता चल जाए कि आज के दिन कौन सा स्टॉक ऊपर जायेगा या फिर कौन सा स्टॉक नीचे जाएगा ?
दोस्तों, आज इस लेख के माध्यम से Traders की इसी उलझन को सुलझाने के लिए स्टॉक सेलेक्शन के 2 आसन तरीके बताने का प्रयास किया जा NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ रहा है। जिससे ट्रेड लेने से पहले ही हमें पता चल जाएगा कि वह स्टॉक ऊपर की ओर जाएगा या फिर नीचे गिरेगा।
इंट्राडे स्टॉक चयन के 2 आसान तरीके ( 2 Easy Methods Of Stock Selection In Hindi )
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक चयन के 2 आसान तरीकों मे से पहला तरीका बहुत सीधा और सरल है,
इसके अनुसार सुबह 9:15 पर जब बाजार खुलता है तो हमें बाजार को ध्यान से देखते रहना है और Trend समझने का प्रयास करना है।
आधे घंटे बाद यानी 9:45 पर हमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( NSE ) की वेबसाइट को खोलकर लाइव मार्केट पर जाना है,
वहां से हमें आज के टॉप गेनर ( Top gainer ) और टॉप लूजर ( Top looser) को देखना है यहां हमे दोनों में पांच – पांच स्टॉक दिखाई पड़ेंगे,
यहां से हमको ऊपर के टॉप तीन बढ़ने वाले स्टॉक तथा टॉप तीन नीचे गिरने वाले स्टॉक को अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के वाच लिस्ट ( Wach List ) में लगाना रहेगा,
इसके बाद हमे यह देखना है कि जो तीन बढ़ने वाले स्टॉक है उनमें से जो स्टॉक अपने पिछले दिन के हाई को तोड़े, अर्थात पिछले दिन जो उसका अधिकतम भाव था यदि आज वह स्टॉक उसके ऊपर निकल रहा है तो वहां Trade ले लेना है,
स्टॉक चयन का दूसरा तरीका
साथियों, इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक चयन के 2 आसान तरीके में दूसरा तरीका भी काफी आसान और काफी पुराना भी है।
इसमे हमे बस इतना करना है कि जब सुबह 9:15 पर मार्किट खुले तो अपने ट्रेडिंग चार्ट पर 15 मिनट का चार्ट टाइम फ्रेम लगा लेना है,
तथा ये देखना है कि जब किसी स्टॉक की 15 मिनट की हरी कैंडल पूरी हो जाती है और अगली कैंडल पिछली कैंडल के ऊपर खुल रही है तो आपको वहाँ खरीद की साइड का ट्रेड करना है।
और जब अपना लक्ष्य मिल जाए तुरंत अपनी पोजिशन NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ कट करके अपना Profit बुक कर लेना है।
इसी प्रकार कोई 15 मिनट की लाल कैंडल जहाँ बन्द हुई है, तथा अगली कैंडल उसी के नीचे खुलना प्रारंभ कर रही हो तो ये समझ लेना चाहिए कि स्टॉक अभी और नीचे जायेगा ऐसे में हम वहां सेल की पोजीशन बना सकते हैं।
और अपना प्रॉफिट मिल जाने के बाद पोजिशन बंद कर NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ के बाहर आ जाना है।
Nifty में करना चाहते है ट्रेडिंग? तो यहां जानिए निफ्टी में निवेश कैसे करें? | How to Invest in Nifty
How to Invest in Nifty: निफ्टी एक इंडेक्स है, आप इसे सीधे किसी कंपनी के स्टॉक की तरह नहीं खरीद सकते। हालांकि, ऐसे अन्य तरीके भी हैं जिनसे आप सूचकांक का उपयोग इसके मूवमेंट से लाभ प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। निफ्टी में कैसे ट्रेड करना है? (How to Trade in Nifty) आइए जानते है।
How to Trade in Nifty: निफ्टी 50 (Nifty 50) भारत के व्यापक बाजार बेंचमार्क सूचकांकों में से एक है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में सूचीबद्ध 50 सबसे बड़ी कंपनियों के प्राइस मूवमेंट को ट्रैक करता है। ट्रेडर्स द्वारा व्यापक रूप से शेयर मार्केट के परफॉर्मेंस को मापने के लिए इसका व्यापक NSE निवेश और ट्रेडिंग रणनीतियाँ रूप से उपयोग किया जाता है।
Nifty को शेयर बाजार के प्रदर्शन का एक अच्छा संकेतक क्यों माना जाता है, इसका एक प्राथमिक कारण यह है कि यह 14 विभिन्न सेक्टर की कंपनियों को कवर करता है। नतीजतन, एक निवेशक जो निफ्टी 50 इंडेक्स में अपनी पूंजी का निवेश करता है, वह खुद को कई प्रकार की कंपनियों में उजागर कर सकता है और बदले में, निवेश जोखिम को काफी कम कर सकता है।
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