इलायची के पौधों से 3 साल बाद फल मिलना शुरू होते हैं. इससे पहले इसकी विशेष देखभाल बहुत जरूरी है. एक हेक्टेयर जमीन से 130 से 150 किलो के करीब सूखी इलायची मिलती है, क्योंकि बाज़ार में इसकी कीमत 2000 रूपए प्रति किलो है. अत : इसकी खेती करके 3 लाख रुपए की कमाई बड़े आराम से रोज 600 रुपए कमाने का तरीका की जा सकती है.

Cardamom cultivation

Cardamom cultivation: इलायची की खेती से होगी छप्परफाड़ कमाई, बस तरीका जान लीजिए

भारतीय मसाले दुनियाभर में फेमस है, इनमें इलायची की बात ना हो तो सब अधूरा है क्योंकि इलायची ना सिर्फ मसालों के रूप में जानी जाती है बल्कि इसमे बहुत सारे औषधीय गुण भी मौजूद है.

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Cardamom

भारतीय मसाले दुनियाभर में फेमस है, इनमें इलायची की बात ना हो तो सब अधूरा है क्योंकि इलायची ना सिर्फ मसालों के रूप में जानी जाती है बल्कि इसमे बहुत सारे औषधीय गुण भी मौजूद है. आयुर्वेदिक डॉक्टरों के मुताबिक इलायची के उपयोग से शरीर से वात , सांस , खांसी , खुजली, बवासीर रोज 600 रुपए कमाने का तरीका और पित्त जनित रोग , पथरी और सुजाक जैसी बिमारियों में फायदा होता है. इसका इस्तेमाल परुषों के लिए भी बहुत फायदेमंद रहता है. मिठाइयों में सुगंध बढ़ाने के लिए भी इलायची का उपयोग होता रहा है.

भारत में इलायची की खेती कहां होती है ?

दक्षिण भारत के राज्यों में इलायची की खेती मुख्य तौर पर की जाती है. इलायची के उत्पादन के लिए कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु सबसे आगे हैं.

पूरे देश में जैविक खेती को लेकर लोगों का नजरिया बदल रहा है, लोगों का रुझान भी इसमें बढ़ रहा है. यह रोज 600 रुपए कमाने का तरीका रासायनिक मुक्त खेती करके किसान ज्यादा खुश है…

इलायची के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान (climate and temperature)

वैसे तो भारत के कई इलाकों में इलायची की खेती की जा रही है लेकिन उष्णकटिबंधीय जलवायु इलायची की खेती के लिए सबसे सही मानी जाती है. इलायची की अच्छी खेती समुद्र ताल से 600 से 1500 मीटर की ऊंचाई वाली जगहों पर आसानी से की जा सकती है. इलायची की खेती ऐसे क्षेत्र में करना सबसे उचित रहता है जहां गर्मी होने के साथ-साथ मिट्टी में नमी भी मौजूद रहे, यानी इसकी फार्मिंग के लिए छायादार जगह और हवा में नमी होनी चाहिए. इलायची की खेती के लिए अगर तापमान की बात करें तो 10 से 35 डिग्री के बीच का तापमान उचित माना जाता है.

जीवांशयुक्त बलुई दोमट मिट्टी जिसमें नमी रहे और जल निकास की ठीक व्यवस्था हो इलायची की खेती के लिए सबसे अनुमकूल है. लाल दोमट मिट्टी भी इलायची की खेती के लिए उपयुक्त है. इसकी खेती के लिए जमीन का पीएच. मान 5 से 7.5 होना चाहिए.

इलायची की पौध कैसे तैयार करें ?

इलायची की पौध दो तरीके से तैयार की जा सकती है, इसे बीज और पौधे से निकलने वाले पौधे से भी तैयार किया जा सकता है. अगर बीज से उगाने की बात करें तो इसके लिए अच्छी क्वालिटी का बीज हो, ये बीज ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए. इलायची की नर्सरी तैयार करने के लिए 10 सेमी की दूरी पर बीज लगाएं. बीजों को बोने से पहले उसका उपचारण जरूर कर लें. आपको बता दें कि एक हेक्टेयर जमीन के लिए करीब सवा किलो बीजों की जरूरत पड़ती है.

इलायची के पौधों की रोपाई बारिश के मौसम रोज 600 रुपए कमाने का तरीका में की जाती है यानी इसके रोपण के लिए जुलाई का महीना सबसे सही होता है, क्योंकि इस मौसम में पौधों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं रहती. ध्यान रखें कि इलायची का पौधा छायादार जगह पर लगाएं, डायरेक्ट सन लाइट में ये ज्यादा ग्रो नहीं करेगा.

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