मौलिक विश्लेषण क्या है (Fundamental Analysis kya hai ) – शेयर मार्केट में इसका महत्व

शेयर मार्केट के चर्चे आज हम हर जुबान पर सुन सकते है। जिस तरीके से शेयर मार्केट lockdown या कोरोना काल में जमीन को छूकर सातवे आसमान पर पहुँचा है। यह देखकर लोगो का इस फील्ड में रुझान बढ़ने लगा है। अब हर आदमी शेयर मार्केट को पैसा कमाने का जरिया बनाना चाहता है। लेकिन शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले हमें उसे पूरा समझ कर, विश्लेषण करके निवेश करना चाहिए।

Fundamental Meaning In Hindi

अगर आप देखेंगे जिंदगी में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले विश्लेषण करना जरूरी है। जैसे बच्चा कॉलेज जाने से पहले कोर्स और कॉलेज का विश्लेषण करता है। उसी प्रकार हमें भी शेयर मार्केट में पैसे डालने से पहले अच्छी तरह से विश्लेषण करना चाहिए ताकि हमारे पैसे सुरक्षित रहें। अधिकतर लोगों के शेयर मार्केट में पैसे इसलिए डूब जाते है क्योंकि वह बिना सोचे-समझे और विश्लेषण किये बिना ही या किसी ओर के सुझाव पर स्टॉक खरीदते हैं। इससे आप समझ ही गए होंगे कि Fundamental Meaning In Hindi Kya Hai.

शेयर मार्केट के विशेषज्ञ मुख्य दो प्रकार से विश्लेषण करते हैं 1. टेक्निकल और 2. Fundamental या मौलिक विश्लेषण।

टेक्निकल विश्लेषण

टेक्निकल विश्लेषण में हम यह देखते हैं कि कंपनी के शेयर्स में कितना उतार-चढ़ाव हो रहा है। पिछले कई सालों में कंपनी के शेयर्स की क्या हालत है या हम यह भी देखते हैं कि वर्तमान समय में क्या यह शेयर खरीदना ठीक रहेगा? इसमें चार्ट, ग्राफ और lines बनाकर हम कंपनी के शेयरों का विश्लेषण करते हैं। कई बार यह Fundamental Analysis For Small Investors के लिए किया जाता है या फिर उनके लिए किया जाता है जो थोड़े समय के लिए ही निवेश करना चाहते हैं। इसमें हमें कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है और risk भी ज्यादा हो सकता है।

Fundamental Analysis Kyo फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? Karna Chye

कोई भी निवेशक अधिक समय तक किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करना चाहता है तो वह फंडामेंटल विश्लेषण जरूर करेगा। आमतौर पर फंडामेंटल विश्लेषण उन स्टॉक्स पर किया जाता है जिन्हें 1 साल या उससे अधिक समय तक पोर्टफोलियो में रखना है। फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा हम कंपनी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। फंडामेंटल विश्लेषण हमें कंपनी को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा शेयर मार्केट में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है। कई बड़े निवेशक Fundamental Analysis ce investment करके पैसे कमाते हैं।

फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा हम अच्छी क्वालिटी वाले शेयर को परखते हैं और उनमे अधिक समय के लिए निवेश करते हैं l फंडामेंटल विश्लेषण करने के लिए हमें कंपनी के बारे में अधिक जानकारी हासिल करनी होती है। हम कंपनी के भूतकाल और वर्तमान काल में किए गए परफॉर्मेंस के अनुसार भविष्य की परफॉर्मेंस का अंदाजा लगाते हैं। जो कंपनी भविष्य में अच्छा परफॉर्म करने वाली है, हम उनमें निवेश करने की सोचते हैं। चीन कंपनी के शीर्ष पर हमें ज्यादा रिटर्न मिलने वाला होता है हम उन में इंटरेस्ट लेना शुरू करते हैं।

हर कंपनी के Share Price बढ़ते हैं या Share Price घटते भी हैं क्योंकि यह शेयर मार्केट का स्वभाव है l लेकिन क्वालिटी वाले शेयर्स लॉन्ग टर्म के लिए हमें अच्छा रिटर्न्स देते हैं। इन्हीं क्वालिटी वाले शेयर शेयर्स को पहचानने के लिए हम फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? Fundamental Analysis Process करते हैं। इसीलिए Fundamental Analysis Process Important हो जाता है।

Fundamental Analysis Kaise Kare ??

फंडामेंटल विश्लेषण करना ज्यादा आसान भी नहीं है और ज्यादा मुश्किल भी नहीं है l

लेकिन इसे करने के लिए थोड़ी मेहनत जरूर लगती है। फंडामेंटल एनालिसिस में निम्न सवालों के जवाब ढूंढे जाते हैं। आइए जानते हैं Why We Use Fundamental Analysis

  • कंपनी कौन सा प्रोडक्ट बेच रही है या कौन सी सर्विस प्रोवाइड कर रही है?
  • क्या उसका प्रोडक्ट या उसकी सर्विस मार्केट में डिमांड में है? क्या आप कंपनी प्रॉफिट में है या फिर loss में चल रही है?
  • क्या कंपनी ने कोई कर्जा ले रखा है? अगर ले रखा है तो बड़ा है या छोटा?
  • कंपनी जिस सेक्टर से है क्या वह सेक्टर अच्छा रिटर्न देता है?
  • क्या कंपनी की मार्केट में अच्छी reputation है?

इन सब बातों का अच्छी तरीके से analysis करके हम उस कंपनी के shares को डिस्काउंट प्राइस में खरीद कर लंबे समय तक अपने पास रखते हैं। फिर हम उन शेयर्स को भविष्य में Premium प्राइस में बेच देते हैं। इससे हमें ज्यादा प्रॉफिट होता है।

Fundamental Analysis types

  1. गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative analysis)

गुणात्मक विश्लेषण में हम कंपनी के बिजनेस मॉडल को पर रखते हैं l उनके प्रोडक्ट ओर सर्विस को अच्छी तरह से जाने की कोशिश करते हैं l कंपनी का मैनेजमेंट विश्लेषण के बारे में भी हम जानकारी प्राप्त करते हैं। इसके अलावा हम और भी कई गुणों (आर्थिक दृष्टि से) को परखते हैं।

  1. मात्रात्मक विश्लेषण (Quantitative analysis)

मात्रात्मक विश्लेषण में हम कंपनी में cash flow कैसे हो रहा है और sales growth कैसे चल रही है यह जानते हैं। इसमें हम कंपनी की बैलेंस sheet, प्रॉफिट और loss अकाउंट भी देखते हैं। इसी के साथ हम कंपनी आर्थिक दृष्टि से किस स्तर पर काम कर रही है यह जानने की कोशिश करते हैं।

फंडामेंटल विश्लेषण मैं हम यह भी देखते हैं कि global economy, local economy और sector growth आने वाले सालों में कैसी रहेगी। इसे हम top-down approach भी कह सकते है। इसमें हम कंपनी की आर्थिक स्थिति को ऊपर से नीचे तक पूरी तरीके से और अच्छे से स्कैन कर लेते हैं।

फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी के निम्न अकाउंट को देखा जाता है –

  • Balance sheet
  • Profit and loss account
  • Cash flow rate
  • Annual Report
  • Sales growth
  • Position of opponent company
  • Sector analysis
  • Financial ratio
  • Management analysis and others as required

इसी के साथ हमने फंडामेंटल विश्लेषण को अच्छी तरह से समझ लिया है। आशा करते हैं कि आपको Fundamental Meaning In Hindi भी अच्छे से समझ आ गया होगा l यह आर्टिकल पसंद फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? आया है तो अपने दोस्तों के साथ ही शेयर करना मत भूलना l धन्यवाद l

2. छोटी पूंजी के साथ शुरू करे

अब आपके मन एक प्रश्न होगा की investment के लिए कितने रुपयों की जरूरत होती है ?

तो स्टॉक मार्केट में आप काम से कम 100 रुपए से अपना निवेश शुरू कार सकते हो ।

अगर आपके पास के लिए ज्यादा फंड है तो भी आपको छोटे निवेश के साथ स्टॉक मार्केट में शुरुवात करें।

उससे फायदा ये है कि जब आप शुरुवात में आपके पास नॉलेज कम होने के कारण loss होने कि संभावना ज्यादा हो जाती है और रिस्क बढ़ जाता है ।

तो छोटे निवेश में Loss भी कम होगा और आप लंबे समय तक मार्केट में बने रहेंगे।

3 बेहतर इन्वेस्टर बनिये

तो दोस्तो इस पोस्ट में आप हम यह बता रहे है कि आप स्टॉक मार्केट में पैसा इन्वेस्ट कैसे करें? इसके लिए आपको यह समझना होगा कि Long term investing इसमें सही शेयर के फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? साथ लंबे समय तक टिके रहना ।.

इसका मतलब है की आप जिस कम्पनी के शेयर खरीद रहे है आप उस कम्पनी के हिस्सेदार बन रहे है और वास्तव में उस कम्पनी के बिज़नेस में अपना पैसा लगा रहे है|

इसलिए जरुरी है की आप अपनी सेविंग को Intraday Trading या Short Term Trading ना लगायें और अच्छे शेयर्स के साथ लॉन्ग टर्म निवेश में Compounding का मैजिक देखे|

4 अच्छे शेयर्स सेलेक्ट करे

इसके बाद अब बात आती है कि स्टॉक मार्केट में अच्छे शेयर कोनेसे है जिनमे हमें ज्यादा प्रॉफिट हो?

तो में यहां पर आपको बता दू की मार्केट में एंटर करने से पहले आपको इससे अच्छी तरह समघना होगा ।

क्योंकि आपको जितना नॉलेज होगा आप उतना ही जायदा पैसा बना सकते हो ।

दूसरी बात आप जब तक आप खुद Practically उसे करना स्टार्ट नहीं करते और अपनी गलितियों से नहीं सीखते आप Expert नहीं बन पाते|

आप अच्छे स्टॉक सलेक्ट करने के लिए इन दो strategy का उपयोग कर सकते है –

1 Fundamental Analysis

सबसे पहले आपको कम्पनी के Balance Sheet और Profit & Loss को समझना होगा, Fundamental Analysis किसी भी शेयर को खरीदने से पहले किया जाता है ताकि किसी भी शेयर की स्थिति को समझ सके की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है और भविष्य में कितनी तरक्की करने वाली है।
इन सभी बातो की जानकारी हमे कंपनी के मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) करने फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? से मिलती है।

Fundamental Analysis Kaise Kare
  1. Balance Sheet पर नज़र डालना
  2. P&L (Profit &Loss) Account पर नज़र डालना
  3. Cash Flow Statements को चेक करना
  4. Annual Report को देखना
  5. Financial Ratio को देखना
  6. PE Ratio नज़र डालना
  7. EPS Earning Per Share नज़र डालना
  8. Book Value को चेक करना
  9. Management Analysis नज़र डालना
  10. Profit And Sales Growth को देखना
  11. Opponent Company की जांच करना
  12. जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules)

2 Technical Analysis

तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.

एक बार जब कंपनी के डाटा को समझ लिया जाता है तब उस स्टॉक को खरीदने से पहले हम कम्पनी का टेक्निकल एनालिसिस करते है|

हमें यह देखना होता है की स्टॉक ट्रेंड में है या नहीं यानी उसकी प्राइस किस तरह मूव कर रही है |

5 रिस्क मनेजमेंट

स्टॉक मार्केट में किसी भी शेयर की प्राइस कई तरह के फैक्टर्स से Effect होती है|

इसलिए जरुरी नहीं है की आपने जिस स्टॉक को Pick किया वो 100% ही Up जायेंगा|

क्योकि हर एक चीज की Accuracy होती है – अब ऐसे में हो सकता है की आपने सही Stock में निवेश किया हो, लेकिन Miss Management या किसी भी दूसरी चीज के कारण कम्पनी की शेयर प्राइस गीर जाती है|

सवाल यह है की ऐसे में आप कैसे उस Risk को Manage करते है|

क्योकि मैंने पहले ही बताया है कि यहाँ Capital को बचायें रखना बहुत ही जरुरी है|

इसलिए जरुरी है की आप सही समय पर अपना Loss Cut करके उस शेयर से बाहर निकल जायें|

Share market chart kaise samjhe | शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस

Share market chart kaise samjhe– दोस्तों अगर आपको सही समय पर अच्छा मुनाफा कमाई करना है तो शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस करना जरुर आना चाहिए। इससे आप कम समय में ही अपने नुकशान को कम करके बहुत अच्छा रिटर्न कमाई कर चकते हो।

अगर आप बिना सीखे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हो तो आप एकतरह से जुआ खेल रहे हो इससे आपको नुकशान होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। आपको पता होना चाहिए कब स्टॉक को खरीदना चाहिए और कब प्रॉफिट कमाई करके बेचना चाहिए।

इसी को जानने के लिए आपको Share Market के चार्ट को फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? अच्छी तरह समझना बहुत जरुरी हैं। क्यूंकि इसी से ही आपको पता लगेगा स्टॉक ऊपर या नीचे जाने की कितने ज्यादा संभावना हैं।

Share market chart kaise samjhe

ज्यादातर रिटेल निवेशक किसी भी चार्ट को खोलते ही उनके मन में इस चार्ट में देखे किया और शुरु कहा से करे ये सवाल जरुर आता हैं। शेयर मार्केट में किसी भी चार्ट को समझने के लिए सबसे पहले बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं। उसके बाद ही काम आएगा आपका विश्लेषणात्मक कौशल जो आपको प्रयोग करना होगा उस चार्ट में।

Chart का Trend देखना चाहिए:- किसी भी स्टॉक के चार्ट अच्छी तरह से समझने के लिए आपका सबसे पहला काम होना चाहिए उस शेयर के Trend किस तरफ जा रहा हैं। उसको अच्छी तरह से देखना बहुत जरुरी हैं। वैसे तो चार्ट में 3 तरह का Trend देखने को मिलेगा। इन तीनो Trend के अन्दर से कोई ना कोई एक Trend में वो स्टॉक या Chart जरुर फॉलो कर रहा होगा। और इन ट्रेन्ड में काम करने के तरीका भी अलग अलग होता हैं।

  • Up Trend:- इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom। जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा। तब आपको हमेसा उस स्टॉक को खरीदना चाहिए।
  • Down Trend:- इस ट्रेन्ड का मतलब है Lower top Lower bottom। जब भी आपको चार्ट में Down Trend देखने को मिलेगा स्टॉक हमेशा सीढ़ी की तरह नीचे आता नजर आनेवाला हैं। इस समय हमेशा उस स्टॉक को बेचके चलना चाहिए।
  • Sideways Trend:- इस ट्रेन्ड में आपको स्टॉक ना ऊपर जाता नजर आएगा और ना ही नीचे जाता नजर आएगा। एक ही रेंज में ट्रेड होता नजर आनेवाला हैं। अगर आप नए हो तो एसी चार्ट वाले ट्रेन्ड शेयर में कभी भी आपको काम नहीं करना हैं। क्यूंकि इसमें दिशा पता नहीं चलते जिसकी वजह से आपका पैसा डूबने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं।

शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस

Chart का मजबूत:- किसी भी स्टॉक के Chart का मजबूत जानने के लिए आपको पहले उस स्टॉक का गतिविधि कैसा हैं उसको जानना बहुत जरुरी हैं। जब भी उस शेयर में Correction देखने को मिलते वो कितना बड़ा गिरावट होता है आपको देखना चाहिए।

यदि बहुत ज्यादा ऊपर नीचे होता दिखाई दिए आपको एसी शेयर से दूर रहना ही बेहतर हैं। अगर आपको लगता है फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? धीरे धीरे ऊपर या नीचे जाने की Trend दिख रहा हैं उस स्टॉक में ट्रेन्ड की हिसाव से काम करोगे तो हमेसा फ़ायदा होते देखने को मिलेगा।

चार्ट का Momentum:- जिस भी स्टॉक के चार्ट में काम करना है फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? उसका Momentum को ध्यान में रखके काम करना चाहिए। बहुत सारे ऐसे चार्ट आपको देखने को मिलेगा जिसका ऊपर जाने की स्पीड बहुत ही कम है।

अगर आप इस स्टॉक में काम करोगे तो आपको अच्छी मुनाफा कमाने के लिए बहुत समय लगनेवाला हैं। इसलिए आपको अच्छी Momentum वाले चार्ट को ही चुनना चाहिए।

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शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे और कमाई

रिस्क और रिवॉर्ड विश्लेषण:- अगर आप ऊपर दिए गए स्टेप को फॉलो करके कोई चार्ट को सेलेक्ट किया फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? हो तो आपको उस चार्ट का Support और Resistant को ध्यान से देखना चाहिए। उसके बाद आपका Stop Loss वोही होना चाहिए जहा उस चार्ट ने हाल ही में कोई Support लेके ऊपर की तरफ गया हैं।

जहा पर Support लिया है स्टॉक ने, वहा आपको Stop Loss लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान में रखना चाहिए आपका Stop Loss बहुत दूर ना हो। अगर आपको लगता है की रिस्क बहुत कम है और रिवॉर्ड बहुत ज्यादा मिल चकता है तभी आपको उस चार्ट में ट्रेड लेना चाहिए।

पतियोगी स्टॉक के चार्ट:- आप जिस भी स्टॉक के चार्ट को सेलेक्ट किया हो बाकि पतियोगी कंपनी को भी देखना चाहिए कैसा पदर्शन कर रहा हैं। आपको ध्यान में रखना चाहिए वो स्टॉक उस सेक्टर में बाकि पतियोगी कंपनी से बेहतर पदर्शन दिखा रहा हैं।

और साथ ही मार्केट यदि 1 पतिशत का मूवमेंट दिखाई उस स्टॉक की चार्ट में उससे ज्यादा की मूवमेंट दिखाने की क्षमता होना चाहिए। अगर आपको ऐसा होता दिखाई नहीं देते तो आपको दुसरे स्टॉक को खोजना चाहिए।

Maturity ट्रेन्ड चार्ट:- जब आप सभी स्टेप फॉलो कर रहे हो तब आपको अंतिम में देखना चाहिए कही वो स्टॉक कम समय में बहुत ज्यादा ऊपर तो चला नहीं गया। अगर आपको लगता है प्रॉफिट बुकिंग का समय आ चकता है। उस स्टॉक के चार्ट से आपको दूर रहना चाहिए।

चाहे न्यूज़ में कितना भी अच्छा उस स्टॉक के बारे में बताए। ज्यादा लालश के चक्कर में बिल्कुल नहीं पड़ना हैं। क्यूंकि वो स्टॉक पहले ही बहुत ज्यादा भाग चूका है आगे चार्ट में जितना बढ़ने की संभवाना होता है उतना ही ज्यादा गिरावट का मोहौल देखने को मिल चकता हैं। इसलिए Maturity ट्रेन्ड चार्ट से दूर रहना ही बेहतर हैं।

निष्कर्ष:-

शेयर बाज़ार में अगर आप ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करके कम समय में अच्छी मुनाफा कमाना चाहते हो तो ये 6 स्टेप आपको बहुत मदद करनेवाला हैं। उसी के साथ आपको बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत होगी। जितना ज्यादा आप इन स्टेप को फॉलो करके अभ्यास करोगे उतना ही आपका ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट निपुण होते जाएंगे। तभी आप किसी भी चार्ट को देखके अच्छा कमाई कर पाओगे।

आशा करता हु आपको Share market chart kaise samjhe शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस पोस्ट को पढ़के चार्ट के बारे में अच्छी तरह समझ गए होंगे। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो कमेंट में जरुर बताए। साथ ही शेयर मार्केट के महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे अन्य पोस्ट को पढ़ चकते हैं।

शेयर बाजार में कमाना है पैसा, तो सीख लीजिए ये दो तरह के ज्ञान.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.

आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.

क्या है टेक्निकल एनालिसिस?

टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.

वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.

टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर

टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.

मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.

फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?

फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.

फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.

कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.

GS फाउंडेशन कोर्स क्या है?

VisionIAS ने सदैव UPSC अभ्यर्थियों के लिए एक ऐसे मंच के निर्माण को ही अपना मुख्य उद्देश्य माना है जो उन्हें परीक्षा की तैयारी कराने में पूर्ण रूप से सक्षम हो तथा निरंतर सफलता की ओर मार्गदर्शित कर सके। अपने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हमने GS फाउंडेशन कोर्स ( ऑफलाइन/ऑनलाइन ) के रूप में एक ऐसा गुणवत्तापूर्ण एवं मात्रात्मक रूप से परिपूर्ण प्रोग्राम विकसित किया है जो UPSC अभ्यर्थियों की परीक्षा सम्बन्धी तैयारियों को संवर्द्धित करेगा।

अपने वर्षों के अनुभव एवं सिविल सेवा परीक्षा के अनुसंधान और विश्लेषण के बाद, हम एक ऐसा प्रोग्राम उपलब्ध कराने जा रहे हैं जो इस परीक्षा की गतिशील प्रकृति के साथ-साथ UPSC की अपेक्षाओं के अनुरूप है। यह VisionIAS द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले सर्वाधिक समग्र प्रोग्रामों में से एक है तथा विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है जो देश भर में कहीं भी पेशेवर अथवा शैक्षणिक प्रोग्रामों में संलग्न हैं।

हमारा क्लासरूम प्रोग्राम क्यों चुनें?

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सरलीकृत रूप में व्यक्तिगत मार्गदर्शन

इस प्रोग्राम के तहत अभ्यर्थियों के संदेह दूर करने और उन्हें प्रेरित रखने के लिए नियमित रूप से फोन / ईमेल / लाइव चैट के माध्यम से “वन-टू-वन” मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।

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कोई क्लास मिस ना करें

प्रत्येक अभ्यर्थी को एक व्यक्तिगत "स्टूडेंट पोर्टल" उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर वह किसी भी पुराने या छूटे हुए सेशन और विभिन्न रिसोर्सेज़ को एक्सेस कर सकता है एवं अपने प्रदर्शन को निरन्तर ट्रैक कर सकता फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? है।

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सभी द्वारा पढ़ी गयी एवं सभी द्वारा अनुशंसित

मासिक करेंट अफेयर्स पत्रिका, PT 365 और Mains 365 तथा न्यूज़ टुडे - दैनिक करेंट अफेयर्स जैसी प्रासंगिक एवं अद्यतित अध्ययन सामग्री, जिसे विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम द्वारा संकलित किया जाता है।

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ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़

चयनित होने वाले समस्त अभ्यर्थियों में से लगभग दो-तिहाई अभ्यर्थी इस प्रोग्राम का चयन करते हैं। VisionIAS के पोस्ट टेस्ट एनालिसिस TM प्रोग्राम के तहत ठोस सुधारात्मक उपाय प्रदान किए जाते हैं तथा यह अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में निरंतर सुधार भी सुनिश्चित करता है।

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निरंतर व्यक्तिगत आकलन

अभ्यर्थियों को नियमित ट्यूटोरियल्स, मिनी टेस्ट एवं ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़ के माध्यम से व्यक्तिगत, विशिष्ट और प्रभावी फीडबैक उपलब्ध कराया जाता है।

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अबाधित तैयारी

अभ्यर्थी अपने अध्ययन हेतु VisionIAS के लेक्चर्स एवं विभिन्न रिसोर्सेज़ को कहीं से भी तथा कभी भी एक्सेस कर सकते हैं और साथ ही प्रशासनिक अपडेट एवं इसके अतिरिक्त कई अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कर सकते हैं।

विशेषताएँ:

  1. इस प्रोग्राम के अंतर्गत प्रारंभिक परीक्षा (सामान्य अध्ययन एवं CSAT) तथा मुख्य परीक्षा (सामान्य अध्ययन के सभी चारों प्रश्न-पत्र एवं निबंध) के सभी टॉपिक्स का एक व्यापक कवरेज सम्मिलित है।
  2. 25 अभ्यर्थियों से मिलकर बने प्रत्येक समूह को नियमित सलाह, प्रदर्शन के आकलन, मार्गदर्शन एवं सहायता हेतु एक वरिष्ठ परामर्शदाता उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रक्रिया को गूगल हैंगआउट्स एवं गूगल ग्रुप्स, ईमेल और टेलीफ़ोनिक कम्युनिकेशन जैसे विभिन्न साधनों के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
  3. प्रोग्राम की अवधि: 12-14 माह।
  4. प्रत्येक कक्षा की अवधि: 2-3 घंटे, एक सप्ताह में 5-6 दिन (यदि किसी अभ्यर्थी की कक्षा का लाइव सेशन छूट जाता है तो वह अपने पोर्टल पर रिकॉर्डेड कक्षाओं को एक्सेस कर सकता/सकती है)।

10 जनवरी, सुबह 9 बजे

10 जनवरी, सुबह 9 बजे

15 सितंबर, दोपहर 1 बजे 2 अगस्त, सुबह 9 बजे

15 सितंबर, दोपहर 1 बजे 2 अगस्त, सुबह 9 बजे

क्या आपको UPSC की तैयारी के संदर्भ में कोई दुविधा है? क्या आप इस पाठ्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं?

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