Updated on: December 24, 2022 11:34 IST
भारत को अमीर बनाने के लिए केजरीवाल ने दिया 4 सूत्रीय फॉर्मूला, कहा- मैं जीते जी भारत को नंबर-1 देश देखना क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? चाहता हूं
नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह दिल्ली सरकार की विशेषज्ञता का इस्तेमाल पूरे भारत में स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए करें, ताकि भारत को दुनिया में नंबर एक देश बनाया जा सके। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार से निशुल्क शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं को ‘‘मुफ्त की रेवड़ी'' ना कहने का भी आग्रह किया। भाजपा ने केजरीवाल पर सत्ता में आने के लिए लोगों को निशुल्क सेवाओं का झांसा देने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? का उद्घाटन करने के बाद लोगों को ‘‘रेवड़ी कल्चर'' को लेकर सर्तक रहने की हिदायत दी थी और कहा था कि यह देश के विकास के लिए बेहद घातक है।
केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं। मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि इसे मुफ्त की रेवड़ी कहना बंद करें। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल खोलने, उनमें सुधार करने, अतिथि शिक्षकों को नियमित करने, शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। तब ही भारत एक ‘‘सम्पन्न देश'' बन सकता है।
केजरीवाल ने कहा कि यह सब पांच वर्ष में हो सकता है। हमने यह करके दिखाया है। मैं केंद्र से आग्रह करता हूं कि सरकारी स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए हमारी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करें। सभी राज्य की सरकारें मिलकर काम कर सकती हैं। केजरीवाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं, कृपया इसे ‘‘मुफ्त में दी जाने वाली रेवड़ी'' कहना बंद करें। उन्होंने कहा कि मैं क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? जीते जी भारत को नंबर-1 देश देखना चाहता हूं।
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‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुईं सोनिया गांधी, प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा ने भी लिया हिस्सा
‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा भी शामिल हुए। यह यात्रा हरियाणा क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? के बाद अब दिल्ली में दाखिल हुई है। सोनिया गांधी थोड़ी दूर तक राहुल गांधी के साथ चलीं।
Edited By: Niraj Kumar
Updated on: December 24, 2022 11:34 IST
Image Source : पीटीआई/फाइल फोटो भारत जोड़ो यात्रा
नयी दिल्ली: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा भी आज भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। शनिवार को 'भारत जोड़ो' यात्रा दिल्ली पहुंची है। सोनिया गांधी थोड़ी दूर तक राहुल गांधी के साथ चलीं। यह दूसरी बार है, जब पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कन्याकुमारी से सितंबर में शुरू हुई इस पदयात्रा में हिस्सा लिया है। वह इससे पहले अक्टूबर में कर्नाटक में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुई थीं।
भारत जोड़ो यात्रा के आश्रम चौक पहुंचने से पहले सोनिया गांधी ने चेहरे पर मास्क लगाकर अपने बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कुछ मिनट तक चहलकदमी की। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शनिवार सुबह हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुई और बदरपुर बॉर्डर पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से इसका स्वागत किया । यात्रा के चलते दिल्ली के कुछ हिस्सों से यातायात जाम की सूचना मिली है। यह पदयात्रा शाम को लाल किले के पास रुकेगी।
भाजपा-आरएसएस के लोग नफरत फैलाते हैं, हम मोहब्बत फैलाते हैं : राहुल
राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर देश में डर और नफरत फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी के लोग मोहब्बत फैला रहे हैं। 'भारत जोड़ो यात्रा' के दिल्ली में प्रवेश करने के मौके पर उन्होंने कहा, "इस यात्रा में अमीर गरीब, किसान, मजदूर, हर धर्म और भाषा के लोग शामिल हैं। इस यात्रा में आपको नफरत नहीं दिखाई देगी। यहां सभी लोगों को मोहब्बत और इज्जत दी जाती है।"
डर और नफरत के खिलाफ यात्रा-राहुल
उन्होंने कहा, "यह यात्रा, महंगाई, बेरोजगारी, डर और नफरत के खिलाफ है।" राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा और आरोप लगाया, "इनकी नीति डर फैलाने की है। ये चाहते हैं कि किसान युवा और सभी लोगों के दिल में डर पैदा हो क्योंकि ये लोग उसी डर को नफरत में बदलते हैं।" उन्होंने कहा, "आरएसएस के लोग डर फैलाते हैं और फिर उस डर को नफरत में बदलते हैं। हम कहते हैं डरो मत। हम मोहब्बत फैलाते हैं। हम एक हिंदुस्तानी को दूसरे हिंदुस्तानी से गले मिलवाते हैं।" राहुल गांधी ने कहा कि करीब तीन हजार किलोमीटर पदयात्रा करने के बाद भी उन्हें थकान नहीं है। उन्होंने कहा, "क्या आपको मेरा चेहरा देखकर लग रहा है कि मैं थका हूं? नहीं। मैं नहीं थका क्योंकि आपने मुझे अपनी शक्ति दी। हम आपके प्यार और शक्ति का उपयोग करके चलते हैं।"
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कत्ल और धोखेबाजी के बेशुमार जुर्म करने वाला अपराधी चार्ल्स शोभराज वापस फ्रांस भेजा गया, जेल तोड़ने में थी महारत
शोभराज के पिता भारतीय थे और मां वियतनामी। लेकिन उसकी परवरिश फ्रांस में अपने सौतेले पिता की क्षत्रछाया में हुई। उसके पिता टेक्सटाइल ट्रेडर थे और वियतनाम में उनकी कपड़ों की दुकान थी।
फोटो सौजन्य : संंतोष घिमिरे
नवजीवन डेस्कद सर्पेंट, बिकिनी किलर और भी कई नामों से कुख्यात चार्ल्स शोभराज शनिवार सुबह फ्रांस पहुंच गया। 78 साल के इस कातिल और महाठग को नेपाल ने जेल से रिहाई के बाद देश निकाला का आदेश दिया था। 78 साल के चार्ल्स शोभराज का दावा था कि अगर वह चाहे तो नेपाली कस्टम की क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? आंखों में धूल झोंककर एयरपोर्ट से हाथी तक की तस्करी कर सकता है। झांसा देने में माहिर शोभराज भारत की दिल्ली स्थित सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल से 1980 के दशक में फरार हुआ था। उसे गोवा में गिरफ्तार किया गया था।
काठमांडु में जेल से रिहा होने के बाद शुक्रवार को उसने फ्रांसीसी न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए दावा किया था कि वह निर्दोष है और उसे बिना जुर्म के ही इतने साल तक जेल में रखा गया। उसने कहा कि वह नेपाल सरकार पर मुकदमा करेगा और उन लोगों पर अदालती कार्यवाही करेगा जिन्होंने उसे बदनाम किया। चार्ल्स शोभराज को 2003 में काठमांडु के एक कसीनों से गिरफ्तार किया गया था। उस पर दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या का आरोप था। उस समय उसकी उम्र 58 साल थी।
शोभराज के पिता भारतीय थे और मां वियतनामी। लेकिन उसकी परवरिश फ्रांस में अपने सौतेले पिता की क्षत्रछाया में हुई। उसके पिता टेक्सटाइल ट्रेडर थे और वियतनाम में उनकी कपड़ों की दुकान थी। उन्होंने 1943 में एक लावारिस वियतानी महिला से शादी की और अगले साल चार्ल्स शोभराज का जन्म हुआ था। हालांकि बाद में शोभराज के पिता ने दावा किया कि जब वे भारत आए तो उन्हें एक भारतीय लड़की से शादी के लिए मजबूर कर दिया गया। इस तरह भारत-वियतनाम की प्रेम कहानी का पटाक्षेप हो गया।
इसके बाद चार्ल्स की मां ने फ्रांसीसी सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात एक व्यक्ति से शादी कर ली। इस शादी से उन्हें तीन बच्चे हुए। इसके बाद चार्ल्स की मां चार्ल्स को उसके पिता के पास छोड़कर अपने तीन बच्चों और पति के साथ फ्रांस चली गई। कुछ दिन बाद जब वह वियतनाम आई तो उन्होंने देखा कि उनके बेटे की देखभाल ठीक से नहीं हो रही है तो वह उसे अपने साथ फ्रांस ले गईं।
चार्ल्स को फ्रांस पसंद नहीं आया। उसे वियतनाम क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? याद आता था और अपने मौजूदा मां-बाप पर गुस्सा। इसी दौरान उसने छोटे-मोटे अपराध करना शुरु कर दिए। वह कई बार गिरफ्तार भी हुआ। 1963 में उसने एक घर में चोरी की और गिरफ्तार किए जाने पर उसे पैरिस के नजदीक पॉइसी जेल भेज दिया गया। वहां उसने जेल अधिकारियों को इस बात के लिए मना लिया कि उसे साहित्य और विदेश भाषाओं पर किताबें मुहैया हो जाएं। इसी जेल में उसने एक धनी पर्शियन और जेल में सेवा देने वाले फेलिस डीएस्कोन से दोस्ती गांठ ली। जेल से पैरोल पर छूटने पर वह इसी दोस्त के घर रहता था। जेल में रहते हुए चार्ल्स अंडरवर्ल्ड के संपर्क में आया, साथ ही पर्शियन धनी व्यक्ति के साथ रहते हुए वह पर्शिया की हाई क्लास सोसायटी के संपर्क में भी आया।
उसका दावा था कि वह लोगों से साहित्य पर अपने ज्ञान और भाषा पर पकड़ के साथ ही सौम्यता के कारण घुलमिल जाता था। उसे लगातार पैसों की जरूरत होती थी, जिसके लिए वह पर्यटकों को लूटने, घरों में चोरी करने जैसे अपने पसंदीदा अपराधों को अंजाम देता रहता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात एक अमीर और युवा पारसी लड़की चेंटल कॉम्पेनॉन से हुई। इस लड़की को चार्ल्स से प्रेम हो गया और दोनों ने शादी कर ली।
1970 के दशक में चार्ल्स और चेंतल मुंबई आए। यहां उन्होंने यूरोप से चुराई हुई कारें बेचने का धंधा शुरु किया। ऐसा लगता है कि पर्यटकों कोलूटने और गहने चुराने में ज्यादा पैसा नहीं बन रहा था, इसीलिए उसने जुआ खेलना शुरु किया और इसमें उसे खूब पैसा मिला। इसके बाद उसने हिप्पियों (नशे के शौकीन पर्यटक) को अपना निशाना बनाना शुरु किया। यह वह समय था जब हिप्पी बड़ी संख्या में आध्यात्म की तलाश में भारत का रुख कर रहे थे। ऐसे में सिर्फ झोला उठाकर घूमने वाले पर्यटकों को निशाना बनाना चार्ल्स के लिए काफी आसान था।
1970 के क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? दशक में ही चार्ल्स शोभराज ने दिल्ली के अशोका होटल में हथियारबंद डकैती डालने की योजना बनाई। उसकी नजर होटल की लॉबी में स्थित ज्वेली शॉप्स पर थीं जहां लाखों के गहने थे। लेकिन क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? इससे पहले ही वह गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में रहते हुए उसने नाटक किया उसे अपेंडिसाइटिस है और पेट में तेज दर्द है। उसे दिल्ली के वेलिंगडन अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से वह गार्ड को नशीला पदार्थ पिलाकर फरार हो गया। बाद में उसे और उसकी पत्नी दोनों को रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया और फिर से जेल में डाल दिया गया।
जेल से रिहा होने के बाद चार्ल्स शोभराज और उसकी पत्नी काबुल चले गए, जहां उन्हें भारी मात्रा में हशीश मिली। माना जाता है कि उसने वहां बहुत से पर्यटकों को लूटा। लेकिन एक होटल में बिल का भुगतान न करने पर उसे पकड़ लिया गया। लेकिन वह कानून के शिकंजे से फिर निकल भागा, और अपनी पत्नी को वहीं छोड़ दिया। चार्ल्स की इस हरकत से उसकी पत्नी का दिल टूट गया और वह अपनी बेटी के पास वापस फ्रांस चली गई।
चार्ल्स को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। उसे अपनी लापरवाह जिंदगी जारी रखी जिसमें उसे नशीले पदार्थ उपलब्ध थे और महिलाएं भी मिल जाती थीं। उसने जाली पासपोर्ट के जरिए कई देशों का दौरा किया। वह कई भाषाएं बोल सकता था और उसे नशीले पदार्थों की गहरी पहचान थी। उसकी इस काबिलियत से उसे बहुत फायदा हुआ। 1974 में उसे ग्रीस में गिरफ्तार किया गया, लेकिन जल्द ही वह वहां से भी भाग निकला।
चीर्ल्स शोभराज पर किताब लिखने वाले रिचर्ड नेविल ने लिखा है कि चार्ल्स कहता था कि पुलिस उसे उम्र भर जेल में रखना चाहती है, लेकिन स्वतंत्र रहने की उसकी इच्छा को नहीं हरा सकती।
काठमांडु में जेल से रिहा होने के बाद जब उससे पूछा गया कि अब भविष्य के लिए क्या योजना है, तो उसने कहा कि वह एक किताब लिखना चाहता है, जिसमें अपनी जिंदगी के बारे में लिखेगा। लेकिन क्या वह ऐसा करेगा!
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शादी के 6 दिन बाद TV की गोपी बहू ने खोला सीक्रेट मैरिज का राज, बताया क्यों की सबसे छुपकर शादी
टीवी की गोपी बहू यानी देवोलीना भट्टाचार्जी हाल ही में अपने ब्वॉयफ्रेंड शाहनवाज शेख के साथ शादी के बंधन में बंधी। शादी के 6 दिन बाद देवोलीना ने बताया कि आखिर क्यों उन्होंने सबसे छुपकर शादी की और इसमें किसी को क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? इन्वाइट तक नहीं किया।
एंटरटेनमेंट डेस्क. टीवी की गोपी बहू (Gopi Bahu) के नाम से फेमस देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) ने 6 दिन पहले यानी 14 दिसंबर को अपने ब्वॉयफ्रेंड और जिम ट्रेनर शाहनवाज शेख से सीक्रेट वेडिंग की। उन्होंने अपनी इस सीक्रेट शादी की फोटोज भी शेयर की, लेकिन इनमें कोई टीवी स्टार नजर नहीं आया। इसी बीच हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में देवोलीना ने इस बात का खुलासा किया कि आखिर क्यों उन्होंने सबसे छुपकर शादी की और इसमें अपने को-स्टार्स तक को इन्वाइट नहीं किया। उन्होंने बताया- मुझे लगता है कि मेरी टीनएज के दौरान मैं हमेशा एक शाही शादी के बारे में सोचती और देखती थी। लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मैंने लाइफ के कई अलग-अलग पहलुओं और पैसे के महत्व को समझा। मुझे लगता है कि एक प्वाइंट आता है जब ट्रेंड को तोड़ने के लिए और समाज को यह समझने के लिए कि केवल अपने डी-डे को बड़ा बनाने से आप शाही नहीं बन जाते।
डी डे को खास बनाना चाहती थी
पिंकविला को दिए इंटरव्यू में देवोलीना भट्टाचार्जी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- मुझे लगता है कि मेहनत की कमाई की इतनी बड़ी राशि को बर्बाद करने के बजाए, इसका उपयोग जरूरतमंद लोगों की मदद करने और खुशहाल जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए करना सही है। मुझे नहीं लगता कि रॉयल लाइफस्टाइल से मुझे कोई फायदा होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या शादी के लिए महीनों की योजना थी या यह एक फटाफट वाला फैसला था, देवोलीना ने कहा- मुझे अपने प्यार पर पूरा यकीन था। यह मेरा बड़ा दिन था और मेरी मां मेरे साथ थी और यही हुआ। मैं इस तरह का तोहफा मिलने के लिए यूनिवर्स काीबहुत आभारी हूं।
देवोलीना भट्टाचार्जी की कोर्ट मैरिज
आपको बता दें कि देवोलीना भट्टाचार्जी ने अपनी शादी की फोटोज शेयर कर सभी को चौंका दिया था। कईयों को तो यकीन तक नहीं हुआ कि उन्होंने शादी कर ली है। हालांकि, काफी सस्पेंस के बाद उन्होंने खुलासा किया कि वह शादी के बंधन में बंध गई है। सामने आ रही खबरों की मानें तो कपल ने लोनावाला में शादी की। हाल ही में देवोलीना ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह कोर्ट मैरिज करती नजर आ रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों पेपर पर साइन कर रहे हैं और फिर एक-दूसरे को वरमाला पहना रहे हैं। उनकी शादी में सिर्फ परिवारवाले और बहुत ही करीबी दोस्त शामिल थे।
- देवोलीना भट्टाचार्जी ने इंस्टाग्राम पर कोर्ट मैरिज करते जो वीडियो शेयर किया है, उसपर लंबी चौड़ी पोस्ट भी लिखी हैं। उन्होंने लिखा- 14.12.2022. सिर्फ प्यार, मेरे साथ उस वक्त रहने के लिए थैंक्स शोनू जब किसी ने यह पूछने की जरूरत तक नहीं समझी कि मैं ठीक हूं या नहीं। जैसा मैं चाहती थी, वैसा महसूस कराने, साथ ही प्यार, प्रोटेक्शन और केयर करने के लिए थैंक्स। और सबसे जरूरी मेरा सम्मान करने और मुझे मेरी खामियों के साथ स्वीकार करने के लिए आभार। बहुत कुछ कहना चाहती हूं पर फाइनली इतना ही।
UK History 2022: एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से ऋषि सुनक के पीएम बनने तक. ब्रिटेन के लिए कैसा रहा साल 2022, जानिए
नवभारत टाइम्स 21 घंटे पहले
लंदन:
राजनीतिक और आर्थिक रूप से उथल-पुथल वाले 2022 का समापन ब्रिटेन के लिए ऐसी ऐतिहासिक घटना के साथ हुआ जब भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने देश के पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री के तौर पर 10 डाउनिंग स्ट्रीट का पदभार संभाला। ब्रिटिश भारतीय नेता 200 साल के इतिहास में 42 साल की उम्र में पदभार संभालने वाले सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं और दीपावली पर कंजर्वेटिव पार्टी का नेता निर्वाचित होने के तुरंत बाद ही उन्होंने भारत के पक्ष में अपनी पिच तैयार की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ सुनक की फोन पर पहली बातचीत का विवरण जारी करते हुए डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा था, ''प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ब्रिटेन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा उनका हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को और घनिष्ठ बनाने का इरादा है।''
बोरिस जॉनसन ने दिया इस्तीफा
यह घटनाक्रम तब हुआ जब पार्टीगेट कांड से घिरे पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने की समयसीमा कुछ दिन पहले ही गुजरी थी। इसके बाद सुनक ने घोषणा की थी कि ब्रिटेन भारत के साथ नया एफटीए कर रहा है, जिसके लिए छठे दौर की बातचीत इस महीने नयी दिल्ली में हुई।
चंद महीने के लिए लिज ट्रस बनीं प्रधानमंत्री
देश में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण सुनक की पूर्ववर्ती लिज ट्रस को इस्तीफा देना पड़ा था। वह ब्रिटेन में अब तक सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहीं। उनकी गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने एफटीए समझौते का विरोध किया था और भारतीयों पर दुर्भावनापूर्ण हमले करते हुए उन पर ''वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी देश में ठहरने'' का आरोप लगाया था। हालांकि, सुनक ने अपने मंत्रिमंडल में अपनी साथी भारतीय मूल की सहकर्मी की इसी पद पर पुन: नियुक्ति की। इसके साथ ही उन्होंने इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्मेलन में मोदी से मुलाकात करने के तुरंत बाद 'यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम' की शुरुआत की थी।
भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने को तैयार सुनक
सुनक ने 2023 की शुरुआत में शुरू की जाने वाली योजना के संदर्भ में कहा था कि मैं खुश हूं कि भारत के और प्रतिभावान युवा लोगों को अब ब्रिटेन में वे सभी मौके मिलेंगे जिनकी उन्हें तलाश क्या मैं शेयरों से अमीर बन सकता हूं? है जिससे हमारी अर्थव्यवस्थाएं और समाज अमीर होंगे। इस योजना से हर साल 18-30 साल के डिग्रीधारक 3,000 भारतीय दो साल के लिए ब्रिटेन में रहने और काम करने के लिए वीजा हासिल कर पाएंगे।
भारतीय छात्रों को होगा फायदा
यह ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में पहली बार चीन को पीछे छोड़ दिया है। यात्रियों को त्वरित ई-वीजा देने वाले देशों की सूची में ब्रिटेन का फिर से शामिल होना मोदी-सुनक की पहली द्विपक्षीय बैठक के अहम नतीजों में से एक था जिसकी पुष्टि ब्रिटेन में भारत के नए उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने की जो महाराज चार्ल्स तृतीय को अपना परिचय पत्र देने वाले पहले भारतीय राजनयिक भी बने।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन
नए महाराज आठ सितंबर को ब्रिटेन की सबसे अधिक समय तक महारानी रहीं अपनी मां एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद सिंहासन पर विराजमान हुए। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से पूरा विश्व शोक में डूब गया और लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वेंस्टमिंस्टर आबे में महारानी के राजकीय अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद से ही चार्ल्स ने महाराज की जिम्मेदारियों को संभाल लिया है और उन्हें छह मई 2023 को भव्य राज्याभिषेक समारोह में औपचारिक रूप से ताज पहनाया जाएगा।
हैरी और मेगन की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद
उनके बेटे और वारिस प्रिंस विलियम के साथ ही उनके छोटे बेटे हैरी की भूमिका भी आने वाले दिनों में देखने लायक होगी। नेटफ्लिक्स पर 'हैरी और मेगन' नाम की नयी डॉक्यूमेंट्री में नस्लवाद और मीडिया हमलों के नाटकीय दावे किए गए हैं। यह डॉक्यूमेंटी ऐसे वक्त में आई जब बकिंघम पैलेस के एक वरिष्ठ सहायक ने नस्लवाद के विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया।
गीतांजलि श्री को मिला बुकर पुरस्कार
उथल-पुथल से भरे इस साल में जश्न के मौके भी आए जिनमें जून में महारानी की प्लेटिनम जयंती और भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ भी शामिल रही।गीतांजलि श्री ने अपने हिंदी उपन्यास 'रेत समाधि' के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका बनकर इतिहास रच दिया। भारत की ग्रीनहाउस-इन-ए-बॉक्स सतत कृषि परियोजना ने प्रिंस विलियम का 2022 के लिए 10 लाख पाउंड का अर्थशॉट पुरस्कार भी जीता।
भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण पर भारत-ब्रिटेन सहमत
इस बीच, भारत के सबसे वांछित अपराधियों को धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों में प्रत्यर्पित करने की लड़ाई ब्रिटेन की कानूनी प्रणाली के जरिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। कुल मिलाकर यूक्रेन में युद्ध और कोविड महामारी के कारण हो रही महंगाई तथा राजनीतिक उथल-पुथल को देखते हुए कॉलिन्स डिक्शनरी का 'वर्ड ऑफ द ईयर' ''पर्माक्राइसिस'' (अस्थिरता और असुरक्षा की विस्तारित अवधि) 2022 को सबसे अच्छी तरह परिभाषित करता है।
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