डीमैट अकाउंट खोलना आज की तारीख में काफी आकर्षक काम हो गया है। इसलिए इस क्षेत्र में ढेरों डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? प्लेयर आ गए हैं। शुरूआत में जब डीमैट अकाउंट खुलने शुरू हुए थे तो चार्जेस काफी हाई थे। लेकिन अब कई कंपनियां जीरो फी पर डीमैट अकाउंट खोल रही हैं। ये कंपनियां सिर्फ ट्रेडिंग पर ही थोड़ा सा शुल्क वसूलती है। इस तरह से इनका काम इसी शुल्क से चल जाता है। इसलिए, किसी कंपनी के यहां अकाउंट खुलवाने से पहले इन जार्च की अच्छी तरह से तुलना अवश्य कर लें।

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10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? है।

समझदारी से चुनें ब्रोकर

आप ऐसे डिजिटल ब्रोकिंग फर्म (App or Web based digital broking firms) की तलाश करें जो सहज ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया, बेस्ट ब्रोकरेज चार्ज और वैल्यू-एडेड सेवाएं प्रदान करता है। कुछ ब्रोकरेज हाउसों के पास ट्रेड्स पर जीरो ब्रोकरेज चार्ज और दूसरों पर फ्लैट रेट्स हैं। ये दोनों फेक्टर आकर्षक हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग करते समय आपको आवश्यक कॉस्ट-एडवांटेज प्रदान करते हैं। इसके अलावा, जब आप डिजिटल रूप से ट्रेड करने जा रहे हैं, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म से कोई तकनीकी गड़बड़ियां नहीं हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? कोई भी गड़बड़ आपके निवेश को संकट में डाल सकती है। ब्रोकरेज फर्म में आगे देखने के लिए इनडेप्थ रिसर्च और पर्सनलाइज्ड निवेश सिफारिशें भी प्रमुख विशेषताएं हैं।

बैंक भी देते हैं डीमैट अकाउंट की सुविधा

आपका जिस बैंक में खाता (Bank Account) है, सबसे पहले वहीं चेक कर सकते हैं। आज की तारीख में अधिकतर बैंक की सहायक कंपनी डीमैट अकाउंट (Demat Account) की सुविधा दे रहे हैं। यदि बैंक के पास ब्रोकरेज फर्म नहीं है तो वह किसी ब्रोकरेज फर्म से टाईअप करके अपने ग्राहकों को डीमैट अकाउंट की सुविधा दे देते हैं। बैंक के अलावा कुछ वॉलेट कंपनी भी इस तरह की सुविधा दे रही हैं।

पूरी करें कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया

सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया (Online Customer Onboarding Process) है। डिजिटल खाता खोलने का फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें। इन केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट इत्यादि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं।

सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें

आपके द्वारा प्रस्तुत क्रेडेंशियल्स को सत्यापित करने का काम एक एक्जीक्यूटिव को सौंपा जाएगा। यह एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो फोन कॉल या ब्रोकरेज फर्म के प्रतिनिधि से फिजिकल विजिट के माध्यम से किया जा सकता है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए टेली-वेरिफिकेशन की अत्यधिक संभावना है। कुछ ब्रोकरेज फर्म शुरुआती एप्लिकेशन से एक घंटे से भी कम समय में पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

Trading and Demat Account में अंतर क्या है ?

यदि आप Stock Market में Invest करना चाहते हैं तो आपको दो अकाउंट की आवश्यकता होती है Trading and Demat Account, आज की जानकारी में हम आपको बताएंगे कि Trading and Demat Account क्या होता है उनके क्या-क्या फायदे होते हैं। क्या आप अलग से ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं और डिमैट अकाउंट एंड ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर होता है इसके बारे में जानेंगे।

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सालों पहले यदि आपको कोई भी शेयर खरीदना और बेचना होता था तो आपको या आपके स्टॉक ब्रोकर को फिजिकली एक्सचेंज में जाना पड़ता था। और सभी काम कागजी तरीके से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? करना होता था। तो आइए और गहराई से समझते है।

डीमेट और ट्रेडिंग में अंतर क्या है ( Different Trading and Demat Account in Hindi )

दोस्तों Trading and Demat Account अकाउंट अलग अलग होता है लेकिन खुलता एक ही जगह डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? पर है और खुलता इस तरह से है कि आप को पता नहीं चलेगा। और हमे अलग-अलग डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को लाने की जरूरत नहीं पड़ती है। जब हम डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए अपना दस्तावेज देते हैं। उसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट कैंसिल चेक और फोटो होता है तो यह जो चीज है जो हम वहां पर देते हैं इसी डॉक्यूमेंट की सहायता से हमारा डिबेट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों खुल जाता है।

पहले फिजिकल वाला तरीका बहुत लंबा प्रोसेस हो जाता था उसको सरल बनाने के लिए सेबी ने डीमेट अकाउंट लाया आज के डिजिटल इंडिया में यदि आपको शेयर बेचने और खरीदने होते हैं तो आप डायरेक्टली अपने मोबाइल या लैपटॉप से उसको कर सकते हैं जैसे पहले आप फिजिकल डॉक्यूमेंट लेकर स्टॉक मार्केट ऑफिस में आते थे। वही कैश आपको ऑनलाइन अपने ऑनलाइन ओपन डीमेट अकाउंट में मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से जमा कर देते हैं।

Trading Account

तो यदि आपको कहीं भी किसी का शेयर खरीदना हो या कोई भी ट्रांजैक्शन करना हो तो आपको एक अकाउंट की आवश्यकता होती है। जिससे हम शेयर को किसी कंपनी के थ्रू खरीदते हैं और उसे बेचते हैं उसे हम ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं । जैसे यदि आपको 500 शेयर का ऑर्डर देना है तो आप ट्रेडिंग अकाउंट के थ्रो देते हैं यदि आपको 200 शेयर का सेल करना है तो आप ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से करते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट में फंड एड करने के लिए एक बैंक की आवश्यकता होती है तो आपका बैंक अकाउंट आपके ट्रेडिंग अकाउंट से लिंक होना चाहिए। जैसे यदि आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट से 50000 का शेयर खरीदना है तो आप पहले अपने बैंक अकाउंट से 50000 अपने स्टडिंग अकाउंट में जोड़ेंगे उसके बाद आप शेयर खरीदेंगे।

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Trading and Demat Account में अंतर

  1. ट्रेडिंग अकाउंट में आप सिर्फ शेयर का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं लेकिन यदि आपको उस शेयर की डिलीवरी लेनी है तो आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है डीमेट अकाउंट आपके बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जैसे ही आप अपने बैंक अकाउंट में आपका पैसा जमा करके रखता है वही आपके डिमैट अकाउंट में आपके शेयर जमा रहते हैं और हर एक शेर का अलग-अलग आईएसआई नंबर होता है। इसके माध्यम से आप शेयर को वेरीफाई कर सकते हैं या कौन सा शेयर है उसका नंबर क्या है।
  2. ट्रेडिंग अकाउंट हमें एक प्लेटफार्म देता है जिसे हम मार्केट में शेयर को बेच और खरीद सकते हैं यह आपके सेविंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट के बीच इंटरमीडिएटली की तरह काम करता है।
  3. दोस्तों कुछ ब्रोकर के पास यह फैसिलिटी है यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आप केवल ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं इसमें यह होगा कि आप केवल शेर को खरीदेंगे और बेचेंगे इंट्राडे ट्रेडिंग करेंगे उसी दिन खरीदेंगे उसी दिन भेजेंगे लेकिन यदि आपको होल्डिंग में रखना चाहते हैं यदि आपने शेयर खरीद लिया है और उसे अभी नहीं बेचना चाहते हैं बाद में बेचेंगे तो आपके पास डिबेट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों होना चाहिए।
  4. यदि आप कोई स्टॉक करीदते है तो Demat Account में T+2 Days लगेंगे उस स्टॉक को डिमैट अकाउंट में क्रेडिट होने में जैसे यदि आपने आज शेयर खरीदा है तो आज के पूरे दिन में शेयर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में रहेगा और 2 दिन बाद हो डिमैट अकाउंट में एग्जीक्यूट हो जाएगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

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  • Post author: Ankita Shukla
  • Post published: March 14, 2019
  • Post category: Gyan
  • Post comments: 0 Comments

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Demat Account and Trading Account” अर्थात “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम सब जानते हैं जब भी हम एक ब्रोकर के जरिये अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो वो साथ में ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलते हैं. क्यूंकि बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप शेयर मार्किट में अपना काम आसानी से नहीं कर सकते हैं. लेकिन दोनों अकाउंट साथ में खुलने का अर्थ ये बिलकुल नहीं होता है कि दोनों अकाउंट समान कार्य करते हैं या ये दोनों अकाउंट समान है. दोस्तों आज हम आपको इन्ही के विषय में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पहले से समय में किसी भी कार्य को करने के लिए हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का साधन उपलब्ध नहीं हुआ करते थे और यह समान स्थिति शेयर मार्किट के केस में भी थी. अर्थात जब भी पहले कोई भी कंपनी के शेयर को खरीदता था, तो उसे सर्टिफिकेट के रूप में एक कागज दिया जाता था, जिसपर व्यक्ति का नाम, शेयर की संख्या, तारीख, आदि लिखा रहता था. लेकिन अब वो समस्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये दूर हो गयी है अर्थात अब यदि आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अब आपको उसके लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता है. बस कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से आप आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते हैं, लेकिन इस प्रकार के लेनदेन मतलब ट्रेडिंग के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य होता है. यदि आपको शेयर मार्किट में अपना बिज़नेस करना है या शेयर का लेनदेन करना है, तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। जिसके बिना ये संभव नहीं होता है.

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

अब जैसा कि आपको समझ में आ गया होगा कि ट्रेडिंग अकाउंट का क्या काम है तो बात अब डीमैट अकाउंट की करते हैं , यह अकाउंट भी शेयर मार्केट का ही एक भाग है। ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये हम शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। तब हमे उन उस खरीदे हुए शेयर को रखने के लिए भी एक एकाउंट की आवश्यकता पड़ती है, जिसे हम डीमैट अकाउंट कहते है। जब हम कोई शेयर खरीद कर अपने पास रख लेते हैं तो वह डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेव रहते है, और जब हम उन शेयर को बेचना चाहते हैं तो शेयर हमारे डीमैट अकाउंट से निकलकर ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से खरीदने वाले के पास चले जाते है।

# ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों साथ में खोले जाने वाले अकाउंट होते हैं.

# ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा व बेचा जाता है और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को सुरक्षित संभाल कर रखा जाता है.

ट्रेडिंग एकाउंट और डीमेट एकाउंट में क्या अंतर है

डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखने का एक लॉकर है। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं। कुछ इसी प्रकार पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है। यानी जब आप कोई भी शेयर बेचते हैं। और उसके बदले में आपको उसका भुगतान होता है। तो वह भी ट्रेडिंग अकाउंट में आता है।

जिसके बाद आप चाहे तो उस पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा शेयर खरीदने के लिए भी आपको अपने बैंक से सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे चाहिए होते हैं। यदि आसान भाषा में कहें। किसी भी कंपनी के शेयर की खरीदारी और बिक्री की प्रक्रिया के साथ-साथ पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है।

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