भारत के शेयर मार्केट
NSE और BSE में अंतर [ Difference Between NSE and BSE ]
एनएसई और बीएसई दोनों टर्म्स शेयर मार्केट से जुड़े हुये है। यदि आप Share Market में रुचि रखते है तो आपको इन दोनों Stock Exchange Markets के बारे में पता होगा। इस पोस्ट में मैंने एनएसई और बीएसई स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट में मुख्य अंतर क्या है ? टॉपिक पर पूरी जानकारी सांझा की है।
यदि आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ते है तो आपको "Difference Between NSE and BSE" के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। NSE और BSE के बीच अंतर को समझने के लिए आपकों इन सभी टर्म्स को भी समझना होगा जो निम्न है :-
यदि आप इन तीनों टर्म्स को अच्छे से समझ लेते है तो आपको NSE और BSE में Major Difference बहुत आसानी से समझ आ जायेगा। तो आइये इन सभी टॉपिक पर पूरी जानकारी प्राप्त कर लेते है।
स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट क्या होता है ? What is Stock Exchange Market/Board [ NSE और BSE ] क्या है ?
भारत में 2 प्रकार के स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट है,जिसे आप शेयर बाज़ार मार्केट भी कह सकते है। इन स्थानों पर कंपनियों के शेयर ख़रीदे व बेचे जाते है। भारत में दो प्रकार के स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट है,जो निम्न है :-
- National Stock Exchange
- Bombay Stock Exchange
National Stock Exchange को छोटे रूप में "NSE" और Bombay Stock Exchange को छोटे रूप में 'BSE' कहा जाता है,इन दोनों स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर बेचे और खरीदे जाते है।
बीएसई और एनएसई दोनों स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट ही है लेकिन इसमें कुछ मुख्य अंतर है,जिसके बारे में हम आगे विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
एनएसई और बीएसई में मुख्य अंतर क्या है ? Top Major Difference Between NSE and BSE
1. NSE की फुल फॉर्म National Stock Exchange है। जबकि BSE की फुल फॉर्म Bombay Stock Exchange बीएसई और एनएसई क्या हैं? है।
2. BSE की स्थापना 1875 में हुई थी,यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट है। NSE की स्थापना 1992 में हुई थी।
3. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( बीएसई ) में 5000 से अधिक कंपनियाँ रजिस्टर है,जबकि नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज में 1500 से अधिक कंपनियाँ लिस्टेड है जिनके शेयर खरीदे और बेचे जाते है।
4. BSE का इंडेक्स ( सूचकांक ) SENSEX ( सेंसेक्स ) है। सेंसेक्स में बीएसई में लिस्टेड 5000 कंपनियों में से केवल 30 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर्स की वैल्यू का औसत निकाला जाता है और सेंसेक्स के मान का निर्धारण किया जाता है। बीएसई और एनएसई क्या हैं? NSE का इंडेक्स ( सूचकांक ) NIFTY ( निफ्टी ) है। नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्टेड सभी बीएसई और एनएसई क्या हैं? कंपनियों में से 50 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर को देखकर ही NIFTY बीएसई और एनएसई क्या हैं? का मान प्रतिदिन निर्धारित किया जाता है। इस कारण NIFTY को National50 भी कहा जाता है।
एनएसई और बीएसई में क्या फर्क है
NSE Kya Hai, BSE Kya Hai
निवेश विकल्प के अनुसार, एनएसई और बीएसई दोनों स्टॉक एक्सचेंज बाजार में व्यापार करने के लिए आदर्श विकल्प हैं क्योंकि सबसे पहले यह न केवल एक पार्टी बल्कि निवेशक और कंपनी दोनों को एक सुरक्षित बाजार प्रदान करता है।
वे बीएसई और एनएसई क्या हैं? दोनों प्रीमियम गुणवत्ता, तरलता और उच्च लेनदेन गति तक पहुंचते हैं। इसके साथ, एनएसई और बीएसई का नियामक निकाय सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) है जो स्टॉक एक्सचेंज के लिए है।
एनएसई और बीएसई दोनों ही ट्रेडिंग को बढ़ावा देते हैं और निवेशकों के हितों की रक्षा करते हैं।
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भारत के शेयर मार्केट
भारत के शेयर मार्केट कैसे काम करते हैं। भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों BSE औेर NSE के बारे में जानकारी, ये कैसे काम करते हैं, इन पर ट्रेडिंग कैसे होती है, इनके इडेक्स कौन से हैं और इन्हें कौन रेगुलेट करता है। भारत में बीएसई और एनएसई क्या हैं? शेयर मार्केट में निवेश से पहले यह जानना आवश्यक है कि प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं और इनके जरिये निवेश करने की प्रक्रिया क्या है। साथ ही जानेंगे कि इनमें कौन और कैसे निवेश कर सकता है। About Indian Stock Markets in Hindi.
भारत के शेयर मार्केट
BSE औेर NSE हैं भारत के शेयर मार्केट
भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं जहां यहां की अधिकतर शेयर ट्रेडिंग होती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE। बीएसई 1875 से स्थापित दुनिया के शेयर बाजारों में सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। दूसरी ओर, एनएसई 1992 में स्थापित किया गया था और इसने 1994 से व्यापार शुरू किया था। हालांकि, दोनों एक्सचेंज एक बीएसई और एनएसई क्या हैं? ही ट्रेडिंग मैक्निजम का पालन करते हैं। दोनो बाजारों के काम के घंटे और निपटान प्रक्रिया भी एक सी है। BSE पर लगभग 5000 और NSE पर 2000 कंपनियां लिस्टेड हैं।
दोनों एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग एक इलेक्ट्रॉनिक लिमिट ऑर्डर बुक के माध्यम से होती है जिसमें सौदे कंप्यूटर द्वारा ऑर्डर मिलान से किये जाते है। पूरी प्रक्रिया ऑर्डर संचालित होती है जिसका अर्थ है कि निवेशकों द्वारा लगाए गए ट्रेड ऑर्डर स्वचालित रूप से सर्वोत्तम कीमत के ऑर्डर के साथ मेल खाते हैं। नतीजतन, खरीदार और विक्रेता गुमनाम रहते हैं। ऑर्डर-संचालित बाजार का लाभ यह है कि यह ट्रेडिंग सिस्टम में सभी खरीद और बिक्री के आदेश टर्मिनल पर प्रदर्शित होते हैं। इससे ट्रेडिंग में अधिक पारदर्शिता आती है।
Broker
ट्रेडिंग सिस्टम में सभी ऑर्डर दलालों यानी ब्रोकर के माध्यम से ही डाले जा सकते है। कई ब्रोकर ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। संस्थागत निवेशक डायरेक्ट मार्केट एक्सेस के विकल्प का भी लाभ उठा सकते हैं जिसमें वे दलालों द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्रेडिंग टर्मिनलों का उपयोग सीधे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देने के लिए करते हैं।
इक्विटी स्पॉट मार्केट T + 2 रोलिंग सैटलमेंट का पालन करती है। इसका मतलब यह है कि ट्रेडिंग बीएसई और एनएसई क्या हैं? बीएसई और एनएसई क्या हैं? के दिन के बाद दो दिन में सौदा निपट जायेगा। मंगल वार को किया गया कोई भी ट्रेड वीरवार तक निपट जाता है। स्टॉक एक्सचेंज पर सभी ट्रेडिंग सुबह 9:55 से 3:30 बजे के बीच सोमवार से शुक्रवार तक होती है। शेयरों का ट्रांसफर डीमैटरियलाइज्ड रूप में किया जाता है। प्रत्येक बीएसई और एनएसई क्या हैं? एक्सचेंज का अपना क्लियरिंग हाउस होता है।
इंडैक्स Index
भारतीय बाजारों के दो प्रमुख इंडैक्स यानी सूचकांक हैं सेंसेक्स और निफ्टी। सेंसेक्स BSE का सूचकांक है और वहां लिस्टेड 30 कंपनियों पर आधरित है। निप्टी NSE का इंडैक्स है और वहां लिस्टेड 50 कंपनियों पर आधारित है। इंडैक्स में शामिल करने के लिये कंपनियों का चुनाव अलग अलग उद्योगों से किया जाता है जिससे कि इंडैक्स में सभी उद्योगों का समुचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
शेयर बाजार के विकास, विनियमन और पर्यवेक्षण की संपूर्ण जिम्मेदारी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी के पास रहती है, जिसका गठन 1992 में एक स्वतंत्र प्राधिकरण के रूप में किया गया था। इसके अलावा इन स्टॉक एक्सचेंजों का अपना अंदरुनी रेग्यूलेशन भी है जो कि निवेशकों के हितों को ध्यान में रख कर बनाया जाता है। भारत का वित्त मंत्रालय भी इनके कामकाज पर नजर रखता है।
यहां हमने समझने की कोशिश की कि भारत के शेयर मार्केट कैसे काम करते हैं। आप भी यदि शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं शेयर बाजार कि जानकारी प्राप्त कर लें अन्यथा शेयर बाजार में सीधे निवेश ना कर म्यूचुअल फंड के जरिये ही निवेश करें।
भारतीय बाजार को सुरक्षित मान रहे विदेशी निवेशक: चीनी शेयर बाजार में गिरावट का फायदा यहां के बाजार को मिला
इस साल दुनियाभर के बाजारों में भारी गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजार सेफ हैवन यानी निवेश के लिहाज से सुरक्षित माने जा रहे हैं। घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन अन्य बाजारों से बेहतर रहने का अनुमान है। दिसंबर 2022 सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई बीएसई और एनएसई क्या हैं? पर पहुंच सकते हैं।
दरअसल विदेशी निवेशकों की वापसी बाजार को रफ्तार दे रही है। बीएसई और एनएसई क्या हैं? इस बीच बाजार में नए रिटेल निवेशकों का आना जारी है। भारतीय बाजार को चीनी शेयर बाजार में गिरावट का फायदा मिला है। ग्लोबल फंडों ने अक्टूबर में चीन में बिकवाली करके भारतीय बाजार में पैसा लगाया।
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 250 करोड़ डॉलर लगाए
इस तिमाही अब तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में करीब 250 करोड़ डॉलर (20.34 हजार करोड़ रुपए) लगा चुके हैं। पिछली तिमाही उन्होंने 600 करोड़ डॉलर (48.83 हजार करोड़ रुपए) निकाले थे।
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