सारांश
FTX के पतन के बाद क्रिप्टो-लिंक्ड स्टॉक्स में गिरावट
क्रिप्टोक्यूरेंसी सर्दी इस सप्ताह और भी ठंडी हो रही है क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक, एफटीएक्स, तरलता की कमी के बाद पतन के कगार पर खड़ा है। इसके अलावा, एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी और इसके गैर-अमेरिकी संचालन के संभावित खरीदार, बिनेंस ने गुरुवार को बचाव सौदे से दूर जाने का फैसला किया।
FTX पतन दीर्घकालिक परिणाम छोड़ सकता है
कॉइनबेस (NASDAQ: COIN ), MicroStrategy (NASDAQ: MSTR ), गैलेक्सी डिजिटल (TSX: GLXY ) और ब्लॉक (NYSE: SQ ), अन्य लोगों के अलावा, इस सप्ताह इस आशंका से गहरे खतरे में हैं कि FTX घटना क्रिप्टो उद्योग पर दीर्घकालिक परिणाम छोड़ देगी।
ओंडा के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक एडवर्ड मोया ने कहा, "वॉल स्ट्रीट पर आज के मूड को जटिल बनाने वाली बात यह है कि एफटीएक्स के लिए तरलता संकट अन्य क्रिप्टो में फैल रहा है।"
क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार का नया बिल निवेशकों को राहत देगा या नुकसान?
देश में 2013 में शुरू हुई क्रिप्टोकरंसी अपने शुरुआत से ही सुरक्षा कारणों के चलते सवालों के घेरे में रही है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है, जिसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है गई है। भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है।
‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’
क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार, 18 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ में ये बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया था। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद देश में क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज़ हो गई थी।
What is Cryptocurrency Bill: क्रिप्टोकरेंसी बिल आखिर क्या है, सरकार इसकी मदद से क्रिप्टो पर कैसे पाएगी काबू? जानें सबकुछ
क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?
क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?
जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।
तीन साल से सरकारी असमंजस: क्रिप्टो में भारतीयों के 6 लाख करोड़ से ज्यादा लग चुके, फ्रॉड हुआ तो धेला भी नहीं मिलेगा
क्रिप्टो करेंसी में अब तक भारतीयों के 6 लाख करोड़ रु. से ज्यादा निवेश हो चुके हैं। देश में कुल 4 क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रही हैं। लेकिन, ज्यादातर निवेशकों को शायद ही इस बात का अंदाजा हो कि यदि कोई हेराफेरी होती है तो वे कानूनी तौर पर कुछ भी नहीं कर पाएंगे। साइबर कानूनों के विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता कहते हैं- ‘अनरेगुलेटेड एक्सचेंज या क्रिप्टो के कारोबारी यदि फ्रॉड करके गायब हो जाएं तो निवेशकों की जमापूंजी डूबनी तय है।
ऐसे में पीड़ित लोगों के पास सिर्फ दो विकल्प हाेंगे। पहला- पुलिस में आपराधिक शिकायत दर्ज कराना। दूसरा- कोर्ट में सिविल मुकदमा दायर करके एक्सचेंज या क्रिप्टो कारोबारी से हर्जाने की मांग करना। लेकिन जिस मामले पर संसद अभी तक कोई कानून नहीं बना पाई है, उस पर एक पुलिस अफसर क्या ही कर लेगा, यह समझा जा सकता है।’ एक वित्तीय कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बैंक, म्यूचुअल फंड या जीरोधा जैसे स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफार्म खोलने के लिए कंपनियों को कई प्रकार के लाइसेंस, जांच और प्रतीक्षा अवधि से गुजरना पड़ता है।
ऑस्ट्रेलिया 2023 में क्रिप्टो विनियमन को कड़ा करने के लिए तैयार है, यहां बताया गया है कि कैसे
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह 2023 की शुरुआत में एक परामर्श पत्र जारी करेगी। इससे नियामकों को यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि कौन सी डिजिटल संपत्ति को वित्तीय सेवा कानूनों द्वारा विनियमित किया जाना चाहिए। परामर्श पत्र उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए उपयुक्त हिरासत और लाइसेंसिंग सेटिंग्स पर भी स्पष्टता प्रदान करेगा।
सही विनियामक दृष्टिकोण के साथ आगे नवाचार
ऑस्ट्रेलियाई कोषाध्यक्ष जिम चाल्मर्स ने अपने बयान में स्पष्ट किया है बयान कि सरकार किसी भी कानून को पेश करने से पहले अपने चल रहे टोकन मैपिंग कार्य से संबंधित मामलों पर परामर्श करेगी। “हमारे सुधार एक मजबूत और अधिक सुरक्षित वित्तीय प्रणाली की खोज में इसे ठीक करना शुरू करने के बारे में हैं,” चाल्मर्स ने कहा।
कोषाध्यक्ष ने ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीक से जुड़े अवसरों और जोखिमों को स्वीकार किया। उनके अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की सरकार यह सुनिश्चित करते हुए नवाचार को बढ़ावा देने की योजना बना रही है कि निवेशक उचित नियमों द्वारा संरक्षित हैं।
ऑस्ट्रेलिया में CBDC और स्थिर मुद्रा
प्रस्तावित परामर्श पत्र क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न तत्वों को संबोधित करेगा, जिसमें स्थिर सिक्के और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएं (सीबीडीसी) शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक का CBDC वर्तमान में अपने पायलट चरण में है और इसके 2023 के मध्य में समाप्त होने की उम्मीद है।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया ने एक प्रकाशित किया रिपोर्ट good इस महीने की शुरुआत में स्थिर मुद्रा को संबोधित किया। रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि “स्थिर सिक्कों में भुगतान और अन्य वित्तीय सेवाओं की एक श्रृंखला की दक्षता और कार्यक्षमता को बढ़ाने की क्षमता है।” क्रिप्टो उद्योग में वर्तमान माहौल को देखते हुए यह एक आशावादी दृष्टिकोण के रूप में आता है।
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