दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।
आप बस एक क्लिक में Apple के शेयर खरीद सकते हैं, जानिए कैसे?
Google, एपल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के शेयरों से होने वाला मुनाफा देखकर आपने भी इनमें निवेश करने के बारे में सोचा होगा। अगर कुछ ऐसा ही खयाल आपके मन में है तो हम बता रहे हैं कि आप कैसे निवेश कर सकते हैं।
Apple का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 2.51 लाख करोड़ डॉलर है। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट लगभग 2.27 लाख करोड़ करोड़ डॉलर पर है। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होने के बावजूद एपल के शेयर्स को भारत में खरीदा जा सकता है।
नैस्डेक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड एपल के शेयर्स को खरीदना आपके iPhone से NSE पर ट्रेडिंग वाले स्टॉक्स को खरीदने जितना ही आसान है।
स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट्स ने बताया कि कुछ ऐप्स भारतीय इनवेस्टर्स को आसानी से विदेशी स्टॉक्स को खरीदने की सुविधा देती हैं।
एपल के शेयर का प्राइस अभी लगभग 152 डॉलर है और इसकी 52 सप्ताह की रेंज 103.10 डॉलर से 154.98 डॉलर के बीच है। मौजूदा मार्केट प्राइस पर एपल के शेयर का देश में प्राइस लगभग 11,000 रुपये है। हालांकि, इनवेस्टर्स एपल, एमेजॉन या माइक्रोसॉफ्ट सहित अमेरिकी स्टॉक्स का कुछ हिस्सा भी खरीद सकते हैं।
मोबाइल से शेयर कैसे खरीदें | शेयर खरीदने के नियम | Online Share Kaise Kharide
Mobile Se Share Kaise Kharide: शेयर कैसे खरीदते हैं, शेयर मार्केट से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विषय है खासकर कि नए निवेशकों के लिए. क्योंकि जब भी कोई व्यक्ति शेयर मार्केट के बारे में सीखना स्टार्ट करता है तो उसके मन में सबसे पहला सवाल यही आता है.
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने इस विषय पर चर्चा की है, इस लेख के द्वारा हमने कोशिस की है आपको शेयर खरीदने की प्रोसेस के साथ – साथ शेयर खरीदने के लिए बेस्ट प्लेटफ़ॉर्म की भी जानकारी प्रदान करवा सकें.
अगर आपने अभी – अभी शेयर मार्केट को सीखना शुरू किया है तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें, क्योंकि इसमें आपको बहुत ही उपयोगी जानकारी मिलने वाली है.तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं हमारा आज का यह आर्टिकल –
मोबाइल से ऑनलाइन शेयर कैसे खरीदते हैं (Share Kaise Kharide)
एक समय हुआ करता था जब शेयर खरीदने की प्रोसेस बहुत लंबी थी जिसके कारण बहुत ही कम लोग शेयर बाजार में निवेश कर पाते थे. लेकिन आज के इस डिजिटल जमाने में शेयर खरीदना बहुत आसान हो गया है, इसका सबसे मुख्य कारण है बढ़ते इंटरनेट उपयोग के कारण लगभग सभी स्टॉक ब्रोकर के अपनी मोबाइल एप्लीकेशन लांच कर दी है.
शेयर खरीदने के लिए बेस्ट मोबाइल ऐप कौन से है?
अगर आप लोग शेयर मार्केट की थोड़ी – बहुत जानकारी रखते होंगें तो आपको मालूम होगा ही कि आप सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं, इसके लिए आपको एक बिचोलिये की जरुरत पड़ती है जिसे हम स्टॉक ब्रोकर कहते हैं. स्टॉक ब्रोकर आपके Behalf पर शेयर मार्केट से शेयर खरीदता और बेचता है.
स्टॉक ब्रोकर एक व्यक्ति, संस्था या कम्पनी कोई भी हो सकता है जिसे शेयर मार्केट की जानकारी होती है. मार्केट में अनेक सारी कंपनियों मौजूद हैं जो ब्रोकर की सर्विस प्रदान करवाती है, आप इन ब्रोकर की मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके आसानी से शेयर खरीद सकते हैं.
पिछले लेख में हमने आपको सबसे अच्छे शेयर मार्केट एप्प के बारें में बताया था जिसे आप पढ़ सकते है.
इस लेख में हमने आपको Groww और Upstox ऐप से शेयर खरीदना सिखाया है, यह दोनों अभी के समय शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए बेस्ट एप्लीकेशन है. क्योंकि इन दोनों ऐप की Review और Rating अन्य की तुलना में अच्छे हैं.
Groww App पर शेयर कैसे खरीदें
Groww App पर आप निम्नलिखित प्रोसेस को फॉलो करके शेयर खरीद सकते हैं –
- #1 – सबसे पहले आप Google Play Store से Groww ऐप को डाउनलोड करके अपने डिवाइस में इनस्टॉल कर लीजिये.
- #2 – इसके बाद आपको Groww ऐप पर अपना Demat Account खुलवा लेना है, आपको बता दें Demat Account Verify होने में 24 से 48 घंटे का समय लग सकता है. जब आपका अकाउंट Verify हो जायेगा तभी आप Groww ऐप से शेयर खरीद पायेंगें.
- #3 – Demat Account सफलतापूर्वक खुलवा लेने के बाद आप Groww ऐप में यूजरनाम और पासवर्ड डाल कर Login करें.
- #4 – होम स्क्रीन पर आपको Stock का विकल्प मिलेगा, इस पर क्लिक करें.
- #5 – अब आपके सामने विभिन्न कंपनियों के नाम तथा उनके शेयर प्राइस दिखाये जायेंगे, आप जिस भी कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं उस पर क्लिक करें.आप कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं?
- #6 – इसके बाद आपको Buy के ऑप्शन पर क्लिक कर लेना है.
- #7 – अब आपको शेयर खरीदने से सम्बंधित कुछ बेसिक जानकारी भरनी है, जैसे कि –
- Share Type में आप Intraday या Delivery में से किसी एक को सेलेक्ट कर सकते हैं. आप जिस प्रकार से शेयर खरीदना चाहते हैं उसे सेलेक्ट करें.
- Qty में आप BSE या NSE किसी को भी सेलेक्ट कर सकते हैं, यह एक प्रकार की quality होती है.
- Number में आप कितने शेयर खरीदना चाहते हैं वह नंबर दर्ज करें.
- Price वाले ऑप्शन में आप Market या Limit सेलेक्ट कर सकते हैं. इन दोनों में अंतर यह है कि अगर आप Market सेलेक्ट करते हैं तो उस शेयर को तुरंत मार्केट प्राइस पर खरीद सकते हैं, और अगर Limit सेलेक्ट करते हैं तो आप उस शेयर को तभी खरीद पायेंगें, जब वह आपके द्वारा सेट किये गए लिमिट पर पहुँच जायेगा.
शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक आप कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं? नहीं माना जा सकता।
वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।
क्या केवल P/E Ratio द्वारा ही अच्छे शेयर का चुनाव सही है?
यदि आप सोच रहे हैं कि मुझे P/E Ratio निकालना आ गया और इसे देखकर मैं अच्छे से शेेेयर खरीद कर एक सफल निवेशक बन जाऊंगा तो यह आप गलत सोच रहे हैं। कई बार हम भ्रम में भी आ जाते हैंं। गलत P/E Ratio दौरा भी हम गलत शेयर खरीद कर नुकसान आप कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं? उठा लेते हैं।
कई ऐसे भी कंपनी होती हैं जिसकी P/E Ratio में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। यानी किसी वर्ष यह बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और किसी बात बहुत कम हो जाता हैै।
उदाहरण रियल स्टेट कंपनी का लेते हैं। किसी वर्ष 50 घर भी नहीं बिकता तो किसी वर्ष 500 घर बिक जाता है। जिस वर्ष इस कंपनी का 500 घर बिका है उस वर्ष का P/E Ratio 20 मान लेते हैं। हम यह सोच कर शेयर खरीद लेते हैं कि P/E Ratio उसका कम है।
P/E Ratio और क्या बताता है?
P/E Ratio द्वारा किसी कंपनी के शेयर सस्ते या महंगे का अनुमान लगा सकते हैंं। इसके अलावा आप यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि वर्तमान में शेयर बाजार महंगा है या सस्ता हैै।
मेरा कहने का अर्थ यह है कि कई बार नये निवेशक सोचते हैं कि जब बाजार सस्ता होगा तब निवेश की शुरुआत करूंगा। यह पता कैसे चलेगा कि मार्केट अभी सस्ता है या महंगा है। उसके लिए आप मार्केट का P/E Ratio देख सकते हैं।
भारतीय बाजार में मुख्य आप कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं? रूप से दो जगह शेयर की खरीद बिक्री की जाती है। एक सेंसेक्स और दूसरा है निफ्टी। सेंसेक्स 30 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है और निफ्टी भारत के 50 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है।
सेंसेक्स और निफ्टी यह बताती है कि अभी भारतीय बाजार का क्या हाल है। यदि आप नये निवेशक हैं या शेयर मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी का P/E Ratio जाकर जरूर देख लें। आपको पता लग जाएगा कि अभी भारतीय शेयर बाजार सस्ता है या महंगा है।
शेयर मार्केट में शेयर के अलाावा आप क्या खरीद और बेच सकते हैं
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में कई फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट खरीदे और बेचे जाते हैं जैसे शेयर/स्टॉक, डेरिवेटिव्स, बॉण्ड और म्युचुअल फंड। चेक भी एक फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट है पर इसकी खरीद-बिक्री शेयर बाजार में नहीं होती है। अलग-अलग बजट, अलग-अलग उम्र और जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि के अनुसार सभी के लिए फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध हैं।
यदि आप खुद जानकारी रखते हैं या जानकार बनने के इच्छुक हैं और आपके पास शेयर बाजार का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त समय है तो शेयर/स्टॉक में पैसे लगा सकते हैं। यदि किसी अन्य रोजगार में हैं तो आपके लिए म्युचुअल फंड बेहतर होगा जो जानकार और अनुभवी लोगों के माध्यम से निवेश करने का अधिक सुरक्षित जरिया है। इसी तरह बॉण्ड एक सुनिश्चित दर से आमदनी का जरिया है। लेकिन इन सबसे अधिक आमदनी के लिए आज कल डेरिवेटिव्स का चलन बढ़ रहा है। हालांकि इसमें जोखिम भी ज़्यादा है।
शेयर /स्टॉक
किसी भी शेयर में पूरे दिन उतार-चढ़ाव लगा रहता है। और यह सिलसिला आप कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं? कभी रुकता नहीं है। लोग अपने आर्थिक लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार एक दिन से लेकर सालों-साल के लिए शेयर खरीद सकते हैं। उसके दाम में लगातार हो रहे अंतर का लाभ उठा कर मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर मार्केट की भाषा में ब्लूचिप स्टॉक खरीद कर लोग आने वाली पीढ़ियों के लिए रख देते हैं जो अक्सर बहुत अच्छा निवेश साबित होता है।
म्युचुअल फंड मोटे तौर पर इसके बहुत से हिस्सेदारों की पूंजी मिला कर अच्छी कंपनी के शेयर में लगाई जाती है। लेकिन किस कंपनी में और कितनी अवधि के लिए पैसा लगेगा यह निर्णय आपकी ओर से म्युचुअल फंड के जानकार लेते हैं। मुमकिन है इसमें रिटर्न कुछ कम मिले पर नुकसान भी बहुत कम होने का भरोसा रहता है।
बॉण्ड में पैसा लगाने से मुनाफा कम हो सकता है पर निर्धारित तिथि पर एक सुनिश्चित दर से आमदनी का भरोसा जरूर रहता है। हालांकि ब्याज दर घट-बढ़ सकती है पर स्टॉक मार्केट में बॉण्ड जारी करने की तिथि में घोषित ब्याज दर से कम नहीं होगी। अब इतनी सुरक्षा होगी तो मुनाफा कम होना लाजिमी है।
डेरिवेटिव्स
डेरिवेटिव्स आसान शब्द में बयाना देकर पूरा माल उठा लेने का खेल है जो अनजान लोगों के लिए बहुत खतरनाक है। डेरिवेटिवस के तहत किसी स्टॉक के ‘फ्यूचर’ और ‘ऑप्शन’ आते हैं। इसमें एक तय समय पर या उससे पहले खरीदने या फिर बेचने की जिम्मेदारी होती है। इसके तहत आपको किसी शेयर मसलन टीसीएस के 150 शेयरों का एक पूरा लॉट (फ्यूचर या ऑप्शन) लेना होता है जिसके लिए बयाना के तौर पर केवल 1 लाख रु. या ऑप्शन में तो उससे बहुत कम देने होंगे जबकि टीसीएस के 150 शेयरों का बाजार भाव फिलहाल लगभग 4.5 लाख रु. का होगा। लेकिन यह फ्यूचर तय समय पर या पहले बेचना (या खरीदना) होगा चाहे नफा हो या नुकसान।
इसी तरह आप्शन में भी बहुत कम रकम देकर पूरे 150 शेयर का लाभ ले सकते हैं पर नुकसान भी बहुत अधिक होगा। इसलिए डेरिवेटिवस में पड़ने से पहले जोखिम की थाह लें और फिर कदम बढ़ायें। एक बार इरादा पक्का कर लिया तो बेहतर होगा शुरुआत करेंसी डेरिवेटिव्स से करें। इसमें भारतीय रुपये के साथ अमेरिकी डालर, यूरो, पाउंड और जापानी येन की जोड़ी ट्रेड की जाती है। खरीदने और बेचने की लागत बहुत कम होती है इसलिए आजमाने में ज्यादा नुकसान का खतरा नहीं है। हमेशा ध्यान रखें कि शेयर बाजार में सुरक्षित रहना आमदनी सुनिश्चित करना है।
कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
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