व्यापार मॉडल
बैंकों-तरलता प्रदाताओं से कीमतों का एकीकरण। सबसे अच्छी बोली से स्ट्रीमिंग कोटेशन बनाना और छोटी मात्रा के ग्राहकों के आदेशों की कीमतों एकत्रीकरण से पूछें। DMA/STP मॉडल द्वारा इंटरबैंक बाजार या एक्सचेंज में एकत्रित और बड़े ग्राहकों के आदेशों का स्वचालित हस्तांतरण.
कंपनी का बिजनेस-मॉडल क्लाइंट के साथ पारदर्शी और भरोसेमंद संबंधों पर आधारित है। कंपनी ईसीएन बाजारों में अग्रणी बैंकों-तरलता प्रदाताओं से कोटेशन प्राप्त करती है और सर्वोत्तम कीमतों से ग्राहकों के लिए स्ट्रीमिंग कोटेशन बनाती है। ट्रेडिंग टर्मिनल में ग्राहक सबसे अच्छी बोली के साथ देखता है और ट्रेड करता है और प्रत्येक वित्तीय साधन पर कीमतें पूछता है। परिणामस्वरूप ग्राहकों के आदेश तरलता प्रदाता की कीमत पर किए जाते हैं जो वर्तमान में सबसे अच्छी खरीद या बिक्री मूल्य प्रदान करता है। हमारा प्राइम ब्रोकर कंपनी और बैंकों के बीच समाशोधन कार्य (पारस्परिक देनदारियों का निपटान) करता है - तरलता प्रदाता. आप ऑर्डर निष्पादन के पृष्ठ मॉडल पर हमारी योजना का विवरण देख सकते हैं।.
एक एसटीपी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग
सीडीजी ग्लोबल आकर्षक ट्रेडिंग परिस्थितियों के साथ सबसे लोकप्रिय ग्लोबल इंस्ट्रूमेंट्स (एफएक्स, मेटल्स, इंडिसेस, एनर्जी, शेयर, कमोडिटीज और क्रिप्टो) प्रदान करता है। हमारी एसटीपी / ईसीएन तकनीक और टियर वन बैंकों और प्राइम ब्रोकर्स के साथ महान संबंधों ने हमें गहरी कस्टम तरलता प्रदान करने में सक्षम बनाया, जो बड़े-टिकट या एचएफटी व्यापारियों जैसे सबसे परिष्कृत ग्राहकों की जरूरतों को संभालने में सक्षम थे। हम किसी भी रणनीति की जरूरतों को पूरा करने के लिए लचीले खाता संरचनाओं की पेशकश करते हैं, जो वैरिएबल स्प्रेड और कमीशन संयोजनों के साथ करते हैं, जो हमारे ग्राहकों को रोजगार के लिए चुन सकते हैं।
हमारे IBs तुरंत और असीमित कमीशन वापसी, शक्तिशाली कमीशन सेटिंग्स, वास्तविक समय बहु-स्तरीय IB पोर्टल और बुद्धिमान उपकरण के साथ बाजार पर उच्चतम छूट का आनंद लेते हैं जो उन्हें बढ़ने और सफल होने एक एसटीपी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग में मदद करेंगे।
हमारे व्हाइट लेबल्स स्टेट ऑफ़ द आर्ट बैक ऑफ़िस और रिस्क मैनेजमेंट टूल्स का आनंद उठा सकते हैं
हमारे एपीआई क्लाइंट हमारे असली एसटीपी / एक एसटीपी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग ईसीएन सेटअप का पूरा फायदा उठाते हैं, जिसमें मजबूत डेटासेंटर नेटवर्क और सभी प्रमुख लिक्विडिटी हब के लिए समर्पित लाइनें हैं।
अपने विविध व्यवसाय मॉडल और कई वर्षों की विशेषज्ञता के माध्यम से, सीडीजी ग्लोबल क्षेत्र में गुणवत्ता और नवाचार पर एक नया मानदंड स्थापित कर सकता है।
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सीडीजी ग्लोबल लिमिटेड एक वाणिज्यिक कंपनी है जो सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस में पंजीकरण संख्या 24993 के साथ पंजीकृत है
म्यूच्यूअल फण्ड में एसटीपी क्या है (STP और SIP में अंतर) STP In Hindi
STP Kya Hai In Hindi: जो भी व्यक्ति स्टॉक मार्केट म्यूच्यूअल फंड में जरा भी दिलचस्पी रखता है उसे SIP के बारे में जरुर पता रहता है, SIP म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. SIP में आपको हर महीने एक निश्चित राशि एक सवय अवधि के एक एसटीपी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग लिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश करनी होती है.
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आप एक म्यूच्यूअल फंड स्कीम से दुसरे म्यूच्यूअल फंड स्कीम में अपना पैसा ट्रान्सफर करना चाहते हैं जैसे आप Debt fund से Equity में अपना पैसा ट्रान्सफर करना चाहते हैं तो म्यूच्यूअल फंड में STP के द्वारा यह संभव हो पाता है.
अधिकतर लोग जो म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते हैं उनमें से बहुत कम को ही STP के बारे में मालूम होता है, इसलिए हमने सोचा क्यों ना आज आपको STP के बारे में कम्पलीट इनफार्मेशन प्रदान कराई जाये, क्योंकि म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने वाले हर एक निवेशक को STP के विषय में पता होना चाहिए.
इस आर्टिकल में आपको जानने को मिलेगा कि STP क्या होता है, STP कितने प्रकार का होता है, STP काम कैसे करता है, STP के एक एसटीपी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग फायदे तथा नुकसान क्या हैं और STP तथा SIP में क्या अंतर है?. तो बने रहिये आप हमारे साथ इस लेख के अंत तक और एक एसटीपी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग जानिये STP क्या है पूरी जानकारी हिंदी में.
SUUMAYA Corporation पर गंभीर आरोप; IT के छापेमारी में ब्रोकर्स के जरिए सर्कुलर ट्रेडिंग कर शेयर के भाव बढ़ाने का हुआ खुलासा
IT के छापेमारी में ब्रोकर्स के जरिए सर्कुलर ट्रेडिंग कर शेयर के भाव बढ़ाने का खुलासा हुआ. ब्रोकर्स को बाहर से पैसे देने के सबूत मिले, ब्रोकर और प्रोमोटर ने अपनी गलती कबूली. जानिए पूरी खबर तरूण शर्मा से.
Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें
मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं. इस साल अब तक 3 ब्रोकर डिफॉल्टर हुए हैं.
ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ये डिफॉल्ट ज्यादातर ब्रोकरों द्वारा क्लाइंट सिक्योरिटीज और फंड के दुरुपयोग का परिणाम है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तरह की प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए और कड़े मानदंडों की शुरुआत की है. जिसके बाद ये ब्रोकर उसकी अनुपालन नहीं कर सके और डिफॉल्टर हो गए.
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने वाले हैं तो ब्रोकर चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.
1. अपने मार्जिन पर ट्रेड करें
सबसे पहले, जिस बात का निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए वो क्लाइंट मार्जिन के अलगाव और आवंटन से जुड़ा है. रेगुलेटर द्वारा यह एक बड़ा कदम है जो 2 मई से प्रभावी होगा.
वर्तमान में ग्राहकों की व्यक्तिगत सीमा तय करना ब्रोकर के हाथ में है. ब्रोकर देखता है कि पिछले सप्ताह तीन ग्राहकों ने लेन-देन नहीं किया है, तो वह सात ग्राहकों के बीच अपनी 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित कर सकता है. इसे ऐसे समझें, ब्रोकर ग्राहकों के एक समूह से संबंधित धन का उपयोग दूसरों के लेन-देन के लिए कर सकता है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए नियम इस तरह के मामलों पर नजर रखेगी. 2 मई से ब्रोकरों को CCIL की बेवसाइट पर एक फाइल अपलोड करनी होगी. जिसमें प्रत्येक ग्राहक को दी जाने वाली सीमा का ब्रेक-अप देना होगा. इस जानकारी के आधार पर CCIL यह सुनिश्चित करेगा कि कोई ग्राहक अपनी व्यक्तिगत सीमा से अधिक पोजीशन न लें.
Zerodha के COO वेणु माधव कहते हैं, "इन मानदंडों की शुरूआत का मतलब यह होगा कि कोई ग्राहक दूसरे ग्राहकों की सीमा का उपयोग करके उसके द्वारा जमा किए गए मार्जिन से अधिक की पोजीशन नहीं ले सकेगा."
2. फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा
अब फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा पेश की गई है. ब्रोकरों को न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा फ्लोटिंग नेट वर्थ भी मेंटेन करना होगा. मान लीजिए की एक ब्रोकर का एवरेज कैश बैलेंस 10,000 करोड़ रुपये है, उसे अब 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ बनाए रखना होगा. ब्रोकरों को फरवरी 2023 तक इस मानदंड का पालन करना होगा.
3. भुगतान में देरी से सावधान रहें
ब्रोकर के साथ खाता खोलने से पहले ऑनलाइन रिव्यू जरूर पढ़ें. एक्सचेंजों की वेबसाइटों पर ब्रोकर के खिलाफ शिकायतों की जांच करें. यदि आपको भुगतान में देरी, धन के गलत प्रबंधन, या अनधिकृत ट्रेडों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं, तो उस ब्रोकर से बचें. हाई लीवरेज के वादे के साथ ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करने वाले किसी भी ब्रोकर से बचना चाहिए.
4. ब्रोकिंग चार्जेज का ध्यान रखें
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
5. अन्य सेवाओं की जानकारी
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा एक एसटीपी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.
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