तो चलिए अब हम देखते हैं की Accounting कितने प्रकार के होते हैं| दोस्तों Accounting तीन प्रकार के होते हैं जो की इस प्रकार हैं : –

Accounting क्या होता है – What is Accounting and Types of Accounting in Hindi

Accounting क्या होता है – What is Accounting and Types of Accounting वास्तविक खाता किसे कहते हैं in Hindi? Hello Friends! एक बार फिर से Guptatreepoint blog पर आपका स्वागत है| आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताने जा रहा हूँ की Accounting क्या होता है और Accounting कितने प्रकार के होते हैं? What is accounting in Hindi and Types of Accounting in Hindi?

Friends! Accounting का हिंदी meaning लेखांकन होता है| यह एक process होता है जो की Financial Aspects (वित्तीय पहलुओ) के बारे में record रखता है| दुसरे शब्दों में हम कह सकते हैं की Accounting एक process होता है जो की किसी भी organization या business में आदान प्रदान हो रहे रुपयों के बारे में जानकारी रखता है मतलब की लिखित रूप में रखता है|

यह दो शब्दों से मिलकर बना है लेख और अंकन| लेख का मतलब होता है लिखना और अंकन का मतलब होता है अंको में, वैसा process जहाँ पर किसी भी घटना क्रम को लिखित रूप में रखा जाता है उसे Accounting (लेखांकन) कहा जाता है| घटना क्रम मतलब रुपयों का आदान प्रदान|

इसके क्या फायदे होते हैं?

दोस्तों अगर आप एक दुकानदार हैं तो इस बात को आसानी से समझ सकते हैं की इसके क्या क्या फायदे हो सकते हैं और यदि आप एक students हैं और आपको इसके फायदे के बारे में जानकारी नहीं है तो चलिए मैं बताता हूँ की Accounting के क्या क्या फायदे हो सकते हैं| जब हम अपने business के लेन देन को या फिर कोई भी दुकानदार अपने business के लेन देन की प्रक्रिया को लिखित रूप में रखता है तो उसके बहुत सारे फायदे होते हैं जो की निम्न प्रकार हैं: –

  • सबसे पहला फायदा यह होता है की हमें लेन देन के पैसो के बारे में पता चलते रहता है मलतब की किसको कितना पैसा दिया गया है या फिर किससे कितना पैसा लियें हैं इन सभी चीजो के बारे में हमें सही सही जानकारी मिलती रहती है|
  • जब हम किसी भी record को लिखित रूप वास्तविक खाता किसे कहते हैं में रखते हैं तो हमें बार बार अपने लेन देन की प्रक्रिया को याद नहीं रखना पड़ता है जिससे हमलोग का मन हल्का रहता है|
  • इससे हम आसानी से अपने business में हुवे लाभ या हानि का पता लगा सकते हैं|
  • इसके द्वारा हम यह भी पता लगा सकते हैं की हमारा business में अभी टोटल कितना पूंजी लगा हुआ है मतलब की कितना पैसा अभी हमारा business में लगा हुआ है या available है|

वास्तविक खाता किसे कहते हैं

उत्तर :-आगम एवं शोधन खाता के निम्नलिखित विशेषताएं है।

(1) यह एक वास्तविक खाता है

(2) इसमें सभी आगम को डेबिट करते हैं

(3) सभी शोधन को क्रेडिट करते हैं

(4) इस खाते में ओपनिंग बैलेंस को डेबिट में दिखाते हैं

उत्तर :-साझेदारी संलेख एक लिखित पंजीकृत या आपंजीकृत समझौता प्रलेख है जिसमें साझेदारों के पारस्परिक अधिकार कर्तव्य व्यवसाय के उद्देश अधिकारों की पूंजी आदि का उल्लेख होता है।

आधार वर्ष में परिवर्तन की आवश्यकता

  • प्रत्येक अर्थव्यवस्था में समय-समय पर परिवर्तन होते रहते हैं और इन परिवर्तनों का देश के वृद्धि एवं विकास पर काफी प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अर्थव्यवस्था के भीतर होने वाले इन्हीं संरचनात्मक परिवर्तनों (जैसे- GDP में सेवाओं की बढ़ती हिस्सेदारी) को प्रतिबिंबित करने के लिये आकलन के आधार वर्ष को समय-समय पर संशोधित करने की आवश्यकता होती है।
  • इसके अलावा GDP की गणना के लिये आधार वर्ष में बदलाव का एक अन्य उद्देश्य वर्तमान परिस्थिति के अनुकूल सटीक आर्थिक आँकड़े एकत्रित करना भी होता है। क्योंकि सटीक आँकड़ों के अभाव में अर्थव्यवस्था के अंतर्गत कल्याणकारी योजनाओं का निर्माण संभव नहीं हो पाता है।
  • वर्ष 2011-12 पर आधारित GDP वर्तमान आर्थिक स्थिति को सही ढंग से प्रदर्शित नहीं करती है वहीं नए आधार वर्ष की शृंखला के संबंध में जानकारों का मानना है कि यह संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रीय खाते के दिशा-निर्देशों-2018 (United Nations Guidelines in System of National Accounts-2018) के अनुरूप होगी।
  • गौरतलब है कि दुनिया के विभिन्न देश आधार वर्ष को संशोधित करने हेतु अलग-अलग मानकों का प्रयोग करते हैं।

निष्कर्ष

2017-18 को आधार वर्ष के रूप में मानने का प्रस्ताव स्वागत योग्य कदम है, हालाँकि वर्तमान GDP आकलन की कार्यप्रणाली और डेटा संबंधी विवादों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आधार वर्ष में परिवर्तन के बाद भी संदेह तब तक बना रहेगा जब तक कि आकलन की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया जाएगा और आँकड़ों की विश्वसनीयता सुनिश्चित नहीं की जाएगी। वर्तमान समस्याओं के मद्देनज़र GDP कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का एक स्वतंत्र आयोग स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है।

प्रश्न: आधार वर्ष क्या है? इसमें संशोधन की आवश्यकता पर चर्चा कीजिये।

भुगतान संतुलन (शेष) से क्या अभिप्राय है ? |भुगतान संतुलन के घटक | Components of Balance of payments in Hindi

भुगतान संतुलन (शेष) से क्या अभिप्राय है ? |भुगतान संतुलन के घटक | Components of Balance of payments in Hindi

भुगतान संतुलन के मुख्य रूप से चार घटक होते है । वे है चालू खाता ( Current Account), पूँजी खाता ( Capital Account), सरकारी भुगतान खाता अथवा सरकारी रिजर्व परिसम्पत्ति खाता ( Official Settlement Account) तथा अशुद्धियां एवं भूल-चूक ( Error & Ommission) |

A चालू खाता:

  • वास्तविक या आय सृजित करने वाले व्यवहारों को भुगतान संतुलन के चालू खाते में दिखाया जाता है । चालू खाता अल्पकालीन वास्तविक लेन-देन का लेखांकन होता है । चालूखाते के लेन-देन को वास्तविक वास्तविक खाता किसे कहते हैं लेन-देन का खाता कहा जाता है क्योंकि इसमें सम्मिलित की जाने वास्तविक खाता किसे कहते हैं वाली समस्त मदों का वास्तविक रूप में लेन-देन किया जाता है। इन मदों का अर्थव्यवस्था के आय , उत्पादन व रोजगार पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
  1. वस्तुओं का आयात एवं निर्यातः इसमें दृश्यों मदों को सम्मिलित किया जाता है ।
  2. सेवाएँ: इसके अन्तर्गत वास्तविक खाता किसे कहते हैं अदृश्य मदें आती है।
  3. उपहार या भेंट: इसे हस्तान्तरण भुगतान भी कहते हैं ।

A चालू खाता:

  • वास्तविक या आय सृजित करने वाले व्यवहारों को भुगतान संतुलन के चालू खाते में दिखाया जाता है । चालू खाता अल्पकालीन वास्तविक लेन-देन का लेखांकन होता है । चालूखाते के लेन-देन को वास्तविक लेन-देन का खाता कहा जाता है क्योंकि इसमें सम्मिलित की जाने वाली समस्त मदों का वास्तविक रूप में लेन-देन किया जाता है। इन मदों का अर्थव्यवस्था के आय , उत्पादन व रोजगार पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
  1. वस्तुओं का आयात एवं निर्यातः इसमें दृश्यों मदों को सम्मिलित किया जाता है ।
  2. सेवाएँ: इसके अन्तर्गत अदृश्य मदें आती है।
  3. उपहार या भेंट: इसे हस्तान्तरण भुगतान भी कहते हैं ।
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