Mutual Funds स्‍माल कैप में निवेश पर कभी न करें यह गलतियां (फोटो-Freepik)

Mutual Fund SIP: स्‍माल कैप में निवेश के दौरान कभी न करें ये 5 गलतियां, जानें टिप्‍स

कोविड के बाद शेयर बाजार में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया। स्मॉल-कैप फंडों के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी स्मॉलकैप 100 टीआरआई ने इस अवधि में 114 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया।

Mutual Fund SIP: स्‍माल कैप में निवेश के दौरान कभी न करें ये 5 गलतियां, जानें टिप्‍स

Mutual Funds स्‍माल कैप में निवेश पर कभी न करें यह गलतियां (फोटो-Freepik)

कोविड के बाद शेयर बाजार में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया। स्मॉल-कैप फंडों के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी स्मॉलकैप 100 टीआरआई ने इस अवधि में 114 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया। हालांकि इस साल शेयर बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिला है। ऐसे में एसआईपी निवेशकों को कुछ सामान्य गलतियों से बचने की सलाह दी जाती है। मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां उन शीर्ष 5 गलतियों के बारे में जानकारी दी गई है, जो निवेश के दौरान नहीं करनी चाहिए।

स्मॉल-कैप फंड को मुख्य पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाना: वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इक्विटी फंड में निवेश करते समय एक निवेशक को कोर और सैटेलाइट पोर्टफोलियो रणनीति का पालन करना चाहिए। कोर पोर्टफोलियो स्थिरता प्रदान करता है क्योंकि इसमें लार्ज-कैप, इंडेक्स और अन्य फंड होते हैं जो स्मॉल-कैप की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं। स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड एसआईपी किसी के मुख्‍या पोर्टफोलियो का हिस्‍सा नहीं होना चाहिए। क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता कहते हैं कि अगर स्मॉल-कैप फंडों में और गिरावट आती है तो यह आपके निवेश को खत्म कर सकता है।

सही समय के इंतजार की जरूरत नहीं: म्यूचुअल फंड एसआईपी शुरू करने सूचकांक निवेश की संभावनाएं के लिए, किसी को सही समय के इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि SIP निवेश अवधि के दौरान सूचकांक द्वारा दिया गया औसत रिटर्न देता है। इसलिए, कोई भी किसी भी समय म्यूचुअल फंड एसआईपी शुरू कर सकता है और कमजोर बाजार के स्थिर होने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। निवेशकों में से एक वॉरेन बफे के अनुसार, जितनी जल्‍दी हो निवेश करने से कंपाउंडिंग के लिए अधिक समय मिल जाता है।

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ज्‍याद प्रभावित स्मॉल-कैप फंडों में निवेश: एक बार के निवेशक के लिए एक स्मॉल-कैप फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है, जो कि बाजार के दौरान सही हो गया है। उन स्मॉल-कैप योजनाओं को देखना चाहिए, जिन्होंने बाजार में कमजोरी के दौरान सबसे कम नुकसान किया है क्योंकि बाजार के स्थिर होने के बाद उनके ठीक होने की प्रबल संभावना है। अर्चित गुप्ता ने बताया कि उन स्‍माल कैप में निवेश करें, जो मजबूत हों और मंदी के कारण ज्‍यादा गिरावट आई हो, क्‍योंकि इनके बढ़ने की संभावना अधिक रहती है।

एसआईपी राशि में वृद्धि नहीं करना: एक छोटी सी वृद्धि से म्यूचुअल फंड की परिपक्वता राशि में बड़ी वृद्धि होती है। इसलिए, बाजार के मिजाज के बावजूद, म्यूचुअल फंड एसआईपी निवेशक को सलाह दी जाती है कि किसी भी परिस्थिति में बिना किसी असफलता के नियमित अंतराल पर अपनी एसआईपी राशि बढ़ाएं।

बाजार कमजोर होने पर SIP बंद करना: बहुत से लोग SIP के माध्यम से स्मॉल-कैप फंड में निवेश करते हैं जब वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे होते हैं और उन्हें कमजोर बाजार में रोक देते हैं। यदि आप घबराते हैं और बाजार में उतार-चढ़ाव के समय स्मॉल-कैप फंडों में एसआईपी बंद कर देते हैं, तो हो सकता है कि आपके पास निवेश के लिए जोखिम उठाने की क्षमता न हो। इस बात को लेकर अर्चित गुप्ता ने कहा ने कहा कि निचले बाजार स्तरों पर इकाइयों की खरीद मूल्य को औसत करने का अवसर खो देंगे।

Uttar Pradesh में बड़ा निवेश करेंगे स्वीडन और कनाडा जैसे देश

CM YOGI

उत्तर प्रदेश में कनाडा स्वीडन जैसे देशों से बड़ा निवेश आने की संभावना है. विभिन्न देशों में रोड शो और वन टू सूचकांक निवेश की संभावनाएं वन बिजनेस मीटिंग कर रही टीम योगी जब बड़े बिजनेस लीडर्स से मुलाकात करती है तो वो सहर्ष ही उत्तर प्रदेश में निवेश को तैयार हो जा रहे हैं. इसका उदाहरण स्वीडन है, जहां से टीम योगी को 15 सूचकांक निवेश की संभावनाएं हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. स्वीडन की कंपनियां उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी, रिटेल, सूचकांक निवेश की संभावनाएं टूरिज्म, वेस्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश करने को तैयार हैं. वहीं कनाडा के वैंकूवर से भी टीम योगी को 1200 करोड़ रुपए के 6 एमओयू प्राप्त हुए हैं, जिससे 600 रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

अमेरिका और सिंगापुर जैसे देशों में भी टीम योगी की निवेशकों से व्यापक चर्चा हुई है, जिसके बाद कई कंपनियां यूपी में निवेश को लेकर इच्छुक हैं.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का निश्चय किया है. इसके लिए फरवरी 2023 में राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाना है जिसमें 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है. इसकी पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मंत्रियों और अधिकारियों की टीमें विभिन्न देशों में बड़े बिजनेस लीडर्स से निवेश को लेकर चर्चा कर रही हैं.

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी और लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद की अध्यक्षता वाला प्रतिनिधिमंडल बुधवार को स्टॉकहोम में रोड शो के दौरान स्वीडिश बिजनेस कम्युनिटी से मिला. इस अवसर पर सूचकांक निवेश की संभावनाएं विभिन्न बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) और गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (जीटूजी) में डिफेंस, टेक्सटाइल व गारमेंट्स, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल व ईवी, रीन्यूएबल एनर्जी, वेस्ट एवं वाटर मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों में निवेश को लेकर चर्चा की गई. अपर मुख्य सचिव (खेल एवं युवा मामले) नवनीत सहगल व उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश की मजबूती के साथ ही स्वीडिश बिजनेस कम्युनिटी को रेड कार्पेट और समर्पित निवेश सुविधाओं के प्रति आश्वस्त किया. नोएडा में रिटेल स्टोर खोलने जा रही आइकिया के ग्लोबल एक्सटेंशन हेड जेन क्रिस्टिनसन और पब्लिक अफेयर मैनेजर जेन क्रेलिना ने यूपी में अपने रिटेल स्टोर्स की श्रंखला के विस्तार और लग्जरी मॉल्स के लिए 4300 करोड़ रुपए के निवेश का इरादा जताया. प्रतिनिधिमंडल ने स्टॉकहोम में आइकिया गैलेरियन का भी दौरा किया. इसी तरह, स्वीडिश निर्माण कंपनी सेरनेक ने यूपी में फिल्म सिटी प्रोजेक्ट में 10 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया. वहीं, बोसोन एनर्जी ने वेस्ट एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए एक हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया तो पर्यटन से जुड़े करीब 40 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव भी मिले.

कनाडा के वैंकूवर में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह की अगुवाई में यूपी के प्रतिनिधिमंडल को निवेश के कई प्रस्ताव मिले हैं. प्रतिनिधिमंडल ने यहां बिजनेस कम्युनिटी के साथ 6 निवेश प्रस्ताव (एमओयू) साइन किए जिनकी कुल कॉस्ट 1200 करोड़ रुपए है. यह निवेश प्रस्ताव आईटी पार्क, एल्यूमिनियम व किचेन सप्लाई की मैन्युफैक्च रिंग यूनिट्स, होटल्स आदि से जुड़े हैं. इन निवेश प्रस्तावों से 600 से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के सूचकांक निवेश की संभावनाएं अवसर पैदा होंगे. प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटिश कोलंबिया के स्पीकर राज चौहान से भी मिला और प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर बातचीत की.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में कई बड़े बिजनेस लीडर्स से मिला. न्यूयॉर्क में उनकी मुलाकात बिज2क्रेडिट के को-फाउंडर रोहित अरोड़ा से हुई जिन्होंने भारत में 500 मिलियन डॉलर का निवेश कर रखा है. उनसे प्रदेश में बिजनेस एक्सपैंशन को लेकर चर्चा की गई. इसी तरह प्रतिनिधिमंडल इनबेव के ग्लोबल वाइस प्रेसीडेंट रेगुलेटरी और पब्लिक अफेयर्स आंद्रियस पेनेट से भी मिला और बातचीत के बाद यहां यूपी में निवेश को लेकर एमओयू भी साइन किया गया. वहीं, आईक्रिएट के फाउंडर पराग अमीन से मुलाकात के दौरान यूपी में फोस्टर स्टार्टअप के विकास को लेकर एक एमओयू हुआ. ई कुबेर वेंचर्स के को-फाउंडर और एमडी अजय सूचकांक निवेश की संभावनाएं श्रीवास्तव के साथ डिफेंस, ड्रोन्स और स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा हुई. प्रतिनिधिमंडल ने डेल्टाग्रिड मीटरिंग से अर्बन व रूरल एरियाज में स्मार्ट मीटर्स के लोकल मैन्युफैक्चि रंग को लेकर चर्चा की. वहीं, केंड्रिल के सीईओ मार्टिन श्क्रोइडर आईटी और आईटीईएस के क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट व आईटी पार्क में भागीदारी को लेकर आग्रह किया.

उधर, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर में बिजनेस मीटिंग की. प्रतिनिधिमंडल विडा टेक्नोलॉजी के एमडी से मिला और उत्तर प्रदेश में ओईएम/ओडीएम टेक्नोल़ॉजी में निवेश के विभिन्न माध्यमों पर चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल ने विडा टेक्नोलॉजी के एमडी को आश्वासन दिया कि प्लांट लगाने के लिए भूमि प्राथमिकता के आधार पर प्रदान की जाएगी और यह भी आश्वस्त किया कि सभी हैंडहोल्डिंग सहमतियां भी प्रदान की जाएंगी. प्रतिनिधिमंडल यहां सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन नील पारेख और कुछ अन्य लीडिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से भी मिला. इस अवसर पर उनके सूचकांक निवेश की संभावनाएं साथ डिफेंस, ईवी, बैंकिंग व फाइनेंस, एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्च र एवं आईटी व संबंधित उद्योगों में सिंगापुर को निवेश की संभावनाओं से परिचित कराया गया और निवेश का आग्रह किया गया. एशिया की बड़ी अर्बन इंफ्रास्ट्रक्च र कंसल्टिंग फर्म सुर्बना जुरोंग के सीईओ हरी पुलोंगसुंदरम के उनके मुख्यालय में मुलाकात की गई. इस दौरान उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्च र, स्मार्ट सिटी और हाउसिंग डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश जुटाने के लिए राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में व्यापक चर्चा हुई. टीम योगी ने उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए अपने क्लाइंट बेस को जुटाने और प्रोत्साहित करने के लिए भी जोर दिया.

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बैंकिंग शेयरों से होगा मुनाफा, तेजी आने की संभावना, जानिए क्या है वजह?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई बड़ा वृहद-आर्थिक झटका नहीं लगता है, तो यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। वर्ष 2022 की शुरुआत सूचकांक निवेश की संभावनाएं से अबतक बीएसई बैंक सूचकांक पांच प्रतिशत बढ़ा है।

बैंकिंग शेयरों से होगा मुनाफा, तेजी आने की संभावना, जानिए क्या है वजह?

बढ़ती ब्याज दरों, रिटेल लोन के विस्तार और कर्ज की गुणवत्ता में सुधार से इस साल बैंकिंग क्षेत्र के कई शेयरों ने व्यापक बाजार सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई बड़ा वृहद-आर्थिक झटका नहीं लगता है, तो यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। वर्ष 2022 की शुरुआत से अबतक बीएसई बैंक सूचकांक पांच प्रतिशत बढ़ा है। इसके उलट बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में करीब चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कुछ प्रमुख बैंकिंग शेयरों में तो 30-40 प्रतिशत तक की तेजी आई है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
विश्लेषकों ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को सूचकांक निवेश की संभावनाएं अर्थव्यवस्था के ‘मदर सेक्टर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि बैंकों का बेहतर प्रदर्शन अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर दिनों का संकेत देता है लेकिन जब अर्थव्यवस्था खराब होती है तो बैंकिंग क्षेत्र को तगड़ी चोट लगती है।

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NPA में हुआ है सुधार
बैंकों के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) परिदृश्य में भी सुधार हुआ है और कॉरपोरेट कर्जदारों की तरफ से चूक के बड़े मामले भी सामने नहीं आए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो बैंकिंग क्षेत्र के लिए चीजें खराब होने के भी कुछ संकेत मौजूद हैं, जो ज्यादातर बैंकों के तिमाही नतीजों में देखने को भी मिले हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत कबी ने कहा कि कुछ बैंकों ने बढ़ती ब्याज दर को ध्यान में रखते हुए काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है। हालांकि, एचडीएफसी बैंक का प्रदर्शन विलय और मार्जिन की समस्या के कारण कमतर रहा है।’’

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