शेयर में ट्रेड लेने से पूर्व यह देख लेना चाहिए कि शेयर का टारगेट प्राइस, हमेशा स्टॉप लॉस से ज्यादा हो। अगर हम किसी 100 रुपए के शेयर को खरीदते हैं तथा उसमें हमारा स्टॉप लॉस 95 रुपए है तो हमारा टारगेट प्राइस 110 रुपए होना चाहिए । यहां पर हमें स्टॉप लॉस हिट होने पर 5 रुपए का नुकसान है किंतु टारगेट प्राइस हिट होने पर 10 रुपए का मुनाफा है।

क्या ट्रेडर के लिए शेयर बाजार में प्रवेश करना और पैसा कमाना आसान है ?

stock market me trading tips स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग टिप्स

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने में अधिकांश लोग अपना रुपया गंवा बैठते हैं, बाद में वह यह सोचते हैं कि किस जगह कमी हुई होगी। नुकसान होने के पश्चात लोग अपना आत्मविश्वास खो देते हैं तथा हमेशा के लिए शेयर मार्केट से विदा ले लेते हैं।

जब बार-बार लोग ट्रेडिंग में असफल होते हैं तो वह सोचते हैं उनके टेक्निकल एनालिसिस में कुछ कमी होगी।

नए निवेशक और ट्रेडर्स जब शेयर बाजार में आते हैं, तो उन्हें सही समय में सही सलाह नहीं मिलती तथा वे खुद की कमियों से सीखते हैं। किंतु तब तक ज़्यादातर निवेशक अपना मूलधन गंवा बैठते हैं।

मैं ट्रेडिंग को ज्यादा महत्व नहीं देता किंतु जो भी लोग ट्रेडिंग करना चाहते हैं वह मेरे द्वारा बताए गए टिप्सों पर अनुशासन के साथ कार्य करेंगे तो उनके नुकसान होने का चांस कम हो जाएगा।

शेयर मार्केट के बड़े से बड़े ट्रेडर तथा निवेशक अपने अपने सिद्धांतों के आधार पर ट्रेड करते हैं तथा अधिकांश हर दिग्गज के सिद्धांत अलग-अलग होते हैं। यहां पर उन सब के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए कुछ टिप्स आपको बताने की कोशिश कर रहा हूं। golden trading tips

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट पेपर ट्रेडिंग क्या है? एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

पेपर ट्रेडिंग क्या है?

7 शेयर मार्केट ट्रेडिंग टिप्स इन हिंदी

एक अनुमान है की अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वालो की उम्र की औसत निकालते है तो ३०-३५ साल के पेपर ट्रेडिंग क्या है? आसपास है.
इसका मतलब ये है की आज की दौर में युवा शेयर बाजार की तरफ आकर्षित हो रहे है. इस आकर्षण का महत्वपूर्ण कारण है तेजी से दौड़ता बाजार और कम समय -कम मेहनत से पैसा कमाने की लालसा. क्या ये लालसा ठीक है.

अगर कम सयम में बहुत पैसा मिल रहा तो बुरा क्या है.

मगर आप ये सोचकर कदम रखते है तो ये आपकी सोच गलत है.

क्योंकि ज्यादातर युवा शेयर बाजार में इस कारण ही आते है.

क्या शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है की नहीं ?

Intraday Trading क्या होती है (संपूर्ण जानकारी) | Intraday Trading कैसे करे 2022

आज के समय में शेयर मार्केट से काफी लोग जुड़ रहे है। कोरोना महामारी के बाद से लोगो में इसके प्रति काफी लगाव देखा गया है। शेयर मार्केट में आप दो ही तरीके से पैसे कमा सकते है या तो आप इन्वेस्टमेंट कर सकते है या फिर इंट्राडे ट्रेडिंग। आज के इस आर्टिकल में हम आपको पेपर ट्रेडिंग क्या है? इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में बताएंगे। क्या होता है इंट्राडे ट्रेडिंग? इससे कैसे पैसे कमाए, इसके फायदे और नुकसान। सबकुछ जानेंगे पेपर ट्रेडिंग क्या है? हम इस आर्टिकल में। तो आईए सबसे पहले intraday ट्रेडिंग के बारे में जान लेते है।

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Intraday Trading क्या होती है

जैसा की आप जानते ही होंगे की शेयर मार्केट में हम शेयर की खरीद-बिक्री करते है। शेयर मार्केट में लोग कम दाम में शेयर खरीद के उसे दाम बढ़ने पर बेच कर पैसे कमाते है। आप खरीदे हुए शेयर को या तो तुरंत बेच सकते है या फिर आप जब चाहे तब बेच सकते है। अगर आप शेयर को आज खरीद कर आज ही बेच देते है तो इसे ही intraday ट्रेडिंग कहते है।

अगर आप खरीदे शेयर को आज के अलावा किसी और दिन बेचते है तो उसे डिलीवरी कहते है। Intraday trading के अपने फायदे और नुकसान है। लेकिन सही से ट्रेडिंग करके आप इसमें अच्छा पैसा बना सकते है। आईए सबसे पहले हम Intraday ट्रेडिंग करना जान लेते है। इसके बाद इसके फायदे और नुकसान को देखेगे।

Intraday Trading कैसे करे

Intraday trading इन्वेस्टमेंट की तुलना में काफी रिस्की होता है। इसलिए भी इसमें कदम रखने से पहले अच्छे से अपना सेटअप तैयार रखे। जैसे स्टॉपलॉस, टारगेट, शेयर सिलेक्शन इत्यादि। आपको Intraday trading करने के लिए निम्नलिखित बातो का ध्यान रखना चाहिए:-

  • सबसे पहले एक अच्छा लिक्विफाइड स्टॉक चुने। लिक्विफाइड का मतलब ऐसे पेपर ट्रेडिंग क्या है? स्टॉक से है जिसमे अच्छा खासा वॉल्यूम और मूवमेंट हो।
  • इसके बाद आप एंट्री प्राइस और टारगेट सेट करे। और साथ ही में स्टॉप लॉस लगाना न भूलें। स्टॉपलॉस आपको अधिक लॉस होने से बचाता है।
  • आप अलग अलग तरह के इंडिकेटर का इस्तमाल कर सकते है। यह आपको स्टॉक के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी देंगे। जैसे RSI, Volume chart इत्यादि।
  • आप रिस्क रिवार्ड को हमेशा ध्यान में रखकर ही ट्रेडिंग करे। जितना रिस्क कम उतना अच्छा है। कभी भी लालच न करे हमेशा धैर्य बनाए रखे।

Paper Gold ट्रेडिंग होगी आसान, EGRs में ट्रेड करने पर नहीं रुकेगा ITC रिफंड

EGRs में निवेशक गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा ठीक उसी तरह ले सकेंगे जैसे वे शेयरों की ट्रेडिंग पेपर ट्रेडिंग क्या है? में लेते रहे हैं

Paper Gold में ट्रेडिंग करने वालों कारोबारियों लिए अब एक अच्छी खबर है। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (Electronic Gold Receipts) में ट्रेड (Trade) करने वालों का ITC रिफंड अब नहीं अटकेगा। पेपर ट्रेडिंग क्या है? सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पेपर ट्रेडिंग क्या है? वित्तमंत्रालय GST से जुड़े नियमों में ढील देने पर विचार कर रहा है। इस पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ संवाददाता आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि EGRs में ट्रेड करना आसान किए जानें पर काम किया जा रहा है। EGRs में ट्रेडिंग पर राहत मिलेगी। इसमें GST नियमों में नरमी पर विचार किया जा रहा है। जिससे ITC रिफंड नहीं अटकेगा। ये प्रस्ताव SEBI ने दिया था जिस पर जल्द ही अमल होता नजर आ सकता है।

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