Updated on: November 11, 2022 18:38 IST
Cryptocurrency Rates Today 13 November: कैसा है क्रिप्टो के बाजार का हाल और भारत में क्या चल रहे हैं रेट, जानें यहां
Cryptocurrency Rates Today 13 November: क्रिप्टोकरेंसी के रेट में पिछले एक दिन से बड़ी गिरावट देखी जा रही है. यहां आज आप भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्या रेट चल रहे हैं, वो जान सकते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 13 Nov 2022 02:06 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
क्रिप्टोकरेंसी (फाइल फोटो) ( Image Source : Getty )
Cryptocurrency Rates Today 13 November: दुनिया की प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी आज सुबह के शुरुआती ट्रेड में तो हरे निशान में ट्रेड कर रही थीं पर इनके कारोबार में एक दिन में बड़ी गिरावट देखी गई है. कल से लेकर आज तक ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट के मार्केट कैप में 0.69 फीसदी की गिरावट देखी गई है और ये 848.55 अरब डॉलर पर आ गया है. वहीं कुल मिलाकर क्रिप्टो मार्केट का वॉल्यूम 42.69 फीसदी गिरकर 55.22 अरब डॉलर पर आ गया है.
कॉइनमार्केट कैप के मुताबिक भारत में बिटकॉइन का रेट 15 लाख के आसपास घूम रहा है जिसका कुल क्रिप्टो में हिस्सा 38.17 फीसदी है और इसके एक दिन के दाम देखें तो ये 0.23 फीसदी चढ़ गया है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी बाजार को लेकर रुख संशय का ही बना हुआ है क्योंकि एफटीएक्स एक्सचेंज ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन डाल दिया है और इससे क्रिप्टो मार्केट के जोखिम को लेकर फिर से चर्चा हो रही हैं.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के रेट देखें-
बिटकॉइन
बिटकॉइम के दाम इस समय 0.98 फीसदी की गिरावट के साथ 14,85,000 रुपये प्रति कॉइन पर कारोबार कर रहे हैं.
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इथेरियम
इथेरियम के दाम इस समय 1,11,002.9 रुपये पर हैं और ये 0.12 फीसदी की गिरावट पर कारोबार कर रहा है.
टीथर
टीथर के दाम देखे तो इस समय 87.61 रुपये पर हैं और इसमें 0.74 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा रही है.
कारडनो
कारडनो के रेट 2.97 फीसदी की गिरावट के साथ 32.00 रुपये पर बने हुए हैं.
बिनांस कॉइन
बिनांस कॉइन के रेट में 1.97 फीसदी की गिरावट है और ये 24,899 रुपये प्रति कॉइन पर चल रही है.
XRP
XRP के रेट में 4.78 फीसदी का नुकसान है और ये 31.60 रुपये पर कारोबार कर रहा है.
पोल्काडॉट
पोल्काडॉट के दाम में 2.38 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है और ये 525.02 रुपये पर ट्रेड कर रही है.
डॉजकॉइन
डॉजकॉइन में आज 4.58 फीसदी की गिरावट के बाद 7.93 रुपये प्रति टोकन पर कारोबार देखा जा रहा है.
क्यों आ रही है क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में गिरावट
FTX में लिक्विडिटी की समस्या के कारण क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ हफ्तों में करीब 2 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. इसके साथ ही पिछले कुछ समय में दुनियाभर के कई केंद्रीय बैंकों ने अपने मौद्रिक नीति को कठोर किया है. इसका बुरा असर क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर भी पड़ रहा है और बिटकॉइन समेत कई बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है.
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Published at : 13 Nov 2022 01:57 PM (एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी IST) Tags: Cryptocurrency Rate Cryptocurrency Rates Today Cryptocurrency News Crypto News हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
'दुनिया के दूसरे वॉरेन बफेट' हुए कंगाल, एक रात में गंवाया 14.6 अरब डॉलर, ये ट्वीट पड़ा भारी
एक रात, एक ट्वीट, एक व्यक्ति, एक कहानी और एक कंपनी. ये सारे एक पल में अपने वजूद को खो बैठे। FTX के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड जिन्हें दुनिया का दूसरा वॉरेन बफेट कहा जाता था उन्होनें अपनी 90% से अधिक संपत्ति एक झटके में गवां दी।
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 11, 2022 18:38 IST
Photo:INDIA TV दुनिया के दूसरे वॉरेन बफेट हुए कंगाल
FTX के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड ने रातोंरात कंगाल हो गए। एक ट्वीट ने उन्हें राजा से रंक बना दिया। उनकी व्यक्तिगत संपत्ति एक ही दिन में लगभग 94 प्रतिशत गिरकर 991.5 मिलियन डॉलर हो गई। ब्लूमबर्ग के अनुसार, यह एक ही दिन में किसी अरबपति की अब तक की सबसे अधिक संपत्ति की पतन है।
एक ट्वीट और कहानी खत्म
बैंकमैन-फ्राइड के भाग्य में गिरावट तब आई जब 30 वर्षीय सैम ने घोषणा की कि उनके क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स को प्रतिद्वंद्वी Binance द्वारा खरीदा जा रहा है। मंगलवार को एक ट्वीट में उन्होनें कहा कि दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म Binance के प्रमुख चांगपेंग झाओ ने कहा कि उनकी कंपनी ने एफटीएक्स खरीदने के लिए एक लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए थे, क्योंकि कंपनी को छोटे एक्सचेंज में 'महत्वपूर्ण लिक्विडिटी संकट' का सामना करना पड़ रहा था।
रातों-रात करीब 14.6 अरब डॉलर का सफाया
Coindesk के अनुसार, FTX अधिग्रहण की खबर टूटने से पहले सैम बैंकमैन-फ्राइड की अनुमानित कीमत 15.2 बिलियन डॉलर थी। उनकी संपत्ति से रातों-रात करीब 14.6 अरब डॉलर का सफाया हो गया।
यह 30 वर्षीय अरबपति के लिए एक आश्चर्यजनक झटका था, जिसे सोशल मीडिया पर एसबीएफ के रूप में जाना एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी जाता है, जिसे कई लोगों द्वारा उल्कापिंड के उदय के लिए सराहा गया था। फॉर्च्यून पत्रिका ने अगस्त में यहां तक कह दिया था कि वह आने एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी वाले भविष्य में दुनिया के दूसरे वॉरेन बफेट हैं।
उनके बारे में जान लीजिए
स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल के प्रोफेसरों के बेटे और कुलीन मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से स्नातक करने के बाद उन्होनें नौकरी करनी शुरु कर दी। उन्होंने 2017 में क्रिप्टोकरेंसी की ओर रुख करने से पहले वॉल स्ट्रीट पर एक दलाल के रूप में काम किया था।
रात में चार घंटे की नींद
इनकी जो सबसे खास बात है वो ये है कि वह एक शाकाहारी व्यक्ति हैं। जो रात में चार घंटे सोता है, सैम बैंकमैन-फ्राइड क्रिप्टो पैसे का एक सार्वजनिक चेहरा बन गया था। उन्होंने अपने लगभग सभी भाग्य को अपने पसंदीदा कारणों, जैसे पशु कल्याण और ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई के लिए दान करने का वचन दिया था।
Bitcoin Mutual Fund में निवेश करने से पहले जान लें 8 बातें
बिटकॉइन या बिटकॉइन फ्यूचर्स में निवेश एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी करने वाले एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड शुरू करने के लिए कई फर्मों ने पंजीकरण कराया है, लेकिन अमेरिकी नियामकों द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 2021 में दूसरी बार, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने जून में बिटकॉइन ईटीएफ को मंजूरी देने या न करने के फैसले को स्थगित कर दिया।
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration
प्रो फंड्स ने एक नया म्यूचुअल फंड लॉन्च किया है, जो व्यापारियों को बिटकॉइन में संपत्ति खरीदे बिना निवेश करने की अनुमति देगा। बिटकॉइन रणनीति संयुक्त राज्य अमेरिका में बिटकॉइन वायदा अनुबंधों में निवेश करने वाला पहला म्यूचुअल फंड है। फंड का लक्ष्य शुल्क और शुल्क से पहले दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति के प्रदर्शन की निगरानी करना है।
बिटकॉइन या बिटकॉइन फ्यूचर्स में निवेश करने वाले एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड शुरू करने के लिए कई फर्मों ने पंजीकरण कराया है, लेकिन अमेरिकी नियामकों द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 2021 में दूसरी बार, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने जून में बिटकॉइन ईटीएफ को मंजूरी देने या न करने के फैसले को स्थगित कर दिया। आइए आपको भी बताते हैं कि बिटक्वाइन म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी आपको इन बातों का ध्यान रखना काफी जरूरी है।
बिटकॉइन म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान : 1) बिटकॉइन और बिटकॉइन फ्यूचर्स नए एसेट क्लास हैं, और बिटकॉइन मार्केट अस्थिर है। बिटकॉइन और बिटकॉइन फ्यूचर्स अद्वितीय और महत्वपूर्ण जोखिमों का सामना करते हैं, जैसे कि मूल्य अस्थिरता और तरलता की कमी।
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2) फंड में निवेश करने से बहुत जल्दी और बिना किसी चेतावनी के, यहां तक कि शून्य तक, काफी मात्रा में धन का नुकसान हो सकता है। आपको अपना सारा पैसा खोने की उम्मीद करनी चाहिए।
3) बिटकॉइन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स फंड द्वारा किए गए निवेशों में से हैं। फंड सीधे बिटकॉइन को होल्ड या निवेश नहीं करता है। बिटकॉइन वायदा कीमतों को बिटकॉइन की वर्तमान या “स्पॉट” कीमत से अलग होने की उम्मीद की जानी चाहिए। नतीजतन, फंड के प्रदर्शन को बिटकॉइन स्पॉट प्राइस के प्रदर्शन से अलग होने की उम्मीद की जा सकती है।
4) बिटकॉइन वायदा बाजार अधिक स्थापित वायदा बाजारों की तुलना में कम विकसित, कम तरल और अधिक अस्थिर होने एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी की संभावना है। बिटकॉइन फ्यूचर्स पर मार्जिन सीमाएं, संपार्श्विक आवश्यकताएं और दैनिक सीमाएं लागू होती हैं, जो फंड को अपने लक्ष्य को पूरा करने से रोक सकती हैं।
5) क्योंकि बिटकॉइन अनिवार्य रूप से अनियमित है, यह अन्य, अधिक विनियमित निवेशों की तुलना में धोखाधड़ी और हेरफेर के लिए अधिक संवेदनशील है। बिटकॉइन की कीमत में नाटकीय रूप से उतार-चढ़ाव होता है।
6) किसी भी कारण से, जिसमें लिक्विडिटी की कमी, बिटकॉइन फ्यूचर्स मार्केट में अस्थिरता या व्यवधान, या फंड पर लागू मार्जिन आवश्यकताएं या स्थिति सीमाएं शामिल हैं, फंड अपने निवेश उद्देश्य को प्राप्त करने में असमर्थ हो सकता है और नुकसान उठा सकता है।
7) प्रो फंड्स एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी सोफेस्टिकेटिड तकनीकों का उपयोग करते हैं जो सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती हैं।
8) नया म्यूचुअल फंड निवेशकों को हार्डवेयर वॉलेट या एक्सचेंज कस्टोडियल सॉल्यूशन को अलग से संभालने के बिना बिटकॉइन की कीमत में भाग लेने की अनुमति देता है।
म्यूचुअल फंड व्यक्तिगत निवेशकों को पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं, लेकिन स्टॉक और ईटीएफ के विपरीत, उन्हें प्रति दिन केवल एक बार खरीदा या बेचा जा सकता है, और उन्हें पूरे दिन में एक्सचेंज नहीं किया जा सकता है। कुछ व्यक्ति और संगठन विनियमित उत्पादों को खरीदना चुनते हैं। बिटकॉइन बाजार की जटिलताएं अक्सर म्यूचुअल फंड की तुलना में
रोजमर्रा के निवेशकों के लिए काफी अधिक परिचित होती हैं।
सरकार के आधिकारिक समर्थन के बिना क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य मूल्य के संदर्भ में अनिश्चित है
दुनिया भर में इसके चलन को देखते हुए भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के तरीकों पर चर्चा और बहस करना शुरू कर दिया है. आरबीआई खुद इस साल ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके भारत की अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को जारी करने पर काम कर रहा है.
रिथवी सोमानी :- क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के चलन और रेगुलेशन के प्रति भारत का रुख सब की समझ से बाहर है. 2013 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक एहतियाती प्रेस विज्ञप्ति जारी कर निवेशकों को इस आभासी मुद्रा क्रिप्टोकरेंसी की अस्थिरता और वैधता को लेकर चेतावनी जारी की. क्रिप्टोकरेंसी उसके इस्तेमाल करने वालों के लिए भी गुमनाम जैसा ही होता है, ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यूजर्स को इससे नुकसान के बारे में 2013 से लेकर अब तक आगाह करता आ रहा है.
2018 में जब क्रिप्टोकरेंसी के बारे में अटकलें सामने आने लगीं तब रिजर्व बैंक ने पहला औपचारिक सर्कुलर जारी किया जिसमें बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन में लगे या शामिल लोगों को किसी भी तरह की सुविधा देने से मना किया. तब नतीजा ये हुआ कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसी सेवा देने वाले स्टार्टअप और कंपनियां बंद होने लगीं. हालांकि आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग (Cryptocurrency Trading) पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया. इसका मतलब लगाया गया कि आपसी लेनदेन में व्यापारी अपने नेटवर्क में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकते थे.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक का उलटा रुख अख्तियार कर लिया. इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया बनाम भारतीय रिजर्व बैंक (2020 एससीसी ऑनलाइन एससी 275) के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध को खारिज कर दिया. कहा गया कि भले ही रिजर्व बैंक को वित्तीय क्षेत्र को रेगुलेट करने का अधिकार है लेकिन आभासी मुद्राओं पर प्रतिबंध लगाना एक शरारती कदम है. इस फैसले के बाद आरबीआई ने बैंकों से क्रिप्टो लेनदेन से संबंधित किसी भी सुविधा के लिए अपने केवाईसी और लोगों की जानकारी को लेकर गंभीरता से सोचने और जांच की एक और परत जोड़ने का आदेश दिया.
सेबी और दूसरे रेगुलेटर क्रिप्टो पर क्या कहते हैं?
भारतीय सुरक्षा और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्रिप्टोकरेंसी के किसी भी रूप में लेनदेन करने वाले लोगों और कंपनियों पर परेशानी व्यक्त की. हाल ही में त्योहारों के दौरान और खेल आयोजनों में विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आक्रामक केंपेन और विज्ञापन अभियान चलाए गए जिससे क्रिप्टोकरेंसी में रेगुलेशन की परेशानी को हाइलाइट किया गया. बेहतर टीआरपी (बार्क) वाले टीवी चैनल या ज्यादा सर्कुलेशव वाले अखबार, डिजिटल प्लेटफॉर्म, बॉलीवुड हस्तियां, कुछ मिस करने को लेकर क्रिप्टो से संबंधित विज्ञापन जिनमें टर्म और कंडिशन काफी छोटे अक्षरों में लिखा होता हो देखने के बाद सेबी, रिजर्व बैंक और एडवरटाइजिंस काउंसिल ऑफ इंडिया समेत इस मामले से जुड़े दूसरे नियामक उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आगे आए.
केंद्र का रुख एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी अभी स्पष्ट नहीं
कथित तौर पर अत्यधिक लाभ और सुरक्षा के साथ अचानक क्रिप्टो विज्ञापनों की बाढ़ ने खुद प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर बैठक करने को मजबूर कर दिया. बावजूद इसके, क्रिप्टोकरेंसी के प्रति सरकार की धारणा अब भी स्पष्ट नहीं है. सरकार ने “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन” बिल पेश एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी करने की अपनी योजना को अंतिम समय में बदल लिया. इस बिल में क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी तरह के लेनदेन को अवैध बनाने का प्रावधान है. अब तक इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि विधेयक को दोबारा अपडेट करके संसद में कब और कैसे पेश किया जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी पर आगे क्या?
दुनिया भर में इसके चलन को देखते हुए भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए तरीकों पर चर्चा और बहस करना शुरू कर दिया है. आरबीआई खुद इस साल ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके भारत की अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को जारी करने पर काम कर रहा है. आधारभूत सुरक्षा की परतें होने के बावजूद रिजर्व बैंक की चिंता निराधार नहीं हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और वॉलेट या उपयोगकर्ता के खाते हमेशा ब्लॉकचेन लेज़रों की तरह सुरक्षित नहीं होते हैं. यही कारण है कि पहले से बेची गई क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की खबर कभी कभी आ जाती है.
मगर इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा और गोपनियता किसी भी तरह की धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग या टैक्स में चोरी का पता लगाना मुश्किल कर देती है. एक केंद्रीय सर्वर में नहीं रख कर क्रिप्टोकरेंसी को एक एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी विस्तृत गुमनाम नेटवर्क में रखा जाता है. अगर कभी किसी कारण से पर्सनल कंप्यूटर का डाटा मिट जाता है तो उसका कोई बैकअप कंप्यूटर की मेमोरी में नहीं रहता जिससे क्रिप्टोकरेंसी उपयोगकर्ता को परेशानी आती है.
ऐसा कहा जाता है कि कई क्रिप्टोकरेंसी को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि उसकी उपलब्धता (लिक्विडिटी) कम रहे. जटिल कंप्यूटर तकनीक को आगे बढ़ाना आसान नहीं होता और क्रिप्टोकरेंसी के संग्रह में काफी पेचीदगी होती है. इसलिए ऐसी स्थितियां होती हैं कि आपूर्ति मांग से कम रहती है. आम मुद्रा से एक्सचेंज के दौरान क्रिप्टोकरेंसी का भाव इसी कमी के मुताबिक तय होता है. इसी कारण बिटक्वाइन जैसी जानी-मानी क्रिप्टोकरेंसी के रेट में भी काफी तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलती है.
अपने पैसे को रखने के लिए ये बड़ी जोखिम वाला साधन है
क्रिप्टो किसी तरह का निवेश नहीं है, यह एक डिजिटल मुद्रा हैं जिसमें भविष्य में नकदी में बदलने का कोई साधन नहीं है. बगैर आधिकारिक समर्थन के क्रिप्टो जैसी मुद्रा अस्थिर हैं जिनका मूल्य कोई भी वित्तीय प्रणाली या संगठन सुनिश्चित नहीं करता. क्रिप्टो में मूल्य समुदाय निर्धारित करता है ऐसे में आने वाले समय में इसकी कीमत बेतहाशा भी बढ़ सकती है और शून्य भी हो जा सकती है. साफ है, निवेश के लिए क्रिप्टो एक बहुत ही बड़ी जोखिम वाला साधन है. बिटकॉइन, ईथर या डॉगकोइन जैसे क्रिप्टो में भी काफी ज्यादा जोखिम है. उन्हें अब भी खुद को एक औपचारिक मुद्रा के रूप में स्थापित करना है.
इनके अलावा डिजिटल मुद्राओं के पीछे उतने ही मूल्य की सोने, चांदी जैसी संपत्ति या कोई वस्तु नहीं होती जिनसे उनके मूल्य का निर्धारण हो. यह बिल्कुल सट्टे की तरह है और खुदरा निवेशकों को इससे तब तक दूर रहने की सलाह दी जाती है जब तक कि भारत सरकार इन्हें रेगुलेट करने का कोई सिस्टम लेकर सामने नहीं आती. क्रिप्टोकरेंसी में रातों रात भाव बढ़ने का मामला एक सपने की तरह होता है और जहां तक मूल्य का सवाल है, यह अब तक अनिश्चित है.
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