वॉलेट श्रेणी में क्रिप्टोकरेंसी
कोइनलोर मूल क्रिप्टोकरेंसी/ कोइन मूल्य प्रदान करता है जिसकी गणना स्वयं के एल्गोरिदम और अन्य मैट्रिक्स जैसे मार्केट, वॉल्यूम, ऐतिहासिक मूल्य, चार्ट, ब्लॉकचेन जानकारी, API, विगेट्स और अन्य का उपयोग कर होती है। हम विभिन्न स्रोतों से अतिरिक्त जानकारी भी इकट्ठा कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम सभी महत्वपूर्ण जानकारी या कार्यक्रम को सम्मिलित कर रहे है।
⚠ व्यापार करना बहूत ही जोखिम भरा है। यदि आप क्रिप्टो में व्यापार की योजना बना रहे है तो कृपया एक वित्त सलाहकार से परामर्श करें।
Investment in Crypto Currencies: BitCoin में निवेश का स्टेपवाइज प्रॉसेस, इन तीन चार्जेज के बारे में भी जानकारी है जरूरी
Investing in Crypto Currencies: भारत में बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर निवेशक आकर्षित हुए हैं लेकिन अधिकतर के मन में यह सवाल रहता है कि इसकी शुरुआत कैसे की जाए.
दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है.
Investing in Crypto Currencies: भारत समेत दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है जिसे कंप्यूटर पर जटिल समीकरणों को हल कर माइन किया जाता है. इसे माइन करने वाले यानी माइनर्स को रिवार्ड के तौर पर क्रिप्टो करेंसी मिलती है लेकिन जिन्हें तकनीकी समझ नहीं है, वे भी क्रिप्टो हासिल कर सकते हैं. जिस प्रकार कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई जैसे एक्सचेंजों पर खरीद-बिक्री होती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटक्वाइन जैसे क्रिप्टो की खरीद-बिक्री होती है यानी कि आपको अगर बिटक्वाइन में निवेश करना है तो किसी एक्सचेंज पर जाकर आसानी से इसमें पैसे लगा सकते हैं.
इस प्रकार कर सकते हैं क्रिप्टो में निवेश
क्रिप्टों में निवेश के लिए वजीरएक्स (WazirX), क्वाइनडेक्स (Coindex), जेबपे Zebpay, क्वाइनस्विच कुबेर (Coin Switch Kuber) और यूनोकॉइन UnoCoin जैसे एक्सचेंज हैं. क्रिप्टो में निवेश के लिए पहले आपको एक्सचेंज की साइट पर जाकर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार पर्सनल डिटेल्स के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.
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- क्रिप्टो करेंसी की वेबसाइट पर जाकर साइन अप करिए.
- फिर ई-मेल वेरिफिकेशन के बाद सिक्योरिटी पेज आएगा जिसमें ऐप, मोबाइल एसएमएस या कोई सिक्योरिटी विकल्प न चुनने का विकल्प आएगा.
- सिक्योरिटी विकल्स को ओके करने के बाद देश चुनने और केवाईसी चुनने का विकल्प मिलेगा. केवाईसी के तहत पर्सनल और कंपनी में से किसी एक को चुनना होता है जो बाय डिफॉल्ट पर्सनल पर होता है.
- केवाईसी के लिए अपनी व्यक्तिगत जानकारियां जैसे कि नाम, जन्म तिथि, पता, पैन कार्ड, आधार (ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट) की डिटेल्स के साथ पैन कार्ड की फोटो, आधार कार्ड के फ्रंट व बैक साइड के साथ सेल्फी अपलोड करनी होती है.
- अकाउंट वेरिफाई होने के बाद आप क्रिप्टो में खरीदारी कर सकते हैं और इसका भुगतान अपने बैंक खाते से करना होगा.
क्रिप्टो ट्रेडिंग पर ये हैं चार्जेज
- एक्सचेंज फीस: क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है. फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
- नेटवर्क फीस: क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है. आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए यह फीस दी जाती है.
- वॉलेट फीस: क्रिप्टो करेंसी को ऑनलाइन बैंक खाते के समान एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(यहां दी गई जानकारी एक्सचेंजों की वेबसाइट से ली गई है. निवेश शुरू करने की जो प्रक्रिया है, वह अलग-अलग एक्सचेंज पर थोड़ी भिन्न हो सकती है. लेख के जरिए आपको निवेश की कोई सलाह नहीं दी जा रही है और यह महज जानकारी के लिए है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)
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Digital Currency: भारत भी बना डिजिटल करेंसी वाला देश, आखिर होती है डिजिटल करेंसी और कैसे करें इस्तेमाल
Digital Currency: डिजिटल करेंसी को वैसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के नाम से जाना जाता है। यह दो प्रकार की होती हैं। पहला होलसेल डिजिटल और दूसरा रिटेल डिजिटल। डिजिटल करेंसी के रूप में पहला होलसेल सेगमेंट RBI ने लॉन्च कर दिया है।
Digital Currency (सोशल मीडिया)
Digital Currency: 21वीं डिजिटल क्रांति का दौर है। इस दौर में हर चीजें डिजिटलीकरण होती जा रही है। फिर रुपया को क्यों छोड़ा जाए। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई 01 नवंबर, 2022 मंगलवार को देशी पहली डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश में सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार डिजिटल करेंसी (CBDC) को लॉन्च किया है। अभी इस करेंसी का इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटी (प्रतिभूतियों) के लेन-देन के तौर पर शुरू किया जा रहा है, जोकि होलसेल ट्रांजेक्शन करने वाले के लिए है, जबकि आने वाले एक महीने में CBDC को रिटेल सेगमेंट के लिए भी जारी किया जाएगा। इसके आते ही लोगों के मन में इसको लेकर कई सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर डिजिटल करेंसी क्या है? इसका उपयोग कैसे किया जाएगा? क्या है क्रिप्टोकरेंसी के तर्ज पर काम करेगी और कौन से देश डिजिटल करेंसी को लागू कर चूके हैं। आईये जानते हैं इन सभी बातों को।
यह देश कर रहें उपयोग और अन्य देश तैयारी में
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी 2022 को देश का आम बजट पेश करते हुए संसद भवन से CBDC को लॉन्च करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के साथ यह संभावना प्रबल हो गई थी कि जल्दी भारत डिजिटल मुद्रा उतारने वाले देशों की श्रेणी में शामिल होने वाला है और आज वह दिन आ गया है। हालांकि भारत से पहले साल इक्वाडोर, बहामास व ट्यूनीशिया देशों में अपने यहां डिजिटल करेंसी की मान्यता दे चुके हैं। साथ ही, 2017 में सेनेगल ने भी डिजिटल करेंसी की मान्यता दी है, जिसकी वैल्यू फिजिकल करेंसी के बरारबर है, जबकि चीन, जापान और स्वीडन जैसे देशों ने डिजिटल करेंसी पर ट्रायल भी शुरू कर दिया है। वहीं, दुनिया का सबसे शाक्तिशाली देश अमेरिका भी डिजिटल करेंसी लाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। हालांकि अमेरिकी में क्रिप्टोकरेंसी को वैध है,जोकि एक प्रकार से यह भी डिजिटल करेंसी,लेकिन अन्य देशों में वैध नहीं है।
क्या होती है डिजिलट करेंसी ?
दरअसल, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएँ (CBDC) किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई विनियमित डिजिटल करेंसी होती है। यह मुद्रा केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होती है। यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी एक डिजिटल टोकन है। मूल्यत: इसका उपयोग इंटनेट पर ही किया जाएगा। इसके लिए यूजर्स को बैंक जाने की आवश्कता नहीं होगी। यह एक तरह का डिजिटल वॉलेट होगा, जिसमें आप डिजिटल मुद्रा रखेंगें और इसके माध्य से एक डिजिटल वॉलेट से लेकर दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर करेंगे। हालांकि इसके उपयोग के लिए फोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का होना सख्त जरूरत है।
दो तरह की डिजिटल करेंसी
डिजिटल करेंसी वैसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के नाम जानते हैं। इसको देश की सरकार से मान्यता हासिल होती और इसको केंद्रीय बैंक जारी करता है। डिजिटल करेंसी दो टाइप की होती है। पहली होलसेल डिजिटल और रिटेल डिजिटल। होलसेल का उपयोग देश के बड़े वित्तीय संस्थान इस्तेमाल करते हैं। इसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े वित्तीय लेन देन करने वाले संस्थान शामिल हैं, जबकि रिटेल डिजिटल का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती है।
डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर
सवाल यह उठा है कि क्या डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक जैसी मुद्रा है? तो मैं आपको बता दूं कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों ही डिजिटल मुद्रा होती हैं, लेकिन इसमें कुछ हल्का अंतर होता है। डिजिटल करेंसी देश की केंद्रीय बैंक की ओर से जारी होती है। यह एक मान्यता प्राप्त मुद्रा है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश के मान्यता प्राप्त नहीं है और इसको किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं जारी किया है। डिजिटल करेंसी की कीमत में उतार-चढ़ाव क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार नहीं होता है, जबकि क्रिप्टो में ऐसी स्थिति बनी रहती है। हालांकि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक की टेक्नोलॉजी पर काम करती है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है।
आरबीआई का बयान
आरबीआई की ओर से सोमवार को बयान में कहा था कि CBDC का उपयोग पायलट प्रोजेक्ट सरकारी सिक्योरिटिज के सेंकडरी बाजार के लेन देन का सेलमेंट के लिए किया जाएगा। आगे एक महीने के अंदर रिलेट सेगमेंट के लिए भी डिजिटल करेंसी को लॉन्च करनी योजना है। डिजिटल करेंसी को उतारने पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूकर करना है ,जिसके लोगों को वर्तमान में पेमेंट भुगतान प्रणालियों के साथ अन्य भुगतान के विकल्प मिल सकें।
शुरुआती दौर में यह बैंक हैं शामिल
CBDC होलसेल के लॉंचिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहते फिलहाल देश की कुछ सरकारी और निजी क्षेत्र की बैंकों शामिल किया गया है। सरकारी बैंक में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं, जबकि निजी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक कोटक बैंक, फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को शामिल किया गया है।
इस प्रकार करेंगे इस्तेमाल
जिस प्रकार लोग Paytm, PhonePe जैसे वॉलेट के साथ लेन देन की प्रक्रिया क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार करते हैं। ठीस उसकी प्रकार डिजिटल करेंसी का उयोग कर सकेंगे। ई-रुपए को मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और किसी भी पेमेंट के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते है। खास बात यह है कि डिजिटल मुद्रा को फिजिकल मुद्रा में भी बदला जा सकता है। इतना ही नहीं, डिजिटल करेंसी को आने वाले समय यूपीआई से भी अट्रैच करने की तैयारी है।
क्रिप्टो-करेंसी में काम करने वाली कंपनियों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने बेंगलुरु में येलो ट्यून टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के विभिन्न परिसरों की तलाशी ली है और उसके बैंक बैलेंस, पेमेंट गेटवे बैलेंस और फ्लिपवोल्ट क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज के कुल 370 करोड़ रुपये की संपत्ति के क्रिप्टो बैलेंस को फ्रीज करने का आदेश जारी किया है. आपराधिक जांच शुरू होने के बाद, इनमें से कई फिनटेक एपीपी ने दुकान बंद कर दी है और उपरोक्त कार्यप्रणाली का उपयोग करके अर्जित भारी मुनाफे को हटा दिया है. फंड ट्रेल की जांच करते समय, हमने पाया कि आरोपित एनबीएफसी और उनकी फिनटेक कंपनियों सहित 23 संस्थाओं द्वारा क्रिप्टो एक्सचेंज फ्लिपवोल्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ आयोजित येलो ट्यून टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के आईएनआर वॉलेट में 370 करोड़ रुपये की बड़ी राशि जमा की गई थी.
अधिकारी ने कहा कि ये रकम और कुछ नहीं बल्कि लुटेरों को उधार देने की प्रथा से प्राप्त अपराध की आय है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार खरीदी गई क्रिप्टो करेंसी को विभिन्न अज्ञात विदेशी वॉलेट पतों पर स्थानांतरित कर दिया गया था. येलो ट्यून टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के विभिन्न परिसरों में 8 से 10 अगस्त तक इस कंपनी के लाभार्थी मालिकों और प्राप्तकर्ता के वॉलेट का पता लगाने के लिए तलाशी ली गई.
अधिकारी ने कहा, लेकिन कंपनी के प्रमोटरों का पता नहीं चला है. यह पाया गया है कि इस शेल इकाई को चीनी नागरिकों एलेक्स और कैदी (असली नाम ज्ञात नहीं) द्वारा इच्छुक सीए / सीएस की सक्रिय मिलीभगत से शामिल किया गया था और बैंक खाते डमी निदेशकों के नाम पर खोले गए थे. इन चीनी नागरिकों ने दिसंबर 2020 के दौरान भारत छोड़ दिया और बाद में बैंक इंटरनेट क्रेडेंशियल, डमी निदेशकों के डिजिटल हस्ताक्षर आदि को विदेशों में भेज दिया गया और उक्त चीनी नागरिकों द्वारा अपराध की आय को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया.
ईडी येलोट्यून की 2.31 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगा सकता है और उसने पीएमएलए के तहत फ्रीजिंग ऑर्डर जारी किया है.
फ्लिपवोल्ट क्रिप्टो-एक्सचेंज की सहायता से येलोट्यून जिसमें बहुत ही ढीले केवाईसी मानदंड हैं, कोई ईडीडी तंत्र नहीं है, जमाकर्ता के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार धन के स्रोत पर कोई जांच नहीं है, एसटीआर जुटाने का कोई तंत्र नहीं है, आदि ने आरोपी फिनटेक कंपनियों को नियमित बैंकिंग चैनलों से बचने में सहायता की, और क्रिप्टो संपत्ति के रूप में सभी धोखाधड़ी के पैसे को आसानी से निकालने में कामयाब रहे.
अधिकारी ने कहा कि बार-बार अवसर देने के बावजूद, फ्लिपवोल्ट क्रिप्टो-एक्सचेंज येलो ट्यून टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए क्रिप्टो लेनदेन का पूरा पता लगाने में विफल रहा और न ही यह विपरीत पक्ष के वॉलेट के केवाईसी के किसी भी रूप की आपूर्ति कर सका. मामले में आगे की जांच जारी है.
बिटकॉइन वॉलेट क्या है, और विभिन्न प्रकार के वॉलेट क्या हैं?
क्या आप क्रिप्टोकरेंसी में शामिल होना चाहते हैं? क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को कहां स्टोर किया जाता है? क्रिप्टोकरेंसी कैसे ट्रांसफर करें या भुगतान कैसे करें? क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट वे स्थान हैं जहां क्रिप्टो कुंजी संग्रहीत की जाती हैं, और उपयोगकर्ता फिएट मुद्राओं का उपयोग करके बिटकॉइन खरीद सकते हैं और उन्हें क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट में संग्रहीत कर सकते हैं। वेब-आधारित वॉलेट सेवाओं, ऑफ़लाइन सेवाओं, ऐप-आधारित वॉलेट सेवाओं और अन्य सहित कई क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट ऑनलाइन उपलब्ध हैं। बिटकॉइन आज की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार क्रिप्टोक्यूरेंसी है, और हम इस लेख में बिटकॉइन मुद्रा के संबंध में क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट के बारे में जानेंगे। आप यहां अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं https://bitcoins-evolution.com/
यह क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट के बारे में एक गाइड है, और उस समय, आप सभी विभिन्न प्रकार के क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट और उनकी विशेषताओं और कार्यक्षमता के बारे में जानेंगे।
बिटकॉइन वॉलेट
बिटकॉइन वॉलेट एक प्रोग्राम, हार्डवेयर डिवाइस या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो क्रिप्टो टोकन भेजने और प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाने वाली डिजिटल कुंजी रखता है। बिटकॉइन वॉलेट की दो डिजिटल कुंजी सार्वजनिक कुंजी और निजी कुंजी हैं। वॉलेट का उपयोग ब्लॉकचेन लेज़र के साथ संचार करने के लिए किया जाता है क्योंकि वॉलेट की कुंजियों का उपयोग बिटकॉइन भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। उपयोगकर्ता बिटकॉइन वॉलेट के माध्यम से अपने क्रिप्टोक्यूरेंसी बैलेंस को भी देख सकते हैं। सभी अलग-अलग प्रकार के बिटकॉइन वॉलेट में उनकी विशेषताएं, इंटरफेस, विभिन्न सॉफ्टवेयर और कार्यक्षमता भी होती है।
उपयोगकर्ताओं को उस तकनीक को समझने की आवश्यकता है जिस पर बिटकॉइन मुद्रा निर्भर करती है और यह कैसे काम करती है। ब्लॉकचेन एक वितरित सार्वजनिक खाता बही है जो ब्लॉकचेन नेटवर्क पर दर्ज सभी क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार नोड्स में अपडेट हो जाती है। यह दर्शाता है कि सभी लेज़र अपडेट हो जाते हैं, और एक वॉलेट न केवल वित्त रखता है बल्कि ब्लॉकचेन पर सभी लेनदेन को रिकॉर्ड करता क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के प्रकार है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट बैंक खातों या आपके वॉलेट की तरह नहीं होते हैं जो आपकी जेब में होते हैं क्योंकि ये उस तरह से पैसे जमा नहीं करते हैं जैसे बैंक खाते करते हैं। अपनी क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ उन स्थानों को सुरक्षित रखना बहुत महत्वपूर्ण है जहां वे संग्रहीत हैं।
अपने बिटकॉइन की सुरक्षा करना क्यों आवश्यक है?
बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को पहले बिटकॉइन खरीदने, बिटकॉइन वॉलेट प्राप्त करने और फिर बिटकॉइन एक्सचेंज में पैसा जमा करने की आवश्यकता होती है। बिटकॉइन को स्टोर करने के लिए, आपकी हार्ड ड्राइव, आपका कंप्यूटर, रिमूवेबल स्टोरेज, या मोबाइल फोन बिटकॉइन वॉलेट बन जाता है, और यहीं पर विकेंद्रीकरण होता है। विकेंद्रीकरण का अर्थ है सरकार या बैंक सहित बिचौलिए को खत्म करना, और बिटकॉइन और ब्लॉकचेन जैसी क्रिप्टोकरेंसी दोनों सरकार से स्वतंत्र हैं, लेकिन सभी जोखिम के साथ आते हैं।
विभिन्न प्रकार के बिटकॉइन वॉलेट
हार्डवेयर बटुआ
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने के लिए हार्डवेयर वॉलेट सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित तरीका है। इन वॉलेट को कोल्ड स्टोरेज के रूप में भी जाना जाता है, और इन्हें सुरक्षित माना जाने का कारण यह है कि ये बिटकॉइन और निजी कुंजी को ऑफलाइन मोड में स्टोर करते हैं, और ये अन्य प्रकार के वॉलेट की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं। यह वॉलेट USB फ्लैश ड्राइव की तरह दिखता है जो बिटकॉइन वॉलेट की निजी कुंजी को उन्नत सुरक्षा प्रदान करता है।
सॉफ्टवेयर वॉलेट
सॉफ्टवेयर वॉलेट हॉट वॉलेट हैं जो बिटकॉइन और निजी कुंजी को ऑनलाइन मोड में स्टोर करते हैं। क्योंकि ये ऑनलाइन मोड में स्टोर करते हैं, वे हैक और हमलों के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि बिटकॉइन भेजने और प्राप्त करने के लिए वॉलेट को इंटरनेट से कनेक्ट करने की आवश्यकता होती है। कुछ लोकप्रिय सॉफ्टवेयर वॉलेट में कॉइनबेस, इलेक्ट्रम, एक्सोडस और बहुत कुछ शामिल हैं।
मोबाइल जेब
मोबाइल वॉलेट ऐप-आधारित वॉलेट हैं जो उन उपयोगकर्ताओं के लिए हैं जो दैनिक आधार पर बिटकॉइन का व्यापार करना चाहते हैं। ये सबसे सुविधाजनक वॉलेट हैं क्योंकि उपयोगकर्ता मोबाइल वॉलेट के क्यूआर कोड का उपयोग करके बिटकॉइन भेज और प्राप्त कर सकते हैं। सबसे लोकप्रिय प्रकार के मोबाइल वॉलेट में बिनेंस, माइसेलियम, क्रिप्टोनेटर और बहुत कुछ शामिल हैं।
वेब वॉलेट
वेब वॉलेट वे वॉलेट हैं जो आपकी निजी चाबियों को नियंत्रित करने के लिए तीसरे पक्ष को एक्सेस देते हैं, और ये सुरक्षित नहीं हैं। इन वॉलेट को अस्थायी माना जाता है, लेकिन ये उपयोगकर्ताओं को मोबाइल और डेस्कटॉप से वॉलेट एक्सेस करने की अनुमति देते हैं। कुछ सबसे लोकप्रिय प्रकार के वेब वॉलेट में कॉइनबेस और बहुत कुछ शामिल हैं।
पेपर वॉलेट
अपने बिटकॉइन को स्टोर और सुरक्षित करने के लिए सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक पेपर वॉलेट है। पेपर वॉलेट प्रिंटेड रूप में होते हैं और क्यूआर कोड के रूप में निजी चाबियों को प्रिंट करते हैं। लेकिन ये वॉलेट केवल उन लोगों के लिए उपयुक्त हैं जो लंबे समय तक बिटकॉइन का व्यापार करते हैं।
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